समर ने उसकी चूत को पूरी तरह से साफ किया और फिर उसे गोद में उठाकर बेड पर ले आया।
और दोनो ऐसे ही लेट गए । antarvasna sex story
रात को समर की आंखे खुली तो उसने देखा कि उसका लन्ड माही की चूत पर लगा हुआ है । माही गहरी नींद में हैं और मुस्कुरा रही है कितनी प्यारी है उसकी जान। वो एक किस उसके लिप्स पर करता है और उसकी टांगे खोलकर उसकी चूत को अच्छे से गीली करके उसकी दोनो टांगो के बीच में आ जाता हैं और लंड को उसकी चूत पर टिकाकर एक तगड़ा धक्का मार दिया।
जैसे ही लंड अंडर घुसा दर्द से माही की आंख खुल गई और उसने देखा कि पूरा लंड फिर से चूत में घुसा हुआ है तो उसने शिकायत भरी नजरो से समर की और देखा मानो उसे कह रही हो कि नींद में क्यों घुसा दिया कम से कम जगा तो देते।
एक बार फिर से लंड चूत की लड़ाई छिड़ गई और कभी लंड भारी तो कभी चूत भारी पड़ रही थी। माही फिर से चुद रही थी और उसकी चूत फिर से उसे मजा दे रही थी। समर ने उसे खूब रगड़ रगड़ कर चोदा, जितनी कठोरता से चोद सकता था चोदा, उठा उठा कर चोदा, और माही उससे भी कहीं ज्यादा जोश से चुदती चली गई।
फिर समर ने आखिरी धक्का इतनी तेज मारा की माही की आंखो के आगे चांद तारे नाच गए और दोनो एक साथ सिसकते हुए फिर से झड़ गए ।
सारी रात माही की चूत फड़फड़ाती रही मानो अपनी सारी प्यास आ ही बुझा लेना चाहती हो और समर का लंड तो जैसे आज पूरे उफान पर था उसने माही की दीवारों को हिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सुबह जैसे ही दोनो की आंखे खुली तो दोनो नंगे पड़े हुए थे । समर ने माही को उठाया और दोनो नदी में खूब अच्छे से नहाएं । उसके बाद दोनो कपडे पहन कर जैसे ही गुफा के मुंह के पास पहुंचे तो एक तेज आवाज के साथ फिर से गुफा का मुंह खुल गया और दोनो बाहर निकल आए
जैसे ही दोनो बाहर आए तो दोनो कबीले के लोगो ने माला पहनाकर उनका स्वागत कुछ ऐसे किया मानो उनका ही इंतजार कर रहे हो। दोनो को आश्चर्य हो रहा था और खुशी भी हो रही थी। माही तो शर्म से आंखे नहीं उठा पा रही थी क्योंकि वो जानती थी कि वो आज दबकर चुदी हैं और सब उसे बहुत प्यारी नजर से देख रहे थे।
भीमा: आज से दोनो कबीलो के सरदार आप हैं समर , जैसे आप कहोगे आज से वैसा ही होगा
समर: ठीक है, आज के बाद किसी भी लड़की को दांव पर नहीं लगाया जाएगा। दोनो कबीले प्यार से रहेंगे और अपनी सब दुश्मनी भूल जाएंगे।
फिर ऐसा ही हुआ और समर और माही दोनो अपने कबीले में बने हुए घर में आ गए। चुदाई, चुसाई, के कारण माही के गोरे जिस्म पर लाल निशान पड़ गए थे जो राम्या से ना छुप सके ।
राम्या: बताओ आज से आप मेरी बुआ हुई या भाभी ?
माही शर्मा जाती है और चेहरा नीचे कर लेती हैं, राम्या उसका मुंह उपर उठाती हैं और फिर से पूछती है तो माही शरमाते हुए: भ भाभी।
और इतना सुनते ही राम्या उसे गले लगा लेती हैं और एक किस उसके गाल पर कर देती हैं।
राम्या: भाभी एक बात पूछूं?
माही: जी पूछो मैडम
राम्या : ये आपके गले पर लाल निशान कैसे है! किसी मच्छर ने तो नहीं काट लिया ?
माही का चेहरा शर्म से लाल हो गया जिस करण राम्या सब समझ गई।
लेकिन फिर भी छेड़ते हुए: बताओ मेरी दुल्हन भाभी!
माही: जाओ बेशर्म कहीं की। मुझे नहीं पता और दोनो हाथो से अपना चेहरा छिपा लेती है।
राम्या: बताते हुए इतनी शर्म ।ये भगवान क्या होगा मेरी भाभी का ।
माही कुछ नहीं बोलती है और बाथरूम में घुस गई नहाने के लिए।
उधर काम्या अंदर आ चुकी थी और अपनी दुल्हन के बाहर आने का इंतजार करने लगी। जैसे ही नहाकर माही बाहर आयि तो वो किसी ताजे खिले हुए गुलाब की लग रही थी।
काम्या को एहसास हुआ कि माही सच में बहुत खूबसूरत हैं। antarvasna sex story
लेकिन माही लंगड़ा कर और धीरे धीरे चल रही थी । डर असल पूरी रात हुई दमदार चुदाई के कारण माही की चूत पूरी तरह से सूज गई थी और उससे सही से चल नहीं जा रहा था।
काम्या: क्या हुआ माही ? सब ठीक तो है लंगड़ा कर क्यों चली रही हो ,?
लेकिन माही लंगड़ा कर और धीरे धीरे चल रही थी । डर असल पूरी रात हुई दमदार चुदाई के कारण माही की चूत पूरी तरह से सूज गई थी और उससे सही से चल नहीं जा रहा था।
काम्या: क्या हुआ माही ? सब ठीक तो है लंगड़ा कर क्यों चली रही हो ,?
ये सुनते ही माही की तो जैसे बोलती बंद हो गई, उसका चेहरा शर्म से झुक गया और सुर्ख हो उठा।
काम्या सब समझ गई और मुस्कुरा दी ।माही और काम्या आपस में थोड़े खुले हुए थे इसलिए काम्या मजाक करते हुए बोली: हालत देख कर लग रहा हैं कि तगड़ी सुहाग रात मना कर अाई हो, देखो तो क्या हाल कर दिया शैतान ने तुम्हारा ।
माही ये सुनते ही शर्मा गई और तेजी से काम्या के गले लग गई।काम्या: माही मैं बहुत खुश हूं तुम्हे अपनी बहू के रूप में पाकर, भगवान तुम्हे हर बला से बचाए।
काम्या ने उस रात माही को अपने साथ सुलाया ताकि उसकी चूत की सूजन ठीक हो जाय। मन तो माही का समर के साथ ही सोने का था मगर क्या करती और समर तो उससे भी ज्यादा तड़प रहा था।
माही और काम्या दोनो सो चुके थे। अचानक रात को काम्या की आंख खुली तो उसने देखा की माही का नाइट सुट घुटनों तक ऊपर चढ गया है और इसकी गोरी टांगे दिख रही है।
जैसे ही उसकी नजर थोड़ी उपर गई तो उसने देखा कि चूत पूरी उभर कर उठी हुई है मानो बाहर निकलना चाह रही हो ।
वो एक बार माही की तरफ देखती हैं जो रात भर हुई चुदाई के कारण अब आराम से सो रही थी।
काम्या की सांसे तेज होने लगी थी , उससे जब रहा नहीं गया तो उसने धीरे से माही का नाइट सूट नीचे किया । जैसे ही सूट नीचे आया उसकी चूत काम्या की आंखो के सामने थी।
उफ्फ ये भगवान , क्या हाल बना दिया चूत का, देखो कैसे सूज गई है, एक ही रात में कैसे दोनो होंठ फैला दिए, ऐसा लग रहा है जैसे कई सालो से चुद रही हो।
उफ्फ कितनी तगड़ी चुदाई हुई होगी चूत कि सारी रात। में इतने दिन से चुद रही हो मेरी चूत का आज तक ऐसा हाल नहीं हुआ । उफ़
जैसे ही ये ख्याल उसके मन में आया तो उसने चूत गीली होने लगी।
चूत गीली होते ही उसने चूत से सोचना शुरू कर दिया” कितना बड़ा और मोटा लन्ड होगा जिसने इसकी चूत का हुलिया बिगाड़ दिया,
क्या समर का लंड बहुत ज्यादा तगड़ा हैं , चूत की बिगड़ी हुई हालत से तो ऐसा ही लग रहा हैं, कितना मजा आया होगा उसे जब वो पूरा घुसा होगा, उफ्फ मैं ये क्या सोच रही हूं मेरा सगा बेटा हैं वो तो।
काम्या को चूत अब पूरी गीली हो गई थी तो उसने जोश में आते हुए अपनी
अपनी गीली चूत में एक उंगली घुसा ली और अंदर बाहर करने लगती हैं ।
उसका जिस्म उंगली पर थिरक रहा था और माही की फटी हुई चूत देख कर वो लंड की लंबाई चौड़ाई का अनुमान लगा रही थी, सेक्स अब उसके सिर चढ गया था।
हाय उंगली से ही इतनी मजा सा रहा हैं अगर समर जैसा मोटा लंड उसकी चूत में घूसेगा तो वो तो उसकी चूत को ज़न्नत दिखा देगा। ये सोचते ही उसकी उंगलियों की स्पीड बढ़ती गई और जैसे ही उसकी चूत झड़ने लगी तो मजे से उसका मुंह खुल गया: उफ्फ ,हाय री समर का लंड , कितना मजा देगा , हाय गई मैं तो।
और उसकी चूत से पानी की नदिया बह उठी।
जैसे ही वो होश में अाई तो उसे सही गलत का फर्क समझ आ गया और उसे खुद पर शर्म महसूस होने लगी। उसने माही का सूट उपर किया और सो गई।
अगले दिन सुबह करण जल्दी उठ गया था और तैयार हो हुए क्योंकि उसे शहर वापिस लौटना था।
राम्या, काम्या ,समर माही सब तैयार हो चुके थे।
कबीले के लोगो को जैसे ही पता चल कि सब लोग वापिस जा रहे हैं तो सबने घर के बाहर शोर मचाना शुरू कर दिया।
करण शोर सुनकर बाहर आया तो लोगो ने बताया कि वो अभी उन्हें नहीं जाने देंगे। अभी कुछ दिन और उनके साथ ही रुके।
करण उन समझाता है कि इसके ऑफिस का काम रुका हुआ है और साथ ही दूसरे बहुत से जरूरी काम भी इसलिए जाना उसकी मजबूरी है
करण आखिरकार लोगो को समझाने में कामयाब हो गया कि उसका शहर जाना जरूरी है क्योंकि उसके ऑफिस के सारे काम छूटे हुए पड़े हैं ।
लेकिन अब समस्या थी करण के खाने की ।
यूं तो वो बाहर भी खा सकता था लेकिन घर में बाहर खाना खाने की परंपरा नहीं थी।
करण: मैं , काम्या और राम्या चल पड़ते हैं शहर और माही, समर दोनो यहीं रह जाएंगे।
काम्या: अरे समर और माही अभी बच्चे हैं और ना ही वो यहां किसी को जानते हैं इसलिए उनके साथ मेरा रहना जरूरी हैं ताकि उन्हें कोई परेशानी ना आए।”
तभी काम्या के मन में एक विचार आया और उसने राम्या से पूछा: तुम्हारी क्लास कब से शुरू हो रही है ?
राम्या: मम्मी मेरी क्लास 2 दिन बाद ही शुरू हो जाएगी और मैं नहीं चाहती कि मेरी पढ़ाई छूटे”
काम्या: तो फिर ठीक है हो गया फाइनल , राम्या आप के साथ शहर जाएगी ताकि आपको खाने की भी समस्या ना रहे और उसकी पढ़ाई भी ठीक से हो सके।
जैसे ही काम्या ने अपनी बात खत्म करी तो राम्या और कारण दोनो की आंखे एक बार मिली और ना जाने क्यों दोनो ही मुस्कुरा दिए ।
दोपहर के बाद करण और राम्या निकल पड़े शहर की तरफ।
दर असल काम्या शहर नहीं जाना चाह रही थी क्योंकि जब से उसने माही की सूजी हुई चूत देखी थी तो रह रह कर उसके मन में एक ही बात आ रही थी कि कितना लंबा और मोटा होगा समर का लंड जिसने माही की चूत का एक रात की चुदाई में ही हुलिया बिगाड़ कर रख दिया । वो कम से कम एक बार लंड के दर्शन करने का लालच अपने मन से नहीं निकाल पा रही थी। हालाकि काम्या जानती थी कि ये सब गलत हैं और उसे ऐसा नहीं सोचना चाहिए क्योंकि समर उसका अपना सगा बेटा है , लेकिन वो अपने दिल के चलते मजबूर थी।
पिछले दो महीने से उसकी चुदाई नहीं हुई थी जिस कारण उसका जिस्म जल रहा था , मादकता उसके हर अंग से टपक रही थी और कल जब से उसने माही की चूत का हाल देखा था तो उसकी चूत में तितलियां मचल रही थी इसलिए वो सही गलत का फैसला भी नहीं कर पा रही थी और सिर्फ अपनी गीली चूत की बात मान रही थी ।पूरा दिन समर और माही कबीले में घूमते रहे और लोगो से मिलते रहे ।हर कोई उन्हें पूरा मान सम्मान और प्यार दे रहा था। एक रात अच्छे से चुद चुकी माही की प्यास रात चुदाई ना होने के कारण भड़की हुई थी तो समर का लंड तो जैसे पागल ही हो रहा था , समर को जब भी मौका मिलता वो माही की चूचियां दबा देता और उसकी गांड़ पर सहला देता जिससे उनकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी ।
काम्या पूरे दिन उनके ही साथ थी। वो जान बूझकर ऐसे दिखाती की वो उन दोनों को नहीं देख पा रही है और समर और माही इसका पूरा फायदा उठा रहे थे, वो दोनो किस करते, तो कभी माही उसका लन्ड दबा देती तो कभी समर उसकी गांड़ को भींच देता।
और उनकी ये कामुक छेड़ छाड़ देख कर काम्या की चूत भी उछल रही थी, तड़फ रही थी, मचल रही थी, ।
धीरे धीरे रात गहराने लगी और अब घर के अंदर सिर्फ काम्या , माही और समर बच गए थे।
घर में अंदर सिर्फ एक कमरा बना हुए था और बाहर एक गैलरी थी।
काम्या ने अपना बिस्तर बाहर लगा दिया और समर और माही अंदर सोने चले गए तो उन्होंने देखा कि पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ हैं और मस्त परफ्यूम की तेज गंध पूरे कमरे में फैली हुई है उफ्फ माही तो जैसे मदहोश ही हो गई और उसने समर को अपनी बांहों में भर कर अपने होंठो को उसके होंठो से चिपका दिया और चूसने लगी , समर भी कहां पीछे रहने वाला था उसने भी उसके होठ चूसते हुए अपने दोनो हाथ उसकी गांड़ पर ले जाकर जोर जोर से दबाने लगा।
किस करते करते ही दोनो के कपड़े उतरते चले गए और अब दोनो बिल्कुल नंगे थे। जल्दबाजी और पूरी दिन की तड़प की वजह से वो गेट भी बंद करना भूल गए थे।
समर ने उसे अपनी बांहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसकी चूचियां हाथो में भर कर कस कस कर दबाना शुरु कर दिया जिस कारण माही को सुख की अनुभूति होने लगी और उसकी चूत रस बहाने लगी।
समर ने उसकी एक चूची को मुंह में भर चूसना शुरू कर दिया तो माही के मुंह से तेज मादक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी जी बाहर लेटी काम्या के कानो में पड़ी तो उसके जिस्म में हलचल मच गई। उसकी सांसे भारी होने लगी और आंखे कामवासना से लाल हो गई। उसकी चूचियां अपने आप उपर नीचे होने लगी और प्यास बढ़ने के कारण उसका गला सूखता चला गया। antarvasna sex story
समर एक हाथ से माही की चूची दबा रहा था तो दूसरी को मुंह में भर कर चूस रहा था जिससे उसकी चूत तड़पने लगी और समर का लंड भी रोड की तरह तन चुका था। लंड पूरा खड़ा होकर नीचे चूत पर अड गया था जिस करण दोनो को बहुत मजा आ रहा था और उनकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी।
समर ने माही की चूचियों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया तो माही का मुंह मजे से खुलता चला गया: उफ्फ, आह आह सी सी आई ई री आह खा जाओ, पूरी निचोड़ दो आज ।”
जैसे ही बाहर काम्या ने ये सब सुना तो जोश में आते हुए उसके हाथ अपने आप ही अपनी चूची दबाने लगे और उसकी दोनो जांघें आपस में रगड़ खाने लगी जिसका असर उसकी चूत पर होने लगा ।
अब काम्या भी मस्त हो चुकी थी और उसने एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत में एक उंगली पूरी घुसा दी और सिसकते हुए अंदर बाहर करने लगी ।
उधर अब समर ने अपने तपते होंठ माही की चूत पर झुका दिए और उसकी चूत चाटने लगा जिससे वो पूरी गीली हो जाए ताकि लंड आसानी से घुस जाए।
जैसे ही चूत पर समर के होठं पड़े माही के मुंह से एक तेज आह निकालती चली गई।
माही: आह , मेरी चूत, उफ्फ हाय राम री , कितना अच्छा लग रहा है, मार दो आज मुझे ,जान लेलो मेरी , चाट जाओ सारी चूत :!
माही की सिसकियां सुनकर समर के जोश बढ़ता चला गया और वो अपनी जीभ अंदर घुसा घुसा कर उसकी चूत चूसने लगा ।
काम्या से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और वो उठकर चल पड़ी उनके कमरे की तरफ।
जैसे ही वो गेट पर पहुंची खुशी से उसकी आंखे चमक उठी क्योंकि गेट अच्छा खासा खुला हुआ था और अन्दर जल रही लालटेन की रोशनी में वो दोनो पूरे नंगे साफ नजर आ रहे थे।
समर माही की चूत पर झुका हुआ था और माही ने अपने दोनो हाथो से उसका सिर अपनी चूत में घुसा रखा था ताकि समर अच्छे से उसकी चूत चूस सकें।
समर का शरीर बहुत तगड़ा लग रहा था बिल्कुल किसी सांड की तरह लेकिन एक दम परफेक्ट ।
माही: आह समर अब रहा नहीं जाता, घुसा दो अपना लन्ड मेरी चूत में जान, कल से तड़प रही है।जैसे ही समर उठा तो उसका भयंकर लंड हवा में लहराते हुए काम्या की आंखों के सामने आ गया ।
काम्या का मुंह और चूत दोनो एक साथ खुल गए लंड का आकार देख कर। है भगवान क्या ये सचमुच लंड हैं वो यकीन नहीं कर पा रही थी, कितना लंबा और मोटा है, सुपाड़ा कितना मोटा और लाल सुर्ख हैं, लंड बुरी तरह से खड़ा हुआ था जिस कारण उसकी नसे साफ उभर कर सामने आ रही थी। करण का लंड तो इसके सामने आधा ही लग रहा था काम्या को जबकि करण का लंड अच्छा खासा मोटा और लंबा था, ये माही की चूत में कैसे घूसेगा ये सोच कर ही काम्या की चूत रस छोड़ने लगी।
तभी उसकी नजर लंड में पड़ी हुई गांठो पर गई तो उसके दिल तेजी से धड़क उठा। हाय ये कैसा भालू जैसा लंड हैं मेरे बेटा का, इतनी मोटी गांठ अंदर कैसे घुसती होगी, इसलिए ही माही की चूत इतनी फैल गई है।
लंड तो बिल्कुल फस कर जाता होगा, कितना मजा आता होगा जब गांठ चूत की दीवारों को रगड़ती होगी।
ये सब सोच सोच कर काम्या का बुरा हाल हो चुका था और उसकी चूत से निकले रस के कारण उसकी जांघें पूरी गीली हो चुकी थी।
समर अपना अपना लन्ड माही की मुंह के सामने कर देता हैं तो माही उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी।
समर की आंखे मजे से बंद हो गई और उसने एक धक्का मारकर अपना आधा लंड उसके मुंह से घुसा लिया और माही का मुंह अच्छे से खुलता चला गया और वो लंड को जोर जोर से चूसने लगी।
काम्या बाहर खड़ी थी जहां पूरा अंधेरा था जिस कारण समर और माही को नहीं पता चल रहा था। काम्या ने तपड़ते हुए एक उंगली चूत में घुसा कर अच्छे से रस से गीली करके मुंह मैं डालकर चूसने लगी।
उधर माही अब बेड पर लेट चुकी थी और समर उसकी टांगो के बीच में आ चुका था।
लंड चूसे जाने के कारण आधे से ज्यादा गीला हो गया था और चूत तो जैसे आज नदिया बहा रही थी, माही ने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चूत के छेद पर रखा और नीचे से अपनी गांड़ उठाते हुए एक तेज धक्का लगाया जिससे लंड का मोटा सुपाड़ा चूत को खोलते हुए पूरा अंदर घुस गया।समीर सीधा घर पहुँच गया। पापा मम्मी आ चुके थे।
नेहा- “अरे… भइया आओ देखो, मेरी होने वाली भाभी कैसी है?” नेहा के हाथ में एक फोटो था।
समीर- “मम्मी मुझसे तो पूछ लेती पहले?”
अंजली- क्यों बेटा, क्या कोई और लड़की पसंद कर रखी है तूने?
तभी समीर को संजना की बहन दिव्या का चेहरा याद आ गया। समीर बोला- “मम्मी पहले नेहा के लिए लड़का ढूँढ़ लो, उसके बाद मेरी सोचना…”
नेहा- “भइया मुझे नहीं करनी शादी वादी…” और दोनों भाई बहन में नोक झोंक चलती रही।
पापा फोटो समीर को दिखाते बोले- “समीर बेटा, पहले इस फोटो को तो देख ले। उसके बाद लड़ना तुम दोनों…”
समीर ने फोटो पर नजर डाली। लड़की तो खूबसूरत थी। मगर दिव्या की बात ही कुछ अलग थी। फिर भी समीर की जिंदगी का सवाल था, सोचने के लिये कुछ वक्त चाहिए था।
समीर- पापा मुझे एक महीने का टाइम चाहिए। इतने हम नेहा के लिए भी लड़का ढूँढ लेंगे।
पापा- बेटा सिर्फ एक महीना… एक भी दिन ऊपर हुआ तो मैं लड़की वालों से हाँ कर दूंगा।
समीर- “जी ठीक है पापा…” और फिर सबने मिलकर डिनर किया।
रात को समीर अपने बेड पर लेटा सोच रहा था- “कैसे दिव्या से अपने प्यार का इजहार करूं? क्या दिव्या मेरा प्यार कबूल करेगी? और कहीं दिव्या ने संजना मेडम को बोल दिया तो क्या होगा? संजना मेडम नाराज हो गई तो मेरी नौकरी भी जा सकती है। क्या करूं मेरे पास तो टाइम भी नहीं है। अगर मेरे प्यार में सच्चाई है तो दिव्या सिर्फ मेरी होगी…” और यही सब सोचते-सोचते कब समीर की आँख लग गई, पता नहीं चला।
सुबह 8:00 बजे नेहा ने आकर समीर को उठाया- “भइया कब तक सोते रहोगे? कंपनी नहीं जाना आपको?”
समीर ने आँखें मलते हए नेहा को देखा- उफफ्फ… शार्ट टी-शर्ट और हाफ निक्कर में नेहा को देखकर समीर का लण्ड सुबह-सुबह झटके मार रहा था। समीर ने टाइम देखा- “ओह गोड… आज तो मैं लेट हो जाऊँगा…” और जल्दी से बाथरूम में घुस गया।
समीर- “नेहा प्लीज्ज… मेरे कपड़े पकड़ा दे…”
नेहा ने अलमारी से भाई के कपड़े निकाले, और पूछा- “भइया अंडरवेर भी चाहिए?”
समीर- हाँ और बनियान भी ले आ।
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