Incest क्या…….ये गलत है?

उसने लण्ड को बिना छुए, पहले उसे खूब चूसा, जिसमे उसकी गाँड़ का स्वाद भरा रस लगा हुआ था। उसे खुद की गाँड़ का रस खूब अच्छा लग रहा था। जय के लण्ड पर लगा उसकी गाँड़ का रस गाड़ियों में इस्तेमाल होनेवाले ग्रीज़ की तरह मुलायम और चिपचिपा था। कविता उसे पूरा मज़ा लेके चुस रही थी। जय ने देखा उसकी बहन बिल्कुल पोर्नस्टार्स की तरह बेहिचक, चूस रही है तो, उसने कविता के चेहरे पर ही मूठ निकाल दिया। जय ,” आआहह आ गया दीदी ये लो, बुझाओ अपनी प्यास।”
कविता के खूबसूरत चेहरे पर, जय के लण्ड से निकल सफेद चिपचिपा मूठ पहले उसकी आँखों और पलको पर जा गिरा। अगला उसके होंठो पर, फिर, उसके गालों पर ढेर सारा मूठ चिपक गया। जय की जाँघे कांप रही थी। कविता उसके लण्ड को चूसकर उसमे बचा मूठ निकाल ली। फिर उसके लण्ड से अपने चेहरे पर फैला मूठ, पूरा रगड़ने लगी।
जय – ये क्या कर रही हो?
कविता- हम इसको पहले पूरे चेहरे पर मलेंगे, फिर इकठा करके पी लेंगे। चेहरे की खूबसूरती बढ़ती है मूठ लगाने से और पीकर भी।
जय हँसकर- अच्छा है, फिर तो पी जाओ।
कविता ने पूरा मूठ मलने के बाद इकठ्ठा किया और जितना मिला उसे मुंह मे रख ली। कविता अपना मुंह खोलके जय को दिखाने लगी। फिर अपने मुंह से बुलबुले बनाने लगी।
जय- तुम तो बिल्कुल पोर्नस्टार जैसे कर रही हो।
कविता एक घूंट में पूरा पी गयी, और बोली,” हम किसी से कम थोड़े ही हैं। और खिलखिलाकर हंसने लगी।
जय- चल अपनी गाँड़ तो दिखाओ की क्या हाल है उसका?
कविता पीछे मुड़ गयी, और चूतड़ फैलाके दिखाई,” हमको तो दिख नहीं रहा है, कैसी लग रही है हमारी चुदी हुई गाँड़, जय।
जय- वाह…… कितनी खूबसूरत लग रही है। चुदके पूरी खुल गयी है। अंदर का गुलाबी हिस्सा अभी दिख रहा है। हमारे लण्ड ने इसकी खूब खबर ले ली, 10 मिनट में ही। जय उसकी गाँड़ में उंगली घुसाके बोला।
कविता- एक तस्वीर ले लो, अच्छा रहेगा।
जय ने फौरन कैमरे से उसकी गाँड़ की तस्वीर ले ली। उसने कविता की गाँड़ को फैलाने को कहा, फिर कभी करवट लेके तो कभी पेट के बल लेटके तस्वीर निकली।
जय ने फिर कविता को बोला- खाना लगा दो। दीदी भूख लगी है।
कविता उठके बोली- अभी लगा देती हूँ। फिर बैंक भी जाना है, इस ढाई करोड़ को जमा भी तो करना है।
कविता गाँड़ मटकाते हुए, खाना लगाने चली गयी।जय वहीं बैठा रहा।
कविता थोड़ी देर बाद खाना लेके आयी, और अपने थके हुए भाई को प्यार से देखी। उसकी आंख लग गयी थी। कविता ने उसके माथे से पसीना पोछा और अपने नीचे बैठ गयी। उसके सर को अपने चुच्चियों के बीच रख लिया,” हमारे भैया अब लगता है तूम थक गए हो। खाना तो खा लो।” और निवाला तोड़के उसके मुँह में दी।
जय- तुमने शुरू से हमारा ख्याल रखा है, पहले दीदी की तरह और माँ की तरह भी।
कविता- अब पत्नी की तरह भी रखेंगे। एक पत्नी का पति की ओर जो भी कर्तव्य होता है, तुम्हारे लिए करेंगे।
जय- दीदी, तुम भी खाओ ना।
कविता- तुम खिलाओगे तभी ना।भूल गए क्या?
जय- अच्छा ये लो, उसने अपने मुंह मे चबाया आधा निवाला कविता के मुंह मे दे दिया।
कविता- जल्दी खाते हैं, और चलते हैं, ये जमा करने।
दोनों ने जल्दी खाना खाया और तैयार हो गए। कविता लेग्गिंग्स और कुर्ती पहनी थी। जय हमेशा की तरह टी शर्ट और जीन्स डाल चुका था। जय ने कविता को देखा, तो बोला,” क्या माल लग रही हो जानेमन, तुम तो बाहर जाने का इरादा ही बदल दोगी।” जय कविता को अपने गोद मे उठा के बोला।
कविता- हहम्म, जय तैयार होने दो ना। वरना बैंक बंद हो जाएगा।
जय ने उसे किस करते हुए बोला,” हहम्मम्म ठीक है, अभी छोड़ देता हूँ।
कविता हँसकर बोली – बदमाश, कहीं के !
दोनों बाहर आकर ऑटो लेकर सीधा बैंक पहुंच गए, जहां कविता की माँ की पेंशन आती थी। कविता जानती थी कि मैनेजर उसको गंदी नज़रो से देखता है, इसीलिए वो अपने भाई से चिपककर, उसके हाथ मे हाथ डालके बैंक में घुसी।
मैनेजर उसे देखके हतप्रभ रह गया। वो इतना मेक अप कभी नहीं करती थी।
बोल्ड रेड लिपस्टिक, आईलाइनर, काजल, मस्करा, गालों पर फाउंडेशन इत्यादि सब लगाई हुई थी। और साथ में एक मुस्टंडा लड़का भी। मैनेजर को देखके वो खुद बोली,” मैनेजर साहब, कैसे हैं?
मैनेजर- जी ठीक हूँ। आप…
कविता- एक छोटा सा काम है, हेल्प करेंगे।” वो डीडी उसके तरफ बढाके बोली,” इसे जमा करना है।
मैनेजर- जी जरूर। उसने जब राशि देखी तो मुंह खुला रह गया।” क्या बात है, आइये आइये केबिन में, मेरा तो पूरा काम बन गया। इससे मेरा टारगेट पूरा हो जाएगा। थैंक यू।
कविता और जय उसके चैम्बर में बैठे थे। कविता जय के कंधों से चिपक के बैठी थी, जैसे मैनेजर को एहसास दिला रही हो, की ये मेरा मर्द है।
मैनेजर ने जय के खाते में वो जमा करवा दिया।
मैनेजर- कुछ लेंगे आपलोग?
कविता मैनेजर के सामने जय से बोली- डार्लिंग, आप कुछ लोगे। मैनेजर साब कुछ पूछ रहे हैं।
जय- नहीं, जानू कुछ नहीं।
मैनेजर- ये कौन है कविता जी?
कविता- जय से चिपकते हुए बोली, ये हमारे होने वाले पति हैं।
जय और मैनेजर दोनों चौंक गए। जय कविता के उस बेबाक रवैये से जिससे वो अपने सगे भाई को होने वाला पति बता रही थी। और मैनेजर तो अपना दिल टूटने की वजह से।
दोनों मैनेजर को शॉक में छोड़कर बाहर निकल आये। जय कविता को वेहा से एक ऑटो में बिठा ले गया। जय रास्ते में कविता से उत्सुकता से पूछा, ” तुमने मैनेजर को क्यों बोला कि हम तुम्हारे होने वाले पति हैं?
कविता मुस्कुराती हुई,” क्यों, गलत कहा। तुम हमसे शादी नहीं करोगे क्या?
वो मैनेजर हमको हरदम गंदी नज़रों से देखता था। आज उसका मुंह देखा, कैसा हो गया था। अब तुम हमारे पति बनके ही बाहर घूमना।
जय- अच्छा ये बात है। फिर ठीक किया तुमने हमारी धर्मपत्नी।” उसे बाहों में भर लिया।
कविता – अरे ये ऑटोवाला गलत जा रहा है। हमारा घर तो उधर है। रोको इसको। अरे…..भैया
जय उसको रोकते हुये बोला- सही जा रहा है, मत रोको हम तुमको एक खास जगह ले जा रहे हैं। ये जगह हम बहुत खोजके निकाले हैं।
ऑटोवाला एक बिल्डिंग के पास रोककर उनको उतार दिया। जय ने उसे भाड़ा देकर छोड़ दिया। जय कविता को अंदर लेकर गया। वहां अंदर बहुत अंधेरा सा था। कुछ लड़के लडकिया वहा खड़े थे। अंदर एक कमरे में जाकर जय ने देखा कि वेहा एक महिला बैठी थी। जय ने उससे कुछ बात की और कविता की ओर इशारा किया। महिला ने उन दोनों को बैठने का इशारा किया।
कविता- ये कैसी जगह है जय, कहा लाये हो हमको।
जय- यहां नाभि और अंदर के हिस्सों में छिदाई और टैटू करते हैं ये लोग।
कविता-तुम क्या करवाने वाले हो?
जय- हम नहीं तुम करवाओगी, दीदी।
कविता- क्या? हम नहीं जय हम नहीं छिदवाएँगे अंदर में कुछ भी।
जय- अभी छिदवाने का इरादा नहीं है। अभी तो बस टैटू करा लो।” जय कविता के चुत्तरों को दबाके बोला, ” इस पर करा लो, तुम एकदम बवाल लगोगी।”
कविता- कोई देख लेगा तो, क्या समझेगा? जय- कौन देखेगा तुम्हारे नंगी गाँड़ को हमारे अलावे। तुम डरो मत, हम हैं ना।
कविता- पर,
जय- पर वर कुछ नहीं, ये करवाओ ना तुम बहुत सेक्सी लगोगी।कविता- ठीक है, तुम जीते और क्या चाहते हो? अपने नाभि पे इशारा करके बोली, यहां छिदवा लें?
जय उसको बाहों में उठाके बोला- तुमने मुंह की बात छीन ली। बहुत सेक्सी लगोगी जब तुम्हारा पेट खुला रहेगा, और उसमें छोटी रिंग लगी होगी। बिल्कुल प्रियंका चोपड़ा जैसी। तुमको ये करवाने का मन था क्या?
कविता- हम कई बार देखें हैं तुम्हारे लैपटॉप पर प्रियंका की छिदी नाभि की तस्वीर। हमको पता था कि तुमको ये पसंद है। इसलिए पूछे।
जय- कविता दीदी तुम तो हमको एकदम बीवी की तरह समझती हो। आई लव यू।
कविता- हम भी तुमको बहुत प्यार करते हैं। इस प्यार की कसम है कभी अकेले मत छोड़ना हमको।
जय- प्राण छोड़ देंगे, पर जान तुमको नहीं छोड़ेंगे।
तभी वो महिला आयी, और कविता को अंदर चलने को कहा। कविता उसके साथ अंदर चली गयी।
कविता अपने नाभि की ओर इशारा करी और बोली- यहां पियरसिंग करवानी है।
महिला- पर आपके पति ने तो सिर्फ टैटू के लिए बोला है।
कविता- हमने अभी सोचा कि ये भी करवाएंगे।
महिला हँसकर- ओके। उन्होंने आपको ऐसा करने बोला ?
कविता- नहीं हमने ही कहा।
महिला- क्या बात है, मैडम आप जैसी औरतें रहेंगी तो सब मर्द खुश रहेंगे। आखिर यहाँ कितनी औरतें हैं जो ये सब करवाने को तैयार होती हैं। मैं तो कहती हूँ कि अपने पति को सरप्राइज देना हो तो वेजिनल पियरसिंग करवा लीजिये।
कविता- आप वेजिनल पियरसिंग करती हैं ! क्या वो करवाने के बाद सेक्स से दूर रहना पड़ता है।
महिला- नहीं, बस कुछ दिनों तक पूरा ख्याल रखिये की इन्फेक्शन ना हो। मैं यहां से कुछ दवा दूंगी सफाई और लगाने के लिए।
कविता- क्या करवाना सेफ होगा, और पता नहीं पसंद आएगा उनको?
महिला- एकदम सेफ है, और मर्दों को आजकल ऐसी ही औरतें पसंद हैं।
कविता- क्या करूँ समझ नहीं आ रहा।
महिला- अगर आपके पति को किंकी सेक्स पसंद है तो जरूर करवाइए, आपका मज़ा दुगना हो जाएगा।
कविता- ठीक है, फिर कर दीजिए।
महिला- ये हुई ना बात! आइये अपनी लेग्गिंग्स और पैंटी उतार दीजिए।
कविता ने अपनी लेग्गिंग्स और पंतय उतार दी। और कमर के नीचे से नंगी हो गयी। महिला ने उसे सोफे पर लेटने को कहा। कविता के लेटने पर महिला ने उसकी कुर्ती नाभि से ऊपर उठा दी। महिला ने एक कैंचिनुमा औजार पकड़ रखा था, जिससे उसने पहले बुर के ऊपर की चमड़ी को ऊपर उठा लिया। फिर उसने एक सुई लेकर धीरे से छेद कर दिया और छोड़ दिया। फिर उसने नाभि की चमड़ी को ऐसे ही उठाके उसमें भी छेद कर दिया। कविता को ज्यादा दर्द नहीं हुआ शायद इसलिए कि वो महिला काफी अनुभवी थी। फिर उसने छोटा सा लंबा आभूषण उसकी दोनों नए छिदी छेद में घुसा दिया।
महिला- आप पर बहुत जँच रही है दोनों। आपको ज्यादा तकलीफ नहीं हुई होगी।
कविता- नहीं, हल्का सा ही दर्द हुआ।
महिला- अब पलट जाइये आपकी टैटू की बारी।
फिर वो महिला टैटू करने वाली मशीन लेकर उसकी दांयी चूत्तर पर लाल होठों की टैटू बनाने लगी। कविता को दर्द हो रहा था, पर अब जब वो जय को पति मान चुकी थी, तो उसकी हर इच्छा पूरी करना चाहती थी।
थोड़ी देर में उसके चूत्तर पर लाल होठ का टैटू बनके तैयार हो गया। फिर काली स्याही से उसपर जय लिख दिया। महिला ने उसे आधे घंटे लेटे रहने को कहा। कविता वैसे ही लेटी रही। कुछ देर बाद कविता फिर कपड़े पहन कर बाहर आ गयी। जय उसे देखके खुश हो रहा था। महिला ने उसे एक किट दिया था जिसमें दवाइयां थी।
जय ने पैसे दिए और कविता को ऑटो में बैठाके घर ले आया।
शाम हो चली थी।mom son story
उधर दूसरी तरफ शशिकांत घर पहुंचा तो सीधा अपने कमरे में चला गया। माया ने खाना भिजवाया, तो उसने खाने से इनकार कर दिया।
ममता और माया ने कुछ खास तैयारियां कर रखी थी, उसे खुश करने के लिए। ममता को पता था कि शशिकांत कैसे मानेगा। रात को जब बारह बज गए तब ममता शशि के कमरे में पहुंच गई। शशि ने ममता को देखा तो खुश हो गया। वो वहां दारू पी रहा था। उसने माया को आवाज़ लगाई की वो चखना लेके आये। ममता उसके लिए चखना लेकर आई थी।
ममता- हम लेके आये हैं, आपके लिए देवरजी।
शशि पर दारू का नशा चढ़ा हुआ था। उसने ममता को देखा और बोला- अरे हमरी रंडी भौजी, आयी है चखना लेकर। क्या लायी हो? शशि दारू पीने के बाद गालियां बहुत देता था, और ममता को इसकी आदत थी।
ममता- मछली फ्राई और पनीर रोल साथ में हम भी है, चाहे तो चख लीजिये।
शशि- इधर आओगी तब ना चखेंगे। इधर आ कपड़े उताड़ दो।ममता हंसते हुए बिस्तर पर चखना रख दी। और शशि के सामने जाकर खड़ी हो गयी। फिर बोली,” अपनी भौजी को खुद नंगी करने में आपको बहुत अच्छा लगता है ना। तो आप ही नंगी करो ना हमको।”
शशि ने ममता के साये का नाड़ा खोल दिया, जो उसकी चिकनी मोटी जांघों से फिसलकर उसके पैरों में जा गिरा। फिर वो पीछे मुड़कर बोली- ये ब्लाउज को भी मत छोड़िए, उताड़ दीजिए। शशि ने उन धागों को भी खोल दिया। उसने ब्लाउज को खुद अपनी बाहों से निकाल दिया। ममता अब एक दम नंगी हो चुकी थी। पर शर्म की शिकन भी उसके चेहरे पर नहीं थी।
ममता अपने देवरजी की ओर मुड़ी और उसकी जांघों पर बैठ गयी। शशि ने उसे कमर से पकड़ लिया। शशि के मुंह से दारू की महक आ रही थी।
ममता- देवरजी, लाइये हम पिलाते हैं।” और उसके हाथ से गिलास ले ली। फिर अपने हाथों से उसको दारू पिलाने लगी। वो चखना लेने के लिए हाथ बढ़ा ही रहा था कि ममता, ने रोक दिया,” आप मत छुइये ना, ये लीजिये।” और अपने हाथों से मछली खिलाने लगी।
शशि- तुमको देखके कौन बोलेगा की ऊंची जाति और शरीफ घर की औरत हो। कोई कोठे की सस्ती रंडी लग रही हो। हा..हा
ममता- हम ऊंची जाति और शरीफ घर कि औरतें समझदार होती हैं। बाहर समाज के लिए हमारा दूसरा रूप होता है, एक दम पवित्र वाला। पर घर के अंदर अपने मर्दों के साथ किसी भी हद तक जा सकते हैं। इससे आपलोगों को दो फायदे होते हैं, घर में ही आपलोगों को पूरा आनंद मिलता है और हमारी भी रंडीपन का शौक पूरा हो जाता है, इसके साथ साथ खानदान और जात की इज़्ज़त पर कोई आंच नहीं आता है।
शशि- क्या बात बोली तुमने एक दम खुश कर दी।
ममता- एक और बनाऊ, ये तो पूरा गटक गए।
शशि- बनाओ साली, फिर पूछ क्या रही है ।
ममता पेग बनाके फिर उसको पिलाते हुए बोली,” आप दारू नहीं छोड़ पाएंगे ना। आपको कुछ हो गया तो, हमलोगों का क्या होगा? कभी सोचे हैं, हम, माया आपके तीनों बच्चे।
शशि- भौजी, दो के नज़रो में हम इस दुनिया के सबसे बड़का कमीना हैं। वो कभी हमको माफ करेंगे पता नहीं पर उनके लिए हमने बहुत दिन बाद कुछ किये हैं।
ममता- हमको पता चल गया है, की ढाई करोड़ का चेक भेजवाये हैं ना। इतना दिन से ये केस लड़ रहे थे आप। हमको भी नहीं बताए।
शशि- ममता ई केस हम अपना मन का बोझ हल्का करने के लिए लड़ रहे थे। हम अपने बच्चे का भविष्य बनाये हैं इससे। हम तो कुछ दिए नहीं हैं। बड़े भैया का अधिकार था, तो उसपर जय का ही अधिकार है ना।
ममता- सही कह रहे हैं आप, पर क्या कंचन हमारी बेटी नहीं है। उसकी शादी नहीं करनी है। ये बात जब माया आपको समझाई, तब आप गुस्साए काहे। जय की सगी बहन तो जय का फर्ज बनता है ना उसके लिए।
शशि- ई अब जय के ऊपर है कि वो पैसा कैसे खर्चा करे। और कंचन का ब्याह हम करने में सक्षम हैं। वकील हैं कोई ना कोई जुगाड़ तो लगा ही लेंगे। तुमलोग चिंता मत करो। हमको पता है कि माया तुमको बताई है। कल रात इसी बात पर बहस हुई और हम उसको बहुत मारे हैं। अब पछता रहे हैं।
ममता- आप कितने अच्छे हैं। जब कविता और जय को पता चलेगा ना कि आप उनके असली बाप हैं तो देखना वो आपको बहुत प्यार देंगे। और पछताइये मत आज हम और माया आपको खुश करेंगे। माया को मिस कॉल दे दीजिए ना आप।
शशि- माया हमको माफ की है। हम गलत किये हैं उसके साथ बहुते।
ममता- अरे आप को माया माफ करनेवाली कौन होती है। आप उसके पति हैं, और मार दिए तो गलत क्या हुआ? आप घर के मर्द हैं, आप जो चाहेंगे वही होगा। आपके बिना ना माया का कोई अस्तित्व है ना हमारा ना बच्चों का।
शशि ममता की ओर देखता ही रह गया, की उसने कितनी बड़ी बात कह दी।कहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही।कहानी आपलोगों को किसी लगी अपने विचार अवश्य दें।थैंक्स
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