जब रूपा ने माँ से रेखा और राज की बात की तो रेखा को वापस “हम आपके हैं कौन “वाले दिन याद आ गये और आज के ज़माने की लैला ने अपने सपनों को नई दिशा में मोड़ लिया . पर बेचारी अपनी सपनों की ज़मीन पे राज के प्यार की फसल बो पाती उसके पहले ही 3 दिन से वैराग्य धारण किये रोहित का उबलता खनकता हुआ मेसेज आ गया .
माँ किसी काम से बुला रही है,बोलकर किसी तरह रेखा ने जान बचाई और इसी सोच में डूब गई कि आगे रोहित को क्या और कैसे बोलना है,ऐसा नही था कि उसे रोहित पसंद ,
नही था,या उसे राज अधिक पसंद था,,असल मे उसे इन दोनो से कही ज्यादा पसंद था शादी का उत्सव उत्साह!!
उसे भी बाकी लडकियों की तरह 3महीने का bridal course करना था,हर मौके के लिये अलग अलग थीम में सजे लहन्गे लेने थे,खूब सारे जेवर लेने थे,कपड़े लेने थे,इतनी महत्वपूर्ण विमर्श वाली चीज़ों के मध्य कोई इनसे कमतर (दूल्हा) के बारे में सोच के क्यों मगजमारी करे।।
इसिलिए अपने मन को समझा कर रेखा अब रोहित को समझाने की तैय्यारी करने लगी।।
राज भैय्या के जिम में उन्होनें पहले महिलाओं और पुरूषों के लिये अलग अलग समय रखा था,परन्तु उनके चेले चपाडों का उन्हे वक्त बेक़क्त घेरे रहना उस मे दिक्कत डालने लगा था इसिलिए सारा कॉमन समय कर दिया,फिर भी अधिकतर घरेलू महिलायें,कॉलेज जाने वाली लड़कियाँ 9बजे के बाद जब घर के पुरूष ऑफिस और बच्चे स्कूल निकल जाते तभी आती,।।
भैय्या जी ने सारी समय सारिणी प्रिया को बता दी,,अभी कुछ दिनों के लिये कॉलेज की छुट्टियां होने से प्रिया ने भी 9बजे का टाईम स्लॉट चुन लिया।।
भैय्या जी ने जिम में पहनने योग्य कपडों के बारे में उसे उतनी ही जानकारी दी जितनी ना भी देते तो काम चल जाता ।।
पहले दिन एक हाथ में पानी की बड़ी सी बोतल थामे प्रिया ठीक 9 बजे जिम पहुंच गई ।।
उस समय तक एक भी लड़की नही आई थी,पर हाँ मोहल्ले के जाने किस किस कोने से निकल के अर्नोल्ड श्वाज़नेगर के बाप वहाँ आये हुए थे।।कोई पूरी तल्लीनता से
डम्बल कर रहा था,कोई पुश अप्स, कोई बाइसेप्स पे भिड़ा था तो कोई चेस्ट पे काम कर रहा था,,ऐसा लग रहा था अगले मिस्टर इंडिया की तैय्यारी यही लोग कर रहे ,और इन्ही मे से कोई एक मिस्टर इंडिया बनने वाला है।।
“अरे आ गई तुम,बड़ी समय की पाबंद हो,अच्छा है,ये अच्छा की अपना पानी का बोतल भी लाई हो।” भैय्या जी ने आगे बढ़ कर प्रिया का स्वागत किया
“पानी नई ग्लूकोस का बोतल है,हमे लगा पहली बार मेहनत का काम करेंगे ,कहीं चक्कर वक्कर आ गया तो।”
“ठीक बोल रही हो,कमजोर भी तो हो।”लल्लन ऐसे बोल के हंसने लगा,,भैय्या जी ने घूर के उसे देखा और प्रिया को एक ट्रेड मिल पे ले गये,तभी दरवाजा खुला और एक आंटी जी ने अन्दर झाँका
“पुडुषो का भी एही टाईम है क्या??”
“क्या बोल रही हो आंटी??”प्रिन्स ने पूछा
“मैं ए जानना चाहती हूं कि लेडीश लोगों का अलग टाईम है या पुडुषों के साथ ही उनको भी जिम कडणा (करना) है।””
“का बोल रही है यार ये आंटी?”प्रिन्स ने लल्लन से कहा -“अबे चुप रहो तुम ,कलकत्ता की हैं आंटी जी समझे।।”लल्लन ने कहा
,
तब तक भैय्या जी चले आये,-“आईये आईये मैडम ,आज आपका पहला दिन है ,आपको एक फॉर्म भरना पड़ेगा, आपका हाईट और वेट चेक कर के आपका बी एम आई निकाले देते हैं,जिससे पता चले कि आपको कितना वजन कम करना है।”
“अडे बाबा हमको बजन कम नही कडणा ,हम तो इहाँ देखने आया था कि हमाडा हश्बैंड भी घड(घर) से जिम बोलके निकलता है,यहाँ आया है कि धेलू के यहाँ बैठ के रोशोगुल्ला खा रहा है।”
“अरे बाप रे आंटी तो करमचंद निकली यार!!”
राज भैय्या ने उन्हें जाकर प्यार से जाने क्या समझाया अगले दिन से खुद ही जिम आने की कसम खा कर घोष आंटी वहाँ से चलती बनी।।
अब हो चुके थे सवा नौ और धीरे धीरे कर के जिम की रौनक बढ़ने लगी,एक एक कर शहर की दुबली पतली लम्बी गोरी छरहरी वामायें धीरे धीरे दरवाजा खोल खोल कर अन्दर आने लगी,ये वही लड़कियाँ थी जिनके इन्तजार में लड़के पुश अप्स कर कर के अपना सीना फुलाए जा रहे थे . इन लडकियों के अन्दर आते ही जिम का माहौल बदलने लगा था,हर लड़का कुछ अधिक ही जोश में वर्क आउट कर रहा था,और मज़े की बात ये थी कि इंस्ट्रक्टर राज भैय्या के अलावा हर लड़का इंस्ट्रक्टर बना बैठा था,,और ये सब एक दूसरे को नही सिर्फ लडकियों को ही ज्ञान दे रहे थे .
,
आज प्रिया का पहला दिन था,ऐसी पतली छरहरी लडकियों को देख उस बेचारी को समझ ही नही आ रहा था कि ये यहाँ करने क्या आयी हैं,उन में से कुछ का ये हाल था कि अगर ट्रेड मील पे 5मिनट भी दौड़ ले तो उन्हें फिर सीधे स्ट्रेचर पे डाल कर सीधा एम्स रिफर करना पड़ता वो भी एयर लिफ्ट,,कुछ एक जितना तो वर्क आउट नही कर रही थी ,उतना अपने आप को हर एंगल से पलट पलट के आईने में देख रही थी . एक ने तो गज़ब ही कर दिया ,ट्रेड मील में चढ़ने के पहले जाकर अपनी लिपस्टिक डार्क, की,फिर क्रॉस ट्रेनर पे चढ़ने के पहले भी ,फिर साईकल के भी,इस तरह से हर वर्क आउट सेशन के पहले उसका एक टच’प हो जाता .
प्रिया बेचारी को पहला दिन था इसिलिए 5km/hrs की स्पीड पे 20 मिनट चलने का आदेश हुआ था,वो अपनी मशीन पे चलती इधर उधर देखती जा रही थी . कुछ देर बाद एक बड़ा लॉट आंटियों का अन्दर आया,उन्हें देख प्रिया को कुछ तसल्ली हुई क्योंकि भले ही वो अलग अलग साइज़ ऐंड शेप की थी,पर थी सब की सब मोटी।।अब इतनी सारी महिलायें जहां हो वो जगह गुलजार ना हो ,ऐसा कैसे हो सकता है . पूरे जिम का माहौल कुछ ही देर मे किट्टी पार्टी के माहौल मे तब्दील हो गया।।
इनमें से कुछ एक ही लोकल थी,अधिकतर दिल्ली गुडगाँव से थी।।
“क्यों बेटा जी,आज क्या पहला दिन है आपका??”
,
उनमें से एक ने प्रिया से पूछा।
“हाँ!! पर आपको कैसे पता ?”
“हा हा !! अब बोलो पटियाला सलवार पहन के कौन जिम करने आता है।” ये बोल कर वो फिक से हँस दी।।
“और ऐसे स्किन कलर की जेगिंग पहन के कौन आता है आंटी।।”
आंटी वहाँ से उतर के साईकल चलाने चली गई ।।
प्रिया चलती रही अभी भी 20मिनट पूरे होने मे 10मिनट बाकी थे,अभी वो चल ही रही थी कि अचानक से वहाँ रखे साउंड बॉक्स पे किसी लड़के ने गाना बजा दिया
“चदरिया झीनी रे झीनी ,आंखे भीनी ये भीनी ये भीनी, यादें झीनी रे झीनी रे झीनी।।”
प्रिया को वर्क आउट के साथ गाना अच्छा लग ही रहा था कि किसी लड़की ने ट्रैक बदल दिया-
“आजा पिया तोहे प्यार दूँ,गोरी बहियां तो पे वार दूँ ।”
प्रिया को ये भी पसंद आने ही वाला था कि फिर ट्रैक बदला-
“दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है,हम भी पागल हो ,
जायेंगे,ऐसा लगता है।।”
ये भी ठीक लगना शुरु होता उसके पहले फिर ट्रैक बदला-
“लैमबोर्गिनी चलाई जान्दे ओ”
अब ट्रैक बदलता इसके पहले ही भैय्या जी की आवाज़ जिम मे गूँज उठी
“अरे देवदास की छठी औलाद तू यहाँ वर्जिश करने आता है या,मनहूस गाने बजाने . मैडम लोग जो गाना सुनना चाहते हैं वो बजा लेने दो भई,काहे इतना चिरै चिरैय्या लगा रख्खे हो,थोड़ा फास्ट ट्रैक बजाएंगे तो लोगों को भी वर्जिश करने में मज़ा आयेगा ,और तुम झीनी चदरिया बजाये पड़े हो।।
बीच बीच में भैय्या जी आकर प्रिया को कुछ ज़रूरी बातें बता जाते।।अबकी बार प्रिया के दोनो ओर की मशीनों पे आंटी लोगों ने कब्जा जमा लिया और चलते चलते अपनी बातों में भी लग गई ।।
“कल तुम क्लब के “सावन सुन्दरी “में क्यों नही आई,बड़ा गज़ब इन्तेजाम था,इस बार क्लब की लेडिस को अकल आई ,थोड़ा अच्छा खाना पीना था।।
“अरे नाग-पंचमी थी ना कल,,, तो हमारी सासु जी कहा करती हैं,,नाग पंचमी के दिन घर से मत निकला करो,इसिलिए क्लब नही आ पाये,वैसे क्या रखा था खाने में ।”
,
(सास सही कहती है,नागिनों को निकलना भी नही चाहिये कोई पिटारा मे बन्द कर लिया तो)प्रिन्स और लल्लन उंन लोगों की बातों में अपनी अलग कॉमेन्ट्री कर रहे थे
“लिट्टी चोखा था,स्वाद अच्छा था . पर घी ज़रा कम शुद्ध लगा मुझे ,अब वैसे भी होटल वाले हमारे जैसा शुद्ध घी कहाँ बना पायेंगे।।”
“बस लिट्टी!! और मीठा में कुछ नही दिये??”आंटी जी की आत्मा कलप गई कि हाय बेचारी लेडिस लोग 2 घन्टे के तपस्या कर के इतना लीप पोत के क्लब पहुंची और इतना सूखा सूखा निपटा दिये।।
“था ना,,मीठा में इमरती खिलाए थे,और चाय कॉफ़ी था,जिसको जो पीना हो,लगभग सभी ने दोनो पिया।।”
“पीना भी चाहिये जी!! महीना का 300रुपया लेते भी तो हैं ये लेडिस क्लब वाले,हम होते तो 2चाय और 2कॉफ़ी पी लेते।।”
(भगवान बचाये!!) फिर प्रिन्स चहका।।
“कहाँ से वजन कम हो,जितनी कंजूसी से पसीना बहाती हैं जिम में ,,उतनी दरियादिली से ठूंसती हैं।।
अब यहीं देख लो,जब से चढ़ी है मशीन मे खाना पीना में ही अटकी हैं “__लल्लन ने अपना ज्ञान दिखाया।।
,
“अरे ये तो बताओ बनी कौन इस बार सावन सुन्दरी?”
“सोनी बनी है इस बार की सावन सुन्दरी।”
“हैं . ऐसा तो कोई खास चेहरा मोहरा है नही,मैनें तो कल तुम्हारे फोटो देखे थे फेसबुक पे,तुम ज्यादा सुन्दर लग रही थी।।”
“अरे चेहरा देख के नही दिया ना !!वो तो जो जितना ज्यादा हरा पहन के आयेगा उसपे जोड़ घटाव किया,मेरा तो साड़ी ब्लाऊस,चूड़ी बिन्दी,कान का गले का ,नेल पोलिश ,हेयर क्लिप,रुमाल सब हरा था,बल्कि सैंडल और पर्स भी।।
“तो फिर सोनी कैसे जीत गई जी।”??
“ये दुसरी वाली आंटी ना बस मजे ले रही है,इसे कोई सहानुभूति नही है,की वो हरा रुमाल वाली आंटी इत्ता कर के भी नही जीती,बल्कि हमको लगता है दिल ही दिल में खुस हो रई है कि हाँ बेटा देखा !! ससूरी खुद को ऐस्वर्या राय समझती है।”
प्रिन्स ने लल्लन के कान मे फुसफुसाया
“अर्र्रे क्या बताऊँ,वो सोनी ने बाल भी हरे रंग से हाईलाईट, करा लिया था,अब देखो मैनें इतना किया ,सब फेल हो गया . आँख के ऊपर हरा रंग का शेडो लगाये थे,उसी को थोड़ा गाल पे भी मार लिये थे,लिपस्टिक तक हरा था हमारा ,,अब सोचो।।
,
“हे भगवान . इसके पति का हार्ट फेल कैसे नही हुआ इसको देख के,,ये तो पूरी दमदमी माई लग रही होगी।””लल्लन बोला।
“तुम दोनो यहाँ का कर रहे हो बे!! जाओ उधर वो योगा मैट बिछाओ ,,हम योग शुरु करेंगे अब।।”
राज भैय्या के फटकार लगाते ही दोनो लोग मशीन से कूद कर दूसरी तरफ भाग गये।।
राज भैय्या के योग सेशन के बाद सभी महिलायें बड़ी आत्मीयता से अपनी अपनी परेशानियां राज भैय्या को बताने लगी,जिस सब का सार यही था कि इतनी मेहनत कर के भी वजन का कांटा 10grm भी इधर से उधर नही हिलता जबकि खाने में पूरा परहेज बरता जा रहा है,राज भैय्या ने रोज की तरह उन्हें दो चार पते की बातें बताईं ,जैसे दिन भर पानी पीना,सुबह खाली पेट में गर्म पानी में शहद मिला के लेना वगैरह वगैरह,,पर उस पे भी अधिकतर महिलाओं का तुर्रा यही था कि,हम तो 10-12ग्लास पानी पी जातें हैं,फिर भी यही हाल .
खैर किसी तरह भैय्या जी का सेशन समाप्त हुआ और एक एक कर सारी महिलायें जिम से निकल गई ।।
“तुम तो बहुतै सहनशील हो राज।”प्रिया के ऐसा बोलने पर राज ने पूछा
“काहे?? ऐसा काहे बोल रहीं।”
,
“तो और क्या?? सब को इत्ता प्यार से समझा रहे हो ,और सब समझने की जगह उल्टा ‘ हम तो यही करते हैं ‘ की रट लगाये बैठी हैं,अरे अगर यही करती हो,तो दुबला काहे नही जाती,हम तो सच्ची कहें राज !! अगर तुम जो जो बताये हो वो वो हम रोज करें तो हम पक्का पतले हो जायेंगे।।”
प्रिया और राज के चेहरों पे मुस्कान आ गई ।।
तभी भैय्या जी का फ़ोन रिंग हुआ ,और प्रिन्स फ़ोन लिये भागता आया “भैय्या जी बाबूजी का फ़ोन है।”
“कहाँ हैं लाट साहब??”
“जिम में हैं बाबूजी कहिये क्या काम है।”
“काम तो ऐसा कुच्छो नई है,पर शाम को इहाँ उहाँ घूमने ना चले जाना,आज शाम को तुम्हारी भाभी के फादर आ रहें हैं,तो तुम्हारा भी घर पे रहना ज़रूरी है,समझे।।”
“भाभी के बाऊजी आ रहें,उसमें हमारा रहना नई रहना से का होगा,सामान सब्जी मिठाई उठाई हम अभी पहुंचा देते हैं,जो आप बोलो।”
“अरे जब हम बोल रहे कि तुम्हारा रहना ज़रूरी है तो है,ऊ अपनी रेखा के बारे में कुछ बात चीत करना चाहते हैं,समझे . तो समय पे घर आ जाना,और बाकी सब तो हम ले आये हैं तुम आते समय गर्मा गर्म जलेबी लेते आना।”
,
“ठीक है हम आ जायेंगे बाबूजी,और कुछ?”
“और कुछ तो ऐसा पूछ रहे जैसे बहुत काम के हो,सारा जमाना का फाल्तू काम बस करा लो इनसे, भूलना मत ,हम दुबारा फ़ोन नई करेंगे,ठीक है!!”
“ठीक बात”
तभी लल्लन का फ़ोन बजने लगा, प्रिन्स ने फ़ोन उठाया ,उधर से एक मधुर सी आवाज़ आई- “हेलो रोहित??”
“नही ,यहाँ तो कोई रोहित नई है बहन जी” प्रिंस ने जवाब दिया।।
“अरे ऐसे कैसे,इसी नम्बर पे तो सुबह रोहित से मेरी बात हुई थी,एक मिनट रुको8 Full stopउधर से उस लड़की ने फ़ोन में चैट खोल के नम्बर एक बार और चेक किया “हाँ जी मैने सही नम्बर लगाया है,अभी कुछ देर पहले ही इसी नम्बर से रोहित ने एक साई बाबा वाला मेसेज मुझे भेजा था जिसके बाद हमारा झगड़ा हो गया था,तो बस उतनी ही बात से गुस्सा होकर उसने नम्बर बदल दिया??”
“नही दीदी नम्बर तो किसी ने नही बदला ,वैसे ऐसा क्या मेसेज था कि झगड़ा हो गया आपका?”
,
“वेट वेट!! तुम मुझे दीदी क्यों बोल रहे हो,, i m not a दीदी type material और दुसरी चीज़ उस बुद्धू राम ने मुझे मेसेज किया कि ये साई बाबा की असली फोटो है,पन्द्रह लोगो को भेजो तो गुड न्यूज़ मिलेगी,,whatever!! इसी लिये झगड़ा हो गया मेरा ,पर यार मैं तुम्हे क्यों ये सब बता रही हूं,तुम फ़ोन रखो।।अभी वो मोहतरमा फ़ोन काटने ही वाली थी कि, लल्लन गिरता पड़ता भागता हुआ आया और प्रिंस से फ़ोन छीन लिया
“हेलो ,हेलो बेबी !! मैं आ गया,सॉरी वो वॉश रुम में था ,तभी फ़ोन नही उठा पाया,बेबी सॉरी।।”
प्रिया राज भैय्या प्रिंस सभी लल्लन को आंखे फाड़ फाड़ के देखने लगे
“अबे तुम्हारा नाम रोहित कब से हो गया बे??”
लल्लन के फ़ोन रखते ही राज भैय्या ने सवाल किया।।
“भैय्या जी हमारा स्कूल में नाम रोहित ही था,वो तो घर पे अम्मा लोग फिर आप लोग सब लल्लन ही कहने लगे तो वही चल पड़ा।।”
“बड़ा फैंसी नाम रखे हो रोहित बबुआ ” प्रेम ने कहा
,
“तुम भी तो बड़ा फिल्मी नाम रखे हो प्रेम बाबु।”
“हां वो हमारी अम्मा मैनें प्यार किया देख के आई और उसी रात हम पैदा हो गये,तो बस हमारा नाम प्रेम पड़ गया।।।”
“वाह बहुत बढ़िया . हमारी सहेली निरमा की अम्मा को निरमा के पैकेट पे बनी लड़की इतनी सुहाई की वो अपनी बिटिया का नाम निरमा रख दी।।
प्रिया के ऐसा बोलते ही सब हंसने लगे–“तुम, हमेशा बोलती रहती हो इसिलिए तुम्हारी अम्मा तुम्हारा नाम प्रिया रख दी।।है ना।”प्रिंस ने बोला
“हां और ये बिल्कुल साक्षात कहीं के राजकुमार दिखते हैं,इसलिए इनका नाम राजकुमार पड़ा ,है ना राज??”
प्रिया के ऐसा कहते ही राज भैय्या का चेहरा गुलाबी हो गया और बेचारे शरमा के रह गये।।।
.
1 . तो यहाँ लल्लन बाबु ही थे जो रेखा से जुदाई के गम में जिम में सुबह जुदाई वाले गानों की बहार सजाये हुए थे . अभी कोई उनसे उनके फ़ोन के बारे में पूछता ,उसके पहले ही उन्होनें वहाँ से खिसकने में ही अपनी भलाई समझी,वो निकल ही रहे थे कि प्रिंस ने पूछ ही लिया- “अरे लल्लन तुम बताये नई,वो लेडिस कौन थी जिसका फ़ोन ,
आया था तुम्हारे लिये??”
“तुम गधे के गधे ही रहोगे प्रिंस,लेडिस नही एकवचन के लिये लेडी कहा जाता है,तुमको पूछना चाहिये कि वो लेडी कौन थी जिसका फ़ोन आया था।।”प्रिया के ऐसा बोलते ही प्रिंस बिखर गया
“यार तुम ना भैय्या जी को पढ़ाने आई हो,उन्हें ही पढ़ाओ,हमे ना समझाओ सिखाओ ,समझी।।”
अभी प्रिंस और प्रिया का फसाद चल ही रहा था की लल्लन सबकी नज़र बचा कर वहाँ से निकल लिया।।।
राधेश्याम अपना सर पकड़ कर वहीं सोफे पर निढ़ाल हो गये,युवराज और राज दौडे चले आये ,,तुरंत पानी मँगा कर उन्हें पिलाया गया,, श्रीमती जी ने पूछा __”किसका फ़ोन था ,क्या हो गया,,सब ठीक तो है ना??”
“लड़के वाले अभी नही आ पायेंगे,उन्हें कुछ आवश्यक काम आ पड़ा है,,इसीसे सगाई टालने की बात कह रहे हैं ।।”
जितने धीमे शब्दों में राधेश्याम जी
ने कहा,उतने ही तेज़ आवाज़ में एक ज़ोर की हाय बोल कर श्रीमती जी भी दूसरे सोफे पर निढ़ाल हो गई ।।
,
राज गहन आश्चर्य से अपने पिता को देखने लगाभाग 5
प्रिया के प्लान के मुताबिक राज ने प्रेम के घर पे और प्रिया ने निरमा के घर पे जाकर बात की,पर उम्म्मीद के विपरीत दोनों ही घर की अम्मा लोंगो ने और बड़ी बड़ी कसमें किरिया उठा ली कि,”हमरे जीते जी ई ब्याह ना हो सकब,हमरी ठठरी उठ जाये के बाद अपन अपन मर्ज़ी से निबटा लो जो करना धरना है,एक बार सादी हुई जाये फिर आटे दाल का भाव पता चल जई ।।”
निरमा के घर से बाहर निकलने पे पूरी तरह से रोक लगा दिया गया,अब बेचारी कॉलेज भी जाती तो उसका एक नकारा मामा उसे लेने और छोड़ने जाता और बेचारी जब तक कॉलेज में रहती वो गेट के बाहर की गुमटी में अपना अड्डा जमाये रहता, उसके इस मामा के पास कोई विशेष कार्य भी नही था,जुआ खेल खेल के अपने बाप को पैसों को स्वाहा कर रहा था,जब उसके बाप यानी निरमा के नाना को इस बात का पता चला तो लात घुन्सों से अच्छी तरह आरती उतार कर उसे घर से निकाल दिया ,और वो अपने में झूमता बीड़ी पीता अपनी जिज्जी के घर आ गया,जिज्जी ने रो धोकर जीजा को उसके यहाँ रहने के लिये मना लिया,तब से मामा जी का
निवास यही था,अपने जीजा को भरोसे में लेने के लिये आये दिन कोई ना कोई जुगाड भिड़ाता फिरता और आखिर वो मौका मिल ही गया ,जब प्रिया ने निरमा की प्रेम कहानी के बारे में उसकी अम्मा को बताया तब सबसे ज्यादा उछल उछल कर घर की बदनामी की फिकर करने वाले मामा ने अपनी बडी बहन को भड़का भड़का कर भांजी का कॉलेज बन्द करा दिया,,बाद में चुपके से भांजी से पैसे वसूल कर उसे कॉलेज जाने की अनुमती दिला दी और जिज्जी से भांजी को रोज कॉलेज छोड़ने लाने के बदले मेहनताना वसूला जाने लगा।।
इस पूरे प्रकरण को लगभग 40-45दिन बीत गये,प्रिया का जिम यथावत चलता रहा ।।
कि तभी एक दिन सुबह जिम के समय पर अचानक पिंकी फिर जिम पहुंच गई 3 Underscore
“प्रिंस . भैय्या जी कहाँ है?? जल्दी बुलाओ!!”
“भैय्या जी तो प्रोटीन पाउडर खरीदने गये हैं,दीदी आप ऑफिस में बैठिए भैय्या जी आते ही होंगे।।”
पिंकी ऑफिस पहुंची तो अन्दर प्रिया बैठी कुछ लिख रही थी,पूरी तन्मयता से__
“क्या लिख रही हो प्रिया?? इतना खो कर??”
“अरे दीदी आप !! आप कब आई? ? मैं राज के लिये कठिन सवालों को अलग छान्ट कर उनके जवाब तैय्यार कर ,
रही हूं,बस ये याद कर लेने से पेपर पास करने में दिक्कत नही होगी।।”
“Very good प्रिया . तुम पहले से थोड़ी दुबली भी लग रही हो,कुछ वजन तो कम हो ही गया है तुम्हारा।”
” हाँ लगभग साढे तीन से चार किलो कम कर लिया है इन्होनें ।।”राज ने दरवाजा खोल ऑफिस में प्रवेश करते हुए जवाब दिया,
प्रिया ने पलट के राज को सवालिया नजरों से देखा “पर हमने तो नापा ही नही,तुम्हें कैसे पता चला।।
“भैय्या जी की आंखो मे एक्स रे मशीन फिट है,किस लड़की का कितना वजन बढा कितना घटा सिर्फ देख कर ही बता लेते हैं भैय्या जी”प्रिंस अनजाने में कुछ भी मूर्खता पूर्ण अतिशयोक्ति कर जाता था
“अबे बौरा गये हो का बे!! कुछो भी बकते हो! पिंकी तुम अभी कैसे यहाँ आई,,घर में सब ठीक है ना??”
“कहाँ ठीक है भैय्या . वही तो बताने आये हैं,अभी सबेरे भाभी के पापा का फ़ोन आया था,वो लोग हमारी सगाई की तारीख पक्की कर दिये हैं,आज से ठीक पन्द्रह दिन बाद हमारी सगाई है,,,और आप अभी तक बड़े भैय्या से भी बात नही कर पाये।।”
,
“अरे ई तो नया काण्ड हुई गया!! तुम तो जानती हो पहले ऊ प्रेम के चक्कर में बिज़ी रहे उसके बाद ई जिम का सामान खरीदने दिल्ली चले गये इसी सब में बड़का भैय्या से बात करना रह गया ,अब रुको आजे कुछ जुगाड़ जमाते हैं भैय्या से बात करने का।”
“हम बताएँ राज ,ऐसा करो ,कोरा बात करने से अच्छा ये है कि किसी तरह भैय्या से रतन की मुलाकात करवा दो,,मुलाकात ऐसी की भैय्या खुद प्रभावित हो जायें,और उसके बाद का प्लान हम बाद मे बताएँगे ।।”
प्रिया के ऐसा बोलते ही राज ने सवाल किया
“अब ऐसी कैसी मुलाकात करायें की भैय्या परभावित होई जाये,तुमही आइडिया देई दो।।”
“देखो सुनने में थोड़ा फिल्मी लगता है ,पर काम का आइडिया है . अभी प्रिया बोल ही रही थी कि बीच में प्रेम कूद पड़ा
“भगवान बचाये भैय्या जी इ मुटकि के आइडिया से,हमरे लिये ऐसन खतरू आइडिया दी कि निरमा के दरसन भी दुरलभ हो गये,पहले कम से कम मिल जुल तो पाते थे,अब तो साला घर के अन्दर अम्मा ताने मार मार के जीना मुहाल की है और बाहर ऊ कनफड़े के गुंडे हमार रस्ता ताकते हैं कि कब हम उनके हाथ लगे औ ऊ हमार हड्डी मांस नोच नोच खा जायें ।।
,
“प्रेम तुम चुप रहो!! इस बार हमारा आइडिया फेल नही होगा,,तुम्हारा और निरमा का भी ब्याह करायेंगे भाई चिंता ना करो।।”
“अरे काहे ना करे चिंता!! जिसके पास तुम जैसा दोस्त हो जो घरफुक्का राय दे बात बात पे, उसको चिंता छोड़, डायरेक्ट चिता मा चढ़ जाना चाही।।”
“कन्ट्रोल करो यार प्रेम !! तुम्हारा समय आयेगा ,तुम्हारा भी ब्याह हो जायेगा यार अभी प्रिया का आइडिया सुनो!! हाँ बोलो प्रिया तुम का बोल रही थी,कुछ फिल्मी उल्मी सा!!”
” हाँ सुनो!! भैय्या जब अपनी गैस एजेन्सी में बैठे होंगे,,दोपहर को जब सब लंच के लिये जायेंगे और भैय्या अकेले होंगे उसी समय चेहरे पे नकाब बांध के दो नकाबपोश उन्हें लूटने जायेंगे,,सीधे जाकर उनकी कनपटी पे बन्दूक तान देंगे और तभी रतन आयेगा और उन दोनो से लड़ के भैय्या की जान बचा लेगा।।।और जब भैय्या उसको धन्यवाद देकर नाम पूछेंगे तब रतन अपना पूरा हिस्ट्री जॉग्रफ़ी उन्हें बता देगा बस अपना पूरा नाम नही बतायेगा,, बिल्कुल ऐसा माहौल जम जाना चाहिये की भैय्या को लगे काश ये लड़का पहले मिलता तो पिंकी की शादी इसीसे तय करते।।।
“बहुत फिल्मी है प्रिया!! पता नही रतन मानेगा या नही।”पिंकी ने कहा
,
“धमल्लो जी ये भी बता दीजिये की ये गुंडे कहाँ से किराया मा लाने वाली है आप”प्रेम ने सवाल किया
“कही से लाने की का ज़रूरत,हमारे पास आलरेडी हैं गुंडे!! तुम और प्रिंस!!”
“पर प्रिया तुमको लग रहा ये आइडिया काम करेगा??”भैय्या जी इतनी देर में पहली बार बोले
“भैय्या जी पगलाए गये हो का,ई मोटकी कुच्छो भी बकवास कर रही और आप इसका बात सुन रहे।”प्रेम बौखला गया
“हां तो तुम ही सूझा दो प्रेम बाबु कोई आइडिया है तुम्हरे दिमाग में,,देखो हमारा आइडिया फिल्मी है पर काम ज़रूर करेगा,,पिंकी दीदी रतन को आप मना लेना ,आज ठीक डेढ़ से 2बजे के बीच उसको एजेन्सी में भेज देना कैसे भी कर के,, आगे का सब राज संभाल लेगा,।”
“हम कैसे प्रिया??”
राज भैय्या के इस सवाल पर प्रिया ने उसे घूरा और __”यार हर बात तुम को समझानी पड़ती है,खाना लेकर तुम्ही जाते हो ना ,जब कभी ड्राईवर छुट्टी पर होता है,तो आज भी चले जाना और जब रतन और भैय्या जी की बात होने लगे तब तुम वहाँ पहुंच के ऐसी ऐक्टिंग करना जैसे रतन तुम्हे बड़ा पसंद आ गया ,,अब रतन वहाँ क्या करने जा रहा ,ये बताने की ज़रूरत तो नही है ना,फिर भी आप सबके लिये बता देते ,
हैं,रतन वहाँ नया गैस कनेक्शन लेने जायेगा।।
“अब इसके आगे का प्लान भी सुन लो,राज तुम अपनी तरफ से सिर्फ रतन की तारीफ करोगे पर पिंकी दीदी के लिये कुछ नही कहोगे उल्टा बढ़ चढ़ के सगाई की तैय्यारी मे लगे रहना, और रतन बड़के भैय्या से धीरे धीरे दोस्ती बढा लेगा।।
जब सगाई को सिर्फ एक दिन बचेगा उस दिन तुम अपनी इस टोली के साथ चुपके से लड़के को किडनैप कर लेना,,जब सगाई के दिन भी लड़का अपने घर नही पहुंचेगा तो उसके घर वाले तुम्हारे घर फ़ोन करेंगे और माफी मांगेंगे ,तब तुम्हारे बाबूजी अपना सर पकड़ के बैठ जायेंगे क्योंकि सगाई के लिये हाल बुक हो गया है,सारे मेहमान आ गये हैं ,अब क्या किया जाये ,,तभी तुम बड़के भैय्या से कहना कि भैय्या आपका वो दोस्त जो अभी अभी आई ए एस का इंटरव्यू पास किया है उसिसे पिंकी की सगाई करा दो,,तब भैय्या बड़ी लाचारी से कहेंगे कि ऊ हमरे जात का नही है छोटे नही हम अभी इ सगाई कर देते ,लोग कहेंगे अपनी सगी बहन होती तो का ऐसे दुसरी जात में ब्याह देते तब पिंकी दीदी आयेगी और रोते हुए कहेगी भैय्या आपको जो सही लगे मैं करने को तैय्यार हूँ,आज जमाना इन्सान के काम से उसे पहचान रहा ना कि उसकी जात से,आपका दोस्त किसी भी जात का हो ,मैं तैय्यार हूँ,बस आपकी और बडे पापा की नाक नही कटनी चाहिये।।दीदी की ये बात सुनकर बड़के भैय्या खुश हो जायेंगे और जाकर आपके बाऊजी को मनाएंगे समझायेंगे और ये सगाई हो जायेगी।।”
“अरे वाह सुनने में तो अच्छा लग रहा है,पर क्या सच मे ये ,
आइडिया काम करेगा??”
“अरे पिंकी तुमहू इसकी बतकही में आ गई,ये जैसन हमार कोल्हू पिराई है ना ,ऐसने तुम्हे भी पेर के मानेगी ,काहे इसकी बात सुनते हो यार तुम लोग।।”
“प्रेम चुप रहो अम्मा कसम नही धर देंगे तुमको!! अबे सही लग रहा हमको ई आइडिया,क्यों पिंकी?? लगाओ जरा रतन गुरू को फ़ोन और समझाए बुझाये दो ,हम इन दोनो लामलेट को तैय्यार करते हैं ।
इस पूरे प्लान में बिल्कुल अनिच्छा से प्रेम को भाग लेना ही पड़ा ,पर जाने क्यों अन्दर ही अन्दर उसे किसी अनिष्ट की आशंका कंपकंपा रही थी,,खैर राज भैय्या की खातिर नकाब चेहरे पे बांध अपनी हीरो होंडा मे प्रिंस को पीछे बैठाए प्रेम निकला, निरमा की गली से निकलते हुए बड़ी हसरत भरी निगाहों से उसने छत की ओर देखा पर वहाँ खड़ी निरमा ने प्रेम को देख कर भी अनदेखा कर दिया__
“देखा प्रिंस उस कजरौटी की ऐसी काली नज़र लगी है की हमरी निरमा भी हमारी तरफ देख नही रही।।”
“अबे प्रेम तुम भी पूरे उल्लू हो यार!! पहला तो चेहरे पे गमछा बांधे हो,और दूसरा उसके ऊपर हेल्मेट चढाये हो ,गाड़ी का नम्बर प्लेट भी बदल दिये हो तो भाभी चिन्हेंगी भी कैसे बे??”
प्लान के मुताबिक प्रिंस और प्रेम नकाब पहन कर युवराज के ऑफिस मे दाखिल हुए ,अभी उन्होनें गन निकाल के युवराज की तरफ मोड़ी ही थी की रतन वहाँ पहुंच गया__
,
“आप बिल्कुल मत घबराइये ,मैं आपको बचा लूंगा ।”रतन की बात पूरी होने के पहले एक ज़ोर का चाँटा गन तानने वाले प्रेम के चेहरे पे पड़ा _”अरे मर गया रे ,मार डाला रे मार डाला . “
चिल्लाते हुए प्रेम अपना नकाब संभाले वहाँ से भागने को हुआ पर जाते जाते भी युवराज का ज़ोर का घूंसा उसकी और प्रिंस की पीठ पर पड़ ही गया, दोनों सर पे पैर रख कर वहाँ से भागे ।।।