Incest खाला जमीला – Part 1 – kambikuttan

Update 05 kambikuttan

जैसे ही खाला को मेरा हाई लण्ड अपने चूतरों पे महसूस हवा, खाला हिल के रह गई। मैं भी डर गया और थोड़ा पीछे हो गया।

खाला ने कहा “चला बेटा अब लगा ली ना झप्पी… अब मुझे छोड़ दो मैंने काम करने हैं.”

इतने में मैं रिलैक्स हो गया। जब देखा खाला का मूड नार्मल है, तो मैं फिर आगे बढ़ा और खाला के गाल पे किस की और लण्ड को भी खाला के भारी चूतरों पर हल्का सा रगड़ दिया।

खाला हँस दी और कहा- “बाज नहीं आते तुम फिर भी…”

में भी मुश्कुरा दिया और खाला को छोड़ दिया। फिर मैंने अपना बैग उठाया और खाला को सलाम करके घर चला गया।

घर गया तो देखा बाजी नरेन और आँटी परवीन अम्मी के पास बैठी बातें कर रही हैं। बाजी नरेन ने मुझे देखा
और स्माइल की। मैं आगे बढ़ा और आँटी से सलाम किया और बाजी से भी।

अम्मी में कहा “जाओं किचन में पराठा बनाया है मैंने तुम्हारा वो खा लो निकालकर …

बाजी न ज ने कहा- “चलो मैं तुमको खाना निकाल देती हैं… और बाजी किचेन में चली गईं।

मैंने बाजी को कहा- “में कपड़े चेंज कर आऊँ..” फिर मैं अंदर गया और जल्दी से सलवार कमीज पहनकर किचन में चला गया। वहां बाजी अंडा फ़ाई कर रही थी मेरे लिये। फिर मैं खाना खाने लगा। बाजी बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद बाजी अंदर आई तब तक मैं खाना खा चुका था।

बाजी ने कहा- “मेरे साथ आओ, हमारे घर थोड़ा काम है..”

जब हम उनके घर पहुँचे तो देखा घर पर कोई नहीं था। मैंने बाजी से पूछा- “और सब कहां हैं?”

बाजी ने बताया- “आयशा सकीना नानी के घर हुई हैं…”

बाजी मुझे स्टोर में ले गई। वहां से एक छोटा टेबल और तख्त निकलना था। लेकिन ऊपर सामान पड़ा हवा था। बाजी ने अपना दुपट्टा उतार दिया था। अब बाजी के भारी मम्मे अच्छे से नजर आ रहे थे, और गाण्ड बगल को निकली हुई थी। बाजी की जांघों में गोस्त बहुत चढ़ा हुवा था, चलते हुये थिरकती हैं।

हम दोनों मिलकर सामान उठाने लगे। बाजी का जिश्म बार-बार मुझसे छरहा था। बाजी की जर म जांघ मुझे अपनी मोताई माथ गरम-गरम महसूस हो रही थी। फिर एक चीज उठाने लगे तो वो भारी थी। बाजी मेरे पीछे आई और हम दोनों उठाने लगे। क्योंकी बाजी की हाइट मुझसे थोड़ी सी लंबी थी। सामान उठाते हुये बाजी के मम्मे पूरा दब गये मेरी पीठ पे। ये पहली बार था जब बाजी इतना नजदीक आई मेरे। सामान उठाते हमें मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये क्योंकी जिश्म हिल रहा था तो बाजी के मम्मे भी खूब रगड़ रहे थे मुझे मेरी पीठ पें। इससे मेरा लण्ड परा टाइट हो गया और मेरी सलवार में तंब सा बन गया था।

फिर हमने सामान हटा लिया और तख्त उठाकर बाहर निकल आए। इतने में बाजी मेरे तंबू पर नजर पड़ गई और बाजी मुश्कुराने लगी। मैं भी शर्मिंदा सा मुश्कुरा दिया।

बाजी ने कहा- “इधर क्या हुवा?” और खिलखिला के हँस पड़ी।

मैंने भी जब देखा की बाजी बुरा नहीं मान रही, तो में रिलैक्स हो गया और कहा- “बाजी में जाग गया है। अच्छा भला सा रहा था आपने जगह दिया इसको…”

बाजी ने कहा- “चला फिर में सुला भी देती हैं.”

मैंने कहा- “नहीं नहीं, आप रहने दो। अब ये खुद सो जायेगा…
” ऐसी बातें करके लण्ड और हाई हो रहा था।

तख्त सहन में रख दिया और बाजी ने मेरे करीब से गुजरते हो मेरे लण्ड को एक बार पकड़कर दबा दिया। ये दृश्य एक सेकेंड से काम वक्त में हो गया। मैं तो हिल ही गया अंदर से। बाजी में भी शो नहीं किया और नार्मल हो रही। मैं फिर टायलेट गया और वहां से नार्मल होकर बाहर आया तो अपने घर की तरफ चल पड़ा।
ऐसे ही दिन गुजरते रहे। खाला से मस्ती और बाजी नरेंन में मस्ती चलती रही। फिर हमको गर्मियों की छुटियां हो गई 3 महीना की। मैं बहुत खुश था क्योंकी हम रिश्तेदारों के घर जाते थे मिलने और मैं वहीं रहता था।

जिस दिन छुटियां हुई, तो मैं घर आया और बैंग रखा। अम्मी से पूछा- “कब जायेंगे हम नानी के घर?”

अम्मी ने कहा “एक-दो दिन रुको फिर बताती हैं। तुम्हारे अब्बू में पोछती हैं…”

मैं खाना खाकर बढ़कर दरवाजे में खड़ा था और इधर-उधर नजर मार रहा था।

आँटी परवीन अपने घर से निकली और मेरे पास आई और कहा- “तुमने मेरे साथ बाजार तक जाना है में तुम्हारी अम्मी से पूछ आऊँ..” कहकर आँटी अंदर चली गई और थोड़ी देर बाद बाहर आ गई और कहा- “चलो चलते हैं…” 4:00 बज गये थे बाजार पहुँचते आधा घंटा लगा। बाजार में भीड़ काफी थी।

औंटी ने कहा- “मेरे साथ-साथ रहना…”

मैंने हाँ में सिर हिला दिया। मैं आँटी के साथ-साथ चल रहा था और आँटी को साइड से पकड़ा हवा था। थोड़ा आगे गये तो बाजार टांग था तो दो रेहड़ी वालों में सामान लादा हवा था और रास्ता बंद हो गया था। इतने में देखा देखी काफी भीड़ हो गई वहां। गर्मी भी लगाने लगी। भीड़ में धक्कम-पेल से मैं औंटी के पीछे हो गया। एक हाथ से आँटी को साइड से पकड़ा हवा था उनकी कमीज से। मैं पीछे से आँटी से जकड़ चुका था। जिस वजह से मेरा लण्ड खड़ा होने लगा, जो सीधा आँटी परवीन के चूतर के नीचे लगाने लगा।

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