ममता मुंह लण्ड में लिए उसकी तरफ देखने लगी, और मुस्कुराई। अपने बेटे को पहले पति और अब एक मर्द की तरह कड़क होते देख रही थी। ममता की कामुक आंखें, उसकी ओर बिना पलक झपके देख रही थी। जय ममता की ओर देखा और उसने अपना लण्ड बाहर निकालकर उसके खुले मुँह में थूक दिया, फिर मुस्कुराते हुए अपना लण्ड उसके होंठों पर रगड़ने लगा। ममता बिना विरोध किये उसका सारा थूक निगल गयी। जय ने अपना गीला लौड़ा ममता के पूरे चेहरे पर घुमाने लगा। जय के लण्ड पर लगे ममता की लार उसके ही चेहरे का मेक अप कर रही थी। जय ने ममता के माथे पर थूका, फिर उसके गालों पर। फिर अपने लण्ड के सहारे उस थूक को उसके चेहरे पर फैला कर गीला कर रहा था। ममता उसके आंड को मुंह में रखी हुई थी।
जय- मज़ा आ रहा है तुमको। तुम्हारे चेहरे को हम अपने थूक से गन्दा कर रहे हैं। ये चुदाई जितनी घटिया, घिनौनी हो उतना मज़ा आता है।”
ममता आंड़ मुँह से निकालकर बोली,” चेहरा को गंदा नहीं साफ कर रहे थे, आप अपने थूक से बेटा सैयांजी। आपका थूक हमारा प्रसाद है। हमारे लिए कुछ भी घिनौना नहीं है, जो आपको पसंद है। आपका जो मन चाहे वो कीजिये। हम आपको नहीं रोकने वाले।” जय उसकी बातें सुनके मुस्कुराने लगा। वो अभी भी उसके चेहरे पर लण्ड फेर रहा था। इस तरह ममता के खूबसूरत चेहरे के साथ खेलने के 10 मिनट बाद जय ने ममता के मुंह मे फिर से लण्ड दिया।
ममता बिल्कुल बेफिक्री से उसका लण्ड पूरा अपने मुँह में समा ली। जाय के लण्ड का करीब 90% भाग उसके मुंह मे था। ममता अपनी एड़ियों पर चूतड़ टिकाए हुए थी और जय की जांघों पर अपनी हथेली रखी हुई थी। जय ममता के खुले मुंह को चोद रहा था। ममता के मुंह से थूक के लंबे धागे और तार लटकने लगे थे। जय के आंड़ ममता के मुंह से चूते लार से गीले हो चुके थे, और उसके सीने और गले दोनों जगह चूकर उसको और कामुक रंडी बना रहे थे। जय ने बहुत कोशिश की पर लण्ड पूरा उसके मुँह में समा नहीं रहा था। ममता समझ गयी कि जय क्या चाह रहा है। उसने जय से कहा,” हम कोशिश करते हैं पूरा लेने का, आप हमारे सर को पीछे से कसके पकड़ना।”
और फिर ममता ने एक लंबी सांस लेकर जय के लण्ड को धीरे धीरे अपने मुँह में समाने लगी। उसने धीरे धीरे सब निगल लिया, और जय उसके सर को पकड़े हुए दबाव बना रहा था,ताकि पूरा घुस जाए।
जय ऐसे ही ममता को पकड़े हुए बोला,” क्या बात है, तुम तो कमाल कर दी माँ, ऐसे ही रहो थोड़ी देर। हमारे लण्ड को अपने मुँह की गहराई नापने दो। संस्कारी औरतें पति को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। बिस्तर में तुम तो ब्लू फिल्म की रंडियों से भी आगे निकल सकती हो। आआहह हहहहहह आआहह……।ममता कोई दस पंद्रह सेकंड के बाद स्वतः लण्ड छोड़ दी, और जोर जोर से साँसे लेने लगी। आ…आआहह…..हहहम्म…. हहहम्म वो हांफ रही थी। ममता ने जय की ओर देखा और हल्की मुस्कान से बोली,” यही चाहते थे ना आप, हम सब करेंगे। कोई शक मत रखियेगा।” ममता के मुँह से थूक के धागे जय के लण्ड से जुड़े थे। ममता ने जय के लण्ड को फिर से मुँह में घुसा लिया और इस बार वो उसकी ओर देखते हुए, आंखों से भौएँ उठाकर जैसे ये पूछ रही थी कि कैसा कर रहे हैं हम?
जय ने ममता को बोला,” माँ तुम मस्त चूस रही हो।”
इस तरह कई बार ममता ने ये किया और हर बार उसकी टाइमिंग बढ़ रही थी। उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे। जब वो लण्ड छोड़ती तो हाफबे लगती। अब जय वापिस से ममता का मुखचोदन कर रहा था। ममता पीछे नहीं हटी, बिल्कुल एक अनुभवी नारी की तरह कमान जय के हाथ में सौंप दी। कुछ देर तक उसको ऐसे चोदने के बाद जय ममता से पूछा,” लण्ड चाहिए ममता रानी?
ममता- हहम्मम राजाजी। देखो ना बुर कितनी गीली हो गयी है।
जय- क्या हरामी रंडी हो तुम! चल दिखा अपनी भीगी बुर को। दिखाओ की तुमको लण्ड कहां चाहिए।
ममता बिस्तर पर कुतिया बन गयी और चूतड़ों को फैला कर भीख मांगते हुए बोली- बुर में चाहिए, देखो अपनी रंडी माँ की बुर कैसे अपने बेटे के लण्ड के लिए पनिया गयी है। अपनी माँ को अपनी बीवी बनाकर विधवा से सुहागन कर दिए। सुहागन औरत पति की रखैल होती है। हम तुम्हारी रखैल हैं। पहले माँ, फिर बीवी, और अब रखैल। इसी बुर से आप पैदा हुए और अब आपकी औलाद भी यहीं से पैदा होगी। अपनी माँ को चोदकर उसे अपने बच्चों की माँ बनाएंगे। इस बुर में अपना पवित्र वीर्य गिराकर हमको पवित्र कर दीजिए। ये आपकी रंडी बनी माँ का आग्रह है।
जय पहले ममता के गोरे नंगे भारी भरकम चूतड़ को सहलाने लगा फिर अपनी माँ की बुर पर थूका और अपने लण्ड को उसके ऊपर रगड़ने लगा। जय- तुम्हारी बुर तो अभी भी मस्त है। इतनी चुदाई और ठुकाई के बाद भी बुर अभी ज्यादा छितराई नहीं है। आज तो तुम्हारी बुर हमारे लण्ड का शिकार होगी।
ममता लण्ड छुवाये जाने से उत्तेजित हो चुकी थी,” रे हरामी जल्दी से डाल ना बुर में मादरचोद। आआहह… तड़पा रहा है अपनी माँ को लण्ड के लिए उसका एहसास दिलाकर।”
जय- क्या बात है संस्कारी माँ, बिस्तर पर संस्कारों को छोड़ पूरी रंडियों की भाषा बोल रही है। हाहाहा… और उसके चिकने गाँड़ पर दो थप्पड़ लगाए।
ममता- आउच….आह……बिस्तर में हर घरेलू औरत के लिए ये आम बात है।
जय तो ये ले रंडी माँ, अपने बुर में तगड़ा लौड़ा। ममता की भीगी बुर और जय के गीले लण्ड की वजह से लण्ड बिल्कुल माखन में चाकू की तरह घुस गया।ममता के मुंह से एक लंबी सीत्कार निकली और पूरे कमरे में गूंज गयी। जय भी आहें भर रहा था। वो ममता के पीछे घुटनो पर था।और ममता के बाल किसी घोड़ी की लगाम की तरह पकड़े हुए था। जय ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था। हर धक्के के साथ थप..थप की आवाज़ गूंज रही थी।
जय- आह… बुर में लण्ड घुसाने का मज़ा ही कुछ और है खासकर अगर वो अपनी माँ की हो। मन तो करता है कि जिंदगी भर इस बुर को चोदते रहें।
ममता- हाँ, बेटा सैयांजी… खूब चोदना इस बुर को।अब तो दिन रात हाज़िर रहेंगे हम आपके लिए। हम औरतों को इस उम्र में ज़्यादा चुदवाने का मन होता है। आह…आह..
जय ममता के बाल कसके खींचता है और ,” आज और आनेवाली कई रातों में तुमको सोने नहीं देंगे हम। तुमको अपनी बुर के साथ साथ अपनी गाँड़ भी हमको देनी होगी। खूब चुदवा चुदवा के गाँड़ फैलाई हो।” जय ने एक जोरदार थप्पड़ ममता के दाएं चूतड़ पर चिपका दिया।
ममता ईश……शशश… हाँ दूंगी अपनी गाँड़। मर्दों को आजकल बुर और गाँड़ दोनों ही चाहिए। ये ब्लू फिल्मों का जादू है। हम औरतों को आजकल घर के अंदर भी एक रंडी की तरह जीना पड़ता है। ताकि बिस्तर पर पति हमेशा खुश रहे।
जय ने ममता की गाँड़ की छेद को प्यार से सहलाया और फिर उस पर थूक दिया। उसने अभी गाँड़ के साथ और कोई छेड़खानी नहीं की। वो अभी ममता की गाँड़ को बस निहार रहा था। उधर ममता बुर चुदवाये जा रही थी। दोनों पसीने पसीने हो चुके थे, जबकि रूम में ऐसी लगा हुआ था। ममता को कुछ देर इसी तरह चोदने के बाद, जय ममता को अपनी ओर पीठ कर करवट लेने को कहा। ममता करवट ले ली और जय ने उसको पीछे से बाँहों में भर लिया। जय ने ममता की दोनों चुच्चियाँ अपने पंजों की गिरफ्त में ले ली। जय का लण्ड अभी भी ममता की बुर में अंदर बाहर हो रहा था। ममता अपनी गर्दन जय की ओर घुमाकर उसको चूम रही थी। दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। धक्के खाने की वजह से ममता और जय दोनों हिल रहे थे। जय ममता की अधेड़ चूचियों को कस कस कर दबा रहा था। जिसमे ममता उसका पूरा साथ दे रही थी। ममता की चुच्चियों को जय स्पंज की तरह चाँप रहा था। ममता की चुच्चियाँ पूरी तरह दबकर उसके हाथों में समा जाती थी। फिर वो उनको कबूतरों की तरह आज़ाद कर देता और निप्पल से खेलने लगता। दोनों का चुम्बन रह रहकर और जोशीला होता जा रहा था। ममता की बांहे दोनों ऊपर की ओर थी। एक से उसने जय को अपनी ओर खींच रखा था। दोनों एक दूसरे में खोए थे और चुदाई का आनंद ले रहे थे।
जय ममता के कान के पास बोला,” आआहह ममता आई लव यू जान।
ममता पूरे कामुक अंदाज़ में लगभग फुसफुसाते हुए जय का जवाब दी,” आई लव यू टू।”ममता अब झड़ने वाली थी। वो तजुर्बेदार थी। पर युवा जोश अभी भारी था।ममता को चुच्चियों की छेड़ छाड़ और चुदती बुर को एक साथ सम्भालना मुश्किल हो गया था। आखिकार ममता के बुर शांत हुई और जय को एहसास हुआ कि बुर जैसे लण्ड को अंदर ही अंदर चूस रही है। जय थोड़ी देर रुक गया। फिर अपना लण्ड बाहर निकालकर ममता के ऊपर आ गया। वो ममता की टांगों के बीच आकर फिरसे लण्ड उसकी बुर में घुसा दिया। और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। ममता अभी झड़ी थी पर जय का पूरा साथ दे रही थी। ममता गाँड़ उठा उठा कर बुर चुदवा रही थी। तब थोड़ी देर बाद ममता एक बार और झड़ी, फिर जय ने अपना लण्ड निकाल लिया और ममता फुर्ती से जय का इशारा पाकरके लण्ड के पास आ गयी।
जय के लण्ड से मूठ का फव्वाड़ा छूटा, जो ममता के माथे से जा चिपका, दूसरी धार ममता के गाल पर, तीसरा उसके होंठो पर, फिर धार हल्की हो गयी और ममता के पूरे चेहरे को गीला कर गयी। जय अपना लण्ड उसके गाल पर रगड़ रहा था। ममता मुस्कुरा रही थी। जय- ऐसे ठूम और खूबसूरत लग रही हो।” ममता- असली मेक अप जो अब हुआ है।” दोनों ठहाके मारके हंसे। जय ने ममता की एक तस्वीर ले ली। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई,” रूम सर्विस, सर आपका खाना।”
ममता बिस्तर से उठकर बाथरूम की ओर चली गयी। जय तौलिया लपेट कर गेट खोला,” आ जा यार।” उस वेटर ने रूम में हुई चुदाई की खुश्बू पहचान ली। वो मुस्कुराते हुए खाना रखके चला गया।
तभी जय के मोबाइल पर फ़ोन आया। जय ने फोन देखा वो फोन कविता का था। जय मुस्कुराया उसकी माँ अभी अभी उससे चुदी थी और बहन चुदने के लिए दिल्ली में तड़प रही थी।
जय- हेलो…कैसी हो दीदी?
कविता- हमारी छोड़ो, ये बताओ माँ तुमसे पटी की नहीं?
जय- अरे ममता को तो हम अभी अभी चोदे हैं। कल रात ही चोदे थे।
कविता- सच्ची, हम जानते थे तुम कर लोगे।
जय- तमीज़ से बात करो, तुम्हारी माँ को छोड़कर तुम्हारे बाप बन गए हैं। हाहाहा
कविता- अच्छाजी, ठीक है पापा।
जय ने बीते रात की पूरी बात बता दी कविता को, और कैसे उसने ममता के साथ मंदिर में शादी की।
कविता- तब तो सच में हमारे बाप बन गए।हाहाहा
जय- और नहीं तो क्या? दीदी तुम्हारी याद आ रही है।
कविता- झूठे ! हमारी माँ को चोदके मज़े ले रहे हो आप पापा।
जय हंसते हुए- अरे सच में।
कविता- हमको आपकी बहुत याद आती है। आप जल्दी से माँ को हमारे आपके रिश्ते के बारे में बताये ताकि कोई प्रॉब्लम ना हो।
जय- हम पूरी कोशिश करेंगे….
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और ममता अंदर आयी। जय ने संभालते हुए कहा,” हाँ पूरी कोशिश करेंगे कि परसों की ट्रेन पकड़ ले। दीदी माँ से बात करो।
जय ममता को फोन देते हुए बोला, ममता ने हाल चाल पूछा थोड़ी बात की और फ़ोन रख दिया।ममता टॉवल लपेटने लगी तो जय ने वो टॉवल खींचकर फेंक दिया और बोला,” इस कमरे में ना हम और ना तुम दोनों कपड़े नहीं पहनेंगे। आजसे दो दिन तक यानी परसों तक हम कमरे में रहेंगे और कहीं नहीं जाएंगे। सिर्फ चुदाई करेंगे और कुछ नहीं।” जय ममता को अपनी ओर खींच लिया जो पहले से नंगा था। उसको कमर से पकड़ लिया और दूसरे हाथ से ममता के हाथों में झुमके रख दिये जो उसने मार्केट से खरीदे थे। और बोला,” तुम गहने और मेक अप के अलावे और कुछ नहीं पहन सकती।” ममता मुस्कुराई और बोली ठीक है, पर आप ही ये पहना दीजिए ना।” जय ने ममता के कानों में वो पहना दिया। जय- हम जानते हैं कि अभी कुछ भी नहीं हैं पर दिल्ली में तुमको गहनों से लाद देंगे।”
ममता- खाना लगाते हैं, आपको भूख लगी होगी। आप बैठिए।
जय- ठीक है।
ममता नंगी ही थिरकते चूतड़ों के साथ, खाना लगाने चली गयी। ममता ने जय को खाना लाकर दिया। जय – ये तो बहुत ज्यादा है। इतना कौन खायेगा?
ममता- आप जो खाएंगे खाइये बाकी हम कहा लेंगे।
जय ने ममता को अपनी गोद मे बिठा लिया और बोला,” तुम ही हमे खाना खिलाओगी।
ममता ने उसे खिलाना शुरू किया। बचपन में ममता उसे एक बच्चे की तरह खिलाती थी, टैब भी वो नंगा होता था उसकी गोद में, पर आज उसे अपने पति की तरह खिला रही थी, खुद नंगी होकर उसकी गोद में बैठकर।
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