Incest खाला जमीला – Part 2 – kambikuttan

अम्मी अब पहले से ज्यादा फ्रैंक हो गई थी। अब मेरा जिश्म पहले से ज्यादा हिल रहा था। जिसका असर लण्ड पे भी पड़ा। लण्ड भी पहले से ज्यादा रगड़ने लगा चूतड़ा में। मैं बार-बार अम्मी को चूम रहा था। लण्ड अब बाकायदा झटके खाने लगा था। लण्ड पर से मेरा कंट्रोल खतम हो गया था। मुझे लगाने लगा लण्ड में पानी निकलने वाला है। अभी सोच ही रहा था की लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी, जो मेरी सलवार गीला करते हुये अम्मी की सलवार को भी गीला कर दिया।

कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- “चलो बस करो… मैं अब नहा लूं..’

अब पता नहीं अम्मी को महसूस हुआ की नहीं मेरे पानी निकलने का। नार्मल बिहेव था अम्मी का। अम्मी उठी और मुझे चूमती हुई वाशरणम चली गई।

#####
#####
सब लोग जा चुके थे। घर में मामी, बाजी जोया और में ही थे। बाजी जोया घर की साफ सफाई करने लगी और मामी खाना वगैरा तैयार करने की तैयारी करने लगी। मामी सहन में बैठी हुई चावल साफ कर रही थी। मैं भी उनके पास जाकर बैठ गया और साथ में चावल से कंकर बगैरा निकालने लगा।

मामी चारपाई में एक टांग मोड़ करके बैठी थी, जिससे बगल से उनके चूतड़ बहुत टाइट दिख रहे थे। मामी के चूतड़ बगल से काफी चौड़े थे। जिस वजह से ऐसे ही लग रहा था जैसे नंगी चूतड़ देख रहा हूँ। सलवार टाइट हा गई थी मामी की चूतड़ों से। मैं और मामी बातें करते हुये सफाई कर रहे थे चावलों की। मेरी बार-बार नजर मामी के मोटे चूतड़ों की तरफ उठ रही थी। मैंने एक बार इर्द-गिर्द नजर मारी और जब देखा बाजी आस-पास नहीं हैं, तो मैंने अपना पैर उनके चूतड़ के साथ दबा दिया।

मामी ने स्माइल करके मुझे देखा और कहा- “क्या कर रहे हो बेटा? जोया देख लेंगी…”
मैंने कहा- “वा काम कर रही है। नहीं पता चलता उसको..” मैं अब चूतड़ों से अच्छी तरह पैर लगा रहा था। मैंने फिर कहा- “मामी तुम्हारे चूतड़ बड़े-बड़े और भारी होते जा रहे हैं। दिल कर रहा है इनको खा जाऊँ…”

मामी मश्कराई और कहा- “तो खा लेना जब मौका मिले…”

इतने में मुझे बाजी रूम से निकलती दिखाई दी। मैंने पैर बगल में कर लिया। बाजी पास से गुजर गई, मुझे स्माइल देती हुई। अंदर जाकर बाजी ने मुझे आवाज लगाई और कहा- “जरा सामान उठाने में मदद करना…

मैं उठकर अंदर गया और बाजी की हेल्प करने लगा। बाजी के बार-बार झुकने से उसके गोल चूतड़ बाहर को निकाल आते, जिनको देख-देखकर मेरा लण्ड सरे आम हिचकोले खाने लगा। जिसका बाजी को भी अंदाजा हो रहा था, क्योंकी वो भी मनीखेज नजरों से लण्ड को देख रही थी।

नीचे से फारिग होकर बाजी मुझे ऊपर ले गई, अपने साथ काम करवाने के लिये। मामी अभी नीचे बैठी हुई थी सहन में। ऊपर रूम में जाते ही मैंने बाजी को झप्पी डाल ली, और उनके गाल गुदाज चूतड़ हाथों में पकड़कर दबाने लगा। लण्ड जो पहले ही हाई था आगे से उनको टच कर रहा था।

दो मिनट बाद ही बाजी ने अपना आपको छुड़वाया और कहा- “काम खतम कर लें। मेहमान कभी भी आ सकते हैं…” मजबूरन मुझे हटना पड़ा।

कम से फारिग होकर हम नीचे आ गये। मामी अब किचेन में जा चुकी थी, वहां खाना पका रही थी। शाम का टाइम था मगरिब का जब अम्मी लोग वापस आ गये भाभी को लेकर। फ्रेश होकर सबने खाना खाया उसके बाद रिलैक्स होकर बैठ गये।

कजन बदर जिसकी शादी थी उसका नाम साजिद था, उम्र 25 साल। दुल्हन जिसकी उम्र 24 साल नाम फैजा।

भाई साजिद की मेडिकल दुकान थी और भाभी फरजाना एक डाक्टर हैं। भाभी खूबसूरत स्मार्ट जिस्म रखती थी। मम्मे और चूतड़ पे गोस्त कुछ ज्यादा था, जिस वजह से उनके मम्मे और चूतड़ नुमाया हो रहे थे कमीज सलवार में भी।

आज पहली बार मैं भाभी को करीब से देख रहा था और गप-शप भी कर रहा था। बातों-बातों में अम्मी ने उनको गुजरौंवाला दावत पे आने का कह दिया और खाला ने भी। इस रात कुछ खास नहीं हुवा।

सुबह उठा तो बाजी जोया ने कहा- “तुमने मुझे घर छोड़कर आना है..” क्योंकी बाजी की सास पहले ही जा चुकी थी। नाश्ता कर के फारिग हये ता बाजी पकिंग करने लगी, और में बाइक निकालकर उसको साफ किया।

कुछ देर बाद बाजी और मैं बाइक पे बैठे उनकी सुसराल जा रहे थे। आज बाजी ने अपना बैंची भी पकड़ा हुवा था, इसलिए कोई खास मस्ती ना हई रास्ते में।

दोपहर को जब उनके घर पहुँचे तो घर में उसकी सास और सास की बहन बैठी हुई थी। मैं उनसे मिला और पास ही बैठ गया। वो मुझसे मेरा और घर वालों का पूछने लगी। जो दूसरी औरत थी वो काफी माइन दिख रही थी। बाजी अंदर चली गई थी। कुछ देर बाद बाजी ड्रेस चेंज करके बाहर आई और किचेन में चली गई चाय बनाने।

कुछ देर बाद बाजी में मुझे अंदर बुलाया, और कहा- “आकर चाय पी लो..”

मैं वहां से उठा और अंदर आ गया। जहां में और बाजी चाय पीने लगे। इस दौरान मैंने बाजी को कहा- “तुमने जरूर आना है भाई साजिद के साथ.”

बाजी ने कहा- “ही क्यों नहीं? जरूर आऊँगी…”

मैंने कहा- “बाजी बड़ा दिल कर रहा है तुम्हारी फुद्दी मारने को। बस तुम जरूर आना। वहां जी भरकर तुम्हारी फुद्दी मारूंगा…

बाजी मुझे हवस भरी नजरों से देखने लगी। बाजी उठकर खिड़की के पास गई और खिड़की खोलकर बाहर की तरफ एक नजर देखा और फिर मेरी तरफ घूम गई और कहा- “अभी लोगे मेरी फुद्दी?”

बाजी के मुंह से फुद्दी लेने का शब्द सुनकर मेरे जिस्म में अजीब सा नशा छा गया और दिल तेज-तेज धड़कने लगा।

मैंने हाँ कहा।

बाजी ने कहा- “मैं यही खिड़की के पास खड़ी रहती हैं बाहर नजर रखती हैं…”

में बेड से उठा और बाजी को जाकर पीछे से झप्पी डाल ली।
***** *****कड़ी_43
बाजी के मोटे मम्मे मैंने पकड़ लिए। नरम मम्मे मेरे हाथों में दब रहे थे। नीचे मेरा लण्ड गुदाज चूतड़ों से लगते ही खड़ा होने लगा था। बाजी अब पूरा जोश से अपने चूतड़ मेरे साथ रगड़ रही थी। जिनका मुझे बहुत मजा आ रहा था। चूतड़ों का नरम गोस्त लण्ड पे बहुत मजा दे रहा था।

कुछ देर बाद बाजी ने कहा- “सलवार उत्तार लो…” और अपनी भी घुटनों तक नीचे कर ली और खिड़की पे हाथ रख कर झुक गई। जिससे उनके गोल-गोल चूतड़ सेक्सी शेप में नजर आने लगे।

मैने लण्ड पे भूक लगाया और बाजी की फुद्दी पे लण्ड रगड़ते हमें फुद्दी के अंदर डाल दिया। फुदद्दी जा पहले ही गीली थी लण्ड को ऐसे अपने अंदर लिया जैसे बंदा बर्फ पे स्लिप होता है। फुद्दी की गर्मी जब लण्ड पे महसूस हई तो मेरी टाँगें अपने आप अकड़ गई मजे से।

मैं बाजी के ऊपर झुक गया और कमीज में हाथ डालकर उनके नंगे मम्मे पकड़ लिए। इस अंदाज में बाजी से सेक्स करते हये इंतहाई मजा आ रहा था। बाजी के लटॅक हमें मम्मे जिनको अब मैंने अपने हाथों में दबाया हुआ था। मम्मे मसलतं और दबाते ही लण्ड को फुद्दी में अंदर-बाहर कर रहा था। बाजी की फुद्दी पूरा पानी छोड़ रही थी। जब मेरा पानी निकलने वाला हुआ तो मैंने बाजी को बताया।

बाजी ने कहा- “अंदर ही निकाल दो अपना पानी…”

और जब मैंने अपनी मनी अंदर छोड़ी तो फुद्दी काफी चिपचिपी हो गई लेसदार पानी से। मैंने लण्ड बाहर खींच लिया तो बाजी ने एक कपड़े से मेरा लण्ड साफ किया। मुझे बड़ा अच्छा लगा जब जो दूसरी औरत थी उसने मुझसे पूछा- “किधर से जाना है?” जब मैंने बताया तो उसने कहा- “मुझे भी ले चलो मेरे गाँव के स्टाप पे मुझे उतार देना…”

मैं और वो खूबसूरत औरत बाजी के घर से निकल आए। वो औरत मुझसे बातें करने लगी- “क्या पढ़ते हो? कौन सी क्लास में हो? इत्यादि..” ये औरत मामी जोबिया की उम की थी गोरी-चिट्टी थी और जिश्म भरा हुआ था।

जब इसके गाँव का स्टाप आया, तो मैंने उसको उतार दिया। उसने बहुत कहा घर आओं कुछ खा पीकर जाना लेकिन मैंने इनकार कर दिया की लेट हो जाऊँगा।

जब घर पहुँचा तो सूरज डूब रहा था। ठंड भी बढ़ गई थी। घर में जब एंटर हुआ तो सबसे पहले अम्मी मिली सहन में ही उन्होंने गले लगाकर प्यार किया और पूछा- “खैर खैरियत में आ गये हो?”

मैंने कहा- “जी अम्मी…

फिर अम्मी ने मुझे छोड़ा और कहा- “चलो तुम अंदर, मैं आती हूँ..”

अंदर सब बैठे हुये थे। भाभी फरजाना और भाई साजिद भी सबके साथ बैठे गप-शप कर रहे थे। ऐसे ही बातें करते हुये डिनर भी हो गया।

मैं अम्मी के पास बैठ गया चारपाई पे। अम्मी ने मुझे प्यार से अपने साथ लगा लिया। मुझे इस तरह अम्मी से चिपक के बैठना बहुत मजा दे रहा था। अम्मी बीच-बीच में मुझे चूम भी रही थी। कुछ देर के बाद भाई लोग उठकर अपने रूम में चले गये।

मैं और खाला ने आज ऊपर सोना था, क्योंकी आज खाला के मासिक खतम हो चुके थे। इसलिए जानबूझ के ऊपर का प्रोग्राम रखा, वरना नीचे भी जगह तो थी सोने की। मैं और खाला जब ऊपर रूम में गयें तो मैंने राम में रोशनी कर के दरवाजा लाक कर दिया। आज मेरा दिल कर रहा था खाला के जिश्म को रोशनी में देखू। खाला मिरर के सामने खड़ी होकर बालों का जड़ा बना रही थी, जिससे उनके बाजू ऊपर को उठे हमें थे और मम्मे आगे निकल आए थे। खाला के मोटे-मोटें मम्में पूरा सेक्सी नजारा पेश कर रहे थे।

में आगे बढ़ा और खाला को पीछे से झप्पी डाली और बाजू के नीचे से अपने हाथ गुजार कर खाला के मोटें गदाज मम्मे पकड़ लिए, जो मेरे हाथों में पूरा नहीं आ रहे थे। मम्मे दबाते हुये मैंने खाला को कहा- “तुम्हारे मम्मे पहले से बड़े हो गये हैं, क्या खिलाती हो इनका?”

खाला ने कहा “तुमने ही किए हैं बड़े… हर बात इनके पीऊं पड़े रहते हो.. अब में 40″ इंच के हो गये हैं.” ऐसा खाला में मुश्कुराते हुये कहा था।

खाला के मुँह से मम्मों का साइज सुनकर लण्ड ने एक झटका खाया खाला के चूतड़ों पें। इस वक़्त मैं और खाला बेड पे लेटे हुये एक दूसरे को किस कर रहे थे, और जिश्म एक दूसरे के साथ चिपके हुये थे। किस करते हो मैं खाला का एक चूतड़ जोर-जोर से दबाए जा रहा था। खाला के नरम चूतड़ मेरे हाथ में खूब मजे से दब रहे थे।

खाला बार-बार अपनी फुद्दी का प्रेशर लण्ड पे डाल रही थी, जैसे लण्ड को अंदर लेना चाहती हो। खाला की बेचैनी देखकर मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ रहा था।

Threesome sex stories – गुजराती कपल के साथ थ्रीसम का मज़ा

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply