बाजी ने कहा- “रात को ऊपर नया करने आए थे?”
ये बात बाजी ने हल्की आवाज में कही थी, जो मुझ तक ही पहुँच रही थी। मेरे तोते उड़ गये ये सुनकर। मैंने चेहरा ऊपर उठाया तो देखा बाजी मुश्कुरा रही थी। मेरा रंग उड़ गया था। मैंने हकलाते हुये कहा- “मैं तो रात को नीचे सोया था, ऊपर मैंने क्या करने आना था?”
बाजी ने कहा- “जो करने आना था, वो मैंने खिड़की से देख लिया था…”
मैं अब चुप हो गया। क्योंकी कुछ रहा ही नहीं था अब कहने को। मुझे तो मेरे लण्ड ने मरवा दिया आज। मैंने बाजी को कहा- “प्लीज… किसी को बताना नहीं। मैं आइन्दा ऐसा नहीं करूंगा प्लीज… बस एक चान्स दे दो…”
बाजी ने मुझसे कहा- “काई बात नहीं अली, इस उमर में ऐसा हो जाता है। फिकर नहीं करो मैं नहीं बताती। लेकिन तुम देख-भालकर ये काम किया करो। ऐसे काई और भी देख सकता है?”
मैं सिर हिलाया और दोबारा काम करने लगा। लेकिन दिल में एक डर बैठ चुका था कही, बाजी में बता ना दें किसी को? 12:00 बजे तक में काम लिखता रहा। फिर मैंने किताबें समेटी और उठ गया।
मामी जूबिया ने मुझे आवाज लगाई- “बेटा चलो चलें खेतों पे। तुम्हारे माम् का खाना भी लेकर जाना है हम भी वहीं खाएंगे। अपना भी साथ ले जाते हैं.”
फिर मैं, मामी जूबिया और गबी खाला और लुबना जाने को तैयार हो गई। हम घर से पैदल ही निकले। गौंव से बाहर निकली और खेतों में बनी पगडंडियों में चलते हमें खेतों पे पहुँच गये। रास्ते में सिर्फ हरे खेत थे। 15-20 मिनट लगे हमको पहुँचने में। वहां पहुँचे तो खाला और लुबना वही दरी पे बैठ गई माम् के पास।
मैं और दोनों मामी घूमने निकाल गयें। मामी मुझे फसलें दिखा रही थी जामुन और अमरुद के दरख्त भी लगे हुये थे, जहां से तोड़कर हमने खाए। हम घूमते हुये एक जगह पहुँचे तो देखा वहां पे बड़ा पंप चल रहा था, जहां से खेतों को पानी दिया जा रहा था।
मैंने कहा- “चलो नहाते हैं यहां..” क्योंकी एक छोटी सी हौदी बनी हुई थी वहां।
मामी राबी भवे कहा- “ना भाई, मुझे तो नहीं नहाना। आप ही नहाओ..”
मामी जूबिया ने कहा- “चलो मैं नहाती हूँ अपने बेटे के साथ…” और मुश्कुरा दी मुझे देखकर।
फिर मामी राबी ने कहा- “मैं चलती हैं, तुम लोग आ जाना नहाकर…”
मामी जूबिया ने दुपट्टा उतारा और बगल में रख दिया। मामी ने यौन कलर का सूट पहना हवा था, जो काफी पतला था। मैंने कमीज उतारी और सलवार समेत पानी वाली हौंदी में उतर गया, जहां पंप का पानी गिर रहा था। पानी मेरे पेट तक आ रहा था। मामी भी पानी में आ गई। मामी को इतना पास देखकर और अकेला महसूस कर के मेरे जिस्म में सनसानी दौड़ रही थी।मामी ने डुबकी लगाई। पानी से जब बाहर निकली तो मामी की कमीज जिएम के साथ चिपक गई थी। मामी के भारी मम्मै शेप में नजर आ रहे थे ब्रा के साथ। ऊपर से आधे मम्मे नंगे थे मामी के। मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। मामी मुझसे दो फीट ही तो दूर खड़ी थी। मैंने डुबकी लगाई और मामी की जांघों को पकड़ लिया। मामी को लगा डर की वजह से मैंने उनको पकड़ा है। मामी की चूतड़ बहुत ज्यादा भारी हैं, उस हिसाब से उनकी जांघे भी बहुत मोटी-माटी थी। बेहद सेक्सी लगते हैं उन पे लगा।
मैंने पानी से सिर बाहर निकाला और सांस लेने लगा। मामी मुझे देखकर मुश्कुराई। मैंने कहा- “मामी बहुत प्रेशर है पानी का इसलिए आपको पकड़ लिया था…”
मामी बोली- “काई बात नहीं बेटा..”
मैं मामी के करीब हवा और उनको कहा- “मामी इकठे डुबकी लगाते हैं…”
मामी ने कहा- “ठीक है..”
मैंने लंबी सांस खींची और पानी में डुबकी लगा दी। मामी ने भी लगा दी। मैंने मामी का बाजू पकड़ लिया था मम्मे के पास से। दूसरे हाथ को मैंने उनके मम्मे पे रख दिया। मामी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और में उनके साथ लग गया। मुझे बहुत मजा आया। मेरा खड़ा लण्ड उनकी जांघ से टकराया। हम फिर ऊपर उठे। सांस लिया और एक मिनट बाद फिर पानी पे इबकी लगाई। इस बार मैंने पोजीशन चेंज कर ली थी।
मैंने मामी की टॉग खोली और उनकी टाँगों में आ गया। आगे बढ़ा और कंधे को पकड़ लिया और नीचे में अपना जिश्म उनको लगा दिया। मेरा लण्ड सीधा उनकी फुद्दी के बराबर में एक बगल पे लगा। मैंने दो-तीन घस्में मारे और ऊपर आ गया। मुझे बहुत मजा आया ऐसा करके।
मामी भी जब पानी से बाहर आई तो मुझे अजीब नजरों से देखा, और मुश्कुराते हाँ कहा- “बड़े तेज हो तुम अली मुझे नीचे पानी में धक्के मार के गिरा रहे थे। अब देखना ऐसा किया ता में भी तुमको पकड़ लूंगी..”
मैं हँस दिया और कहा- “देखते हैं आप पकड़ लेती हो कि नहीं?”
कुछ देर बाद सांस लेकर दुबारा हमने पानी में डुबकी मारी। मैंने फिर वैसा किया। लेकिन कुछ ऐसा हवा की में मजे की इंतहा को पहुँच गया। मामी ने मुझे झप्पी वाले अंदाज में पकड़ा और अपनी खींचा। मामी ने अपनी टांगें खोली हुई थी। मेरा अकड़ा हवा लण्ड सीधा उनकी फुददी पे जा टकराया। मुझे एक्दम लण्ड में गरम सा और नरम सा एहसास हवा।
मैंने बे-इख्तियार वहां लण्ड को झटका दिया, जिससे मंरा चुभ सा गया मामी की फुद्दी पे। ऊपा में हाथ मामी के मम्मों के ऊपर आ गये, क्योंकी बचने के लिये मैंने हाथ आगे किए जो सीधा मम्मों से टकराए मैंने उनको भी पकड़कर मसल दिया। ये सारा दृश्य 30-40 सेकेंड में हुवा। क्योंकी इतनी देर ही सांस रोका जाता था मुझसे। मैं पानी से बाहर आया और जोर-जोर से सांस लेने लगा, क्योंकी जो कुछ नीचे हवा था वो मेरे लिये हैरत था। दिल तेज-तेज धड़क रहा था।
मामी भी ऊपर आई और हँसते हसे कहा- “अब बताओ आया मजा?”
में भी हँस दिया। क्योंकी मुझे अब इस खेल में मजा आने लगा था। मेरा मूड और ज्यादा मुझे ऐसा करने को कर रहा था। इस बार मुझे शरारत सूझी। मैंने सलवार घुटनों तक पानी के अंदर ही उतार ली, जिसका मामी को पता नहीं चला, और नीचे पानी में जाते हुये मैंने मामी की कमीज का पल्लू आगे से पकड़ लिया। जैसे है वो नीचे हुई कमीज ऊपर हो गई उनकी जांघों से।
मामी ने मुझे दुबारा वैसे ही पकड़ लिया और मेरा नंगा लण्ड सीधा उनकी पतली सलवार के ऊपर से फुद्दी में लगा मैंने वहां 3-4 घस्से मारे और पानी के अंदर ही मामी के गाल में किस किया। जैसे मैं मामी से चिपका हवा था मुझे ऐसे चिपकना बहुत मजा दे रहा था। पानी के अंदर ही मुझं मामी की सिसकी सुनाई दी।
मैं ऊपर हवा। मामी बाद में ऊपर हई और अपना एक हाथ मेरे नंगे लण्ड पे रखा और दबा दिया। ये एक सेकंड के लिये था, लेकिन में उछल ही तो पड़ा। उधर मामी भी हैरान थी जब ऊपर आई, क्योंकी उनको मेरा लण्ड बड़ा लगा था। उनकी सोच से ज्यादा बड़ा।
मैने मामी को कहा- “मामी बहुत मजा आ रहा है। जब आप पकड़ती हो तो और ज्यादा मजा आता है। आपके जिश्म के साथ लगना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”
kambukuttan – Incest रुतबा या वारिस – Family Sex Story