Jija sali sex story – आधी घरवालीके साथ रंगरलिया

लेकिन अब कन्हैया कुछ नही सुनने वाला था . कनु बगैर दांतों से नुकसान पहुँचाये उसके एक -एक करके दोनों उरोजो को बारी -बारी से मुह मे लेकर चूस रहा था . साथ मे बोलता भी जा रहा था , “मेम साहेब , तुम्हारे चुचियो का जवाब नहीं …..तुम्हारे चूंची कितने मलाई जितने चिकने है …..और तुम्हारे गुलाबी निपल .. उफ़ ….इन्हे तो मैं खा जाऊंगा .”मिताली सिस्कारी लेते हुए बोली , “”हाय ! और जोर से मेरी चूची मसलों , इनको ख़ूब दबाव , दबा दबाके इनका सारा रस पी जाओ . मुझे बहुत मज़ा आ रहा है . मेरे पुरे बदन मे नशा छा रहा है .

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हाय मुझको इतना मज़ा कभी नही मिला . और दबाव मेरी चूची को .”कन्हैया उसके मम्मे चूसते हुए अपने एक हाथ को उसके मम्मे से सरकाते हुए उसकी चूत के ऊपर हाथ से मालिश करने लगा . मिताली का जोश दुगुना हो गया . उसकी सिस्कारियां बढती ही जा रही थी . जिनको सुनकर कन्हैया का भी जोश बढ़ गया .

उसका मुह और दोनों हाथ की स्पीड डबल हो गई . अपनी जीभ से उसकी कड़क हुयी निपल को चूसने के साथ उसकी चूत और झांटो पर अपनी रगड़ बढ़ा दी . “आः आह्ह ……प्लीज़ आहिस्ता करो . रगडो मेरी चूत को .. आराम से करो .. मजा आ रहा है तुम ने क्या कर दिया है .. आज ऐसा पहली बार फील कर रही हूँ और बहुत अच्छा लग रहा

हाँ ऐसे .. आराम से .. मगर रुकना मत .. करते रहो .. ओह्ह हह स्.स्.स्.स्.स्.स्.उफ्फ्फ….और उसने टटोल कर फ़िर से उसके लंड को पकड़ा जो की फुफकार रहा था… “लोहे को गरम होते देख कन्हैया ने अब अपना हथोडा मारना ही अच्छा समझा . उसने मिताली को दीवाल के सहारे उठा के खड़ा कर उसके पीछे से अपने दोनों हाथो से उसके चूतड को सहलाना शुरू कर दिया . उफ़ … क्या गुदाज़ जिस्म के उसके चूतड थे .

दूध मे सिन्दूरी कलर डाले हुए रंग के चूतड . वोह अपनी किस्मत पर यकीन ही नही कर पा रहा था . वाकई मे ऐसी चूत और चूतड किस्मत वाले को ही मिलते है . उसने अपनी जीभ निकल कर उसके चूतड को चाटना चालू कर दिया . मिताली के मादक बदन मे एक सिहरन दौड़ गई . उसका बदन का एक -एक रोंया सिहर उठा . पुरे बदन मे बिजली कड़क रही थी . चूतड को चाट -ते चाट -ते अपनी जीभ को उसकी पीछे से उभर कर बाहर आई हुयी चूत पर लगा दिया . जीभ चूत पर लगते ही मिताली के मुह से “ऑफ़ फ . ..ओफ्फ्फ ” की आवाज आनी शुरू हो गई .

अपनी जीभ को कन्हैया ने धीरे धीरे आगे बढ़ाते हुए चूत की चुदाई अपनी जीभ से चालू कर दी . चोदना -चाटना , चोदना -चाटना , चोदना -चाटना यही कर रहा था अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चूत को दोनों फांक चिपकी हुयी थी..उसे ऊँगली से थोड़ा फैला लिया था…”ओओओह मा .. ओह आहा आया .. यह क्या कर रहे हो , बहुत मज़ा आ रहा है और चाटो , चूस डालो … पानी निकल दो इसका …. बहुत प्यासी है मेरी चूत ,” मिताली की लहराती हुयी आवाज बाथरूम मे गूँज रही थी . मेरी प्यास बुझा दो , मुझे ठंडा कर्दो .. मेरा जिस्म बहुत जल रहा है .. कुछ कुछ हो रहा है मन मे , प्लीज़ मेरी आग बुझा दो मेरी .. प्लीज़

कन्हैया ने उसकी रसीली छूट की चुसाई कर उसे वैसे ही खड़ा रहने दिया और अपने सख्त लंड को उसके चूतड पर दबाना शुरू कर दिया . लंड को एकदम नजदीक देख उसकी चूत का पानी बहना चालू हो गया . चूत एकदम से जूसी हो गई . अपने हाथ को पीछे ले कर कन्हैया को अपने बदन से चिपका लिया .

उसकी चूत की भूख अब बढती ही जा रही थी . अब उससे सहन नही हो पा रहा था . वोह भड़क कर बोली , “उफ्फ्फ … देख क्या रहे हो … चालू करो …. लगाओ अपने लंड को निशाने पर और मारो धक्का .”कन्हैया ने अपने लंड को उसकी चूत के निशाने पर ला थोड़ा सा धक्का दिया . आधा सुपाडा लंड का चूत मे जा कर फँस गया .

दूसरा धक्का मारा तो उसके लंड का पूरा सुपाडा उसकी चूत मे जा कर धंस गया . तीसरा धक्का मारा तो आधा लंडउसकी गुफा मे गायब हो गया . साथ ही मिताली की चीख पूरे घर मे फ़ैल गई..ऊह मेरी माँ..मर गयी..निकालो….अह्ह्ह..आह्ह..बाप रे..इतना मोटा…निकालो..मैं मर जाऊंगी.. लेकिन कन्हैया रुका नही..वो समझ गया था की ये चुदी हुयी चूत है ..थोड़ा चिल्लायेगी..क्युकी इतना मोटा लंड कभी चूत मे नही घुसा है ..

उसके शहरी दोस्त का नए ज़माने का लंड ही घुसा होगा..उसने मिताली को थोड़ा दबा के पकड़ा और फ़िर धीरे धीरे चोदने लगा..एक और धक्का मारा तो इस बार मिताली की आनंद भरी चीख भी निकल गई . “हाय …. क्या लंड है तुम्हारा …. एक दम से तगड़ा और सख्त …. उफ़ ….. वाकई मे ही … जैसे कोई गरम गरम हथोडा जाकर मेरी चूत मे फँस गया हो .”

अब कन्हैया ने अपने धक्के लगाने शुरू कर दिए . खड़े होने की वजह से पूरा लंड तो अन्दर नही जा रहा था लेकिन जितना भी जा रहा था वह मिताली की चूत मे खलबली जरूर मचा रहा था . थोड़ी देर इस तरह दक्के मरने के बाद उसने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और मिताली को बाथरूम के फर्श पर लेटा कर अपने लंड को उसके मुह मे दाल दिया . मिताली ने गप्प से उसको मुह मे ले लिया .

थोड़ी देर चूसाने के बाद बाहर निकाल उसके लंड को हाथ से पकड़ सुरेश को कहा , “प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो . मुझे और मत तड़पाओ ज़ालिम . मुझे छोड़ो , मैं तुम्हारे लंड की दीवानी बन गयी हूँ . अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझाओ .”कन्हैया ने उसकी जांघों को चौड़ा कर अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया . फिर कस कर एक धक्का मारा .लंडउसकी रस से भरी हुयी उसकी चूत को ककड़ी की तरह फाड़ता हुआ चूत की अन्दर वाली दीवार से सीधा जा टकराया .

मिताली तो एक बार पुरी तरह कंप गई और पूरा बदन दहल उठा और मुह से चीख निकल गई..उईई माँ.मार डाला ..मेरी फट गयीई…आह्ह्ह..लेकिन कन्हैया को अब कोई परवाह नही थी..उसने आव देखा ना ताव..और फटके लगाने शुरू कर दिए..उसने देखा उसके लंड पर कुछ खून के दाग लगे है..आज सच मे मिताली की चूत फट गई..कन्हैया ने . लंड को बाहर निकाल वापस धक्का मारा तो उसकी सिस्कारी निकालनी चालू हो गई . “उफ़ … अह्ह्ह …” कन्हैया अपनी फुल्ल स्पीड से उसकी चूत के अन्दर बाहर अपने लंड को कर रहा था .

मिताली बड़बड़ा रही थी , “ओह्ह ह … क्या चोद रहे हो तुम …. वाकई मे मेरी चूत धन्य हो रही है … तुम्हारी चुदाई से …. उफ्फ्फ …. मेरी चूत को आज चोद -चोद कर ख़ूब रगड़ाई करो …. आह्ह्ह ह …. चोदो …. चोदो …. और चोदो …. चोदते ही जाओ .मुझे मार डालो..मेरी चूत का पूरा पानी निकालो “हाँ रानी …. ख़ूब चोदुंगा तुझे आज …तुम्हारी जीं भर की कसर निकालूँगा आज मैं ….लो संभालो मेरे लन्ड को …..उफ्फ्फ ….तुम्हारी चूत …..क्या नरम और नाजुक है ….तुम्हारे संतरों का भी जवाब नही ….उफ़ क्या चुचिया है तुम्हारी ….

आज तुझे ऐसा चोदुन्गा मैं की जिंदगी भर याद रखोगी .”धक्कों की स्पीड बढती ही जा रही थी . दोनों मदहोश हुए चुदाई मे लगे हुए थे मिताली इस बीच दो बार झाड़ चुकी थी..और चूत ने इतना पानी फेंका था की लंड अन्दर अब आराम से फिसलता हुआ जा रहा था और बाहर भी आ रहा था..और बाथ रूम मे . घचा -घच ….फचा -फच .की आवाज़ आने लगी थी. दोनों आँखों से एक -दूसरे को देखते हुए एक दूसरे मे ज्यादा से ज्यादा सामने की कोशिश मे लगे हुए थे लंड अन्दर जता फिर बाहर आकर दुगने जोश से वापस अन्दर चला जाता .

चूत उसका थोड़ा ऊपर उठके स्वागत करती फिर गुप्प से उसको अपने अन्दर समां लेती .मिताली की चीखें बढती गई , “राजा चोदो मुझे . और तेज .. और जोरसे … चोदो . ऊफ्फ्फ , ओह्ह्ह , आह्ह्ह , ऊईई माँ , मार गई मैं आज . फाड़ दो मेरी चूत को …. और जोर से चोदो मुझे …अपने लंड से फाड़ दो मेरी चूत को … मुझको अपना बनालो …. चोदो मुझको … जोर से चोदो …

प्लीज़ …..इसको अन्दर तक चोदते रहो …. ऊईए … उफ़ … कितना मोटा लंड है , ऐसा लगता है की गधे का लंड हो ….मुझे ऐसा लग रहा है की मैं पहली बार चूदी हूँ ….तुम बहुत मजे का चोदते हो देखो मेरी चूत फटी क्या..और उसने ख़ुद अपना एक हाथ चूत और लंड पर लगाया..और देखा की खून निकला है..वो बोल उठी..राजा..आज सच मे मेरी सील टूटी है..साली नयना ने कल सील तुडवाई लेकिन..मेरी चुदी हुयी चूत की भी आज फ़िर से सील टूट गई..ई.ई.ई.आह्ह…”

कन्हैया अपने लंड को थोड़ा निकाल उसकी जांघों को और फैला कर उसकी चूत की चुदाई चालू कर दी . अन्दर तक जा रहे लंड से अब उसकी चूत पिघलने को तैयार हो गई . मिताली ने अपनी टांगो से उसकी टांगो को एकदम से जकड लिया और बड़ बड़ाई , येस्स … मेरे राजा … चोदो मुझे …. उफ्फ्फ …. और …. और ….. अह्ह्ह . … मेरा पानी …. हाय …..मेरा पानी निकलने वाला है ….राजा ….चोदो ..आह आह आह्हा आह ओफ्फ्फ ..मेरा पानी निकला …..हाँ …. निकला ….. हाँ .हाँ हाँ हाँ उफ़ इश श स्.स् स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. …. निकल गया .”

कन्हैया के साथ एक -दम से चिपट कर अपनी चूत के पानी से उसके लंड को सींच ही रही थी ..इस बार उसका पानी बहुत तेजी से और बहुत सारा निकला..और उसके इस तरह चिपकाने से कन्हैया के लंड ने भी अपना फव्वारा छोड़ दिया . चूत और लंड का मिलन अपने चरम पर पहुँच गया . दोनों एक दूसरे की बाँहों मे खोते हुए निढाल हो कर फर्श पर ही लेट गए . थोड़ी देर बाद कन्हैया उठा और अपनी नज़रे मिताली की आँखों मे गडाते हुए बोला , “मेम साहिब ये चुदाई मुझे जिंदगी भर याद रहेगी .”मिताली ने भी कहा ,”और नही चोदोगे मुझे .”

”नही मेम साहिब , अब दूकान पर जन होगा . नही तो सेठ को बोलना भारी पड़ेगा मुझे .”इच्छा नही होते हुए भी कन्हैया को विदा करने मिताली उठ खड़ी हुयी .उसकी चूत की हालत ख़राब हो गई थी..ऐसी चुदाई उसने सपने मे भी नही सोची थी..पुरा बदन टूट रहा था..लेकिन फ़िर भी अच्छा लग रहा था…कन्हैया खड़ा होकर अपने कपड़े पहने और मिताली को चूमता हुवा बाथरूम से बाहर निकल गया .दरवाजे पर आया मिताली उसके पीछे थी उसने देखा फिर बगैर कपड़ों मे खड़ी मिताली को अपनी बाँहों मे समेत -ते हुए उसके होंठों को चूमा , चुचियो को सहलाया , चूत को मसला .

मिताली भी उसकी बाँहों से अपने एक हाथ को फ्री कर पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को मसलने लगी . लंड झट से खड़ा हो गया . खड़े हुए लंड ने मिताली के हाथों मे फुर्ती ला दी . और जोर से मसलने लगी और बोली , “देखो इसे . इसको अभी नही जाना है .”फिर नीचे बैठ कर उसके लंड को पैंट की चैन खोल कर बाहर निकाल ली और चूसाने लग गई . लंड मुह मे जाते ही उछल कूद मचने लग .

अपनी पैंट को नीचे खिसका कर मिताली को घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी नाजुक चूत मे एक धक्के मे पेल दिया और क़रीब २० मिनिट ऐसे ही चोदा और फ़िर अपना पूरा माल उसकी चूत मे डाला..ये चुदाई बहुत ही घमासान थी..मिताली सिर्फ़ चीखती रही..आह्ह..मर..गयी.ई.ई..अआछ..चोदो..और कन्हैया ने हुमच हुमच कर चोदा जब मिताली झड़ी उसके १ मिनिट बाद ही कन्हैया ने अपना पानी भी उसकी चूत मे डाल दिया… मिताली की जान मे जान आई .

दोस्तो अभी तक आपने पढ़ा की कैसे नयना की कुंवारी चूत की चुदायी मोहित ने की और मिताली की गरम तड़पती चूत मे प्लंबर कन्हैया ने अपना लावा डाल के उसकी आग को ठंडा किया..लेकिन चूत मे अगर एक बार आग लग जाए तो उसे बुझाना मुश्किल है..वो बढाती ही जाती है…

अब आगे की कहानी..कहानी पढते हुए अगर लंड वाले लंड हाथ मे रखे और चूत वाली अगर चूत से चड्डी निकाल कर उसे ऊँगली से सहलाये तो कहानी खत्म होने तक जरुर पानी निकल जाएगा..और मुझे भी अपना अनुभव लिखे..ताकी आपके चूत का पानी मै चाट सकूंऐसे तो नयना की पिछली रात अपने जीजा जी के साथ और आज सुबह ही मिताली की प्लंबर के साथ चुदाई हो चुकी थी लेकिन चूत का मज़ा देखो अभी बात करते -करते दोनों की चूत मे फिर से खाज शुरू हो चुकी थी .

मिताली ने कन्हैया के लौडे का पूरा साइज़ अपनी बातों से नयना को बताया . सुनते ही नयना के मुह से सिस्कारियां निकालनी चालू हो गई . अपने हाथ से वोह मिताली के बूब्स को हलके हलके सहला रही थी . मिताली के दिल और दीमाग पर कन्हैया द्वारा की गई चुदाई छायी हुयी थी . उसे अपने बूब्स पर नयना का हाथ फेरना अच्छा लग रहा था .लेटे लेटे मिताली ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और इस आनंद का ख़ूब मज़ा ले रही थी .नयना की चेष्टाये बढ़ने लगी . उसने मिताली की अस्त -व्यस्त हुयी नाईटी को निकाल फेंका .

अपनी जीभ को उसके मम्मो के पास लेजा कर उसे चाटने लगी . उसकी जीभ नीचे से ऊपर उसके संगमरमरी कबूतरों को हलके हलके चाट रही थी . भारी बूब्स को चाटने मे नयना को भी ख़ूब मज़ा आ रहा था . “उफ्फ्फ , चाट … रगड़ रगड़ कर चाट ,” ऐसा कह कर मिताली ने अपने हाथ बढ़ाकर उसकी जांघों पर फेरना चालू कर दिया . जांघों पर हाथ फेरते ही नयना को गुदगुदी का एह्साश हुआ .

उसके बदन मे करंट दौड़ाने लगा . अपनी दोनों जांघों को उसने फैला दिया अन्दर उसने पैंटी नही पहना था..असल मे दोपहर के ३ बजे नयना हॉस्पिटल से घर आ गई थी..और उसने आते ही मिताली की हालत देखी..उसे पहले लगा की शायद मोहित दोपहर मे घर आया होगा और उसने मिताली की कस के चुदाई की है..मिताली को चलने मे भी तकलीफ हो रही थी..कन्हैया के मोटे लंड ने उसकी हालत ख़राब कर दी थी…लेकिन बाद मे मिताली ने ख़ुद ही सब उसे बता दिया..

सुनकर ही नयना गरम हो गई थी और उसने अन्दर कुछ भी नही पहना था…जगह मिलते ही मिताली के हाथ नयना की जांघों के और अन्दर घुसने लगे . उसके हाथ किसी खास जगह को तलाश रहे थे . थोड़ा गीलापन उसके हाथ को मह्सूश हुआ . उसे अपनी मंज़िल मिल गई . अपनी अन्गूलियों से नयना की चूत को सहलाने लगी . चूत पर अन्गूलियों के छूते ही नयना की जीभ की स्पीड मिताली के बूब्स को चाटने के लिए और बढ़ गई .

नयना के दांतों की हलकी -हलकी चुभन भी मिताली को महसूस हो रही थी वैसे मिताली की चुंचिया एकदम लाल हो गई थी और निपल भी सुज़े हुए लग रहे थे..दर्द तो था..कन्हैया ने इन्हे बहुत मसला था..जैसे कपड़ा निचोडा हो..और निपल चूसने मे तो उसने कोई कसर नही छोड़ी थी.. लेकिन यह चुभन पीड़ा देने की बजाय ज्यादा आनंद दे रही थी . मिताली ने अपनी एक अंगुली नयना की रस से भीगी हुयी चूत के अन्दर पेल दी .

अपनी अंगुली को वोह लंड की जगह उपयोग मे ला रही थी .दोनों के मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . अब दोनों एक दूसरे को अपनी बाँहों मे लेकर अपने गरम जिस्म को आपस मे रगड़ना शुरू कर दिया . दोनों के बदन की रगड़न से पूरे कमरे का माहौल नशीला हो गया कमरे मे आह्ह..ओह्ह..इश स्.स्.स्.स्.स्. हाय..की आवाज़ आ रही थी. ..

दोनों को अब एक -एक लंड की जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन मजबूरी मे दोनों और क्या कर सकती थी .

मेरी दोनों गरम सालियों को लंड की जरुरत थी. ऐसे में अगर जीजा काम न आये तो किस काम का. दोनों के इस लेस्बियन रूप को सोचके ही दिमाग ख़राब हो रहा था. इन jija sali indian sex stories का आखिरी भाग जल्द ही..

मेरी दोनों गरम सालियों को लंड की जरुरत थी. ऐसे में अगर जीजा काम न आये तो किस काम का. दोनों के इस लेस्बियन रूप को सोचके ही दिमाग ख़राब हो रहा था. इस sali indian sex story का आखिरी भाग..

मिताली ने अपनी एक अंगुली नयना की रस से भीगी हुयी चूत के अन्दर पेल दी . अपनी अंगुली को वोह लंड की जगह उपयोग मे ला रही थी .दोनों के मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . अब दोनों एक दूसरे को अपनी बाँहों मे लेकर अपने गरम जिस्म को आपस मे रगड़ना शुरू कर दिया . दोनों के बदन की रगड़न से पूरे कमरे का माहौल नशीला हो गया कमरे मे आह्ह..ओह्ह..इश स्.स्.स्.स्.स्. हाय..की आवाज़ आ रही थी. ..

दोनों को अब एक -एक लंड की जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन मजबूरी मे दोनों और क्या कर सकती थी .

दोनों एक दूसरे से चिपट कर एक दूसरे के मम्मे को , चूत को सहला रही थी दबा रही थी… फिर थोड़ी ही देर मे दोनों हापने लगी और निढाल हो कर बिस्तर पर लेट गई .लेकिन ऐसे पड़े पड़े दोनों ही अपनी चूत की आग को और भड़कती हुयी देख सिस्कारियां ले ले कर अपनी ही उन्गलिओं से चूत को चोदना चालू कर दिया .

फिर आपस मे ही घूम कर एक दूसरे की चूत को चूसने लगी . जीभ लगते ही दोनों की सिस्कारियां और बढ़ गई . जहाँ मिताली सिस्कारी मरते हुए चीख रही थी , “अहह …उफ़ ….देख कैसी चूत ….मे आग लगी .साले प्लाम्बेर को फ़िर से बुला ले…नही तो जीजा जी को फ़ोन कर जल्दी आने के लिए…..हाय ….तू मेरी चूत को .देख क्या हालत की है……उफ्फ्फ …और चाट ….एस ….चाट -ती जा .”वही नयना कह रही थी..


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