सुमन किचेंज में पहुँचकर नाश्ता लगाती है। सब मिलकर नाश्ता करते हुए बातें करते हैं। यूँ ही बातें करते हुए रात के 9:00 बज चुके थे।
राजेश- अरें सुमन, आज खाना नहीं खिलाओगी क्या?
सुमन- खाना एकदम तैयार है, चलो सब टेबल पर।
और फिर सब मिलकर खाना खाते हैं। रात के 11:00 बज चुके थे। राजेश और सुमन अपने रूम में जाकर लेंट जाते हैं। राहुल और विशाल टीवी देख रहे थे।
आरोही- विशाल मैया मैं और प्रिया ऊपर वाले गम में सो जाते हैं। आप दोनों नीचे ही सो जाना।
विशाल- ठीक है।
आरोही और प्रिया ऊपर रूम में चली जाती है।
प्रिया- आरोही मुझे कपड़े बदलने हैं, कोई नाइट शूट है तेरे पास?
आरोही प्रिया को एक लोवर और टीशर्ट देती है। निया आरोही के सामने ही कपड़े बदलने लगती है।
आरोही- तुझे जरा भी शर्म नहीं आती? अंदर बाथरूम में जाकर भी बदल सकती है।
प्रिया खिलखिलाकर हँसतं हए आरोही के सामने अपने सारे कपड़े उतार देती है, और कहती हैं- “अब तेरे सामनें क्या शर्माना? राहल ने तो मुझे कपड़े पहनने ही नहीं दिए थे.” और प्रिया लोबर टीशर्ट पहनकर आरोही के बराबर में आकर लेट जाती है।
प्रिया- “आरोही, मेरी सुहागत की बातें सुनेंगी?”
आराही चुप हो जाती है जैसे कह रही हो- “हाँ सुनूँगी..”
प्रिया भी मुश्कुराते हुए बोलना शुरू करती हैं- “राहुल मुझे शिमला के एक होटल में लेकर पहुँचता है। पहले हमने खाना खाया फिर राहुल ने होटल में रूम बुक किया और हम जैसे ही रूम में पहचते हैं। गहल एकदम से सामान का बैग नीचे रखकर मुझे बाँहों में भर लेता है। मैं राहुल को रोकती रह गईं। मगर राहुल से सबा करना मुश्किल था, और मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड की तरफ ले जाने लगा…”
आरोही बड़े गौर से प्रिया की बातें सुन रही थी।
प्रिया- “राहुल बड़े ही रामाटक मूड में मेरी तारीफ करना लगा…”
राहल- “प्रिया तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम्हारे होंठ एकदम किसी गुलाब की कली जैसे लग रहे हैं। ऐसा जी कर रहा है की इनका सारा रस पी जाऊँ…”
मैंने कहा- “हाँ, पानी पीने आया है. फिर में पानी पिया फ़िज़ से और नजर मामी की तरफ की। मामी इस वक़्त बगैर दुपट्टे के वहां खड़ी थी, बालों का जड़ा बनाया हवा था, तो उनकी गर्दन नंगी नजर आ रही थी। कमीज भी पतली सी पहनी हुई थी यौन कलर की। पीछे से उनके ब्रा की पट्टी नजर आ रही थी और बड़े-बड़े चूतर थिरक रहे थे।
मैं वहां से निकला और बाहर आ गया। 3:00 बजे का टाइम था। सब अपने रूम में चले गये थे लेटने। में वयोंकी सा लिया था, जिस वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी। लुबना बाजी अमीना के गम में उनके साथ लेटी हई थी। दोनों मामी अपने रूम में। खाला नानी के रूम में चारपाई पे लेटी हुई थी। मैं खाला के पास गया तो देखा की खाला भी सो रही थी और नानी भी। रूम में बिल्कुल अंधेरा था।
मैने खाला को हिलाया और कहा- “मुझे भी लेटना है, बाहर कोई भी नहीं है सब अपने रूम में हैं..”
खाला करवट लेकर लेटी हुई थी। वो थोड़ा खिसकी और जगह दी ता में भी सीधा लेट गया। मुझे खाला का नीचे वाला चूतर अपनी जांघ पे महसूस हो रहा था। मैंने करवट ली और खाला के ऊपर टांग रखी और बाजू खाला की गर्दन में डाल दिया।
खाला ने मेरा हाथ पकड़ा, उसको चूमा और कहा- “सो जाओ.’
मैंने कहा- “मैं तो सो लिया। अब मुझे नींद नहीं आ रही..”
खाला ने कहा “अच्छा चला वैसे ही लेटे रहो आराम करो..” और खाला चुप हो गई।
रूम में इस वक़्त बस फैन चलने की आवाज आ रही थी। खाला की कमीज हवा की वजह से उनके चूतरों से हट गई हुई थी, लेकिन उन्होंने ठीक नहीं थी की हुई थी। मेरा दीला लण्ड उनके चूतरों पे दबा हुवा था। लण्ड खाला के चूतरों की गर्मी को पकड़ने लगा, जिससे लण्ड फूलने लगा। इस दौरान मैंने अपनी कमीज भी बगल में कर ली और सलवार समेत खाला के चतरों पे लण्ड दबा दिया, और अपने हाथ को खाला की गर्दन पे फेरने लगा।
Fantasy sex story – कुत्ता कमीना!