Incest क्या…….ये गलत है?

गोवा में जय ममता और कविता हनीमून का असली मज़ा देता है।दोनों को होटल के कमरे में तो पेलता ही है साथ मे समुंदर की लहरों में भी एकांत में ले जाकर दोनों की जबरदस्त चुदाई करता है।दिन के समय खुले आकाश के नीचे अपनी सगी माँ और बहन को अपनी बीबी बनाकर शायद ही किसी ने चोदा होगा।

इधर माया सत्य से होटल में अपनी गाँड़ मरवा रही है।वह कुतिया बनी हुई है और सत्य उसकी गाँड़ मार रहा है।कुछ देर बाद माया झड़ जाती है और सत्य भी उसके गाँड़ में झड़ जाता है।

तभी फोन बजता है और कंचन की घबराई हुई आवाज़ आती है। माँ डैड का एक्सीडेंट हो गया है आप जितना जल्दी हो सके हॉस्पिटल आ जाओ। सत्य माया को लेकर गोवा से माया के घर चल देते है लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।हॉस्पिटल में शशिकान्त की मौत हो जाती है। माया और सत्य जब पहुँचते है तो कंचन का रो रोकर बुरा हाल था।सभी दुखी मन से शशिकांत का अंतिम संस्कार करते है।

कुछ दिन बाद सबकुछ नार्मल हो जाता है और माया और सत्य कमरे में सेक्स कर रहे है ।कंचन अपनी सहेली के घर गई हुई है लेकिन सहेली के नही होने पर वह लौट आती है और अपने माँ और मामा को सेक्स करते देखने लगती है और उनकी बातें सुनने लगती है।

माया-अब तो मुझे कंचन की बड़ी चिंता है उसकी शादी की और तेरी शादी की भी………….mom son story

तभी माया को कुछ याद आता है और बोलती है कि सत्य क्या तू मेरी एक बात मानेगा।
सत्य-बोलो दीदी। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूँ।
माया-तू कंचन से शादी कर ले। फिर हमलोग यहाँ से सबकुछ बेच कर जय ममता और कविता की तरह एक साथ रहेंगे।
सत्य-(कुछ सोचकर) मैं तैयार हुँ दीदी लेकिन एक शर्त पर की आपको भी मुझसे शादी करनी होगी और कंचन को तैयार करने की जिम्मेदारी भी आपकी होगी।

माया-ठीक है।मैं ममता से बात करती हुँ।ममता कविता और जय मिलकर ये काम कर सकते है क्योंकि कविता और कंचन काफी क्लोज है और जब कंचन को कविता जय और ममता के बारे में पता चलेगा तो वह जरूर राज़ी हो जाएगी।

कंचन सभी राज़ जान जाती है कि कैसे जय अपनी माँ और बहन से शादी करके मज़े कर रहा है।उसकी भी चूत गरम हो जाती है।अपने मामा का लंड उसे भी पसंद आ जाता है।

माया ममता से बात करती है और फिर तीनों ममता के घर दिल्ली के लिए रवाना हो जाते है।

सबके समझाने पर कंचन अपने मामा सत्य के साथ शादी करने को राजी हो जाती है।

फिर सत्य कंचन और माया से शादी कर लेता है और जय कविता और ममता के घर के पास एक घर लेकर रहने लगते है।

ममता का पेट धीरे धीरे फूलने लगता है।उसके पेट मे जय का बच्चा पल रहा है।कुछ दिन बाद जय सिर्फ अपनी एक बीबी कविता को ही रंडियों की तरह पेलता है ममता सिर्फ कभी कभार उसका लण्ड चूसती है।

नौ महीने बाद जय को अपनी माँ ममता से एक लड़का होता है जिसे सभी बहुत प्यार करते है।इधर कंचन भी माँ बननेवाली है।सत्य भी कंचन और माया को एक ही विस्तर पर मज़े से चोदता है।

समाप्त mom son story

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