हम दोनों डेरे में पहुँच गये। डेरे में एक कमरा बना हवा था। मैं और मामी उसमें दाखिल हो और मामी ने कुण्डी लगा दी। फटाफट हम दोनों ने कपड़े उतार दिए।
मामी ने कहा- “आ जाओ बेटा आज अपनी मामी की गर्मी खतम कर दो। तुम्हारे मामू में तो कुछ नहीं होता अभी… फिर हम दोनों ने झप्पी डाल ली। इस वक्त पूरा नंगे थे हम।
कमरे में रोशनी थी। पहली बार आज मामी का पूरा नंगा जिपम देख रहा था जो बेहद सेक्सी था। बड़े-बड़े चूतड़
और मम्मे सिर उठाए खड़े थे। मामी के निपल ब्राउन थे, और फुद्दी में हल्के से बाल थे। मामी की फुद्दी इस वक़्त उनकी टांगों में छुपी हई थी।
झप्पी लगाते ही हम दोनों किस करने लगे। मैंने मामी के मम्मे पकड़ लिए और दबाने लगा और साथ ही हाई निपल भी पकड़ कर मसल देता। नीचे से मेरे लण्ड की नोक मामी की फुद्दी से टकरा रही थी, और मामी अपनी फुद्दी को और आगे कर देती जैसे चाहती हो पूरा लण्ड छ लं। मुझे बड़ा मजा आ रहा था इस वक़्त। मम्में छोड़कर मैंने अपने हाथ से मामी के भारी चूतड़ पकड़ लिए और जोर-जोर से दबाने लगा।
मामी की सिसकियां निकल रही थी। फिर मैं और मामी वहां पड़ी एक चारपाई पे लेट गये और दोबारा किस करने लगे। मामी ने अपनी एक टांग उठाई और मेरे ऊपर रख दी। नीचे फुद्दी मेरे लण्ड के ऊपर आ गई। मामी अपनी फुद्दी को मेरे लण्ड पे रगड़ने लगी, और दबाओं डाल रही थी की मेरा लण्ड अंदर चला जाए। लेकिन मेरी हाइट काम होने की वजह से ऐसा नहीं था हो रहा था।
मैं फिर थोड़ा सा नीचे हवा जिसमें अब मेरा सिर मामी के मम्मे पर आ गया। इस बार मामी ने फुद्दी दबाई तो मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में चला गया। मेरी टोपी जब फुद्दी के अंदर गई तो मुझे एकदम गरम एहसास हुवा, फुद्दी अंदर से तन्दूर बनी हुई थी।
मामी का बस नहीं चल रहा था लण्ड पूरा अंदर ले लें। जोश में अचानक मामी मेरे ऊपर आ गई और लण्ड में बैठ गई। लेकिन सारा वजन नहीं डाला मझ पे। जैसे ही परा लण्ड फददी में गया मामी जोर-जोर से सिसकिया लेने लगी, और अपने चूतड़ों को अब ऊपर नीचे कर रही थी। मामी के भारी चूतड़ ठप-ठप मेरे जांघों से टकरा रहे थे। मामी एक बार फारिग हो चुकी थी। फुद्दी के पानी से मेरे लण्ड के इर्द-गिर्द का एरिया गीला हो गया हवा था।
मैंने मामी के मम्मे पकड़ते हुये कहा- “मामी बहुत चिकनी फुद्दी है आपकी.. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है..”
मामी ने कहा- “तुम्हारा लण्ड भी मुझे इस वक़्त बहुत मजा दे रहा है बेटा…”
मैंने कहा- मामी आपकी फुद्दी बहुत गरम है अंदर से।
मामी ने कहा- “पत्तर कई महीनों से मेरी फुद्दी को लण्ड नहीं मिला, फिर इसने गरम तो होना ही था ना…”
मैं और मामी सेक्स के साथ सेक्सी बातें भी कर रहे थे। मैंने कहा- “मामी आपके चूतड़ बड़े भारी हैं। मेरा इन पे दिल आ गया है…”
मामी ने कहा- “बेटा तुम्हारे माम बड़े शौकीन हैं गाण्ड के। उन्होंने मेरी गाण्ड बहुत मारी है, जिस वजह से मेरे चूतड़ इतने बड़े-बड़े हो गये हैं…”
मैंने कहा- “मामी मैंने भी आपकी गाण्ड मारनी है..”
मामी ने कहा- “मार लेना बेटा लेकिन, आज मेरी फुद्दी मारो..”
मैंने कहा- “ठीक है मामी…”
फिर मैंने मामी को नीचे किया और टांगें उठाकर उनकी फुद्दी में लण्ड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। सिर्फ दो मिनट मामी की फुद्दी मारी और मैं फारिग हो गया। एक बार और मामी की फुद्दी मारी। फिर घर की तरफ निकल पड़े हम। दूसरी बार फुद्दी मारते हुये मामी की फुद्दी दुखने लगी थी।मैंने कहा- “मामी मैंने भी आपकी गाण्ड मारनी है..”
मामी ने कहा- “मार लेना बेटा लेकिन, आज मेरी फुद्दी मारो..”
मैंने कहा- “ठीक है मामी…”
फिर मैंने मामी को नीचे किया और टांगें उठाकर उनकी फुद्दी में लण्ड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। सिर्फ दो मिनट मामी की फुद्दी मारी और मैं फारिग हो गया। एक बार और मामी की फुद्दी मारी। फिर घर की तरफ निकल पड़े हम। दूसरी बार फुद्दी मारते हुये मामी की फुद्दी दुखने लगी थी।
घर पहुँचे तो इस वक़्त 3:00 बज रहे थे। नहाकर मैं सोने के लिये लेट गया थकावट महसूस हो रही थी। शाम को उठा, फ्रेश हवा तो मामी ने मुझे मिल्कशेक बनाकर दिया।
खाला ने कहा “बड़ी खिदमत हो रही हैं भांजे की?”
मैं और मामी मुश्कुरा दिये। मैं फिर छत पे चला गया।
मेरे पीछे पीछे खाला भी आ गई। और आते ही मुझे गले लगा लिया और कहा- “आज तुम बड़े याद आ रहे थे, जब तुम डेरे में गये थे, और उम्माह उम्म्म… करके खाला ने मुझे चूमना शुरू कर दिया। चारपाई में बैठी-बैठी खाला मुझे चूम रही थी। खाला का इतना जोश देखकर मेरे लण्ड में जोश आने लगा। इस वक्त अंधेरा छाने लगा था। मैंने खाला को पकड़ा और चारपाई पे लिटाकर खुद भी उनके साथ लेट गया। दुबारा से मुझे खाला में गले लगा लिया और अपने मम्मे मेरे सीना में दबाने लगी, और मेरे लण्ड पे अपनी फुद्दी जोड़ दी। मैं भी खाला को किस करने लगा गाल पे।
खाला ने कहा, “आज मेरा बँटा होंठों पे किस नहीं करेंगा?”
में साथ ही खाला के होंठ चूसने लगा और खाला भी चूसने लगी। मैंने उनके मुँह में पहली बार आज जुबान डाल दी। मुझे पता था आज खाला जोश में हैं, वो नहीं रोकेगी मुझ। जब जुबान डाली तो खाला ने मेरी जुबान पकड़ ली अपनें नरम होंठों से। उफफ्फ… क्या बताऊँ कितना स्वाद आया जब खाला में मेरी जुबान पकड़ ली, और उसको चूसने लगी।
फिर मैंने भी खाना की जुबान चूसी, और मुँह हटाकर कहा- “खाला आपकी जुबान तो बहुत टेस्टी है। दिल करता चूसता ही रहैं.” फिर मैंने एहतियातन खाला से कहा- “खाला जान अब मुझे अपनी जुबान भी चूसने दिया करना है आपने..”
खाला ने कहा, “ठीक है मेरी जान… जो मज़ी कर जा तुम तो मेरी नन्ही सी जान हो..” और मुझे चूम लिया।
मैंने कहा- “खाला मुझे आपके दूध देखने हैं और उनको पीना भी है..
खाला ने कहा “बेटा पहां कोई ऊपर आ ना जाए? किसी को पता चल गया तो बहुत बुरा होगा..”
मैंने कहा- “खाला अंदर रूम में चलते हैं वहां तो कोई खतरा नहीं होगा ना?” फिर में और खाला उठे अंदर चले गये। खिड़की के पास खड़े हो गये। ताकी वहां से बाहर की नजर रख सके।
खाला में कमीज ऊपर कर ली। तब मैंने बा को पकड़कर ऊपर किया तो खाला के सफेद मम्मे उछल के बाहर निकले। खाला के निपल पिंक कलर के थे, और अकड़े हये थे। मैंने धड़कते दिल के साथ खाला के गरम मम्में पकड़ लिए और उनको दबाने लगा। मैं उनके मम्मे दबा भी रहा था और मसल भी रहा था।
मैंने कहा- “खाला आपर्क दूध बहुत प्यारे हैं। आप प्लीज… मुझे रोज इनको पार्ने दिया करना..
खाला में ही में सिर हिलाया, और कहा- “बेटा जल्दी कर लो, कोई ऊपर ना आ जाए.”
मैंने कोई जवाब नहीं दिया और एक मम्मा मुँह में लिया और चूसने लगा। खाला के निपल बहुत मुलायम थे। जैसे ही मैंने निपल मुँह में लिया खाला आहें भरने लगी और मुझे अपने साथ दबा लिया। मुझ में पता नहीं कहाँ से हिम्मत आ गई। मैंने खाला का एक हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पे रख दिया। खाला को जैसे करेंट लगा और उन्होंने हाथ हटा लिया। दूसरी बार मैंने उनका हाथ लण्ड पे दबाकर रखा थोड़ी देर, और अपना हाथ छोड़ दिया।
खाला ने टीला सा हाथ मेरे लण्ड पे बस रखा हवा था।
मैंने खाला को कहा- “इसको अच्छी में पकड़ें ना प्लीज…”
खाला ने कांपते हाथों से मेरे लण्ड पे मुठी बना ली। अब मेरा लण्ड फूल रहा था खाला के हाथ में की अचानक एक झटका लगा मुझे और मेरा लण्ड खाला के हाथ का दबाओ बर्दाश्त ना कर सका और में खाला के हाथ में फारिग होने लगा। मेरा लण्ड झटके ले रहा था। खाला का पता चल गया था मेरे साथ क्या हुवा है।
खाला ने कहा “बदतमीज… ये क्या किया तुमने? अपने आप में कंट्रोल रखा करो..”
***** *****कड़ी 17
मैंने कहा- “खाला आपके हाथ इतने नरम थे, मैं किया करता?”
खाला ने कहा “मैं फिर अगली बार वहां हाथ नहीं लगाऊँगी। अभी तुम छोटे हो बेटा…”
मैंने कहा- “ठीक है खाला…”
फिर हम रूम से बाहर आए और नीचे आ गये। डिनर करके फारिग हवा।
बाजी अमीना ने कहा- “यं कुछ किताबें हैं, मेरी सहेली के घर दे आओ.”
मैंने कहा- “आज टहलने नहीं जाना आपने…”
बाजी अमीना ने कहा- “नहीं, आज मेरा मूड नहीं है…”
मैंने किताबै ली और घर से बाहर निकल आया। थोड़ी देर बाद बाजी की सहेली के घर पहुँचा। दरवाजा खाटकाया तो बाहर बाजी की दोस्त आई। उसनें आज भी दुपट्टा नहीं था लिया हुवा था। उसके मोटे-मोटें मम्मे मेरी नजरों के सामने थे।
में जाने के लिये मुड़ा तो उसने कहा- “रुको छाए पीकर जाना..”
मैंने बहुत ना ना की लेकिन उसने जबरदस्ती मुझे अंदर बुलाया और बैठक में बिठा दिया। काफी खुश हाल लोग लग रहे थे। बैठक में काफी कीमती सामान पड़ा हबा था। कुछ देर बाद एक औरत मेरे लिए चाय लेकर आ गई, साथ कुछ खाने को भी था।
औरत मेरे पास बैठ गई, और मेरे में पूछने लगी- “कैसे हो? घर में कौन-कौन है? कहां से आए हो? इत्यादि..” आँटी देखने में बड़ी सोबर खातून लग रही थी। नजर का चश्मा लगाए हमें थी और कीमती ईस पहना हवा था। जिश्म बड़ा सुडौल था, मम्मे और गाण्ड सामान्य। उनका जिम लचकदार था जैसे वो वर्जिश करती हों, ऐसा मुझे लगा, क्योंकी जिम की शेप बहुत अच्छी थी उनकी।
फिर बाजी की सहेली आ गई और आँटी उठकर चली गई। वो मुझे तेज नजरों से देख रही थी। मैं शर्मा रहा था। मैंने जाना ही मुनासिब समझा। मैं उठा और इजाजत ली उनसे और बाहर आ गया।
वो भी उठी और मेरे साथ ही दरवाजे तक आई। दरवाजे पे मुझे रोक लिया, और धीरे आवाज में कहा- “कल इसी टाइम आ सकते हो?”
मैं चौका और कहा- “क्यों, क्या करना है आपजे?”
उसने कहा- “कल आओगे तो बताऊँगी..” और मुझे एक प्यार सी स्माइल दी, जिससे मेरा दिल बाग-बाग हो
गया।
मैंने कहा- “ठीक है आ जाऊँगा..”
उसने कहा- “बैठक का दरवाजा खुला होगा कल इस टाइम। तुम देखकर अंदर आना। मैं इतंजार करंगी तुम्हारा..”
मैंने हामी भरी और वहां से निकल आया।
उसने कहा- “कल आओगे तो बताऊँगी..” और मुझे एक प्यार सी स्माइल दी, जिससे मेरा दिल बाग-बाग हो
गया।
मैंने कहा- “ठीक है आ जाऊँगा..”
उसने कहा- “बैठक का दरवाजा खुला होगा कल इस टाइम। तुम देखकर अंदर आना। मैं इतंजार करंगी तुम्हारा..”
मैंने हामी भरी और वहां से निकल आया।
घर पहुँच गया। घर में दाखिल हुआ तो वाशरूम के पास बाजी अमीना खड़ी थी। मैंने उनकी गाण्ड में चुटकी काट दी। वो उसली और मुझे चपत लगाई- “देख लिया करो आगे-पीछे भी…”
मैंने कहा- “कोई भी नहीं है यहां बाजी..” और एक बार उनका चूतड़ पकड़कर दबा दिया।
लेकिन इस बार बाजी में कुछ नहीं कहा। एक बार और दबाया उनका चूतड़ तो बाजी ने कहा- “क्या बात है दिल कर रहा है क्या फुद्दी लेने का?”
मैंने कहा- “बाजी, मिल जाए तो अच्छा है। वाकई बहुत दिल कर रहा है…’
बाजी ने कहा- “अच्छा मैं करती है कुछ.. तुम अंदर चलो..”
मैं अंदर चला गया और घर वालों के पास बैठ गया। थोड़ी देर बाद बाजी अंदर आई और मुझे इशारा किया ऊपर जाने का। मैं आराम से उठा और ऊपर चला गया। 5 मिनट बाद बाजी भी ऊपर आ गई।
बाजी ने कहा- “वहां वाशरूम में चलते हैं…”
फिर में और बाजी अमीना वाशरूम में चले गये, और कुण्डी लगा ली लेकिन लाइट नहीं जलाई।
बाजी ने कहा- “जल्दी-जल्दी कर लो, कोई ऊपर ना आ जाए। बहुत रिस्क लेकर हम आये हैं यहां..”
मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा हो चुका था, जब से ऊपर आया हुवा था। बाजी में मेरा लण्ड पकड़कर चेक किया खड़ा है की नहीं? फिर बाजी ने सलवार नीचे की और दीवार के साथ घोड़ी बन गई। मुझे इशारा किया की आ जाओं जल्दी, अली अपना लण्ड अंदर करो। kambikuttan
मैं बाजी की गाण्ड के पास जाकर अपनी सलवार नीचे की और लण्ड में अच्छी तरह थूक लगाई, और लण्ड को फुद्दी पे फेरा, और जहां मुझे फुद्दी का सुराख लगा, वहा लण्ड पे प्रेशर डाला और लण्ड मेरा घुसता चला गया उनकी फुद्दी में।
बाजी को थोड़ा झुकना पड़ा था, फिर जाकर मेरा लण्ड उनकी फुद्दी के बराबर आया था। लण्ड डालकर मैंने बाजी के चूतड़ों को पकड़ लिया और फुदद्दी में लण्ड को धक्के लगाने लगा। मेरा लण्ड बाजी की फुददी में फँसा-फंसा जा रहा था, और अदर से फुद्दी गरम थी, जो लण्ड के रास्ते मुझे पूरा गरम कर रही थी।
बाजी ने अपनी टांगों के नीचे से अपना हाथ गुजारा और मेरे टट्टे पकड़कर सहलाने लगी। इससे मेरी टाँगें अकड़ गई। क्योंकी सिर से पैर तक की लहरें मेरे जिम में दौड़ रही थी। बाजी बड़े मस्त अंदाज में मेरै टटें सहला रही थी। में बात भी नहीं कर रहा था बाजी से की कही बाहर कोई सुन ही ना ले। वरना मेरा बड़ा दिल कर रहा था बाजी से सेक्सी बातें करने को। बाजी एक बार फारिग हो चुकी थी।
मैंने अपने हाथ मम्मों पे रख दिए थे, बा में अपना हाथ घुसा दिया था और बाजी के टाइट मम्मे पकड़ लिए जो मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे। मैं फुद्दी में धक्के लगाने के साथ-साथ मम्मे भी लय के साथ दबा रहा था। बाजी की गरम सिसकियां निकल रही थी। मैं पूरा जोर-जोर बाजी को धक्के लगा रहा था। मैं थक गया था और बाजी भी। लेकिन मेरा लण्ड था की फारिग नहीं था हो रहा था।
अचानक बाजी आगे से बगल हुई और उकड़ होकर नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को पकड़ लिया। लण्ड पे बाजी की फुद्दी का पानी लगा हुआ था। अचानक मुझे नरम-नरम एहसास हुआ लण्ड पे। मैंने गौर किया तो बाजी में मेरा लण्ड होंठों में दबाया हुआ था। उफफ्फ… क्या जरम एहसास था लण्ड पे। इतना नरम एहसास तो बाजी की फुददी का भी नहीं हुवा था।
मेरे लण्ड में झटके लेने शुरू कर दिए। बाजी में जानदार चुप्पे लगाने शुरू कर दिए। मुँह की गरम महक मुझे लण्ड पे महसूस हो रही थी। मैंमें हरान भी था और मजा भी बहुत आ रहा था। कोई एक मिनट ही बाजी ने लण्ड को मुँह में रखा होगा की मेरा लण्ड फूलने लगा। बाजी को पता लग गया की मैं फारिग होने लगा हूँ। बाजी ने मुँह से लण्ड बाहर निकाला और हाथ से लण्ड को हिलाया और मैं फारिग हो गया। kambikuttan
वहीं मैंने लण्ड साफ किया और एक-एक करके वाशरूम से बाहर आ गये। फिर नीचे भी ऐसे गये जिससे घर वालों को शक ना हो। नीचे थोड़ी देर गप-शप हुई, और साने को लेट गये। में नीचे खाला के पास ही लेटा था। में जल्द सो गया था। रात को मेरी आँख खुली क्योंकी प्यास लग रही थी।
मैं उठा और पानी पीने किचन में गया। वापस आया तो खाला कर बट लिए सो रही थी। मैं दुबारा लेटा और सो गया। अगले दिन सारा दिन बस ऐसे ही छेड़छाड़ करते गुज़रा। जैसे है रात हई मुझे बाजी के घर जाने की जल्दी पड़ गई। मैंने खाना खाया और टहलने के बहाने बाहर निकाल आया, और मेरे कदम बाजी की दोस्त के घर की तरफ उठ गये।
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