Incest खाला जमीला – Part 2 – kambikuttan

अम्मी सीधा लेटी हुई थी चारपाई पे। दुपट्टा उतारा हुवा था और मम्मे आसमान की तरफ बुलंद हुये दिख रहे थे। मैं इस तरह बैठा की मेरे पैर और टांगें अम्मी के पेंट और जांघ की बगल से छू गयें। पानी की पट्टी माथे पर रखते हमें मुझे आगे को झुकना पड़ता था। जिससे अम्मी के मम्मे मुझे और क्लियर नजर आते। अम्मी आँखें बंद किए लेटी हुई थी। इसलिए मैं बेफिकी से उनको देख रहा था।

15-20 मिनट पटियां की तो बुखार काम होने लगा अम्मी का। अम्मी के इतने पास बैठने से लण्ड पूरा टाइट
था इस वक़्त। मेरा दिल कर रहा था की अम्मी उल्टा लेट जायें और में उनके मोटे चूतड़ों को पकड़कर जोर-जोर से दबाऊँ, और उनमें किस करूँ

कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- “अब बस करी। पहले से काफी आराम है.”

मैंने कहा- “मेरी जब भी जरुरत हो बता देना अम्मी जान…

अम्मी में प्यार में मेरे सिर पे हाथ फेंगा और कहा- “ठीक है बेटा बता दूंगी। तुम टेन्शन ना लो..”

रात को अब्बू आए तो उन्होंने भी अम्मी से हालचाल पूछा। फिर अब्बू ने कहा “मुझे काम के सिलसिले में 3-4 दिन के लिये आउट सिटी जाना है आज रात को…” अब्बू ने मुझे अम्मी का खयाल रखने को बाल दिया। रात
को 11:00 बजे अब्बू चले गये।

तब अम्मी ने कहा- “आज मेरे रूम में ही सो जाना..” जब बेड पे लेटी तो रात को तो छोटे भाई को एक बगल पें सुला लिया।

अम्मी लेट गई तो मैंने कहा- “मैं आपको दबा देता हैं। ठीक हो जायेंगी आप.”

अम्मी ने कहा- “ठीक है बेटा…” अम्मी लेट गई तो मैं उनके पास बैठ गया। अम्मी में कंबल ऊपर ले लिया क्योंकी उनको सर्दी महसूस हो रही थी।

मैंजे कचल में हाथ डालकर अम्मी की दायीं जाघ पे हाथ रखा, और अम्मी की माटे नरम जांघ दबाने लगा। मेरे दोनों हाथ अम्मी की नरम जांघ पे चल रहे थे। जांघ इतनी मोटी थी की मेरे हाथों में नहीं आ रही थी। अम्मी
आँखें बंद किए लेटी हुई थी। मेरी उंगलियां जांघ के अंदरूनी तरफ स्किन में फँसी हुई थी। जांघों की नर्मी ने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था।

मैं इस वक़्त पूरा सेक्स में डूब चुका था। जांघ को दबाते हुये मैं उंगली को फुद्दी के पास ले गया और वहां में जानबूझ के पहले से ज्यादा जोर से दबाने लगा। जिससे ये हुआ की मेरी उंगली फुद्दी से छूने लगी। यहां पे अम्मी का जिस्म बहुत गरम था, और मेरे हाथों में हल्की सी लरजिश भी थी।

अम्मी की आवाज आई- “अब दूसरी तरफ से दबाओं..” इससे ये हुवा की फुद्दी से हाथ दूर हो गया। अब सिर्फ जांघों पे हाथ चल रहा था मेरा। कुछ देर बाद अम्मी का सिर भी दबाया।

फिर अम्मी ने कहा- “अब सो जाओ। काफी टाइम हो गया है…”

खड़े लण्ड के साथ बड़ी मुश्किल से नीद आई। सुबह उठा तो देखा अम्मी फ्रेश लग रही थी। तबीयत पहले से काफी बेहतर लग रही थी।

दोपहर को खाला आई उसने भी अम्मी का हालचाल पूछा। खाला जब जाने के लिये उठी तो मुझे कहा- “बेटा जरा आओ घर, कुछ काम है…”

खाला के साथ जब मैं उनके घर गया तो घर में कोई नहीं था। मैंने पूछा “लुबना किधर है?”

खाला ने बताया, “अपनी दोस्त की तरफ गई है…” खात्रा ने बाहर का दरवाजा लाक कर दिया था।

मैं सहन में एक चेयर पे बैठ गया। खाला ने मुझे सेक्सी नजरों से देखा तो मेरे जिस्म में मजे की एक लहर दौड़ गई। मैं उठा और खाला को झप्पी डाल ली। खाला मुझे किस करने लगी। शायद वो पहले से गरम थी, इसलिए मुझे बुला लिया था। किस के बाद मैं और खाला बैडरूम में चले गये। वहां जाते ही हमने कपड़े उतारे और दोनों नंगे हो गये।

खाला का जिक्षम चमक रहा था। जब से खाला में सैटिंग हुई तब से खाला ने अपनी फुददी को भी साफ रखना शुरू कर दिया था। खाला सीधा लेट गई तो मैं उनके ऊपर लेट गया और लण्ड को जांघों में फंसा दिया। अब खाला के मम्मे दबातें हये लण्ड को फुद्दी पे रगड़ रहा था। रात में मेरा भी पानी नहीं निकला था। इसलिए बहुत मजा आ रहा था। लण्ड बार-बार अकड़ रहा था खाला की जांघों में। नरम जांघ और फुद्दी का मजा लण्ड पे अच्छी तरह महसूस हो रहा था।

खाला ने कहा “बहुत मजा आ रहा है बेटा मुझे…”

मैंने कहा- “खाला मुझे भी बहुत मजा आ रहा है। ऐसा लग रहा है तुम्हारी फुद्दी में लण्ड डाला हुआ है उफफ्फ… कितना गरम है तुम्हारा जिस्म खाला..”

खाला की भी सिसकियां निकल रही थी मजे से। कुछ देर बाद मेरा पानी निकाल गया खाला के जांघों में हो। जब अच्छी तरह फारिग हुआ तो खाला के ऊपर से उठ गया। खाला ने अपने आपको साफ किया और कपड़े पहनकर हम बाहर आ गये।

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