Incest रुतबा या वारिस – Family Sex Story


दादी की पैंटी गीली और बेड पुरा एक साइड से गीला हो चुका था, दादी बोली बेटा मुझे खडा होने दे एक बार, यहा पैसाब से गीलापन हो गया है ठण्डा सा लग रहा है, अंधेरे मे मै अपना लंड ताने दादी से हट गया, दादी खड़ी हुई और अंधेरे मे बोल रही बिस्तर गिले से सर्दी सी लगती है इसलिए यहा दूसरी साइड सो जाती हु तु यहा आजा, Diary Of a Cuckold Husband और बोली थोड़ा तो पेटिकोट भी गिला हो गया है, और पैंटी भी कहती हुई अपनी पैंटी निकाल लेट कर पेटिकोट उपर कर टांग चोड़ी कर लेट गयी, मुझे नही पता था दादी ने पैंटी निकाल दी है इधर अंधेरे मै ही मै अपना लंड सहला रहा था, दादी बोली आजा बेटा अब कर दे, मै अंधेरे मे ही दादी के पास आया और तेल साथ ले रखा था हतेली पर तेल लगाया और दादी के पेरो के बीच बैठ कर कमर पर हाथ रखा, अचानक मैने महसूस किया की मेरा लंड दादी के चूतडो की खाई के उपर रगड़ खा रहा है मुझे दादी की पैंटी महसूस नही हुई, मेरा दिमाग बुरी तरह से काम करना बन्द रहा था, तभी मैने थोड़ा पीछे हुआ और थोड़ा झुका जिससे लंड दादी की चुतड और जाँघ जहा से शुरू होती है वहा पर टिक गया, और मैने कमर पर जोर देते हुए हाथ आगे किये और साथ ही खुद नीचे झुकते हुए आगे हुआ, मेरा लंड दादी की दोनो जांघो के बीच से होता हुआ दादी कि चूत के सुपाडे और झांटो से होता हुआ नीचे बेड पर लगा, दादी अचानक से उछली और मै भी समझ गया की दादी पुरे मूंड में है इसलिए पैंटी निकाल दी है, दोनो की गर्म साँसे चलने लगी , लंड इतना मोटा था की चूत की दोनो फांकों के बाहर जा रहा था, मैने फिर से पीछे और उपर हुआ तो लंड ने फिर से चूत पर रगड़ कर दी मेरे लंड पर दादी की चूत का पानी लग रहा था दादी की चूत पानी छोड़ रही थी, कई सालों बाद आग लगी थी, मैने तभी अपने पैर दादी की टांगो के बीच से हटा दोनो तरफ बाहर कर दिया और उनके उपर उकडू सा हो गया, दादी भी समझ गयी उसने भी अपने पर पास मै ले लिए, मै दादी की दोनो जांघो पर आगे झुकता हुआ बैठ गया, मेरा लंड दादी की चूत से लगता हुआ, दोनो जांघो मै फस गया दादी अब मेरे मोटे और लम्बे लंड को आराम से फील कर रही थी, दोनो की साँसे जोरों पर थी, मेरा हाथ दादी की मालिश भूल गया, मुझे और दादी को कुछ भी होश नही था, मै दादी के उपर लेट गया, दादी भी कुछ नही बोली और जोर जोर से साँसे लेने लगी, अचानक मेरे हाथ दोनो साइड से जाके दादी के ब्लाउस से चुन्चियो पर आ गया, दोनो एकदम चुप थे, दादी की जाँघ तो तेल से पहले ही चिकनी हो रखी थी, अचानक मेरी कमर उपर नीचे होने लगी, चिकनी जांघो से लंड चूत की फांकों तो स्पर्श करता हुआ उपर नीचे होने लगा, मै दादी की जांघो को चोद रहा, मेरे मोटे लंड की रगड़ से दादी को दर्द हो रहा, वो हर बार आह आ आह कर रही थी, दादी की चूत का पानी और चिकना बना रहा था, तभी मेरा शोला उखड़ने लगा मुझे लगा की अब वीर्य निकलने वाला है मैने लंड को चूतडो की खाई पे लगा दिया, और मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ा जो बहुत गर्म था, वीर्य खाई से होता हुआ दादी की दोनो फांकों मे से चूत पर होता हुआ बेड पर गिरने लगा, दादी की चूत को जैसे ही गर्म वीर्य लगा, दादी हाय राम मर गयी रे कहती हुई झटके खाकर झरने लगी, कुछ देर हम दोनो साथ झर रहे थे, मै दादी के उपर ही थक कर कुछ देर लेटा रहा, थोड़ी देर बाद मै सोये हुए ही साइड मे गिरकर लेट गया, जैसे ही मै साइड मे लेटा दादी, आज तो पेटिकोट भी पुरा भीगो दिया है, कहती हुई फिर से लेट गयी.. Nextआगे… मै दादी आज बहुत ज्यादा तक खुल गये थे दादी भी तड़प रही और मे भी बस एक दूसरे से अंजान बनकर झरते रहते, आज दादी ने लंड और वीर्य को चूत पर महसूस कर लिया था, अब उनकी आग और भी भड़क गयी थी, लेकिन मेरे लंड पर पहले मेरी माँ की चूत का नाम लिख था, क्यों की उनकी चूत ने भी कभी लंड नही लिया था, बस पापा के साथ थोड़ा सा ही हुआ था,
मै और दादी उस रात आराम से चिपकर सो गये, सुबह जब नींद से आँखे खुली तो देखा माँ भी आ गयी थी दादी माँ बुआ तीनो बैठकर बाते कर रही थी, एक साथ तीनो परियो की रानी लग रही थी, मैने कपड़े पहन बाहर आया, तीनो मुझे देख मुस्कराई, मै बोला माँ आप कब आई, माँ मै घर पर अकेली थी दिल नही लगा तो सोचा आप सब से मिल आउ, इसलिए आ गयी, यहा आके अच्छा लगा, सबसे मिल भी ली, फूफा भी अब ठीक से है, तभी माँ बोली की अब मै चलती हु थोड़ा काम है घर पर, तभी बुआ बोली भाभी अभी तो आई हो और अभी जा रही हो, जरूरी काम है तो बेटे को ले जाओ, फिर कभी वापिस भेज देना इसे, माँ बोली हा सही कहा अभी अकेली भी हु, बहुत बोर हो जाती हु अभी इसको ले जाती हु वापिस फिर कभी भेज दूंगी,अभी माँ जी को कुछ दिन रख लो आप, दादी और मै सब चुपचाप सुन रहे, दोनो के चेहरे से उदासी दिख रही, तभी माँ बोली चल बेटा गाड़ी मे बैठ जाओ, दादी मेरे पास आई और धीरे से बोली बेटा अपना ध्यान रखना अपनी बात ना बता देना, मै कुछ ही दिन मै आ जाऊंगी, मेरे लाल तेरी बहुत याद आयेगी, मै दादी मुझे भी बहुत याद आयेगी, मै गाड़ी में बैठ गया और घर की तरफ चल दिया , और दो बारूद के जिस्म अलग अलग हो गये, हम घर आ गये

Diary Of a Cuckold Husband

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