मा जो उसी समय से मेरी हरकत देख रही थी.. क्या हुआ मेरे पतिदेव तो कुच्छ ज़्यादा ही खुश लग रहे है..
मेने मा के पेट को सहलाते हुए उनके तौलियो को निकालकर फेंक दिया .. में भी एकदम नगा होकर उनके पीछे से चिपक गया……………….
मेरा 8 इंच का लंड जो एकदम लोहे के रोड माफिक हो गया था उनके चुतड़ों के दरारों में घुस गया चूत के लबो को चूमने लगा.
में मा को अपने से सटा ते हुए एक हाथ से उनके पेट को अपनी ओर दबाते हुए दूसरी हाथ से उनके उभारों को सहलाने लगा. .
राज:-मा तुम जानती हो की में इंटरव्यूस में पास् हो गया हू. कल ही में 6 महीने के ट्रैनिंग के लिए जा रहा हू..
इतना सुनते ही मा उदास हो गयी.
राज:-अरे उदास क्यो होती हो जान जिंदगी भर के लिए थोड़े जा रहा हू..बस 6 महीने की तो बात है.. ये बात क्यो भूल रही हो महरानी ट्रैनिंग से आते ही आप जिंदगी भर के लिए मेरी हो जाओगी ..
माँ- तुम तो ऐसे कह रहे हो की 6महीना ना होकर 6दिन हो…
राज अपनी माँ के सर हाथ रखकर:- में तुम्हारे सर की कसम खा के कहता हू की ट्रैनिंग से आते ही सबसे पहले तुमको अपनी दुल्हन बनाउन्गा..उसके लिए में दुनिया किसी से भी लड़ जाऊँगा लेकिन उसी दिन तुमको अपनी दुल्हन बनाउन्गा ये मेरा वादा है…..
मा ख़ुसी के मारे मेरे होंठो को बेतहाशा चूमने लगी.. में भी मा के होंठो को अपने होंठो में भरकर चूसने लगा.. एक हाथ से उनके उभारों को चूसने लगा दूसरे हाथ को पेट से नीचे सरकते हुए उनके डबलरोटी की भाँति फूली हुई चूत को अपने मुट्ठी भर लिया बिचली उंगली को कच से अंदर करके अंदर बाहर करने लगा.. मा मेरे होंठो को छोड़ ज़ोर से सिसकारी भरने लगी आआआ………………सस्स्स्स्स्स्सस्स …….म्म्म्ममममम……न्न्न्वववववव……एयाया
में मा से एकदम अलग हो गया.. बेड पर दोनो पैर नीचे लटका बैठ गया. मा मेरे मूह को तकने लगी जैसे किसी ने उनका मनपसंद खिलौना छीन लिया हो… मुझसे अब सहन नही हुआ. मेने अपने दो बाहें फैला दी मा मेरे इशारा समझ गयी मेने मा को बाहों में समा लिया वो तो मेरे होंठो को ऐसे चूसने लगी जैसे उनसे बरसो बाद मिला हू.
मेने अपने दोनो हाथों से मा को ऊपर उठा लिया..अपने लंड पे बैठाने लगा. एक हाथ से लंड को चूत मे सेट किया मा की पतली कमर पकड़ कर नीचे छोड़ दिया.. लंड सरसराता हुआ चूत के अंदर जाने लगा. मा भी धडाम से नीचे बैठ गयी लंड पूरा अंदर
मा मेरे गर्दन को अपने होंठो से चूस्ते हुए ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी ..में भी उनके शहद भरे उभारों का रस पीते हुए नीचे से सहयोग करने लगा..
………………… कुछ देर में माँ का शरीर अकड़ने लगा और उनके मुँह से आआअ आआआ………………. सस्स्स्स्स्स्सस्स
….म्म्म्मम……सस्स्स्स्स्स्स्सस्स
राज बेटा मेरे लाल मेरे पति में झड़नेवाली हू.. मेरा भी शरीर अकड़ने लगा..
मेने लंड को बाहर निकाला मा को जल्दी से पीठ के बल सुलाया ओर लंड को चूत में एक ही बार में अंदर कर दिया. मा ने अपने दोनो पैरो का घेरा मेरा चुतड़ों के ऊपर कस लिया मैने मा को बाहों में कस लिया …. अचानक मा का शरीर ऐंठने लगा वो झड़ने लगी मा के झड़ते ही में सहन नही कर पाया उनके साथ ही झड़ गया. हम दोनों को एक साथ एक जबरदस्त ओर्गसम फील हुआ..मा वीर्य की गर्मी सहन ना कर पाई..मेरे कंधो पेर दाँत गाड़ते हुए दोबारा झड़ गयी ..
में मा के ऊपर चूत में लंड ही कब सो गया पता ही नही चला….. रात 10 बजे मेरी नींद खुली .. मा अभी भी सो रही थी मेरा लंड उनके चूत में फिर से खड़ा हो गया था….
मा का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था…
मेने मा के गाल को थोड़ा सा काट लिया.. मा चिहुक गयी आआआ………………. मे मा के गुलाबी निप्पलो को चूसने लगा दूसरे को मसलने लगा..मा की साँसे धीरे-2 तेज़ होने लगी .. मेरा लंड अपनी मा के चूत में हलचल मचाने लगा.. इतना ही मेरे लिए काफ़ी था. मेने अपने दोनो हाथ नीचे ले जाते हुए उनके चुतड़ों को हाथ में भरते हुए थोड़ा ऊपर उठाया दोनो चुतड़ों को दबोचते हुए धक्का लगाने लगा.लंड बिना किसी रुकावट के अंदर बाहर हो रहा था.. क्योकि मेरा पानी एकबार उनके चूत में निकल गया था चूत मेरे ओर मा के पानी से लबालब भरी हुई थी..
में पिस्टन की तरह धक्का लगाए जा रहा था …. मा के मूह से सिसकारी पे सिसकारी फुट रही थी..
आआआ………………. सस्सस्स…..आआमम्म्मम….. आअस्स…….. म्म्म्मम…… हह म्म्म्मम…….. सस्स
चुदाई जोरो पे थी.. फॅक..फ़च्छ..फॅक.फॅक..फ़च्छ..फॅक की आवाजो से पूरा कमरा गूँज रहा था….
मा का शरीर अकड़ने लगा वो जोरदार सिसकारी भरते हुए आसाआस….. सस्सस्स…………हमम्म्मम….सस्स
झड़ गयी मेरे लंड पे उनके गरम गरम पानी महसूस हुआ..
मा बुरी तरह हाँफ रही थी….
वो बिल्कुल निढाल सी हो गयी थी
अबकीबार वो तीसरी बार झड़ी थी. मा मेरे होंठो को बुरी तरह चूसने लगी.. में अभी नही झड़ा था….
मा जब नॉर्मल हो गयी तो में उनके दोनो पैरो को अपने दोनो कंधे पे रखा ओर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा..
10 मिनटस की घनघोर चुदाई में हम दोनो एक साथ झड़ गये.. अबकीबार ऐसा लग रहा था की मा के शरीर में जान ही नही बची हो उनका पूरा जिस्म कांप रहा था.. मेने मा को पुकारा लेकिन वो नही बोली मेरी तो गंद फॅट गयी.. में रूम में देखा एक गिलास रखा हुआ था…. में नंगा ही जल्दी से नीचे उतरा
ग्लास में थोड़ा सा पानी रखा हुआ था.. उसे थोड़ा सा पानी मा के मूह पे मारा लेकिन कुच्छ नही हुआ.. में बेड पे बैठ गया मा के सर को अपनी गोदी में रखकर उनके गालो को सहलाने लगा.. मा का शरीर बुरी तरह से कांप रहा था..में डर के मारे रोने लगा.मेरे आँखो से आँसू बहकर मा के चेहरे पर गिर रहे थे..
तभी मा ने अपनी आँखे खोली. मा के आँखे खोलते ही मा के पूरे चेहरे को दीवानो को तरह चूमने ..लगा.. में तो बस पगला गया था गर्दन होंठ नाक कान मूह सभी चेहरे को चूमे जा रहा था….
माँ- क्या हुआ बेटा अपनी मा को बड़ा प्यार कर रहा है ..
राज- मा तुम अभी बेहोश हो गयी थी में तो एकदम बेचैन ओर प्रानहींन हो गया था.. तुम्हें कुच्छ हो जाता तो में जीतेजी मर जाता..
माँ-इतना प्यार करते हो मुझे.
राज :- उससे भी ज़्यादा एक बताओ तुम बेहोश क्यो हो गयी थी….
मा मेरी बात सुनकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी.. ..
राज :- जाओ में तुमसे नही बोलूँगा. तुम मेरी बात का मज़ाक़ उड़ा रही हो..
मा :- थोड़ा सा चुप हो गयी
अरे मेरे पतीजी में बेहोश नही हुई थी… में ओर्गसम फील कर रही थी मुझे तो लग रहा था की में जन्नत में पहूच गयी हू..
राज:- वो ये बात है मेरे जान मज़े के झटके ले रही थी ..तभी राज को एक जॉक याद आया वो अपनी मा से बोला..मा एक जोक सुनाऊ
मा:- हा सुनाओ शुभ काम मे देर कैसा .
राज तो सुनो:-……………….
टीचर :- पप्पू तुम्हारे पिता जी का क्या नाम है
पप्पू- ब्यूटिफुल रेड अंडरवेर
टीचर :- ये क्या बकवास है
पप्पू- जी सुंदर लाल चड्ढा..
मा को जब जोक समझ आया तो वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी ..
में भी हँसने लगा..
हँसते हँसते जब सांस नॉर्मल हो गयी तो हमने हँसना बंद किया..
मा जल्दी से खाना बनाओ बहुत ज़ोर से भूख लगी है
माँ- हा चलो खाना बनवाने में थोड़ा सा सहयता करो..
हमने मिलके खाना बनाया
..
खाना खाते समय मेने मा से पूछा ‘ मा सब लोग कहाँ गये है…..
माँ- मा के भाई यानी मेरे मामा आज डेत कर गये इसलिए सब कोई वहाँ गये है…..
फिर इधर-उधर की बाते की ओर सारे कम निपटा कर सो गये………
……………………………
सुबह राज जल्दी उठ गया क्योकि ट्रैनिंग पे जाना था..
जल्दी से नहा धोकर तैयार हो गया. और अपने सारे कपड़े पॅक करने लगा.
तबतक उसकी मम्मी ने नाश्ता बना दिया.
राज ने नाश्ता किया ओर वो ओर उसकी मम्मी पैदल ही चौराहे की ओर निकल पड़े.
(क्योकि उनके गाँव में बस मिल जाती थी)
राज ने अपनी माँ से विदा लिया ओर बस में बैठ गया.
बस आगे चल पड़ी.
(राज) में खिड़की से सर टिकाए हुए बीते हुए पॅलो के बारे में सोच रहा था( कैसे में ओर मा इन थोड़े दिनों में एक गहरे प्यार के बंधन में बध गये थे.. की एक दूसरे के बिना 6 महीना कैसे कटेगा..फिर डॉली का ख़याल आया वो भी तो मुझसे अपने जान से ज़्यादा प्यार करती है .. वो कैसे रहेगी..में शहर से ट्रेन पकड़ा दानापुर ट्रैनिंग सेंटर पे चला गया..
दिन कैसे भी करके कट जाता था लेकिन रात काटने को दौड़ती.. डॉली को बाहों में लपेट कर सोना.
मा के साथ गुज़रे हुए पल ..
मन करता की आज ही भाग जाउ लेकिन क्या करता मजबूरी थी..
इस तरह समय अपने गति से चलता रहा क्योकि समय थोड़े ही किसीकि प्रतीक्षा करता है जो मेरा करेगा..
मुझे तो ये 6माह 6साल के बराबर लग रहा था..
आज बहुत ही ख़ुसी का दिन था क्योकि में घर जा रहा था मेरा जाय्निंग मेरे गाँव की नज़दीक शहर में हो गया.. में जब ट्रेन से उतरा तो बस पकड़ लिया बस अभी थोड़ा दूर ही गया था की कुच्छ गुंडे हथियार से लैस बस में चढ़ गये जो केवल पाँच थे.उनके के हाथों में पिस्टल थे.. में तो अभी ट्रैनिंग से आरहा था इसलिए वर्दी नही पहना था..
गुंडे बस में चढ़ते ही ‘हॅंड्ज़ अप सब कोई अपने अपने हाथ ऊपर करो नही तो सबको ठोक दूँगा’ कोई होशियारी नही दूँगा सब कोई अपने-अपने रुपया , जेवर , हमारे हवाले कर दो..
मेने भी अपने हाथ ऊपर करके हाथ ऊपर करके सोचा इन सालो को यहा पर कुच्छ किया तो पब्लिक को कुच्छ कर देंगे
तभी उसमे से एक मेरे पास आया ‘ लड़के ये क्या है ..
राज:- चमड़े का बॅग
गुंडा – ये चल पतला हो जा
राज:- पतला तो नही हो सकता लेकिन मोटा ज़रूर हो जाऊँगा..
गुंडा:- बे पंगा करेगा क्या…
राज :- पंगा करने के लिए यहा पर जगह बहुत ही कम है कृपया बाहर चलेंगे..
डा:- बे वो भाइयो सुनो ये साला हमसे पंगा करेगा..
पाँचो गुंडे हँसते हुए नीचे उतरने लगे जैसे ही वो सभी नीचे उतरे तो मेने बस का गेट बंद करके बस आगे बढ़वा दिया..
वो सभी साले नीचे से चिल्लाते रह गये..
सभी लोग मेरे को शाबाशी देने लगे.
थोड़े ही देर में बस स्टॅंड में उतर गया..
क्योकि यहा से मेरे गाँव का बस मिलता था..
में बस से नीचे उतरा ओर घर की ओर दूसरी बस पकड़ कर निकल गया..
मुझको परसो थानेदार का पद संभालना था..
में जैसे ही घर पहुँचा तो (शाम के 5 बज गये थे.. ) मुझको परसो थानेदार का पद संभालना था..
में जैसे ही घर पहुँचा तो (शाम के 5 बज गये थे.. )
तभी मेरी नज़र मा पर पड़ी.. मा को देखते ही मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी..
मेरे हाथों से बॅग छूट कर नीचे गिर गया..
में दौड़ते हुए मा को अपने से चिपका लिया मा भी मेरे को अपनी बाहों में भर ली में मा के पूरे चेहरे को पागलो की तरह चूमे जा रहा था..मा भी मेरे को चूमे जा रही थी..
मेने मा को अपने से दूर किया ओर उनके आँखे लाल-लाल थी जैसे उन्होने मेरे जाने के बाद बहुत रोई हो.उनके आँखो में आँसू थे.
मेने मा के आँसुओ को पोच्छा ओर उन्हे खींचकर फिर से चिपका लिया मा मेरे सीने में मूह छिपा ली.
तभी मुझको किसी ने पीछे से अपनी बाहों में भर लिया..जब में पीछे देखा तो वो डॉली थी..
में मा को अपने से अलग किया डॉली को बाहों में भर के प्यार करने लगा.
मेने डॉली को बाहों में उठाते हुए अपने रूम में घुस गया..
राज:- मा थोड़ा पानी लाओ
डॉली तो बस मुझे चूमे जा रही थी..
अचानक में डॉली के रसीले होंटो को अपने होंठो में भरते हुए चूसने लगा..
तभी मा पानी लेकर आ गयी..
में पानी पिया..
अपने सारे कपड़े निकाले ओर नाइट सूट पहन लिया..
हमलोग .टी वी वाले रूम में रूम में आ गए..
तभी नाना-नानी ओर मेरी छोटी बहन पूजा आ गयी..
में नानाजी के पैर च्छुआ नानाजी ने मुझे ऊपर किए ओर अपने गले से लगा लिए..
फिर नानीजी के पैर च्छुआ..
नानीजी मुझे गले से लगा ली..
पूजा ने जैसे ही मेरे पैर छूने आई तो में उसके माथे को चूमते हुए सोफे पर बैठ गया पूजा मेरे गोदी में सर रखकर लेट गयी..
डॉली जान मेरे कंधे पे सिर टिकाए लेटी हुई..
डॉली के पास मा बैठी हुई थी..
नानाजी-हा तो कहो बेटा कैसा रहा तुम्हारा ट्रैनिंग
राज:- बहुत ही बढ़िया नानाजी थानेदार का पद संभालना है परसो से ड्यूटी शुरू..
नानाजी- कल तो सारे गाँववालो को मिठाई खिलाऊंगा..
राज:- नानाजी मुझे कुच्छ रुपीज़ चाहिए
नानाजी:- बोल बेटा कितना चाहिए
नानाजी ने राज को रूपीयो का गड्डी थमा दिया. राज ने नानाजी को थॅंक्स बोला फिल्म देखने लगा.. नानाजी ओर नानीजी अपने रूम में चले गये.. थोड़ी देर में डॉली खाना बनाने चली गयी.. मेने पूजा को भी किचन में ही भेज दिया.
अब केवल में ओर मा ही रह गये थे.
(दोस्तो मेरे मा का नाम अनिता है..)
अनिता मा :- राज जान अब कब मुझे अपनी बीवी बनाओगे..
राज:- आज भर बर्दास्त कर लो
कल शाम को हमारी सुहाग रात होगी.कल तो में तुझको उस दुनिया में ले जाऊँगा की तुम इस दुनिया में आने के लिए सोचोगी भी नहीं ……………
मा शर्मा के मेरे गले से लग गयी. मेने मा के माथे पे थोड़ा सा किस किया.. जैसे में मा के होंठो पे किस करना चाहा तो मा ने अपना मूह फेर लिया.
अनिता मा:- शादी से पहले अब आपको बर्दास्त करना पड़ेगा..
राज:- ठीक है जैसे तुम्हारी इक्षा मेरी अनिता जान.
फिर में मा के कानो एक प्लान बताया जिसे सुनकर मा खुस हो गयी..
उस दिन ज़्यादा कुच्छ नही हुआ हमने मिलकर खाना कर सो गये ..में ओर डॉली बचपन से ही एक दूसरे के बाहों मे बाहें डाले सोते थे.. डॉली मुझसे बिल्कुल चिपक कर सोई हुई थी..सुबह जल्दी से नाश्ता किया ओर में ओर मेरी मा अनिता जान शहर की तरफ निकल गये.. क्योकि कल ड्यूटी जाय्न करना था.
इसलिए आज रूम लेने के लिए शहर निकल पड़े मेने अपनी बाइक लिया हुआ था.. मा एक ही ओर अपने दोनो पैर करके बैठी हुई थी..
मेने एक फ्लॅट वाला रूम किराया पे लिया.. फिर हमने सारे समान सेट कर दिए..
रूम मलिक को अड्वान्स किराया दिया ओर बता दिया की में इस शहर का नया इनस्प. बन कर आया हू..
समान सेट करते-करते दोपहर हो गया..में ओर मेरी मा अनिता जान ने एक अच्छे होटल में खाना खाया.. फिर में ओर मा घर की ओर निकल गये.. रास्ते में मेरा बॅलेन्स बिगड़ गया मेरी बाइक पेड़ से टकड़ा गयी.. में दूर फेका गया हलकी सी चोट आई लेकिन मा एक पत्थर से टकरा गयी उनके मूह से एक जोरदार चीख निकल गयी..
राज अपनी चोट की बिना परवाह किए मा के पास गया. वो बेहोश हो गयी. मा के सर से खून बह रहा था वो मूह के बल गिरी हुई थी. मेने उनको जैसे ही पलटा मारा कलेज़ा फॅट गया मेरे आँखो से आँसुओ की नदी बहने लगी.उनका चेहरा पूरी तरह खून से रंगा हुआ था.. मेने अपनी हिम्मत नही हारी. मेने अपनी रुमाल से उनके सर को बाँध दिया. उनको गोदी उठा कर हाइवे पे आ गया. में बहुत गाडियो से लिफ्ट माँग रहा था.
लेकिन कोई गाड़ी नही रोक रहा था.तभी मेरी नज़र एक ठेला गाड़ी पे पड़ी जो साइड मे लगाया हुआ था. मेने देर करना उचित नही समझा ओर मा को उसी पे लिटा कर दौड़ते हुए हॉस्पिटल की ओर जाने लगा. वहाँ से हॉस्पिटल दूर नही था फिर भी मुझे हॉस्पिटल जाते हुए 30 मिनट लग गया. में हॉस्पिटल में जैसे ही पहुँचा नर्स मा को ऑपरेशन्स थियेटर में लेकर चली गयी.
डॉक्टर ने पेपर पे साइन करवाया ओर ऑपरेशन्स थियेटर में चला गया..
में बहुत ही बैचेनी से डॉक्टर के आने का इंतज़्ज़र कर रहा था.. थोड़ी देर में डॉक्टर . ऑपरेशन थियेटर से बाहर
निकले..
राज:- में घबराते हुए क्या हुआ डॉक्टर ..
डॉक्टर .:- सॉरी सर हम आपके वाइफ को नही बचा सके..
में तो धडाम से नीचे गिर गया गया. आज मेरा संसार उजड़ गया था.. मेरी जान मेरी धड़कन मेरी रूह मुझे छोड़ कर जा चुकी थी.. मेरी आँखो से आँसुओ धाराए बहती जा रही थी.. में किसी तरह अपने आपको संभाला मा के लास को लेकर घर की ओर चला गया.
घर पे में जैसे ही पहुँचा सब कोई एकदम पागलो की तरह रोने लगे..
पूजा, डॉली, नानीजी मा के लास के पास बैठे रो रहे थे..
(आपको एक बात बता दूँ मा का चेहरा पहचान में नही आरहा था…)
में तो मानो बेहोश हो चुका था.. मेरे आँखो से आँसू बहते जा रहे थे.
तभी मुझे लगा की कोई मेरे कंधे पे सर रख कर रो रहा है.. में जैसे ही देखा डॉली थी.
तभी मेरी नज़र पूजा पे पड़ी मानो पगला गयी थी वो मा के सॉ के पास रोए जा रही थी..
में वहाँ से उठा पूजा को अपने सीने से चिपका कर किसी तरह चुप कराया..
खैर किसी तरह मा का उसि दिन दाह संस्कार हो गया..
में अंदर से बिल्कुल टूट गया था.. शायद पूजा का भी यही हाल था.. रात भर में डॉली ओर पूजा को संभाले संभाले सो गया..
दूसरे दिन मुझे ड्यूटी जॉइंट करना था..
इसलिए में दूसरे दिन में तैयार हुआ नानाजी से अनुमति लेकर डॉली को लेकर शहर निकल पड़ा. मा तो अब इस दुनिया में थी नही.
इस मेने डॉली को साथ लेकर निकल पड़ा.
डॉली को में रूम पर छोड़ दिया ओर पोलीस स्टेशन जाकर थानेदार का पद संभाल लिया..
मुझे पोलीस जीप मिल गयी थी.
में जीप चला रहा था ओर मेरे बगल कोई बैठा हुआ था.. मेने जीप को को साइड में लगाया ओर मेरे साथ जो दूसरा कोई बैठा था उसका अपने साथ लिए हुए बेल बज़ाई.. दरवाजा डॉली ने खोला ..
मेने डॉली को गले से लगाकर उसके माथे को चूम लिया. डॉली की नज़र जैसे ही मेरे साथ वाले व्यक्ति पे पड़ी..डॉली ज़ोर से चीख पड़ी ओर बेहोश हो गयी ..
Sale bhadave family member ko koi chodata hei kya gandu.