Incest क्या…….ये गलत है?

ममता खाना खाने के बाद सीधे उसके कमरे में गयी। सत्य कपड़े बदल कर बिस्तर पर, लेटा हुआ था। ममता को देख वो बोला,” अरे दीदी क्या हुआ? सोई नहीं।
ममता- तुमसे कुछ पूछना था।
सत्य- हां, पूछो क्या बात है?
ममता- सत्य सच सच बताओ कि तुम शादी क्यों नहीं कर रहे हो?
सत्य- क्या दीदी, तुम फिर शुरू हो गयी।
ममता- अरे, सीधे सीधे बताओगे की नहीं।
सत्य- अरे हम अभी शादी नहीं करेंगे।
ममता- कब करेगा ये बता दो,खाली?
सत्य- अरे छोड़ो ना, क्या तुम भी पीछे पड़ी हो। जाओ सो जाओ।
ममता- क्यों, गलत पूछे हैं? कि तुम किसी और को चाहता है?
सत्य- ऐसा कुछ नहीं है। हम बस ऐसे ही खुश हैं।
ममता उसकी आँखों में देखते हुए, बोली,” माया को बहुत प्यार करते हो ना। अपनी ही सगी बहन को लव लेटर लिखे हो।
सत्य अवाक रह गया, उसकी नज़र सीधे उस सूटकेस पर पड़ी, वो ममता की ओर फिर देखा, तो ममता अपने हाथ में चिट्ठी पकड़े हुए थी।
ममता ने सत्य को वो वापस दे दिया, और बोली,” तुम बिल्कुल अपने भांजे पर गए हो। वो भी अपनी ही बहन को प्यार करता है। हां, जय और कविता एक दूसरे को प्यार करते हैं। तुम भी माया को बहुत प्यार करते हो ना? संकोच मत करो। सच कह दो, शायद हम तुम्हारी कुछ मदद कर सकें।
सत्य- अच्छा, पर.. पर तुम ये सब क्या कह रही हो? जय और कविता को तुमने कुछ नहीं कहा। ये रिश्ता तुम स्वीकार कैसे कर ली दीदी? तुम पागल तो नहीं हो गयी हो?
तभी कविता रूम में आ गयी,” प्यार में कोई सही गलत नहीं होता मामाजी, प्यार तो खुद में एक पवित्र बंधन है। जो आपको हुआ है, माया मौसी से, जो हमको हुआ है, अपने भाई जय से। समाज तो प्यार में भी रिश्तों का बंधन खोज लेता है। पर प्यार इन सब चीजों से ऊपर है, ना कोई छोटा है ना कोई बड़ा, ना कोई बहन है ना कोई भाई।
तभी ममता बोली,” नाहीं कोई माँ और नाहीं बेटा।
सत्य- मतलब? अचंभित होकर बोला
कविता- मतलब, ये कि हम और माँ दोनों जय से प्यार कर बैठे हैं। और आपसे कहने में हिचक रहे थे। पर आपकी चिट्ठी, मिलने पर हम दोनों की हिम्मत बंधी है। आप अगर चाहे तो, माँ आपको आपके प्यार से मिलवा सकती है। शायद वो भी अब तक किसी सच्चे प्यार की उम्मीद में इंतज़ार कर रही हैं। वो प्यार आपकी आंखों में हम देख सकते हैं।”ममता- सत्य, क्यों खुद के जज्बात, को दबाने की कोशिश कर रहे हो। तुम्हारी आँखे चीख चीखकर कह रहीं है, कि तुमको माया से बहुत प्यार है। जब भी वो घर आती थी, तो तुम उसके इर्द गिर्द ही मंडराते थे। जब वो बीमार हुई थी, तो रात रात भर हॉस्पिटल में रहे थे, लगातार 4 दिन तक। कितनी अभागन है कि, वो जिस प्यार को ढूंढ रही थी, वो उसके भाई के दिल में था। तुम्हारे दिल में था। तुम उसके सपनों के राजकुमार हो। और वो भी इस बात को नहीं पहचान पाई अब तक।”
सत्य फिर गहरी सांस लेकर बोला,” दीदी, तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो। हम माया दीदी को शुरू से ही बहुत चाहते हैं। उनको कभी किसी और के साथ नहीं देख सकते थे हम। पर जब तक हमको होश आया, उसकी और छोटे जीजजी की शादी हुए 18 बरस बीत चुके थे। हम तब सोच लिए, की उनको सब बताएंगे। पर घर की इज़्ज़त का ख्याल रखकर, हम अपने प्यार की बलि दे दिए। और हमको ये भी नहीं पता था, कि वो हमारा साथ देगी की नहीं। इसलिए हम चुपचाप थे। पर आज तुमलोगों ने हमारे अंदर दबी आग फिर भड़का दी है। वो अगर हमको मिल जाये तो, हम अपनी पूरी ज़िंदगी खुशी से काट लेंगे। और अगर तुम ऐसा कर दी, तो तुम्हारे लिए कुछ भी करेंगे।
ममता- हम तुमसे वादा, करते हैं कि आज से 3 दिन के अंदर माया, तुम्हारे पास होगी और तुम्हारे प्यार को क़ुबूल करेगी। पर तुमको भी एक वादा करना है, की तुम अपनी भांजी की शादी अपने भांजे के साथ, सारे रीति रिवाज से करवाओगे।सत्य- वादा दीदी, अगर तुम कहो, तो तुम्हारी शादी भी तुम्हारे बेटे से उसी मंडप में करवा दें।
कविता- बहुत सही कहा, मामा जी। हम माँ बेटी एक ही मंडप में शादी करेंगे और एक साथ एक ही आदमी की दुल्हन बनकर, एक साथ विदा होंगी। क्या मस्त आईडिया है।
सत्य- दीदी, ये ठीक कह रही है। तुम खुद भी जय से शादी कर लो।
ममता मुस्कुराते हुए,” फिर तो ये हमारी दूसरी शादी होगी।”mom son story
सत्य और कविता उसकी ओर एक पल देखे और फिर मुस्कुरा उठे। सब इतनी आसानी से हो जाएगा, ममता ने कभी नहीं सोचा था। पर ये उसीका आईडिया था, की वो अभी ये बात किसी से नहीं कहेंगी। यहां तक कि जय को भी नहीं।
ममता ने उसी समय कविता को फोन लगाया और बोली कि सत्यप्रकाश बहुत बीमार है, जल्दी आ जाओ अगली गाड़ी पकड़ कर। माया बहुत हड़बड़ा गयी, पर अगले ही दिन गाड़ी पकड़ अकेले ही चल दी थी। और 24 घंटे के अंदर दिल्ली पहुंच गई। जब वो स्टेशन पर उतरी तो, सामने सत्य को देखी, उसने सत्य की ओर देखा और पूछी,” क्या हो गया है, ठीक हो ना तुम, दीदी बोली कि तुम्हारी तबियत बहुत खराब है।
सत्य- हां, हम ठीक हैं, तुम घबराओ मत, चलो घर चलो।
दोनों ऑटो पकड़ घर की ओर चल दिये। वैसे तो, सत्य पहले भी माया को ऐसे अपनी प्रेमिका के तौर पर देखता था। पर आज कुछ और ही बात थी।ममता की कही बात उसे एक नए उमंग और ऊर्जा से भर चुकी थी। शायद हां शायद माया उसकी हो जाएगी या शायद इस बार माया से उसकी आखिरी मुलाक़ात होगी। ऑटो में माया सो गई थी। उसकी जुल्फे हवा में लहरा रही थी। उसका ब्लाउज काफी लो कट था। चुच्चियों कि अर्ध गोलाइयों काफी बाहर थी। उसका आँचल ढलकर किनारे हो चुका था। चूचियों के बीच उसका मंगलसूत्र उसकी सुहाग की निशानी था। सत्य को वो काफी चुभ रहा था।
घर पहुंची तो वो सीधे ममता से बोली, की तुम बोली थी कि सत्य बीमार है पर वो तो सामने ठीक ठाक खड़ा है।
ममता- ये ऊपर से ठीक है, पर अंदर से बीमार है। इसे बहुत गंभीर बीमारी हो गया है।
माया- क्या कौन सा कहीं एड्स वगैरह तो नहीं हो गया है?
ममता- अरे नहीं, उससे भी खतरनाक बीमारी, इसे लवेरिया हो गया है।
माया- लवेरिया, ये कौन सा बीमारी है।
ममता- इसको एक लड़की से प्यार हो गया है। और उससे इसकी शादी करनी है। नहीं तो ये पागल हो जाएगा। पिछले 10 साल से ये उसको प्यार करता है, पर उससे कुछ कह नहीं पा रहा है।माया- अरे हमको तो तुमलोग डरा दिए। हम बोले कि पता नहीं क्या हो गया। सत्य को कौन पसंद है। चलो उससे बात करें। बहुत उम्र हो गया है इसका वैसे भी।
ममता- कहीं जाना नहीं है। वो लड़की यहां है।
माया- अच्छा कहां है, घर पर बुलाये हो। किधर है?
ममता- मिलवाएंगे, पर तुम पहले नहां लो, तैयार हो जाओ।
माया- चलो ये भी ठीक है। हम फ्रेश हो जाते हैं।
माया अंदर कमरे में चली गयी। ममता ने सत्य को आफिस जाने को बोल दिया। सत्य ऑफिस चला गया। उसके जाने के बाद ममता माया के साथ कमरे में घुस गई। माया जल्दी से नहा ली, और जैसे ही बाहर आई उसने देखा कि ममता कमरे का दरवाजा बंद कर चुकी थी। माया ने इस वक़्त सिर्फ पेटीकोट पहनी थी। और ममता बिल्कुल नंगी होकर उसके सामने खड़ी थी। दोनों ने आंखों का इशारा पाकर खुद को एक दूसरे की बांहों में झोंक दिया। दोनों आपस में चुम्मा चाटी करने लगे। और पलक झपकते ही माया साया उतारकर अपनी बड़ी बहन की ही तरह संगमरमर की नंगी मूरत लगने लगी। दोनों का दूधिया बदन और एक दूसरे पर हावी होकर बिस्तर पर गिर पड़ी। दो परिपक्व औरतों के बीच, एक बहुत ही उत्तेजना से भरपूर काम लोलुपता की चाशनी में डूबी हुई, चुदाई का नंगा नाच चल रहा था। दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को ऐसे चाट रहे थे, जैसे प्यासा कुवें से पानी पीता है। दोनों लण्ड की आग में, जल रही थी। पर बुर मसलने के अलावे कोई दूसरा साधन नहीं था। ये बिल्कुल ऐसा ही था कि दो सेक्स की भूखी शेरनियों, को शेर ही ना मिले। दोनों एक दूसरे को कभी ऊंचे, तो कभी नीचे पटक रही थी।
माया- ऊफ़्फ़फ़, दीदी आह तुम्हारा साथ भी, गजब है। हमको अकेले छोड़ आती हो। अब तो जैसे सेक्स की भूख घट नहीं रही है, बल्कि इस उम्र में लण्ड की प्यास बढ़ती जा रही है। अब तो उनसे कुछ खास होता नहीं है। हम तो दिन रात सेक्स की आग में जल रही है। आआहह, ज़रा और बुर में अंदर घुसाओ।
ममता- माया, हम खूब समझते हैं, लण्ड की प्यास को। हम तो खुद ही बहुत प्यासे रहते हैं। अब तक तो हम दोनों ही एक दूसरे का सहारा हैं। आआहहहहह… पर तुम चाहो तो हम दोनों की इस भूख प्यास का इलाज हो सकता है।
माया अपने भारी भरकम चूतड़ों पर थप्पड़ लगाते हुए बोली,” कैसे दीदी, इस उम्र में अब हमलोगोंको कौन अपनाएगा? हम दोनों तो वैसे भी जवानी की चौखट पर हो चुकी है।ममता उसके होंठ चूमकर बोली,” यही तो तेरी गलतफहमी है। सारे मर्द एक से नहीं होते बल्कि कुछ लोगों को हम जैसी परिपक्व औरतें पसंद आती है। और आज भी हम तुम कई मर्दों के नींद उड़ाने का दम रखते हैं।
माया ममता की बुर मसलते हुए बोली,” सच दीदी, अब तो अगर हमको कोई बस लाइन मार दे, तो खुश हो जाते हैं। पर ऐसा कौन है जो हमको चाहेगा।
ममता- बहुत हैं, हमको तो एक मिला है, और तुम चाहो तो तुम्हारे लिए भी एक नया जवान लण्ड, मिल जाएगा। जो तुमको खूब चोद चोद कर अपनी रंडी बना लेगा। वो तुमसे प्यार भी बहुत करता है।
माया- कौन है वो?
ममता- वो तुम्हारा आज से नहीं, बहुत दिनों से आशिक़ है। तुमको दिन रात याद करता है। तुम्हारे याद में अब तक शादी नहीं कि है। वो आज भी तुम्हारे प्यार का प्यासा है। और अगर तुम चाहो तो उस प्यासे का कुवां बनके इलाज कर सकती हो, और वो भी तुमको बहुत खुश रखेगा।
माया- पहेलियां, मत बुझाओ हमको, जल्दी से नाम बताओ उसका। कौन है जो हमको इतना प्यार करता है और हम उसको जानते नहीं हैं।
ममता- तुम जिसकी दुल्हन देखना चाहती हो, वो और कोई नहीं तुम खुद हो। सत्य जिससे शादी करना चाहता है, वो तुम हो। तुम ही उसके सपनों की रानी हो। वो तुमको बहुत खुश रखेगा।
माया उत्तेजना में थी,” क्या बोल रही हो, हमको अपने छोटे भाई की दुल्हन खोजना है, खुद उसकी दुल्हन नहीं बनना है। वैसे भी ये तो समाज के खिलाफ है, ये कैसे कर सकते हैं।
ममता- क्योंकि……. ये गलत नहीं है। mom son story

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