सुबह उठा, अम्मी ने नाश्ता करवाया। पूनिफार्म पहना और खाला के घर पहुँच गया। वहां पहुंचा तो लुबना नजर नहीं आई। खाला में पूर्ण जो उस वक़्त किचेन में बर्तन धो रही थी।
खाला ने कहा “वो कपड़े बदल रही है रूम में…”
खालू अभी सो रहे थे। मैं आगे बढ़ा और खाला को पीछे से झप्पी डाल ली और बाजू उनके पेट पे रख दिया।
खाला ने अपना चेहरा पीछे करके मुझे गाल पे किस की और कहा- “मुबह-सुबह अपनी खाला पे प्यार आने लगा मेरे बेटे को…
मैं सिर्फ आगे से मुश्करा दिया, और ज्यादा जोर से खाला को दबा लिया अपने साथ। मेरे हाथ खाला के नरम पेट में फंस गये थे, और मेरा लण्ड खाला के चूतर के नीचे से छूने लगा। जिससे मुझे मजा आने लगा। मैं ऐसे ही दो-तीन मिनट पकड़े खड़ा रहा खाला को बातें करते हो।
फिर लुबना आ गई उसने कहा- “चलो भी आज क्या यही टाइम गुजर देना है?”
खाला ने कहा “चलो जाओ अपने स्कूल। शाबाश..”
मैं और लुबना घर से निकाल आएर मैंने लुबना का हाथ पकड़ लिया और लुबना को कहा- “आज तो तुम बड़ी प्यारी लग रही हो, क्या लगाया है चेहरे पे?”
लुबना शर्मा गई और कहा- “लो… मैंने क्या लगाना है? कुछ भी तो नहीं लगाया। मैं तो पहले भी प्यारी थी..”
और हँसने लगी।
में भी मुश्कुरा दिया। आज वाकई लुबना निखरी-निखरी लग रही थी मुझे। फिर हम स्कूल पहुँच गये। रूटीन के मुताबिक सब कुछ हुवा। छुट्टी हुई तो हम बाहर निकाल आए।
जब हम खाला के घर पहुँचें, तो खाला नहाकर बाहर निकली थी, और खाला ने पिंक लान का सूट पहना हवा था। जिसमें खाला बहत सेक्सी लग रही थी, जिसमें खाला का जिशम पूरा नजर आ रहा था। खाला मिरर के सामने अपने बाल सेट कर रही थी।
लुबना ने कहा- “अम्मी में सोने लगी हैं, मुझे भूख नहीं है। स्कूल से खाकर आई हैं.”
मैंने बैग उतार के सहन में पड़ी एक टेबल पे रखा और चारपाई पे बैठ गया। सहन की एक साइड पे ही खाला मिरर के आगे खड़ी अपने बाल बना रही थी। पीछे से खाला को देखा तो उनकी बा की पट्टी नजर आ रही थी, कमीज थोड़ी गोली भी थी ऊपर से।
खाला के जिश्म की शेप नुमाया हो रही थी। पतली कमर पे भारी गाण्ड जो इस बढ़त लहरा रही थी। क्योंकी खाला बाल जो संट कर रही थी। मैं चारपाई में उठा और खाला के पास जाकर खड़ा हो गया उनकी दायं साइड में जाने से मुझे खाला के तने हुये 38″ इंच के भारी मम्मे नजर आ रहे थे। इस वक्त खाला ने गुलाबी रंग की बा भी पहना हवा था जिसमें से आधे मम्में नजर आ रहे थे, कमीज का गला गहरी होने की वजह से। मेरा बड़ा दिल कर रहा था खाला को झप्पी लगाने का।
मैंने खाला को कहा- “खाला मुझे आपको हग करना है…”
खाला में हँस के कहा “क्यों करना है मेरे बेटे को हग?”
मैंने कहा- “खाला मेरा दिल कर रहा है की मैं आपको हग करं। मुझे सकून मिलता है आपको हग करके।
खाला ने कहा “चलो कर लो हग…”
मैं आगे बढ़ा और खाला को पीछे से झप्पी डाल ली और खाला की कमर में हाथ डाल लिए और खाला को किस कर दी कान के ऊपर।
खाला ने चेहरा हिलाया और कहा- “ना करो गुदगुदी होती है यहां…”
नीचे से लण्ड अभी मैंने फास पे रखा था खाला से। मैं फिर खाला को टांग करने के लिये कान में किस की। खाला फिर हिली जिसमें से हवा की मेरा अकड़ा हुवा लण्ड खाला की गाण्ड में दब गया, जिसको खाला ने भी महसूस कर लिया था क्योंकी खाला एकदम रुक गई थी।
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