हम दोनो गाड़ी निकाल होस्पिटल आ गये,
मैने पापा का सामान रखने लगा, माँ को पहले ही समझा दिया था की डॉक्टर से मुन्ना करने की बोल देना,
माँ और पापा डॉक्टर के पास थे,
डॉक्टर– इनको बेड पर रेस्ट ही करना है और बस ऐसे ही आराम से रहना है, तभी,,
माँ– डॉक्टर वो मुन्ना..
डॉक्टर– हा, मुन्ना के लिए आपको इनका वीर्य ले आना है, मै आपको डबी देता हु इसमे वीर्य सुरक्षित रहेगा, इसको आप ले आना, फिर आप मे मशीन से डाल देंगे,,
पापा– सीता क्या जरूरत है अब इन सब की, हमारा बेटा है ना और क्या करेंगे,
माँ— नही, मुझे आपसे एक और चाहिए, उसको हम दोनो साथ मिलकर खिलाएंगे,
पापा– ठीक है जैसा तुम चाहो
ठीक है डॉक्टर अब हम चलते है,
पापा और माँ दोनो गाड़ी मे आ गए, हम घर की और चल पड़े,
शाम हो चुकी थी, जैसे ही घर पहुंचे माया तो माँ का रूप देख चकरा गयी,
माया– माँ जी, आज ही आप एक औरत का रूप मे लग रही हो, बहुत खुबशूरत लग रही हो,
माँ– सब मेरे बेटे ने किया है,
माँ– माया जल्दी से खाना लगा दे, फिर आराम करना है,
मैने और माँ ने पापा को बेड पर ला सुला दिया,
खाना बन चुका था, हम सबने साथ मे खाना खाया,
माँ– अकेले में, राज आज मै इनके साथ सोऊँगी, ताकि मुन्ना लगा हो उसका शक ना हो, मेरे लिए आज अकेला सो जाना, कल से मै तुम्हे साथ सुला लुंगी,
राज हम दोनो को सब राज ही रखना है,
मै– ठीक है सीता, जैसे तुम चाहो, वैसे माया को भेज देना, हुक्का लगा देगी मुझे..
मै कमरे मे आ गया, तभी माया आई, भैया हुक्का लगा दु,
मैं बेड पर बैठा हुआ, हा लगा दो दीदी
माया हुक्का लगाने लगी, माया झुकी हुई थी मेरी तरफ उसकी गांड थी, मै बेड पर बैठा देख रहा,
बहुत ही प्यारी गांड लिए हुए है इसका स्वाद लेना होगा, मज़ा आ जायेगा,
तभी माया हुक्का मुझे देती हुई लो भैया
मै– दीदी आप भी लो, बैठ जाओ यहा,
माया मेरे पास बैठ हुक्का का कस लगाने लगी,
माया– भैया आपने तो माँ को पूरा ही बदल दिया है, क्या थी क्या बना दिया है, मान गये आपको
मै– अरे दीदी अच्छा है ना, माँ भी अपनी नई ज़िंदगी जी लेगी,
माया को नही पता था मैने माँ को चोद दिया है
माया– भैया शहर से मेरे लिए कुछ नही लाये,
मै सोचते हुए अब क्या दु इसको
मै– दीदी आपके लिए पायल लाया हु, वो अभी माँ के पास रखी है, लेकर दे दूंगा,
माया– ठीक है भैया अब जाऊ क्या मै, घर पर वो इंतज़ार कर रहे है,
मै– हा जाओ दीदी, हम सुबह मिलते है,
माया उठी चल दी, उधर माँ..
माँ– सुनो जी, आज से हम नई ज़िंदगी की शुरूआत करेंगे, मुझे एक बेटा देना आप,
पापा लेटे हुए, हा सीता, मै तो कुछ नही कर सकता, पता नही कैसे होगा बेटा,
माँ– आप लेटे रहो जी, मै आपका मुठ मार दूंगी, और आप वीर्य इस डब्बी मे डाल देना, फिर डॉक्टर से डलवा लुंगी,
पापा– ठीक है सीता,, पता नही ये खड़ा होगा या नही,
माँ ने पापा की लुंगी खोल अलग कर दी,
पापा का लंड चूहे की तरह पड़ा था, माँ मन ही मन सोचती हुई, ये इतना छोटा सा है और मेरे बेटे का देखो, मेरी इस उम्र मे भी चूत फाड़ कर रख दी,
माँ ने पापा के लंड को हाथ मे ले लिया और पापा को किस करने लगी, पापा भी माँ को लेटे हुए किस कर रहे थे, कुछ देर में पापा का लंड थोड़ा सा खड़ा हुआ,
पापा- सीता आज कई सालों बाद ये हिला है, तु आज भी पहले जैसे जवान ही है,
हाय सीता… आ.. आह…
मज़ा सा आता है तेरे छूने से, माँ चाहती थी की पापा जल्दी से वीर्य छोड़ दे,
पापा– सीता मेरा निकलने वाला है, जल्दी से डब्बी लो
माँ ने जल्दी से डब्बी खोल दी, और पापा,,
आह.. आह.. आह. .. सीता करते हुए वीर्य छोड़ने लगे, माँ ने सारा वीर्य डब्बी मे डाल लिया,
पापा– सीता मज़ा दे दिया तूने, लेकिन ये वीर्य खराब नही होगा क्या कल तक
माँ– नही ये डब्बी डॉक्टर ने दी है, इसमे 24 घण्टे तक खराब नही होता है,
माँ चलो आप सो जाओ, मै बेटे को देख आती हु,
पापा– अरे वो सो गया होगा, सुबह मिल लेना, तुम भी सो जाओ, अब,
माँ– ठीक है सुबह, उसको होस्पिटल लेकर भी जाना है,
माँ और पापा दोनो सो गये,
सुबह हुई, माँ मेरे कमरे मे आकर उठ जाओ राज, चाय पिलो,
मैने आँखे खोली सामने माँ चाय लिए हुए खड़ी थी, मै– सीता तेरी याद मे रात भर नही सो सका, पता नही तुम कब चोदने दोगी,
माँ– बस आज की बात है राज, जल्दी से तैयार हो जाओ, होस्पिटल चलना है,
मै– पक्का सीता आज चोदने दोगी ना
माँ– राज मोका मिला तो,
मै खुद तड़प रही हु तेरे लिए,
लेकिन हमे ऐसे ही रहना होगा,
अब जल्दी से तैयार हो जाओ,
मै और माँ दोनो तैयार होकर जल्दी से गाड़ी मे बैठ होस्पिटल के लिए चल पड़े, माँ ने साड़ी पहनी हुई थी उसमे बड़ी मस्त लग रही थी.
थोड़ी दूर गये हि थे की माँ राज गाड़ी रोको मुझे पैसाब लगी है
मै– नही सीता, गाड़ी सीधी होटल मे रुकेगी, यहाँ नही,,
माँ– राज जोर से आ रही है रोको ना गाड़ी
मै– इंतज़ार करो सीता, मै भी किया हु,
होटल मे ही करना,
माँ — राज तुझे मेरी कसम हैं रोको नही तो निकल जायेगा,,
मै– ठीक है रुको कसम ही दे दी तो
मैने एक तरफ जंगल में गाड़ी रोक दी, जहा कोई नही था रास्ता था केवल
माँ ने जल्दी से उतर थोड़ी दूर गयी, और अपनी साड़ी उठा पैंटी नीचे कर बैठ गयी, माँ के बड़े बड़े चुतड को देख लंड खडा होने लगा, जैसे कोई तरबूज हो,
माँ की चूत से पैसाब की धार दोनो चुतडो के बीच से दिख रही, दिल किया अभी पीछे से जाकर चोद दु, मै भी गाड़ी से उतर माँ के पीछे खड़ा हो गया चुपचाप,
माँ पैसाब कर जैसे ही खड़ी हो मुड़ी मुझे देख
माँ– राज, तु मेरे पीछे कब खडा हुआ पता नही चला
मैं– सीता तेरी मस्त गांड को देख मेरा लंड खडा हो गया है सीता जल्दी से चूत मारने दे,
माँ– राज यहाँ कैसे, कोई भी आ सकता है, हम शहर मे कमरे मे कर लेंगे,
मै– सीता शहर मे कोई काम नही है अपना मुझे अभी चूत मारनी है बस, और इंतज़ार नही होता,
माँ– राज लेकिन यहा ठीक नही है,
मै– सीता हम थोड़ा अंदर तक जायेंगे जंगल मे, वहा कोई नही आयेगा,
माँ—- ठीक है राज, मै आती हु रुको,
माँ ने गाड़ी मे जाकर वीर्य की डब्बी निकाल और दूर फेंक दी,
माँ– इसकी कोई जरूरत नही, मेरा राज है अब
मै और माँ जंगल मे जाने लगे,
कुछ दूर गये, माँ खड़ी हो गयी,
आओ राज, दोनो की तड़प दूर करदो
मैने माँ को जल्दी से बाहों मे ले उनके होठो पर टूट पड़ा,,
माँ– हाय राज खां जा इनको, जब तु होठो को चुसता है मेरी चूत मे पानी आने लगता है
मै माँ के होठो का रस पी रहा, और दोनो हाथो से माँ के चूतड़ को जोर जोर से दबा रहा,
माँ– हाय राज तेरे हाथो मे जादू है, मेरे चुतड को मस्त कर रहा है,
हम दोनो फुल मस्ती मे आ गये, मैने अपनी पेंट खोल, लंड बाहर निकाल माँ के हाथ मे दे दिया,
माँ– हाय राज,, कितना तड़प रहा है ये,
मै– सीता इसकी तड़प दूर करदो, अभी
तभी..
माँ होठो को छोड़ नीचे पत्तो पर लेट गयी, और अपनी साड़ी को कमर तक उठा ली,
माँ– आजा मेरे राज, मेरी भी तड़प दूर कर दो, माँ अपना ब्लाउस खोलने लगी,
माँ की गोरी गोरी टांगो और चूत पर लगी पैंटी को देख लंड फटा जा रहा था,
और माँ ने ब्लाउस खोल दिया जिससे उनकी ब्रा मे कसे हुए चुन्चै को देख रुका नही जा रहा था, मै जल्दी से माँ के पैरो मे बैठ गया, और माँ की जांघो को पकड़ पैरो को चौड़ा कर दिया,
माँ– राज जल्दी करो,
मैने माँ की चूत को पैंटी पर से ही चूमने लगा, पैंटी माँ की चूत के पानी से थोड़ी गीली सी हो गयी थी
माँ की चूत का पानी और पैसाब की खुशबू मुझे मद होश कर रही थी,
माँ– क्या कर रहा है आज,, आह, आह…….
ये गंदी जगह है राज, यहाँ मुह मत लगाओ,
मै– गंदी नही है सीता, इसी मे तो तड़प आती है, इसको भी प्यार करना है
सी.ई…… राज
मै माँ की चूत को पैंटी पर से ही चूमता रहा, कभी जांघ कभी चूत
माँ– आह राज, जल्दी करो ना,,, तुम तो पागल ही कर देते हो राज,,
मैने माँ की पैंटी को पकड़ निकालने लगा, माँ भी अपने दोनो चूतडो को उपर कर पैंटी को निकालने मे मदद की,
एक ही पल मे पैंटी अलग हो गयी, मैने अपना चेहरा माँ की चूत के पास ले गया,
माँ की चूत फटी हुई और चिकनी हो रखी थी,
मैने अपना मुह माँ की चूत पर रख दिया,
माँ– हाय तौबा,, राज हाय,,, आह राज,, मत कर गंदी है– आह ई ई ई..
मै माँ की चूत की फांकों को चूमने और चूसने लगा,,
माँ की चूत की खुशबू मस्त आ रही थी
अचानक मैने अपनी जीभ निकाल चूत की फांकों के बीच डाल दी, जो सीधी चूत के छेद से लगी,
माँ– उई.. माँ…. सी.. ई… ई.. ई..
माँ का हाथ मेरे सर पर आ गया,
मैने अपने दोनो हाथ माँ के दोनो चुन्चो को पकड़ दबाने लगा,,
और अपनी जीभ चूत मे चलाने लगा,,
माँ– आह राज,, मज़ा आ रहा है,, आह,,. आ. आ…. आ.. आह.. राज
मै पूरी मस्ती से माँ की चूत को चाट रहा था, तभी माँ ने अपने दोनो पैरो से मेरे सिर को दबा लिया और मेरे सिर पर जोर देकर चूत पर जोर दे झटके खाने लगी.. Family Sex Story
माँ– आह्, आह.. आह.. आह… आह.. राज, मार दिया रे.. राज..
मै माँ की चूत पर कुछ देर पड़ा रहा,
माँ ने अपनी पकड़ ढीली कर दोनो पैरो को खोल मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी,
माँ– राज ऐसा मज़ा कभी नही आया, अब जल्दी डाल दे,,

मै माँ के पैरो मे बैठ माँ के उपर लेट उनके चुन्चो को चूसने लगा, दोनो चुन्चो का बारी बारी से चूम और चूस रहा,
माँ का हाथ फिर से मेरे सर पर आ गया,
आह राज, खा जा इनको कहती हुई अपने पेर मेरी कमर पर डाल दिये, मेरा लंड माँ की चूत पर पड़ा था, जो माँ की चूत पर दब रहा था, चुन्चो को चुसता हुआ मैने अपनी कमर उपर कर लंड का टोपा को चूत पर कर दिया,
माँ– राज आराम से करना, सुहागरात पर बहुत दर्द हुआ था,
मैने एक हाथ से लंड को पकड़ माँ की चूत के छेद पर लंड को रगड़ने लगा,
माँ– आह राज,…
लंड का टोपा चूत से गिला हो गया था, मैने छेद पर रुक अपनी कमर को थोड़ी सी नीचे की लंड का सुपाडा फस्ता हुआ चूत मे घुसने लगा,
माँ– आई,, मा,, मर गयी,, राज धीरे धीरे,, आह राज… आ.. आ.. आ..
लंड अपनी धीमी गति से अंदर जा रहा, लंड का सुपाडा घुसते ही मैने हाथ निकाल माँ के चुन्चै पकड़ लिए और माँ को किस करने लगा, मैने अपनी कमर को ढीला छोड़ दिया,,
लंड धीरे धीरे चूत मे घुसने लगा, तभी मैने एक जोर का झटका लगाया, पूरा लंड चूत में घुसते हुए सीधा माँ की गर्भाशय से लगा,
माँ– हाय राम.. आह राज, मर गयी,,
माँ ने भी मुझे बाहों मे कस लिया, दोनो एक दूसरे मे मिल गये, हम दोनो एक दूसरे के होठो को चूसने लगे, तभी मैने अपनी कमर को उठा के चूत की चुदाई शुरू कर दी,
माँ– आह, राज आराम से आह.. सी…. ई… ई… राज
मेरे लंड की रगड़ चूत पर वार कर रही थी, पूरा लंड माँ की चूत के पानी से गिला हो चुदाई कर रहा था, गर्भाशय पर लंड की टक्कर माँ सहन नही कर पानी और मेरे होठों को दांतों मे दबाती हुई झटके खाने लगी जो मुझे और मस्त कर रहा था, मै समझ गया माँ झड़ गयी है लेकिन मैने चुदाई जारी रखी, चूत पूरी गीली होने से अब लंड आराम से चूत मे जा रहा था, मै भी अपनी कमर को जोर जोर से झटका मार चूत की चुदाई कर रहा था
माँ– आह राज ऐसे हि करता रह
मै– सीता मै क्या कर रहा हु. मस्ती से बोला
माँ– राज तु चुदाई कर रहा है मेरी माँ भी पूरी मस्ती मे थी
मै– सीता तेरी चूत की चुदाई कोन कर रहा है और किससे कर रहा है
माँ– आह.. सी..
मेरी चूत मेरा पति चोद रहा है अपने लंड से
मै– तू हमेशा ऐसे ही चुदेगी ना सीता मुझसे
माँ — आह.. हा मेरे पतिदेव जैसे कहोगे वैसे चुदाई करवाउंगी
मै माँ की बातों से और मस्त हो गया और जल्दी जल्दी झटके मारने लगा,
माँ मेरे झटको से पागल हो रही,, हाय राज बड़ा मज़ा आ रहा है, आह….
मैने माँ को जोर से कस लिया और पूरा लंड माँ की चूत पर जोर देकर चूत मे वीर्य गिरने लगा,
गर्भाशय पर गर्म वीर्य माँ सहन नही कर पाई और माँ फिर से झटके खा कर मेरे साथ झड़ने लगी,
दोनो ने एक दूसरे को जोर से कस लिया,, दोनो की साँसे आसमान पर थी, दोनो झड़ने से आराम मिला कुछ देर माँ के उपर ही लेट गया,
थोड़ी देर बाद मैने अपना गिला लंड चूत से बाहर निकाला साथ मे चूत से वीर्य गिरने लगा,
माँ– राज आज बहुत मज़ा आया, आज इतना दर्द नही हुआ और मज़ा भी बहुत आया, मैने माँ की पैंटी से लंड को साफ किया, माँ भी खड़ी हुई जिससे वीर्य उनकी चूत से निकल कर जांघो से होता हुआ नीचे गिरने लगा,
माँ– राज तेरे बहुत पानी आता है बिल्कुल घोड़ा है मेरा पति
माँ पैंटी से अपनी टांग और चूत पर लगा वीर्य साफ करने लगी,
माँ की नंगी चुन्चिया गजब ढा रही थी, माँ ने अपने ब्लाउस को बंद किया और बोली राज अब चले क्या,,
माँ ने पैंटी को फेंक दिया, वो पूरी भीग गयी थी,
मै– अभी कुछ देर रुको ना चलते हैmast update