Incest क्या…….ये गलत है?

फिर उसने कविता को फोन रखने को कहा। उसने अपनी सोई हुई माँ को देखा, तभी ममता ने अपनी चूतड़ को खुजलाते हुए, चूतड़ आधे नंगे कर दिए। ममता ने अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, पेटीकोट तो दूर कच्छी भी नहीं थी। उसकी गाँड़ एकदम चिकनी, गोरी, सुडौल थी। गाँड़ की दरार के बीच साँवलापन था। गाँड़ चौड़ी भी बहुत थी। जय ममता के गाँड़ के करीब पहुंचा और उसको छूना चाहता था, पर कुछ सोचकर रुक गया। उसने ममता के खूबसूरत चुत्तरों के पास अपनी नाक ले आयी, और उसको निहारते हुए सूंघने लगा। फिर ममता के गाँड़ की ओर सर रखके लेट गया। जैसे ही वो लेटा उसको ममता की जांघों में फंसी अधनंगी बुर दिखने लगी। उसकी बुर हल्के झाँठ थे। बुर चुदने की वजह से उसकी पत्तियां, बाहर झांक रही थी। जय ये जानते हुए की ममता उसकी माँ है, और जग सकती है, ये की जगने के बाद ममता क्या करेगी, अपनी जन्मद्वार को छुआ। उसे ऐसा लगा कि वो जैसे स्वर्ग की चौखट को छू रहा है। इतना कोमल, इतनी सुंदर और इतना कामुक दृश्य वो शायद पहली बार देख रहा था और महसूस कर रहा था। उसने ममता की ओर देखा, वो अभी भी सो रही थी। उसने ममता के बुर को फैलाया, और एक चुम्मा ले लिया। उसकी बुर की मादक गंध उसको कब मदमस्त कर गयी, पता ही नही चला। वो उसकी बुर को चूसना शुरू कर दिया। ममता की बुर धीरे से गीली होने लगी। वो इस एहसास को सोच रही थी, की वो सपने में है और जय उसकी बुर चूस रहा है। सपने में किसका बस होता है, सपने में तो कुछ भी हो जाता है। उसके बुर में इस वक़्त उस मधुर कामुक सपने की वजह से ही पानी निकल रहा था। सपने में वो मंदिर के प्रांगण में नंगी लेटी थी, और जय उसकी बुर को चूसे जा रहा था। चारों तरफ वो कामुक नंगी प्रतिमाएं, सजीव होकर काम क्रीड़ा का आनंद ले रही थी। ममता का ये सपना बहुत मीठा था। जब जय उसके स्वप्न में अपना लौड़ा उसकी बुर में डालने वाला था, की तभी उसे कुछ अजीब एहसास हुआ और उसकी नींद खुल गयी। उसकी आंखें खुली तो, जय सच में उसके बुर में लण्ड घुसाने का प्रयास कर रहा था। ममता की आँखें खुली की खुली रह गयी। उसका बेटा सच में वो सब कर रहा था।

ममता और जय के बीच क्या सच में कुछ हो पायेगा? क्या ममता जय को माफ करेगी?कहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही।

कहानी आपलोगों को किसी लगी अपने विचार अवश्य दें।थैंक्स

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