Incest रुतबा या वारिस – Family Sex Story

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दादी — बेटा जल्दी तैयार हो जाओ, तेरी बुआ के पास चलना है,
माँ– माँ जी कुछ दिन रुक लो, बाद मे चले जाना,
दादी– अरे बहू, वो तेरी ननद के लिए मंदिर से कुछ पूछ कर आई थी, तो पुजारी जी ने अभी करने को कहा है, इसलिए जाना है, तु भी अपना ध्यान रखना,
माँ– ठीक है माँ जी,
इतने मे मैने गाड़ी स्टार्ट की और बुआ के घर की तरफ चल पड़े,
मै– दादी बताओ ना आपने क्या सोच रखा है बुआ के बारे मे, मेरा और बुआ का काम बनेगे क्या,
दादी– बेटा, तु घर तो चल, जैसा मै कहु वैसा करना, लेकिन मुझे नानी जरूर बनाना,
मै– हा दादी जैसा आप चाहो वैसा ही होगा,

मै दादी कुछ देर बाद घर पहुँच गये, बुआ और फूफा दोनो बाते कर रहे,
मेरे दिमाग मे तो बुआ तो चोदने के सपने आने लगे थे, जैसे ही बुआ ने मुझे गले लगाया, दिल किया की उनको जोर से दबा लू,
बुआ चाय बनाने के लिए चल पड़ी, हम बैठकर बाते करने लगे, पूरा दिन युही बीत गया, शाम को खाना खाया सभी ने साथ मे, तभी….
दादी– रमा बाद मे हुक्का लगाने आना, कुछ बात भी करनी है तुझसे,
बुआ– ठीक है माँ कुछ देर मे आती हु,
मै और दादी कमरे मे चले गये,
मै–दादी प्लान तैयार है ना, बुआ को पटाने का,
दादी– हा बेटा, तु देखता जा, मै क्या करती हु,
कुछ देर मे बुआ हुक्का लेती हुई कमरे मे आ गयी,
बुआ– लो हुक्का पिलो, माँ
दादी और बुआ और मै तीनो हुक्के का कस लगाने लगे,
बुआ– माँ, आप क्या जरूरी बात करना चाहती थी, बोलो अब
दादी– बेटी तेरे पेट होने की कोई बात है
बुआ– खुश होती हुई, माँ जल्दी बताओ ना, ऐसी खुशी की बात,
दादी– बेटी बात तो खुशी की है लेकिन पता नही तुझसे होगा या नही वो काम
बुआ–उत्तावली सी होती हुई, माँ आप जल्दी बताओ, मै माँ बनने के लिए कुछ भी कर सकती हु,
मै उन दोनो की बात सुन रहा था, और हुक्के का मज़ा ले रहा था,
दादी– पंडित जी से बात हुई थी मेरी, उन्होंने कोई दोष बताया है वो दूर होगा तभी मुन्ना होगा वरना नही होगा
बुआ– माँ आप बताओ दोष कैसे दूर होगा, मै सब कुछ करूँगी,
दादी– नही बेटी शायद तुझसे नही होगा, बहुत ही बुरा काम है
बुआ– माँ मै सब कर लुंगी बताओ तो सही,
दादी– पता नही तुझसे कैसे कहु
बुआ— माँ बताओ ना, अब
दादी- बेटी, पंडित जी ने बताया है की…
बुआ— की….. आगे तो बोलो
दादी– बेटा तुम्हे तीन दिन किसी कुवारें लड़के का वीर्य निकाल कर पीना होगा,
बुआ–ऐसा सुनकर बुआ एकदम से चुप हो गयी, ये क्या कह रही हो माँ
दादी- बेटी मै नही ऐसा पंडित जी ने बताया है,
बुआ–मेरी तरफ देखती हुई बेटा राज तुम कुछ देर बाहर जाओ, ऐसी बात तुम ना सुनो,
दादी- नही रहने दो इसे यही पर, यही हमारी सहायता कर सकता है,
बुआ– माँ राज कैसी सहायता करेगा
दादी– बेटी अगर तुम ये सब कर सकोगी तो राज ही हो सकता है वो लड़का, अपने घर का है, बात घर मे रहेगी और तुम पेट से भी हो जाओगी,
बुआ– गुस्से से माँ, पता है आप क्या कह रही हो, राज मेरे बेटे जैसे ही है मै ऐसा सोच भी नही सकती,
दादी– मैने पहले ही कहा था, तुम्हारे बस का नही है ऐसा करना
लेकिन हमे बाहर कोई कुवारा लड़का कहा मिलेगा और मिल भी गया और बात फैल गयी तो बदनामी हो जायेगी, इसलिए राज ही ठीक रहेगा, वरना ऐसे ही रहो बिना मुन्ना के,
बुआ– सोचती हुई, माँ लेकिन ये सब कैसे, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा,
दादी– अब समझना क्या है मुझे जो सही लगा बता दिया, अब तुम जानो
बुआ– लेकिन माँ, कोई और उपाय नही बताया क्या पंडित जी ने,
दादी– नही और नही, यही बताया,
बुआ– माँ राज बेटा है मेरा और मै इसके साथ ऐसा, माँ मेरा तो दिमाग ने काम करना बन्द् कर दिया है,
दादी– मेरी तरफ आँखे मारती हुई, बेटा क्या तु ये सब कर पायेगा, अपनी बुआ के लिए,
मै– भोला बनता हुआ, दादी ऐसा कैसे हो सकता,
दादी– बेटा तेरी बुआ की ज़िंदगी मे खुसियो के लिए क्या तुम ये नही कर सकते,
मै– दादी बात तो सही है है अगर मेरे कारण बुआ की ज़िंदगी मे खुशिया आती हैं तो मेरा जीवन धन्य है, मै तो तैयार हु,
बुआ– माँ, मै सोच कर बता पाऊँगी,
दादी– बेटी अब सोचना क्या है तुमने तो वैसे भी राज को नंगा देखा है, बस मुठ मार के पानी निकालो और पी जाओ, और वैसे भी तीन दिन की तो बात है, और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा,
बस तीन दिन सबकुछ भूल कर ये काम करदो, हम सबकी खुशी के लिए, ये काम हम कल से शुरू करेंगे,
अब तुम जाओ और खुद को दिल से तैयार करलो,…
………आगे..
बुआ वहा से उठकर अपने कमरे मे चली गयी, बुआ के जाते ही दादी कमरे का दरवाजा बन्द कर बेड पर आ गयी,..
मै–दादी आपके प्लान तो कमाल का है, बुआ को मुन्ना और जवानी दोनो का मज़ा दे दूंगा,
दादी– हा बेटा, उसे खुश कर देना, लेकिन आराम से, तेरा लंड तो मेरी जान निकाल देता हैं, वो तो फिर भी कई दिन से नही चुदी हुई है, तेरा लंड तो उसकी सब इच्छा पूरी कर देगा,
मै– दादी को बाहों मे लेते हुए, ठीक है दादी बुआ को खुश कर दूंगा लेकिन अब आप मुझे खुश करदो, कहता हुआ दादी की चुन्चियो को ब्लाउस के उपर से पकड़ लिया,
दादी– नही बेटा आज नही, अब तो तेरा पानी बेटी की चूत मे ही डालना पहले, मै तो कही नही जा रही,
मै– ऐसा मत कहो दादी, आप दोनो को खुश रखूँगा, कहता हुआ दादी के ब्लाउस को एक ही झटके में खोल दिया, दादी की बड़ी बड़ी मस्त चुन्चियो ब्रा मे भरी पड़ी थी,
दादी– नही बेटा बोला ना आज नही, जब तक तेरी बुआ को चोद के खुश नही कर देता तब तक अपना पानी बचा कर रखो, उसको इस पानी की ज्यादा जरूरत है
अब ऐसा कहती हुई अपना ब्लाउस को बन्द करने लगी,
मै–ठीक है दादी, लेकिन बुआ को तो आपने पानी पीने को कहा है, वो चूत कब मरायेगी,
और हा आज नही चोदुगा आपको लेकिन आपको मेरी एक बात माननी होगी..
दादी–कया बात बेटा
मै–अभी नही दादी बाद मे बताऊंगा जब बुआ को खुश कर दूंगा, तब माननी पड़ेगी बात,
दादी– ठीक है बेटा, अब सोजा तेरे लिए कल का प्लान सोचना है, कहती हुई दादी आँखे बन्द कर सोचने लगी और सोने लगी,
मै भी कल का सोच जल्दी सो गया….
सुबह हुई, बुआ दोनो के लिए चाय लेकर आ गयी…
हम दोनो ने चाय लेकर पीनी शुरू कर दी, तभी दादी— बेटी क्या सोचा है तूने
बुआ– माँ पता नही ये सब कैसे होगा, मैने पहले ऐसा कभी नही पिया,मुझे घिन आती हैं
दादी– बेटी हिम्मत रख, सब कर सकती है तू,
तब तक चाय पूरी हुई, दादी टॉयलेट के लिए चली गयी, बुआ भी अपने काम मे लग गयी,
मै आज खुश था, क्यु की मालदार बुआ चोदने को मिलेगी, उसका बदन सोचके की लंड खड़ा होने लगा है,
धीरे धीरे शाम होने को चली, शाम का खाना बन गया मै बुआ दादी साथ खाना खा रहे थे, मेरी नज़र में सिर्फ बुआ का बदन आ रहा था, भरा हुआ कसा हुआ, बड़ी बड़ी चुन्चिया, मोटी गांड, चिकना पेट, माँ सीता की तरह मस्त लग रही थी,
दादी– बेटी एक काम करना, तुम दोनो एक कमरे मे सो जाना, ताकि आपका काम सही से हो जाए,
बुआ— उनको बोल देना की तू मेरे साथ बाते करेगी इसलिए आज मेरे पास ही सो सकती है
लेकिन माँ इसमे तो वैसे भी ज्यादा समय नही लगेगा,
दादी– बेटी, बात समय की नही है, आप दोनो के पास पूरी रात होगी तो, जितना हो सके उतना कर लेना, कोई जरूरी थोड़ी है की एक बार ही करो,
चलो एक काम करो दोनो नहा धो लो, अच्छा काम की तरह नहाना जरूरी है पहले,
बुआ– माँ आप कुछ देर मेरे साथ रहना, वरना मै राज के साथ ऐसा नही कर पाऊँगी,
दादी— नही बेटी, ये तुम दोनो आराम और प्यार और खुलकर करना, तभी ठीक रहेगा
बुआ– ठीक है माँ मै तैयार हो आती हु, पता नही कैसे होगा
मै और बुआ दोनो नहाने के लिए चले गये, दादी दूसरे कमरे मे चली गयी,
बुआ अपने कमरे मे फूफा से….
बुआ– सुनो जी राज बेटा और माँ साथ सोने को बोल रहे है इसलिए मै वहा सोऊँगी, आपके लिए पानी रख दिया है रात को पी लेना,
होली का महिना मस्ती लिए हुए खिल रहा है बुआ का बदन का रोम रोम मस्ती मे डूबा हुआ था Family Sex Story

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