Incest क्या…….ये गलत है?

कविता के इस हमले से उसकी सीत्कारें गले से फुट पड़ी। बुर में कई दिनों बाद कोई दूसरा उसके बुर से छेड़खानी जो कर रहा था। कविता लगातार बुर की चुदाई कर रही थी अपनी जीभ से। ये कविता के लिए बिल्कुल नया अनुभव था। अपना बुर का रस तो सब खूब चख था, पर किसी और औरत का वो पहली बार चख रही थी। दोनों माँ बेटी काम के सागर में गोते लगा रहे थे। कविता की नाक से लेकर ठुड्ढी तक सब भीग चुके थे। कविता जब जीभ से थक गई तब उसने ममता की छितराई बुर में दो उंगलियां घुसा दी, और अंदर बाहर करने लगी। दूसरे से वो ममता के बुर को सहला रही थी। ममता बीच बीच मे उत्तेजना से अपनी बुर पर थपकियाँ मार रही थी। काफी देर ऐसा ही चलता रहा। पर ममता अभी झड़ी नही थी। कविता फिर उसकी टांगों के बीच आ गयी और अपना बुर और ममता का बुर आपस में चिपका दी। और कमर की ज़ोर से बुर को बुर पर रगड़ने लगी। ममता की दांयी टांग कविता के बाएं कंधे पर था। दोनों को इसमें आनंद मिल रहा था। दोनों ज़ोर लगाकर बुर को रगड़ रही थी। ममता अपनी चुच्ची खुद ही दबा रही थी, और खुले मुंह से आँहें भर रही थी। कविता भी सीत्कारें मार रही थी। बहुत उत्तेजक और कामोत्सर्जक दृश्य था। कविता के बाल खुले थे और उसकी नंगी चुच्चियाँ कमर की धुन पर हिल रही थी। अब ममता के लिए खुद को रोक पाना मुश्किल हो रहा था। कविता भी चरम सुख के निकट थी। दोनों माँ बेटी एक साथ झड़ गयी। और चीखें मारते हुए एक दूसरे पर निढाल हो गयी। दोनों को थोड़ी देर बाद होश आया। पर उनके बीच कोई ग्लानि नही लग रही थी।
दोनों एक दूसरे की बांहों में बाँहे डाले थी। और एक दूसरे को चूम रही थी।
कविता- माँ आज एक अलग ही आनंद आया।
ममता- हाँ कविता, एक औरत का औरत के साथ बिल्कुल अलग अनुभव होता है। तुम आज पहली बार औरत के साथ ये की हो ना, इसलिए बहुत मज़ा आया होगा।
कविता- तुम कहना क्या चाहती हो, ये तुम्हारा पहला बार नही था। मतलब तुम किसी और औरत के साथ भी ये सब की हो माँ?
ममता- हाँ, कविता हम और तुम्हारी मौसी माया पहले भी ऐसा कर चुके हैं।
कविता- तुम तो बहुत पहुंची हुई खिलाड़ी हो। सच सच बताओ तुम दोनों शशि के साथ भी एक साथ चुदी हो ना? है ना… है ना….
ममता- हां हम दोनों एक साथ बहुत बार शशीजी से चुदी हैं। एक ही बिस्तर पर, एक ही मर्द से।कविता- हमको लग ही रहा था, तुम बहुत बड़ी छिनार हो माँ।
ममता हंसी तब तो तुझ जैसी छिनार बेटी हुई है, जो अपने भाई से चुदवाती है। अब अपनी माँ के साथ भी खुल गयी हो।
कविता- सच कहा माँ, छिनार ही है हम दोनों। अब जब कि जय के साथ हम दोनों बीवी बनके रहेंगे, तो हमारे बीच ये खुलापन होना जरूरी था। जय बहुत देर इंतज़ार नहीं करनेवाला है। एक ना एक दिन हम दोनों को एक साथ बिस्तर पर चोदेगा ही चोदेगा। इसलिए हम दोनों का आपस में खुलना जरूरी था।
ममता- सच कहा, कविता। ये हुआ तो ठीक ही हुआ। हम दोनों भी अब माँ बेटी के साथ साथ पक्की सहेलियां बन गयी हैं।
कविता- माँ, एक बात पूछूँ, बुरा तो नहीं मानोगी?
ममता- पूछ ना।mom son story
कविता- तुम, शशि से खुश थी, ये रिश्ता जोड़कर? और जहां तक अब तुमको जान गए हैं, हमको लगता है, तुमको एक नए मर्द की तलाश थी। हमको लगता है उसका अब खड़ा भी नहीं होता होगा। वो पहले से ही बहुत नशेबाज था।
ममता- ये रिश्ता हम मजबूरी में जोड़े थे, पर बाद में मज़ा आने लगा था। हर औरत की शारीरिक ज़रूरत होती है। वो तेरे बाबूजी पूरा नहीं कर पाते थे। हाँ ये सच है कि अब शशिकांतजी का क्षमता कम हो गयी है। और जैसा कि तुमको पता है कि, घर की बात घर में रहे तो ठीक है। पहले शशिकांत थे और अब जय होगा।
कविता- वाह माँ, तुमसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। पर हम भी तुमको बहुत कुछ सीखा सकते हैं।
ममता- क्या?
कविता- हम दोनों को फिट होना पड़ेगा। अब चुकी हम दोनों जय से चुदवा चुके हैं, तो जानते हैं कि जय को अलग अलग तरीके से चोदना पसंद है।तुमको मैनीक्योर, पेडीक्योर सब करवाना होगा। फेसिअल वैगरह सब। अब लड़कों को खुद को फुल मेन्टेन करनेवाली औरतें चाहिए। हम लोग कल से वी * * सी जॉइन करेंगे। वहां फिटनेस के साथ साथ ब्यूटी का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।
ममता- ठीक है। हमको भी जमाने के साथ चलना होगा। लेकिन जय को अभी कुछ नहीं बताएंगे। उसको चौंका देंगे।
कविता- हाँ, हम दोनों को देख उसके होश उड़ जाएंगे।
(आज का दिन)
उन दोनों के मुंह से ये बातें सुन जय का मुंह खुला था। ममता और कविता हसने लगी। दोनों ने उसका मुंह बंद कर दिया। एक साथ उसके होठों को चुम्मा लेकर।
ममता- अब हम दोनों, में कोई शर्म लाज़ नहीं है। आज हम माँ बेटी अपनी सुहागरात एक साथ मनाएंगे। हम दोनों को एक ही बिस्तर पर चोदोगे जय।
जय ममता और कविता को बारी बारी से चूमा और बोला,” आज की रात, बहुत मजेदार होगी। आज तुम दोनों खूब चुदोगी, एक दूसरे के सामने, इसी बिस्तर पर।
कविता- उससे पहले हम दोनों ने तुम्हारे लिए, कुछ प्लान कर रखा है। उसका मज़ा लूटो।
जय- क्या?ममता और कविता मुस्कुराई और बिस्तर से उतर गई। फिर म्यूजिक सिस्टम पर गाना लगाया,” ये मेरा दिल प्यार का दीवाना…”
और नाचने लगी। दोनों बेहद कामुक तरीके से नाच रही थी। फिर दोनों ने एक एक करके अपने कपड़े गानों की धुन पर उतारने लगी। पहले चोली उतरी, फिर लहँगा सडकते हुए फर्श पर गिर गया, लाल पैंटी में दोनों कमर मटकाते हुए नाच रही थी। कभी गाँड़ पीछे से दिखाते हुए जोरों से हिलाती, तो कभी चुच्चियाँ। दोनों ने कोई आभूषण नहीं उतारे। दोनों एक दूसरे को चूम भी लेती। और एक दूसरे की चूचियाँ और गाँड़ दबा देती। खुद को सहलाती और कभी एक दूसरे को। उनके पैरों में जांघों तक मेहन्दी लगी थी, और हाथों में बांहों तक। चुच्चियों के निप्पल पर चारों ओर मेहन्दी से गोल गोल डिज़ाइन बने थे। दोनों नाचते हुए जय के करीब आयी, और उसको अपने साथ खींच लिया। जय उन दोनों को पकड़के नाचने लगा। दोनों फिर जय के कपड़े उतारने लगे। ममता उसका कुर्ता और कविता उसका पायजामा उताड़ दी। जय का कच्छा और बनियान भी उतरने में देर नहीं लगी। जय नंगा हो चुका था। उधर ममता की पैंटी में हाथ घुसाकर वो उसकी गाँड़ टटोल रहा था। कविता नीचे उसका लण्ड हाथों में पकड़े चूम रही थी। जय,” माँ दीदी तुम दोनों अपनी कच्छी उताड़ दो। हम नंगे है, तो तुम दोनों भी पूरी नंगी हो जाओ। इतना सुनना था, की ममता ने अपनी कच्छी उताड़ दी, और कविता ने भी बिना देर किए उसको उताड़ दिया। दोनों की बुर एक दम चिकनी थी। एक बाल भी नहीं था, जैसे उसपर कभी बाल ही ना उगे हो। और बुर के ऊपर जहां झांट होती हैं वहां भी मेहन्दी लगी थी। जय का लण्ड ये सब देखकर कड़क हो चुका था। आज की रात शायद ममता और कविता पूरा प्लान बना कर आआई थी। आज उन दोनों की खैर नहीं थी। जय खड़ा था, और ममता और कविता नीचे घुटनों पर बैठकर उसका लंबा लण्ड चूस रही थी। जय को वो दोनों भूखी शेरनी की तरह लग रही थी। जैसे भूखे को बहुत दिन बाद खाना मिलता है ठीक उसी तरह दोनों लण्ड पर टूट पड़ी थी। दोनों उसकी ओर देखकर लण्ड चाट रही थी।
जय- तो उस रात तुम दोनों ने कितनी बार सेक्स किया?mom son story
कविता- तीन बार। लण्ड का सुपाड़ा चूसकर बोली।जय- तुम दोनों बहुत चुद्दक्कड़ लग रही हो। आज बहुत चुदासी भी हो।तुम दोनों की खूब चुदाई करेंगे।
ममता- हमलोग कब मना किये। तुम्हारे चुदाई का तरीका तो हम दोनों को पता है।एक दम गंदी और घिनौनी चुदाई करते हो। हम दोनों उसके लिए तैयार हैं।
कविता- हम माँ को बहुत ब्लू फिल्म दिखाए हैं, ताकि उन सब चीजों से परिचित हो सके। आजकल हर मर्द चाहता है कि उसकी बीवी बिस्तर में ब्लू फिल्म की हीरोइन के तरह चुदवाये।
दोनों आंड़ और लण्ड चूसते हुए बोली।
जय अपना लण्ड चुसवा रहा था। उसका लण्ड पूरी तरह तन गया था। उसकी माँ ममता और दीदी कविता अपने मुंह से उसके लण्ड की सर्विसिंग कर रही थी। उसके लण्ड को दोनों बारी बारी से मुंह मे घुसाकर चूस रही थी। कभी कविता चूसती तो कभी ममता। दोनों अपने थूक से उसके लण्ड को नहला चुकी थी। ममता और कविता लण्ड चूसते हुए एक दूसरे को बीच बीच में चुम्मा भी ले लेती। चुम्मा लेते हुए दोनों एक दूसरे के होंठ जीभ सब चूसती। एक दूसरे के मुंह से लेर के धागे भी बन जाते थे। फिर दोनों बारी बारी से लण्ड और आंड़ चूसने लगती। दोनों लण्ड के आजु बाजू बैठी थी। और लण्ड को साइड से आधा होंठों के बीच दबाए सुपाडे से लेकर लण्ड के जड़ तक हिलाती। इस कामुक दृश्य को शायद ही कोई मर्द नहीं चाहेगा। जय ने उसी समय लण्ड पर थूका, और वो ममता के होंठों और कविता के नाक पर गिरा। दोनों उसकी ओर ही देख रही थी। उन्होंने अपने होंठ और नाक लण्ड पर रगड़ें, और सारा थूक लण्ड पर मल दिया। जय ने ऐसा तीन चार बार किया, और उनकी हरकतों को देखकर बोला,” दीदी तुम दोनों तो बिल्कुल पोर्नस्टार्स की तरह लण्ड चूस रही हो और उनके जितनी घिनौनी हरक़तें भी कर रही हो। हम कितना लकी हैं कि तुम दोनों हमारी बीवी बनी और सेक्स का असली आनंद दे रही हो।”
ममता लण्ड चूसना छोड़ बोली,” औरत का काम यही है, बाहर जितनी शरीफ बिस्तर में उतनी ही बड़ी रंडी। तुमको क्या लगता है कि, बस तुम मर्दों को मज़ा आता है, गंदी सेक्स में, जिसमें गालियां होती हैं, घिनौनी और गंदी चुदाई होती है। नहीं, हम औरतें भी इसको बहुत मज़े लेकर करती हैं।आज की रात तुमको सब बताएंगे।
कविता- हां, जय हम दोनों आज तुम्हारे होश उड़ा देंगे।” कविता लण्ड पर थूकते हुए बोली। ममता और कविता अपने हाथों से लण्ड को थूक से मल रही थी।
जय ने ममता को बोला,” अरे रंडी साली ये लण्ड को पूरा मुंह में घुसा ले, और अपनी बेटी को हरा। और तुम कविता रंडी तुमको इस कुतिया को हराना है। दोनों में से जो लण्ड का ठीक से सेवा करेगी वही पहले अपना बुर आज की रात चुदवायेगी।
कविता,” ये कैसे पता चलेगा, कि किसने अच्छी सेवा की?
जय- जो ज्यादा देर मुंह को लण्ड में पूरा घुसाके रखेगी, वही जीतेगी। उसकी बुर को हम सबसे पहले चोदेंगे। देखते हैं कि माँ जीतती है या तुम दीदी।ये बोलना था कि ममता ने बिना देर किए, लण्ड मुंह में घुसा लिया। वो लण्ड के जड़ तक जा पहुंची। उसके ऊपरी होंठ जय के झांट से लड़ रहे थे, और निचला उसके आंड़ से। जय के मुंह से बस,” उफ़्फ़फ़फ़फ़” निकला। कविता ममता का सर पीछे से दबा रही थी। जय उसकी नाक दबाए था। फिर भी वो बेचारी लण्ड से मुंह नहीं हटाई। उसके मुंह से लेर लगातार चू रहा था। ममता की आंखें जय की आंखों में लगातार देख रही थी। उसकी सांसें धीरे धीरे उखड़ने लगी। पर जय उसको और लंबा खींचने की प्रेरणा दे रहा था। आखिरकार 35 सेकंड तक रोकने के बाद वो स्वतः हट गई। वो जोर जोर से सांसें ले रही थी। आंख में लाल धागे खींच गए थे। जय ममता के बाल सहला रहा था। इस उम्र में ये बहुत बड़ी हिम्मत की बात थी। कविता अगले ही पल जय के तने हुए लौड़े को गले की गहराइयों में उतार गयी। लण्ड कविता के कंठ को छू रहा था। अबकी ममता कविता के सर को पकड़कर जय के लण्ड पर जोर लगा रही थी। उसने बोला,” हां, सोचो कि तुम इसी पल के लिए जन्मी हो। अपने भाई का लण्ड मुंह में जितनी देर घुसओगी उतनी देर ये तुमको चोदेगा। तुम हमारी बेटी हो, ये साबित करो। हर माँ चाहती है कि उसकी बेटी, उससे भी आगे निकले। तुम कर सकती हो।”
कविता अपनी माँ का प्रोत्साहन पाकर,बड़ी देर तक जूझी, पर आखिरकार अपनी माँ के बराबर देर ही कर पाई।
कविता खौ खौ कर खांस रही थी। ममता फिर आंड़ सहलाते हुए अपनी जीभ से पूरा लण्ड चाट रही थी। जय तो सातवें आसमान पर था। दोनों के ठुड्ढी, और चुच्चियों पर अत्यधिक थूक से चमक रहे थे, जो मुख चुदाई के बाद गिरे थे। जय उन दोनों के साथ बड़ी देर तक मुख मैथुन करने के बाद, उनको उठाया और बिस्तर पर चलने के लिए बोला। ममता और कविता बिना कपड़ों के और पूरे गहनों में थी। दोनों के मांग में टीका, कानों में झुमका, नाक में नथ, गले में हार, हाथों में लाल चूड़ियां, कमर में कमरबंद, पैरों में पायल, हाथों की उंगलियों में अंगूठियां, पैरों में बिछियां। कपड़ों के नाम पर बदन पर एक चिन्दी टुकड़ा भी नहीं था। दोनों बहुत ही कामुक अंदाज़ से गाँड़ मटकाते हुए चल रही थी। जांघों और बांहों तक लगी मेहन्दी भी किसी गहने से कम नहीं थी। जय उन दोनों के चूतड़ सहलाते हुए आगे बढ़ रहा था।
जय- तुम लोगों ने मेहन्दी बहुत सेक्सी लगाई हुई है। बहुत मस्त लग रही हो दोनों।
ममता- कविता ने ब्राइडल मेकअप के लिए बुलवाया था। हम दोनों ने एक साथ करवाया।
तीनो बिस्तर पर पहुंच गए। कविता और ममता दोनों बिस्तर पर पहुंच कर घुटनो के बल बैठ गयी। जय उन दोनों के बीच आ गया और अपना चेहरा दोनों की चुच्चियों के सामने रख बोला,” अरे हमारी रंडियों अपना चुच्ची हमारे मुंह पर रगड़ो।

कामवासना

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