Incest परिवार बिना कुछ नहीं – antarvasna sex story

करण उसकी चूत चूसते चूसते अपनी एक उंगली को उसकी चूत के रस से भिगोकर उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ने लगता है जिससे काम्या बौखला जाती हैं और वो सीधे अपना हाथ करण के भयंकर रूप से खड़े हो चुके विकराल लंड पर के जाती हैं और उसे अंडरवियर के उपर से ही दबोच लेती हैं और जोर जोर से दबाने लगती हैं । करण का लंड आज कुछ ज्यादा ही टाइट हो रहा था जिस करण उसकी नसे साफ उभर कर दिखाई दे रही थी , वैसे तो काम्या रोज ही उसे अपनी चूत में लेती थी लेकिन ना जाने क्यों आज उसकी लम्बाई मोटाई काम्या के दिल की धड़कने तेज कर रही थी ।

काम्या करण को अपने उपर से धकेलती हैं और और उपर की तरफ आते हुए उसके अंडरवियर को मूह से पकड़ कर बाहर निकालती हैं तो वो फुदकता हुए बाहर आ जाता है जिसे देख कर काम्या के चूत में गीलापन बढ़ जाता है और वो बेसब्री होकर अपने होंठ उस पर झुका देती हैं और चाटने लगती हैं उधर करण भी अपने फिर से अपने मुंह को उसकी चूत पर रख देता है और जोर जोर से उसकी चूत के छेद को चाटने, चूसने , दबाने लगता है । काम्या अपना पूरा मुह खोलते हुए उसके लंड को अंदर भर लेती और चूसने लगती हैं, मजे के करण का लंड और जोर जोर से खड़ा हो जाता है और जिस में आते हुए वो काम्या की चूत को अंदर को खोलकर अंदर तक चूसने लगता है और एक उंगली रस से गीली करके उसकी गान्ड के छेद पर दबा देता है जिससे वो थोड़ी अंदर खुश जाती हैं।

उंगली के अंदर घुसते ही काम्या से बर्दाश्त नहीं होता और उसकी चूत का बांध टूट जाता है और उसकी चूत रस बहाने लगती हैं जिसे करण मस्ती से चाट जाता है और काम्या का पूरा बदन लहरा रहा था स्खलन के कारण।

जैसे ही उसका स्खलन बदन होता है वो फिर से करण के लंड को चूसने लगती हैं । और अपने मुंह को पूरा फैलाते हुए उसके पूरे लंड को अंदर ले लेती हैं और जोर से चूसती हैं तो करण का भी खुद से कंट्रोल खत्म होने लगता है और वो पूरी तेजी के उसके मुंह में गहराई तक धक्के लगाने लगता है जैसे चूत को चोद रहा हो । काम्या उसके लंड को चूसते चूसते अपने हाथ उसके बॉल पर ले जाती हैं और उन्हें सहलाने लगती है जिस कारण करण आपे से बाहर हो जाता है और तूफान कि गति से उसके मुंह में धक्के लगाने शुरू कर देता है और तभी एक आखिरी धक्का पूरी ताकत के साथ लगाते हुए अपने लंड को उसके मुंह की पूरी गहराई में उतर देता है और उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलती हैं और वो काम्या के मुंह में अपने वीर्य की पिचकारी की बरसात करने लगता है । जैसे कि काम्या को वीर्य के एहसास होता है उसकी आंखे चमक पड़ती है और वो अपना मुंह बंद कर लेती हैं ताकि एक बूंद भी बाहर ना जाने पाए। जैसे ही काम्या करण के वीर्य की आखिरी बूंद निचोड़ती हैं वो निढाल होते हुए उसके उपर गिर पड़ता है और काम्या उसे अपनी बांहों में भरकर उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ देती हैं ।

तूफान गुजर जाने के बाद काम्या करण के बालो में हाथ घुमाने लगती हैं और दूसरे हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगती हैं । तभी उसकी नज़र कमरे में रखे जग और गिलास पर पड़ती है और उठकर देखती हैं तो उसमे दूध था जिसमें केसर , शिलाजीत , मिली हुई थी जो करण अक्सर पीता रहता था । काम्या की आंखे खुशी से चमक जाती हैं और वो एक गिलास में दूध लेकर करण के पास जाती हैं और अदा से उसकी और मुस्कुरा कर अपने मदभरे होंठो से छूती हैं और करण के मुंह से लगा देती हैं जिसे करण उसकी आंखो में देखते हुए गटागट पी जाता है और वो फिर से एक गिलास भरती है और दोनों एक दूसरे को पिलाने लगते हैं । फिर काम्या जग और गिलास को साइड में रख देती हैं और करण के उपर आते हुए उसके होठों को चूसने लगती है तो करण भी उसके होंठो को अपने होंठो में भरकर चूसने लगता है । कभी उपर वाले को तो कभी नीचे वाले को।

किस करते करते काम्या अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा देती है और करण उसकी जीभ को चूसने , चाटने लगता है और जोश में आते हुए अपने हाथो में उसकी चूचियों को भर लेता है और हल्का हल्का दबाने लगता है जिससे काम्या तड़प उठती हैं और नीचे आते हुए अपनी जीभ से करण के निप्पल चूसने लगती है जिसके करण उत्तेजना में पागल होने लगता है और वो अपनी पूरी ताकत लगते हुए उसके बूब्स को बहुत जोर से दबा देती हैं जिससे काम्या की तेज आवाज पूरे घर में गूंज जाती हैं और जो अपने कमरे में बेसुध होकर पड़ी माही में कानों में पड़ती है जिसने अभी अभी जीवन का पहला स्खलन महसूस किया था तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और होंठो पर एक मुस्कुराहट तैर जाती हैं और उसके पैर अपने आप नीचे की तरफ बढ़ जाते हैं । बीयर का नशा उस पर पूरी तरह से हावी हो चुका था , उसे नहीं पता था कि क्या कर रही है और क्यों कर रही हैं । जैसे ही वो नीचे आती हैं तो देखती हैं कि काम्या का रूम अंदर से बंद हैं और वो किसी तरह अंदर झांकने का प्रयास करती हैं तो आखिर कार उसे रूम की खिड़की खुली मिल जाती हैं और वो एक स्टूल लाकर उस पर खड़ी हो जाती हैं वो जैसे ही अंदर का दृश्य देखती हैं उसके आंखे फटी की फटी रह जाती हैं । antarvasna sex story

करण का , उसके सगे भाई का सांड जैसा लंड हवा में लहरा रहा था जिसकी लंबाई और मोटाई देखकर उसकी हालत खराब हो जाती हैं और उसके हाथ अपने आप अपनी चूचियों पर चले जाते हैं जो की अभी तक नंगी थी । उधर काम्या करण के लंड को हाथ में लेकर दबाने लगती हैं और करण उसके निप्पल चूसने लगता है जिससे काम्या की सिसकारी बढ़ती है जो माही की चूत को और गीला कर रही थी । करण काम्या के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगता है और और एक उंगली नीचे ले जाकर उसकी चूत में घुसा देता है तो काम्या का सब्र जवाब दे जाता है और वो करण को अपने उपर खींच लेती हैं । करण जैसे ही उसके उपर आया हैं उसका लंड उसकी चूत से टकरा जाता है और दोनो के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल जाती हैं जिसे सुनकर माही का पूरा बदन जलने लगता हैं और उसके शरीर का तापमान बढ़ जाता है, वो अपनी चूची को पूरी ताकत से दबाने लगती हैं ।
काम्या जैसे ही करण के लंड को अपने हाथ से पकड़ हैं उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वो हिम्मत करके उसे अपनी मासूम की चूत के छेद पर लगा देती हैं जो कि रस से पूरा गीली हो चुकी थी। और करण की आंखो में देखते हुए उसे धक्का मारने का इशारा करती हैं , करण धीरे से अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर दबाता हैं और सुपाड़ा चूत के होंठो को फैलाते हुए अंदर घुसने लगता हैं तो काम्या के शरीर में मस्ती और दर्द की एक लहर दौड़ जाती हैं और वो अपनी कमर को ऊपर की और उठाती हैं ताकि लंड और अंदर जा सके । लेकिन जैसे ही उसकी कमरा उपर आती हैं करण लंड को वापिस बाहर खींच लेता है जिससे सुपाड़ा फिर से बाहर आ जाता है ।

काम्या तड़प जाती है और सिसकी लेते हुए : आह , सी ई क्यों तपडा रहे हो मेरी जान ? घुसा दो ना अंदर ।
करण मजा लेते हुए: थोड़ा प्यार से बोलो मेरी जान !! और ऐसा कहते हुए अपने सुपाड़े को उसकी चूत की दीवारों पर रगड़ने लगता है ।
काम्या जोश में आते हुए : घुसा दो मेरी जान अपनी प्यासी चूत में मेरा लंड।।
और ऐसा कहकर अपनी टांगो को पूरी तरह से फैला देती हैं और फिर उसका मोटा लौड़ा अपनी गीली , प्यासी चूत पर लगा देती हैं।
अब करण का सब्र भी जवाब दे जाता है और वो पूरी ताकत लागाकर अपने लंड का एक तेज धक्का उसकी चूत पर लगाता हैं और नीचे से काम्या भी जोश में आते हुए उपर कमर उपर की और उछालती हैं जिससे एक ही बार में उसका लंड जड़ तक काम्या की चूत में घुस जाता है और काम्या की चूत फटने की वजह से उसकी दर्द भरी चींखं निकाल जाती है
काम्या : यू ई ई मा री । आह फाड़ दिया मेरी चूत को ।
जैसे ही काम्या की आवाज खिड़की पर खड़ी माही के कानों में पड़ती हैं डर के मारे उसके आंखे फैल जाती हैं और उसके भी मुंह से एक तेज सिसकारी निकल जाती हैं जिसे करण सुन लेता है और तभी उसकी नजर माही पर पड़ती हैं जो के अपनी अपने एक निप्पल को चूसने के लिए उठा रही थी जिस करण उसे पता नहीं चलता कि करना उसे देख चुका हैं वो और मस्ती में अपना निप्पल चूसने लगा जाती हैं और दूसरे हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगती हैं ।
करण अपना पूरा लंड काम्या की चूत से बाहर निकालता है और फिर से पूरी ताकत लगाते हुए अंदर घुसा देता है जिससे काम्या की हालत खराब हो जाती हैं, वो बोलती की मेरी जान पहले थोड़ा धीरे धीरे करो ।
करण उसकी बात को मानते हुए अपने लंड को बाहर निकालता है और फिर आधा लंड घुसाते हुए हल्के हल्के धक्के मारने लगता है जिससे काम्या की चूत धीरे धीरे उसके लंड के हिसाब से खुल जाती हैं और वो भी नीचे से अपनी चूतड़ उछालते हुए धक्के लगाने लगती हैं । करण जैसे की काम्या का जोश देखता हैं वो एक बार फिर से पूरा लुनद जड़ तक एक ही धक्के में घुसा देता है जिससे काम्या की सिसकी निकल जाती हैं लेकिन इस बार दर्द कम और मजा ज्यादा था।
काम्या : आह मेरी जान ‘ सी सी आई ई उफ्फ बहुत मजा आ रहा है, ताकत लगाकर चोदो आज मेरी चूत को ।
और करण जोश में आते हुए उसकी चूत में अंदर तक लंड घुसाने लगता हैं ।
करण: आह मेरी जान। कितनी टाइट हैं तुम्हारी चूत । हर बार लगता है जैसे पहली बार लंड घुसा रहा हूं। ।
करण के धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी और साथ ही बढ़ रही थी काम्या की सिसकियां जो पूरे कमरे में गूंज रही थी और माहौल को और भी सेक्सी बना रही थी जिसका सीधा असर बाहर खड़ी माही की चूत पर हो रहा था और मजे के कारण वो अपना हाथ नीचे अपनी चूत पर ले जाती हैं जिससे रस टपक रहा था। जैसे ही उसकी उंगली चूत की दीवारों से टकराती हैं तो मजे के कारण उसकी आंखे बंद हो जाती हैं ।

करण काम्या की चूत से लंड बाहर निकाल लेता है और उसे घोड़ी बनाकर दूसरी तरफ झुका देती हैं ताकि उसकी नजर खिड़की में खड़ी माही पर ना पड़े। घोड़ी बंटी ही काम्या की चूत पीछे की ओर उभर जाती है और करण एक करारा धक्का उसकी चूत पर मारता है जिससे पूरा फिर से उसकी चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ अन्दर चला जाता है और काम्या आगे को गिरती हैं जिससे करण थम लेता है और अब उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरु कर देता है ।
और मोका मिलते ही नजर उठाकर माही की तरफ देखता हूं जिसकी आंखे मजे के कारण बंद हो गई थी और वो अपना निप्पल चूसते हुए हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी । इस वक़्त वो किसी काम देवी कम नहीं लग रही थी । उसका गोल चेहरा, नाजुक गुलाब जैसे होंठ जो प्यासाकी वजह से सुख चुके थे, सिसकी की वजह से कभी खुल रहे थे कभी बंद हो रहे थे ,बंद हो चुकी आंखे , चूची छत की और मुंह उठाए गोल गोल , पिंक निप्पल , ठोस तने हुए अपनी अकड़ दिखाते हुए मानो करण को चैलेंज दे रहे हो ।
आज पहली बार करण ने अपनी बहन को इस हालत में देखा और वो दिलो जान से उस पर फिदा हो उठा ।
वो जोश में आते हुए अपने लंड को कश कश कर अंदर पेलने लगा जिससे उसका लंड का सुपाड़ा सीधे काम्या की बच्चेदानी पर ठोकर मर रहा था और उसके मुंह से हर धक्के पर सिसकी निकाल रही थी।
करण अपने दोनों हाथ आगे ले जाकर उसकी चूची पकड़ लेता है और उन्हें जोर जोर से दाबने लगता है जिसे काम्या का शरीर लहराने लगता है ।उसकी चूची दबते हुए वो माही की चूची को देख रहा था जिनकी कठोरता के आगे उसे काम्या की चूची फीकी लग रही थी।

फिर वो काम्या को सीधी लिटा देता है और उसकी टांगे मोड़कर उसके कंधो की तरफ उठा देता है। इस पोजीशन में माही उसके लंड को आसानी से काम्या की चूत में घुसते हुए देख सकती थी। करण फिर से अपना लौड़ा उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मर देता है और फिर से पूरा लंड चूत के अंदर ।
काम्या : क्या बात है मेरी जान। आह आह आह उफ्फ सी आई री सखी फाड़ ही डालोगे क्या आज !
करण जोश में आते हुए : आह मेरी जान। बिल्कुल कसा हुए जा रही है बहुत टाइट हैं तुम्हारी चूत। बहुत मजा आ रहा है ।
काम्या : उफ्फ है भगवान । कितना मजा आ रहा है आह । और अंदर करो जोर करो । फाड़ दो आज पूरी तरह ।
अपनी भाभी के मुंह से ऐसी आवाजे सुनकर माही आंखे मस्ती बढ़ जाने के कारण खुल जाती हैं और वो देखती हैं कि कैसे उसके भाई का इतना लंबा चौड़ा लंड उसकी चूत में ज रहा है और इसे दर्द के बजाय मजा आ रहा है । उसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था । लंड पूरी तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।
माही का हाथ अपनी चूत की कोमल पंखुड़ी को जोर से मसलने लगता हैं और उसकी भी सिसकी तेज हो जाती हैं।
तभी करण के धक्के काम्या की चूत कें पूरी तेजी से पड़ने लगती है तो काम्या की सिसकियां बढ़ने लगती है।
काम्या : फॅक मी । आह आह और तेज । जन्नत दिखा दो आज मेरी चूत को , है भगवान , उफ्फ ये कैसा सुख हैं। आह । और तेज मेरी जान अफ आह ।
काम्या का पता नहीं कितनी बार स्खलन हो चुका था लेकिन फिर भी हर मानने को तैयार नहीं थी।
उसकी चूत पूरी गीली थी जिस कारण कमरे में फच फाच की आवाजे गूंज रही थी।

तभी करण के धक्के काम्या की चूत कें पूरी तेजी से पड़ने लगती है तो काम्या की सिसकियां बढ़ने लगती है।
काम्या : फॅक मी । आह आह और तेज । जन्नत दिखा दो आज मेरी चूत को , है भगवान , उफ्फ ये कैसा सुख हैं। आह । और तेज मेरी जान अफ आह ।
काम्या का पता नहीं कितनी बार स्खलन हो चुका था लेकिन फिर भी हर मानने को तैयार नहीं थी।
उसकी चूत पूरी गीली थी जिस कारण कमरे में फच फाच की आवाजे गूंज रही थी।
अचानक करण के धक्के पूरी तेज हो जाते हैं और काम्या की चूत की हर नस खुलने लगती हैं । ऐसे ठुकाई आज उसकी पहली बार हो रही थी।

करण के मुंह से आह निकलने लगती हैं और लंड बुलेट ट्रेन की स्पीड से अंदर बाहर हो रहा था ।हर धक्के पर कम्याकी गांड़ बेड से उछल पड़ रही थी। तभी करण अपना पूरा लंड बाहर बाहर निकालता है और पूरी ताकत से अपनी गांड़ को उसकी चूत पर धकेलता हैं और लंड सीधा बच्चेदानी पर टकराता हैं और उसके वीर्य की बौछार होने लगती हैं और काम्या भी सेक्सी लेते हुए एक बार फिर से अपना रस उगल देती हैं और करण उसकी चूचियों गिर पड़ता है ।

आज उनके साथ ही माही की चूत भी अपना रस छोड़ देती हैं और वो अपनी ज़िन्दगी से दूसरे स्खलन का मजा चख लेती हैं जो पहले से कहीं ज्यादा शानदार था।

तूफान गुजर जाने के बाद करण खिड़की की तरफ नजरे बचाकर देखता है तो माही उसे कहीं नजर नहीं आती । और वो काम्या को बांहों में भरकर सो जाता है ।

अगले दिन सुबह करण की आवाज घर में स्थित छोटे से मंदिर से आने वाली घंटियों की आवाज से खुलती हैं और साथ ही साथ माही के भजन की मीठी आवाज उनके कानों में गूंजती हैं । वो अपनी बांहों में लेती काम्या को किस करता हैं और:
करण: उठ जाओ मेरी जान। सुबह हो गई है ।

काम्या उसके गाल पर किस करते हुए : हां मेरी जान । माही की पूजा की आवाज भी आ रही हैं

और ऐसा बोलते हुए वो उठ जाती है और अपने नंगे बदन पर कपड़े पहनती हैं और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस जाती हैं ।

समर और राम्या सुबह जल्दी उठकर रोजाना की तरह जॉगिंग पर गए हुए थे। राम्या का गजब का स्टेमिना था आज रनिंग का । वो किसी भी तरह से समर से कमतर नहीं थी। उसके कदम समर के क़दमों से कदम मिलाते हुए भागे चले जा रहे थे मानो दोनो में एक दूसरे को हराने का चैलेंज लगा हो। लेकिन रोज की तरह दोनो एक साथ मंजिल तक जाते है और फिर दोनो वापिस मुड़कर भागने लगते हैं तो राम्या की स्पीड समर के मुकाबले कुछ ज्यादा ही थी । राम्या जैसे ही सामर से आगे निकलती हैं तो समर के होंठो से हंसी छूट जाती हैं ।

समर हांफते हुए: सिस तुझे देखकर लग रहा है जैसे आज मैराथन जीत कर है मानेगी ।

राम्या( और तेज भागते हुए ): मैराथन तो कुछ भी नहीं है बच्चू मेरे लिए । बाए हाथ का खेल हैं ।

समर: हा हा हा बाए हाथ का खेल” और ऐसा कहते हुए वो उसकी हंसी उड़ाने लगता है जिसका असर सीधा राम्या के दिल पर होता है और उसकी स्पीड बिजली की गति से अचानक बढ़ जाती है और और वो समर को पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे निकल जाती है ।
जैसे ही राम्या आगे निकलती हैं वैसे ही भागने के कारण उसकी थिरकती हटाई गान्ड समर के सामने आ जाती है जो उसके भागते हुए कदमों के साथ उपर नीचे हो रही थी । राम्या की गांड़ उसके ट्रैक सूट में बहुत कसी हुई हुई लग रही थी । चूतड़ ट्रैक सूट को फाड़कर बाहर आने को बेताब लग रहे थे मानो उन्हें वहां जबरदस्ती कैद किया गए हो । आज उसके चूतड़ कुछ ज्यादा ही उछल रहे थे जिस कारण ना चाहते हुए समर का ध्यान उसके नितम्बो पर चला जाता है और उसे उस आज पहली बार एहसास होता है कि उसकी बहन की गांड़ कितनी बड़ी और मस्त हैं ।

वो नजरे गड़ाए हुए उसके नितम्बों को घूरता रहता है और साथ ही साथ अपनी भागने कि गति बढ़ा देता है , उसे डर था कि राम्या भागती हुई ज्यादा आगे निकल जाए जिससे उसे उसकी उछालती हुई भारी गांड़ ना दिखनी बंद हो जाए । जैसे जैसे वो राम्या के नजदीक आता गया था राम्या और तेजी से भागने लगती हैं जिससे उसकी चौड़ी गांड़ की थिरकन ज्यादा होने लगती हैं जिसका असर सीधे समर के लिंग पर हो रहा था जो जिसने लोवर के अंदर अपना मुंह उठाना शुरू कर दिया था ।

जैसे ही लिंग खड़ा होने लगता हैं समर को हैरानी होती है उसका लिंग ऐसे कैसे अपनी बहन की। गांड़ देख कर खड़ा हो सकता है । वो अपने दिमाग को झटकता हैं और नजरे दूसरी तरफ करते हुए दौड़ने लगता हैं लेकिन आज राम्या की गांड़ इतनी ज्यादा उछल रही थी कि वो अपने आप पर काबू नहीं रख पा रहा था और वासना से अभिभूत होकर अपनी नजरे फिर से अपनी सगी बहन के मस्त पिछवाड़े पर टिका देता है । जैसे जैसे घर नजदीक आता जा रहा था वैसे वैसे उनके दौड़ने की स्पीड बढ़ती जा रही थी । आज राम्या अपना पूरा दम लगा रही थी जीतने के लिए ।

तभी आवाज पीछे से बहुत तेज स्पीड से आते हुए समर उसके बराबर से निकलता है और ना चाहते हुए भी वो अपने आपको नहीं रोक पाता और भागते हुए एक हाथ राम्या की कामुक गांड़ पर मारते हुए घर के अंदर घुस जाता है मानो उसे चिडा रहा हो कि मैं आज फिर से जीत गया और राम्या उसे हैरानी से देखती रह जाती हैं और उसे बुरा भला कहते हुए घर के अंदर घुस जाती हैं ।
सारे परिवार की मुलाकात नाश्ते की टेबल पर होती है जहां सबसे पहले माही सबको पूजा के बाद प्रसाद देती हैं । माही ने आज एक व्हाइट कलर का सूट सलवार पहन रखा था और माथे पर चंदन का तिलक लगा हुआ था जो उसके सुंदर मुखड़े को और सुंदर बना रहा था। जैसे ही करण की नजर माही पर पड़ती है उसे रात ही बात याद आ जाती हैं कि कैसे वो खुद अपने ही निप्पल को चूस रही थी । ये बात याद आते ही उसका ध्यान माही के भारी और उठे हुए बूब्स की तरफ चला जाता है जोकि उसे ढीले कपड़े होने की वजह से सही से नजर नहीं आ रहे थे।

उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये वो रात वाली माही हैं जो अपने भाभी के बेडरूम में अपनी भाभी को चुदते हुए देखकर मस्त हो गई थी।

माही : भैया कहां खो गए प्रसाद लीजिए।

करण चौंकते हुए : न न नहीं । यहीं हूं ,

और दोनो हाथ फैलाते हुए प्रसाद ले लेता है जैसे ही माही समर को प्रसाद देती हैं समर उसे छेड़ते हुए : बुआ इसे ज्यादा प्रसाद देना , बेचारी आज फिर से हार गई।

ये सुनते ही राम्या का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच जाता है और गुस्से से अपनी आंखे निकालते हुए : समर के बच्चे में तुझे देख लूंगी ।और सभी हसने लगते हैं ।

नाश्ता करते हुए करण बार बार सबकी नजर बचाकर माही की तरफ देख रहा था कि उसकी बहन कितनी खूबसूरत हैं लेकिन प्रकृति ने उसके साथ न्याय नहीं किया हैं ।

नाश्ते के बाद करण अपने ऑफिस चला जाता है और माही ब्यूटी पार्लर ।

समर अपने कॉलेज जाने लगता है और काम्या अपने घर में काम में लग जाती है

करण ऑफिस पहुंचता हैं और काम में लग जाता है । लेकिन आज उसका मन काम में नहीं लग रहा था । रह रह कर उसे माही की याद आ रही थी , कितनी खूबसूरत हैं वो और उम्र बढ़ने के साथ साथ उसकी खूबसूरती और बढ़ती जा रही थी। रात कितनी तड़प थी उसके अंदर , आखिर वो एक जवान लड़की थी , उसकी भी कुछ भावनाए है, शारीरिक जरूरतें हैं ।

तभी वो निश्चय करता है कि अब ऐसा नहीं होगा , उसकी बहन जवानी की आग में नहीं जलेगी क्योंकि वो जल्दी ही एक अच्छा लड़का देख कर उसकी शादी कर देगा ताकि उसे वो सभी खुशियां नसीब हो सके जो कि हर एक लड़की का सपना होता है । साथ ही साथ एक बहन को सारे सुख देना भी तो एक भाई का परम कर्तव्य होता है और फिर माही का मेरे सिवा हैं ही कौन।

सारे दिन वो इसी उधे़डबुन में लगा रहता है । उधर घर में काम्या अकेली थी और घर के सारे काम देख रही थी । दोपहर के बाद माही लंच करने घर पर आती है क्योंकि ब्यूटी पार्लर घर के पास ही था। माही घर के अंदर घुसती हैं और काम्या को आवाज लगती हैं ,

माही : हेल्लो भाभी कहां हो आप , दिखाई नहीं पड़ रही हो

उसे कोई उत्तर नहीं मिलता हैं तो वो भाभी के घर के अंदर ढूंढ़ती हैं लेकिन उसे वो नहीं मिलती । गर्मी के कारण उसका सारा शरीर पसीने से नम हो गए था इसलिए वो पहले नहाने का फैसला करती हैं और तौलिया लेकर जैसे ही बाथरूम का गेट खोलती हैं तो उसे काम्या नजर आती हैं जो इस वक़्त नंगी थी और अपने बदन को साफ कर रही थी ।

जैसे ही दरवाजा खुलता है तो काम्या डर जाती हैं कि पर नहीं को आ गया है ?

जब वो माही को देखती हैं तो उसे सुकून मिलता है लेकिन आह पहली बार ऐसा हुआ था कि वो माही के सामने नंगी थी । माही ध्यान से पास से उसकी चूचियां देखती हैं जो कि नारियल के आकार की थी और उन पर पिंक रंग के निप्पल अकड़े हुए खड़े थे और नीचे उसकी टांगो के बीच उसकी चूत का उभर साफ दिख रहा था जो की रात हुई दमदार चुदाई के कारण सूज गई थी । काम्या को जैसे ही माही की नजरो का एहसास होता है शर्म से अपने दोनो हाथ अपनी चूचियों पर रख देती हैं और अपना चेहरा छुपा लेती हैं तो माही के होंठो पर मुस्कान आ जाती हैं और वो अपनी भाभी को सॉरी बोलती हैं और दरवाजे को बंद करते हुए फिर से एक नजर काम्या के जिस्म पर डालती हैं और बाहर आ जाती हैं ।

उधर काम्या का शर्म के मारे बुरा हाल था , उसकी नजर अभी तक उपर नहीं उठ पा रही थी । जैसे ही वो गेट बंद होने की आवाज सुनती हैं तो देखती हैं कि माही बाहर जा चुकी हैं तो एक चैन की सांस लेती हैं ।

फिर अपने आपको कोसते हुए की मुझे दरवाजा ध्यान से बंद करना चाहिए था , कहीं माही के जगह कोई और होता तो । वो अच्छे से नहाने के बाद बाहर आती हैं तो उसने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल लपेटा हुआ था । माही बाहर ही उसे मिल जाती हैं जिसके होंठो पर फिर से एक कातिल मुस्कान आ जाती हैं जिसे देख कर काम्या चिड जाती हैं और वो वो माही को मारने के लिए उसकी और तेजी से बढ़ती है, । जैसे ही माही काम्या को अपनी और आते हुए देखते हैं तो वो अपनी जान बचाने के लिए भागती है लेकिन जल्दबाजी में कुर्सी में पैर फस जाने के कारण गिर जाती हैं और फिर से खड़ी होकर भागने कि कोशिश करती हैं लेकिन तब तक काम्या उसके पास पहुंच चुकी थी और वो माही को पकड़ लेती हैं और उसकी पीठ पर हल्के हल्के मुक्के बरसाने लगती हैं । antarvasna sex story

काम्या : माही की बच्ची भूत शैतान हो गई है आज कल तू । अभी मजा चखाती हूं तुझे ।

माही हंसते हुए : भाभी मेरी कोई गलती नहीं थी आपको रूम को लॉक करके नहाना चाहिए था ।

काम्या: और और तू जो मुंह उठाए चली आई अंदर , तुझे कम से कम दरवाजा तो नॉक करण चाहिए था ।

माही मासूम सी सूरत बनाकर अपने कान पकड़ते हुए :भाभी गलती हो गई मुझे , अच्छा बाबा माफ कर दो ।

काम्या : गलती का अभी मजा चाखती हूं तुझे ” और ऐसा कहते हुए माही को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा देती हैं और खुद उसे दबाने के लिए उसके उपर लेट जाती हैं और उसके गल पकड़ कर खीचने लगती हैं । माही अपने आपको बचाने के लिए उसे अपने ऊपर से हटाने के कोशिश करती है जिस कारण काम्या का तौलिया खुल जाता है और वो एक बार फिर से माही के सामने नंगी हो जाती हैं जिसे देखकर की फिर से जोरदार हंसी छूट जाती हैं और वो ठहाका मारकर हसने लगती हैं । काम्या की हालत फिर से खराब हो जाती हैं और वो गुस्से में आ जाती हैं और माही को सबको लेती हैं ।

काम्या : बच्चू मेरे नंगे होने का मजाक उड़ाती है अभी तेरी अकल ठिकाने लगाती हूं” और ऐसा बोलकर वो माही के सूट पकड़ा कर खिचने लगती हैं और माही अपने आपको बचाने की कोशिश करती हैं लेकिन जीत काम्या की होती है और वो उसका सूट फाड़ देती हैं जिस कारण माही का उपर का हिस्सा नंगा हो जाता है और ब्रा में कैद उसकी चूचियां उछल पड़ी थी जो आकार में को काम्या से कम थी लेकिन टाइट बहुत ज्यादा थी और ब्रा के अंदर से निप्पल अपना मुंह उठाए खड़े महसूस हो रहे थे । माही शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी । आप पहली बार वो किसी के सामने इस हालत में थी । और वो अपने दोनो हाथ अपनी चूचियों पर रख लेती हैं और शर्म के मारे अपनी आंखे बंद कर लेती हैं जिसका पूरा फायदा काम्या उठाती हैं और वो आगे बढ़ते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल देती हैं ।
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