Incest रुतबा या वारिस – Family Sex Story

हम दोनो पैसाब करके जैसे ही वापिस कमरे की तरफ चले, दादी बोली रुक बेटा अभी,, कहती हुई बुआ के कमरे की खिड़की के पास चली गयी,
मै भी दादी के पीछे पीछे चल दिया,
दादी ने थोड़ी सी खुली खिड़की के पास आकर अपना चेहरा लगा बुआ और फूफा को देखने लगी,
मैने धीरे से दादी क्या देख रही हो,
दादी– धीरे से बोल बेटा, तेरी बुआ और फूफा को देख रही हु, उनको मुन्ना नही हो रहा है ना, देख रही हु क्या करते है
मै– ठीक है दादी मै भी देखता हु,
दादी– तुम जाओ ना, कमरे मे, मै आती हु अभी
मै– नही दादी मुझे भी देखना है, मेरी दादी देखेंगी तो मै भी देखूंगा,
दादी– ठीक है लेकिन आवाज मत करना,
मै– ठीक है दादी,
कहता हुआ दादी के पीछे खडा हो गया,
दादी आगे झुकी और अपना चेहरा खिड़की से लगा देखने लगी,
मै भी दादी के पीछे उनके चुतडो के बीच अपना लंड लगा खडा हो देखने लगा,
अंदर…
बुआ अपनी चुनरी निकालते हुए, फूफा से
बुआ– सुनो जी, आप तैयार हो ना, अपने कपड़े निकाल दो ना,
फूफा– तु क्यु पीछे पड़ी है, तुझे बोल दिया है मेरी हिम्मत नहीं है अब, मै कैसे तुम्हे मुन्ना दु,
बुआ– आप बस लेटे रहे, जो करना है मै कर लुंगी, मुझे चाहिए मुन्ना,, ठीक है कहती हुई फूफा की पैंट खोल निकालने लगी, बुआ ने पेटिकोट उपर कर अपनी पैंटी को निकाल दी, बुआ की पीठ हमारी तरफ थी, बुआ ने जब पैंटी निकाली झुक कर उनकी फूली हुए चुतड जो बिल्कुल दादी की तरफ ही बड़े बड़े थे देख कर मेरा लंड पूरा खडा हो गया जो दादी के चुतडो पर पड़ा था, मैने कमर पर जोर दिया जो दादी को लंड खडा महसूस होने लगा,
बुआ ने फूफा की चड्डी निकाली तो छोटा सा लंड पड़ा था,
बुआ खड़ी खड़ी झुककर फूफा का लंड पकड़ लिया, बुआ का पेटिकोट नीचे जरूर हो गया था लेकिन उनके चुतडो का आकार अब भी दिख रहा था,
बुआ फूफा के लंड को पकड़ खडा करने की कोशिश करने लगी,
मै धीरे से– दादी फूफा का लण्ड को बिल्कुल छोटा सा है,
दादी– हा बेटा, तभी तो समस्या है
मैने अपनी कमर हिला कर लंड को दादी के चुतडो पर पेटिकोट के उपर से ही रगड़ने लगा,
दादी– चल बेटा, लंड तो तेरा है जो खडा ही रहता है, चल कमरे मे, इसको शांत करदु
मै– नही दादी अभी देखना है, मुझे बुआ क्या करती है
दादी एक बात कहु,
दादी– हा बोल बेटा,,
मै– दादी बुआ के चुतड बिल्कुल आप पर गये है, कहता हुआ दादी के पेटिकोट को उपर करने लगा,
दादी– बेटा क्या कर रहा है यहाँ नही कमरे मे चल,
मै — रुको ना दादी अभी,
उधर बुआ….
फूफा के लण्ड को खडा करने की कोशिश कर रही थी, बुआ ने मरे हुए चूहे जैसे लंड को मुंह मे लेने लगी, लेकिन लंड पूरा खडा नही होने के कारण मुंह से बार बार निकल जाता,
मै दादी के थोड़ा पीछे हुआ और पेटिकोट को कमर तक दादी की पैंटी निकालने लगा,
दादी– यहा नही बेटा, सुन..
मै– नही दादी आप चुपचाप उनको देखती रहो, मै सब अपने आप कर लूंगा,
मै फर्श पर अपने घुटने टेक दादी के पीछे बैठ गया,
दादी झुकी हुई थी जिससे दादी के चुतड और चूत फैली हुई थी,
मैने दादी के चुतडो को पकड़ अपना चेहरा दादी की चूत पर लगा दिया, दादी एकदम से हिली, क्या कर रहा है यहा, चल कमरे में वहा कर लेना,
मै– नही दादी, यही, और आप चुपचाप रहो, वरना बुआ को पता चल जायेगा,
दादी फिर से खिड़की पकड़ झुक गयी,
मैने अपनी जीभ निकाल दादी की चूत पर लगा चूत का नमकीन पानी चाटने लगा,
दादी मस्ती मे, धीरे से आह…. आह. .
दादी अब मस्त हो गयी,
मैने अपना पूरा चेहरा दादी के चुतडो पर लगा और गुलाबी चूत का रस पी रहा था,
दादी की कमर अब धीरे धीरे हिलने लगी, दादी– आह,, हाय… उफ…. चाट.. बेटा चाट, बड़ा मज़ा आ रहा है.. उफ……
उधर फूफा का लंड थोड़ा सा ही खडा हुआ, की फूफा बोले रमा मेरा पानी निकलने वाला है, बुआ ने लंड को मुंह से बाहर निकाल हाथ मे ले हिलाने लगी,
इधर दादी– आह… बेटा…… बड़ा मज़ा आ रहा है आह…. आह…..
दादी की चूत पानी से एकदम चिकनी हो गयी थी,
उधर…
बुआ फूफा का मुठ मार रही थी की फूफा ने बुआ के हाथ मे ही पानी छोड़ दिया, बुआ ने जल्दी से वीर्य को उँगली से चूत मे लगाने लगी,,
दादी–आह… आह. … उई…… दादी चूत की चटाई सहन नही कर सकी, और अचानक से नीचे झुक गयी झड़ने लगी,
मरी रे…. आह आह. .. आह……….
दादी के दोनो पेरो में जकड़न होकर झड़ रही थी,
दादी जल्दी से उठी और मेरे खड़े लण्ड को पकड़ कमरे की तरफ चल पड़ी,,
दादी– बेटा तु चूत की चटाई भी बहुत अच्छी करता है मै तो वही झड़ गई, अब जल्दी से चूत मार बेटा,,
दोनो कमरे मै आ गये दादी ने दरवाजा बन्द कर दिया,
दादी जैसे ही बेड के पास आई मैने दादी को पकड़ फिर से झुका दिया
दादी– क्या इरादा है आज झुका ही रहा है,
झुकी हुई दादी की गांड और चूत दोनो मेरे सामने आ गयी,
मैने अपना लंड पकड़ दादी की चूतपर रखा,
दादी– आह आज मुझे कुतिया बनाकर चोदना चाहता है, मेरे लाल
मै– हा दादी तेरे चुतड बड़े मस्त है इसलिए आज ऐसे ही चोदुगा,
इतना कह मैने लंड को चूत पर रख धक्का दिया जोर से, लंड दादी की चूत को चिरता हुआ गर्भाशय से टकराया.
दादी– उई………….. माँ…. ……. मरि रे……… आ…… .. आ……….. क्या डाल दिया रे…….. आ…….
बेटा आराम से,,, आह. …….. आ……. ..
मैने चुपचाप दादी की कमर को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिला कर दादी की चूत की चुदाई करने लगा,
दादी दर्द और मस्ती मे अपने हाथ पीछे ला मेरे हाथो को पकड़ लिया,
आह………. आह………… आह……….
बेटा तेरा लंड तो जन्नत की शेर कराता है आह.,.. आह…. .. .. मेरा लंड अब दादी के चूत के पानी से पूरा गिला होकर पचक …….. पचक…….. पचक…. की आवाज कर चूत मार रहा था,
मेरे हर झटके मे दादी खुद झटका खा रही थी,… आह… . …. आह….. . . आह…..
कुछ ही देर मे दादी फिर से अकड़ने लगी, लगी, मै समझ गया दादी फिर से झड़ने वाली है, मैने अपनी कमर की रफ्तार बड़ा दी,
दादी सहन नही कर पायी और अकड़ती हुई झड़ने लगी, और नीचे बैठने लगी,
आई……….गई……. रे……..ई…….ई……… गई……
दादी कह रही थी
लेकिन मैने दादी को बैठने नही दिया, और उनको कमर से जोर से पकड़ कमर सेउठा लिया और तेज चुदाई करने लगा,
दादी पहले से ही झड़ रही और अब और तेज चुदाई हो रही
दादी– उई……. माँ……. छोड़….. दे………. ई………….. आ……….. आह………. मरी……
दादी का बदन अकड़ता हुआ दादी खड़ी हो गयी पूरी, दादी का पूरा वजन मेरे लंड पर आ गया, और मै भी दादी की चूत मे झटके खाकर झड़ने लगा, मेरे झटके के साथ दादी भी हिल रही थी,
दादी– मार दिया… बेटा….. आज…… आह….. आह……. हम दोनो झड़ कर शांत हुए की मैने अपनी पकड़ दादी की कमर से छोड़ी, दादी अचानक थक कर बेड पर गिर पड़ी, और चूत से बहुत सारा वीर्य निकल कर फर्श पर गिर पड़ा, मै भी दादी के बगल मे लेट गया,
दादी– बेटा तूने तो आज पूरी आग बुझा दी, मै 5 मिनट तक झड़ी हु, आज
तूने तो मेरी जान ही निकाल दी, बेटा, इतना तड़प रहा रहा तु,
मै– दादी आप हो ही ऐसी, आपको चोदने का मन बहुत करता है, अभी एक बार और करना है
दादी– नही बेटे, तूने आज मेरी हिम्मत ही तोड़ दी है, अब मुझमे हिम्मत नही है, अब तो कई दिन भी नही चोदेगा तो भी चुदाई का दिल नही करेगा मेरा,
बेटा अब सोजा कल गाँव भी चलना है, मेरे लाल सोजा,,
मै– ठीक है दादी,
हम दोनो सही से बेड पर लेट सोने लगे,,
मुझे माँ की याद आने लगी,, कई दिन हो गये उनको चोदे हुए, पता नही कब मौका मिलेगा,
…… खेर हम दोनो सो जाते है….
आगे…. Image

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