Incest खाला जमीला – Part 2 – kambikuttan

अम्मी और खाला बार-बार पास से गुजर रही थी। उनके थिरकते हुये चूतड़ बड़ा सेक्सी नजारा दे रहे थे। खाला को तो मैं आँख भी मार देता थ, जब उनकी मुझ पर नजर पड़ती। अम्मी का सेक्सी जिश्म देखते हय अब मेरा दिल कर रहा था अम्मी से मस्ती करने का।

में अब कोई मोका तलाश रहा था जिससे मुझे अम्मी के करीब होने का चान्स मिलें। इसका मुझे अम्मी ने खुद है चान्स दे दिया। मैं लेटा हुआ था। अम्मी की अंदर से आवाज आई तो मैं उठ गया।

अम्मी ने कहा “बेटा, जरा मेरे जूतों में गीला कपड़ा मार दो..” अम्मी कुछ और कर रही थी।

मैं जता पे कपड़ा मारने लगा। फारिग हुआ तो उठकर बाहर आ गया। चान्स फिर भी ना बजा। कुछ देर बाद अम्मी मुझे ऊपर जाती हई नजर आई। वा ऊपर नहाने जा रही थी, नीचे कोई और नहा रहा था। मैं उठा और अम्मी के पीछे ही ऊपर चला गया। मैं ऐसे शो किया जैसे में वैसे ही ऊपर आया है।

अम्मी ने मुझे देखा तो मुश्कुराई और कहा “नहाने आई हूँ ऊपर…”

मैंने कहा- “अम्मी लाओ मैं मालिश कर दूं तेल से। आपकी खुश्की खतम हो जायेगी और जिस्म भी सेंट हो जायेगा आपका..’ ये खयाल अचानक मेरे दिल में आया था और बगैर सोचे समझे अम्मी से कह भी दिया।

अम्मी ने मुझे देखा और कहा- “आइडिया बुरा नहीं है, और वैसे भी तुम अच्छा दबाते हो। आज तुम्हारा मसाज भी देख लेते हैं… चलो अंदर आ जाओ। वहां करो मालिश मेरी…’

मैं अम्मी के पीछे अंदर चला गया। अम्मी लेट गई बैंड पे सीधा, तो मैं उनके पास लेट गया। जहां तक सलवार ऊपर होती थी, मैंने कर दी और हाथों पे तेल लगाकर उनकी टांगें में मसाज करने लगा। बालों से पाक टांगें उनका गुदाज गोस्त मेरे हाथों पे फिसल रहा था। तेल से चिकनाहट हो गई थी। अब अम्मी की मसाज करने में मुझे मजा आ रहा था। सलवार घुटनों से ऊपर नहीं हुई थी।

टांगें की मसाज करके फारिग हुआ तो मैंने कहा- “अब कहा करंग अम्मी जान?”

अम्मी ने कहा, “अब पेट में कर दो…” और अम्मी में कमीज मम्मों तक ऊपर कर ली।

अब उनका सेक्सी नरम सफेद पेट मेरी आँखों के सामने था। रगम की लाइट बंद थी। लेकिन बाहर से रोशनी आ रही थी इसलिए सब साफ नजर आ रहा था। मेरा लण्ड पूरा अकड़ गया था और दिल धड़कने की रफ्तार तेज हो गई थी। बड़ी मुश्किल से हाथों की थरथराहट पे कंट्रोल किया हुआ था, वरना
अम्मी को शक हो सकता था। मुझे नार्मल ला करना था अपने आपको।

मैंने तेल हाथ पेट पे रखें और हाथों को दबाकर मसाज करने लगा। अम्मी का पेट सपाट था। हाथ बराका ऊपर नीचे चल रहे थे। सलवार के किनारों तक हाथ को लाता और ऊपर ले जाता। जब हाथ यहां तक आता तो मुझे फुद्दी का एहसास होने लगता। मुझे शरारत सूझी। मैंने अपनी उंगली नाभि में डाल दी।

जिससे अम्मी को गुदगुदी हुई तो वो हँसने लगी और कहा- “ना करा बेटा..”

में जानबूझ कर ऊपा हाथ ब्रा के किनरा से टच कर रहा था। मुझे वा कसी हुई महसूस होती।

अम्मी अब उल्टा लेट गईं। अम्मी ने कहा- “कमीज ऊपा कर दो..”

मैंने कमीज कंधे तक चढ़ा दी। जिससे अब अम्मी की ब्लैक बा की पट्टी नजर आनें लगी थी। पीठ पे हाथ फेरते हो मैंने कहा- “अम्मी आपका जिस्म तो बहुत चिकना और सफेद है। क्या लगाती हो?”

अम्मी ने कहा, “कुछ भी नहीं बेटा। नेचुरल है ये.”

मैंने कहा- “बड़ा मजा आ रहा है मसाज करके..”बा की पटि मेरे हाथ से टकरा रही थी। बगल से मम्मों का एहसास हो रहा था मुझे। मम्मे दबने की वजह से बगल को निकल आए थे।

अम्मी ने कहा “पीछे से खोल दो..”

मैंने कहा- “क्या खोल दू?” ऐसा मैंने जाना के कहा।

अम्मी में पीछे ब्रा को हाथ लगाकर बताया- “इसको…”

मैंने ब्रा का हुक खोल दिया तो अब मम्मे बगल में कुछ और नजर आने लगे।

अम्मी ने कहा “बेटा मेरे ऊपर बैठ जाओ, फिर मसाज अच्छी तरह होगी..”में उठा और उनकी उभरी हुई गाण्ड पर थोड़ा नीचे होकर बैठ गया। जैसे ही मेरे हाथ अम्मी की पीठ पे पहुँचें तो मेरा टाइट लण्ड अम्मी की गाण्ड से छूने लगा। उफफ्फ… मजे की इंतहा थी। अम्मी के नरम चूतड़ मुझे लण्ड में महसूस होने लगे। मैं जानबूझ के थोड़ा ज्यादा झुक रहा था। उधर मैंने हाथ बा में बगल में डालकर मम्मों को बगल से छूने लगा मसाज के बहाने।

में थोड़ा पीछे को खिसका। अब जब मैं झुका तो मेरा लण्ड सीधा अम्मी के चूतड़ों में घुस गया जांघों के बीच। यही मैं चाहता था। मैंने अब पोजीशन ऐसी रखी की जब झकता तो लण्ड जांघों में चला जाता। इसका अम्मी को
भी पता था, लेकिन वो चुप ही थी।

कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- “कंधे पर ही मसाज करो..”

इसके लिये मुझे पूरा झुकना पड़ा था। इससे ये हुवा की अब मेरा लण्ड अम्मी की मोटी जांघों के बीच में ही रहा। मुझे चूतड़ों की गर्मी अच्छी खासी महसूस हो रही थी लण्ड पें। मसाज की वजह से मेरा जिस्म हिल रहा था जिससे लण्ड भी जांघों के बीच रगड़ खा रहा था। इस दौरान मुझे अम्मी के चूतड़ टाइट करने का कई बार एहसास हुवा।

मेरा दिल कर रहा था अम्मी की सलवार नीचे कर और लण्ड गाण्ड में डाल दूं। लेकिन ऐसा नामुमकिन था बस सोचा जा सकता था।

मैं हल्का-हल्का लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। बड़ी मुश्किल से मैं अपनी आअहह… रोक रहा था। मैं हाथों को अम्मी की बगलों के नीचे रखकर वहां मसाज करने लगा, और बगल से मम्मे भी टच कर रहा था। अम्मी के बाहर को निकले हमें चूतड़ मेरे नीचे मेरी नजरों के सामने थे। अम्मी ने अब अपनी टांगें बंद कर ली हई थी जिससे मरा लण्ड फैंस गया था अम्मी की टांगें में। मालिश करते-करते मैं अम्मी के ऊपर लेट गया और जाकर अम्मी के गाल पे किस कर दी।

मैंने कहा- “आई लव यू अम्मी जान…”

अम्मी मुश्कुराई और कहा- “लगता है मेरा बेटा थक गया है…”

में चुप रहा। अब मैं अम्मी पर लेटा हुआ था। लण्ड चूतड़ों में फंसा हुआ था। मैंने अम्मी के बाजू पकड़े और आगे का फैला दिए और उनमें हाथ फेरने लगा।

अम्मी मुश्कुराई और कहा- “ये स्टाइल पहली बार देखा है मसाज करने का…”

मैं मुश्कुराया और कहा- “बस अम्मी ऐसे अच्छा लग रहा है ना तो ऐसे कर रहा है….”

अम्मी अब पहले से ज्यादा फ्रैंक हो गई थी। अब मेरा जिश्म पहले से ज्यादा हिल रहा था। जिसका असर लण्ड पे भी पड़ा। लण्ड भी पहले से ज्यादा रगड़ने लगा चूतड़ा में। मैं बार-बार अम्मी को चूम रहा था। लण्ड अब बाकायदा झटके खाने लगा था। लण्ड पर से मेरा कंट्रोल खतम हो गया था। मुझे लगाने लगा लण्ड में पानी निकलने वाला है। अभी सोच ही रहा था की लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी, जो मेरी सलवार गीला करते हुये अम्मी की सलवार को भी गीला कर दिया।

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