सभी अपने-अपने भाइयों के लिए राखी और रेशम की डोर खरीद लेते है. दूकान वाले को पैसे दे कर सभी थोडा आगे जाते है. उर्मिला उन्हें एक रेडीमेड कपड़ो की दूकान में ले जाती है. उर्मिला ने पहले से ही सब कुछ सोच रखा था. अपने प्लान के मुताबीक सभी कपडे खरीद लेते है. दूकान से निकलकर सभी कुल्फी लेते है और पास ही एक पेड़ की छाओं में बैठ जाते है. सभी आपस में बातें करने लगती है.
खुशबू: भाभी मेरे दिल में एक बात है जो मैं आपसे पूछना चाहती हूँ.
उर्मिला: हाँ बोल क्या बात है.
खुशबू: भाभी, बहने अपने भाई की कलाई में राखी इसलिए बाँधती है क्यूंकि वो उसकी रक्षा कर सके.
उर्मिला: हाँ सही बात है.
खुशबू: तो फिर भाभी, बहने रक्षाबंधन के दिन अपने भाइयों के लंड पर राखी क्यूँ बाँधती है?
उर्मिला: सवाल तो तेरा सही है खुशबू. देख, हर भाई का फ़र्ज़ है की वो अपनी बहन की रक्षा करे. अब तू मुझे बता की भाई अपनी बहन की किस चीज़ की रक्षा करता है?
खुशबू: बहन की इज्ज़त…
उर्मिला: हाँ सही कहा. और बहन की इज्ज़त कहाँ होती है?
खुशबू: उनकी जाँघों के बीच भाभी.
उर्मिला: हाँ सही कहा. अब बहने जिस भाई की कलाई पर राखी बाँध कर उससे अपनी इज्ज़त की रक्षा करवाती है, वो उसी भाई के लंड पर राखी बाँध कर बूर नहीं चुदवा सकती?
खुशबू: बात तो आपने सही कही है भाभी. छेदी भैया के लंड पर राखी बाँधने का सोच कर ही मेरी बूर पानी छोड़ने लगी है.
उर्मिला: ये बात सोचकर तो हर बहन की बूर गीली हो जाती है.
इस बात पर सभी जोर-जोर से हंसने लगती है. अब उर्मिला उन्हें आज रात का प्लान बताती है.
उर्मिला: अब तुम सब मेरी बात ध्यान से सुनो. आज रात हमे अपने-अपने भाइयों को बूर के लिए अच्छी तरह से तरसाना है. रात भर हम उनके लंड को खड़ा रखेंगे ताकि कल, रक्षाबंधन के दिन जब वो हमारी चुदाई करे तो बस मजा ही आ जाए.
पायल: तो क्या भाभी आज रात हम अपने भाइयों का लंड नहीं लेंगी?
उर्मिला: ओहो…!! देखो तो इसे, कितनी बेताब हो रही है सोनू का लंड लेने के लिए.
पायल: (शर्माते हुए) भाभी….!!
उर्मिला: (हँसते हुए) आज रात नहीं. आज सिर्फ खड़ा करना है और तरसाना है. अब घर चले?
सभी हामी भर देती है और ऑटो कर के घर की ओर चल पड़ती है. वहां घर पर सभी भाई बैठ कर बातें कर रहे है.
छेदी: पर कुछ भी कहो, अपनी सगी बहन को चोदने का मजा ही कुछ और है.
राजू: सही कहा छेदी भैया आपने. बहन की बूर में लंड डालने का जो मजा है वो और किसी बूर में नहीं.
सोनू: आप सभी तो अपनी बहनों की बूर पेल चुके हो. मैं तो अब तक तरस रहा हूँ.
गोलू: अरे सोनू..!! चिंता क्यूँ करता है. आज रात ही पायल दीदी को पता ले और चोद ले उनकी बूर.
राजू: और नहीं तो क्या. पायल भी तो अपने भाई के लंड के लिए तरस रही होगी.
छेदी: भाई मैं तो आज रात अपनी बहन की पटक-पटक के लेने वाला हूँ. राजू, तुम्हारा क्या प्लान है? उर्मिला की लिए हुए तो तुम्हे भी काफी वक़्त हो गया होगा?
राजू: हाँ छेदी भैया. उर्मिला दीदी की लिए हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया है. पहले तो रक्षाबंधन के दिन हम दोनों किसी बहाने घर से निकल जाते थे और पास के जंगल जा कर खूब चुदाई करते थे.
गोलू: लंड तो मेरा भी खड़ा हो गया है कम्मो दीदी को याद कर के.
राजू: तो बस फिर क्या है. आज रात ही हम सब अपनी-अपनी बहनों की अच्छे से बूर चुदाई करेंगे.
छेदी: सही कहा राजू. आज रात तुम सब ध्यान से सुनना की कैसे खुशबू ‘भैया-भैया’ चिलाती है और मेरा लंड लेती है.
राजू: आज तो उर्मिला दीदी भी ‘भैया-भैया’ बोल कर मेरा लंड लेगी.
गोलू: तो ठीक है. आज रात कम्मो दीदी भी ‘भैया-भैया’ ही बोलेगी.
सोनू: मेरा भी वादा रहा. पायल दीदी भी ‘भैया-भैया’ बोलते हुए ही चुदेगी मुझसे.
सभी भाई एकसाथ हाथ मिलाते है और रात में अपनी-अपनी बहनों को चोदते वक़्त ‘भैया-भैया’ की चीखें निकलवाने का प्रण लेते है. बहनों के आने के पहले सभी भाई जल्दी से पास के बाज़ार जाते है और बहनों के लिए नाईटी खरीद कर ले आते है. राजू के प्लान के मुताबिक़ आज रात वो अपनी-अपनी बहनों को ये नाईटी पहनने देंगे और उनकी छलकती जवानी का लुफ्त उठाएंगे. यहाँ भाइयों ने आज रात ही अपनी-अपनी बहनों की चुदाई करने की ठान ली थी और वहाँ बहनों ने भाइयों से आज रात न चुदने का प्लान बना रखा था.रात के ९ बज रहे थे. सभी खाना खाकर बंगले की छत पर अराम से बैठे थे. छत पर गद्दे बीचे हुए थे जिस पर एक तरफ सभी भाई बैठे थे तो दूसरी तरफ बहने. प्लान के मुताबीक भाइयों ने बहनों को नाईटी भेंट दी और उसे पहनने की जिद की जिसे बहनों ने मान लिया. सभी बहनों ने बिना बाहँ वाली, डीप-कट शोर्ट नाईटी पहनी हुई थी. सभी भाइयों की नज़रे अपनी बहनों के बड़े-बड़े दूध और उसके बीच छलकती गहराई पर टिकी हुई थी. बीच-बीच में जब बहने किसी बहाने से अपने हाथ उठा देती तो उनकी हलके बालोवाली बगल देखकर भाई शॉर्ट्स पर से अपने-अपने लंड मसल देते. बहने बातें करती हुई अच्छे से अपनी जवानी छलका रही थी. बातें करते हुए उर्मिला ने लड़कियों को इशारा किया तो सभी थोडा आगे झुक कर भाइयों को अपनी दूध के बीच की गहराई दिखाने लगी. सभी लडकियां आगे झुकी हुई ये नज़ारा अपने-अपने भाइयों को दिखा रही थी.
उर्मिला: भाई क्या जाने बहन का प्यार? सारे संसार में बहन का प्यार सबसे ‘गहरा’ होता है.
सभी भाई अपनी-अपनी बहनों के दूध के बीच की गहराई को आँखे फाड़े देखने लगते है. राजू भी उर्मिला की गहराई को घूरते हुए, ओंठ पर जीभ फेरते हुए कहता है.
राजू: ऐसी बात नहीं है दीदी. अगर बहन अपने प्यार की गहराई भाई को दिखाती है तो भाई भी उस गहराई को नज़र अंदाज़ नहीं करता.
उर्मिला लड़कियों को इशारा करती है तो सभी सीधी हो कर बैठ जाती है. सभी भाइयों के मुहँ अचानक से उतर जाते है. उनके चेहरे देखकर बहाने जोर-जोर से हंसने लगती है. लड़के समझ जाते है की आज लड़कियां उन्हें छेड़ने का प्लान बनाकर आई है. लड़के एक दुसरे की तरफ देखते है और आँखों में बातें हो जाती है. छेदी अपनी टाँगे खोलकर बैठ जाता है और खुशबू को अपने शॉर्ट्स में बने बड़े से उभार को दिखाते हुए कहता है.
छेदी: माना की भाइयों का प्यार ‘सक्त’ होता है पर जब बहने अपने प्यार की गहराई दिखाती है तो भाई भी बहन को पूरी गहराई तक प्यार देता है. वो इतना प्यार देता है है की बहन लेते-लेते थक जाती है पर भाई देते-देते नहीं थकता.
छेदी की इस बात पर खुशबू के साथ-साथ सभी बहनों के होश उड़ जाते है. छेदी के साथ सभी भाई भी अपनी टाँगे खोले अपने शॉर्ट्स में बने तम्बू को दिखा देते है. सभी बहनों की आँखे बड़ी-बड़ी हो जाती है और मुहँ खुल जाते है. ये देखकर सभी भाई जोर-जोर से हँसने लगते है. इस बार भाइयों का पलड़ा भारी हो गया था. कुछ क्षण तो उर्मिला भी राजू के शॉर्ट्स में उभरे हुए तम्बू को देखने में खो जाती है की तभी उसे अपना प्लान याद आता है. वो देखती है की पायल, खुशबू और कम्मो अपने भाइयों की टांगों के बीच आँखे फाड़े घुर रही है. वो समझ जाती है की अगर इन्हें अभी रोका नहीं गया तो ये सभी उच्छल कर अपने-अपने भाइयों की गोद में बैठ जायेंगी. वो जोर से खांस देती है. उसकी खांसी सुनकर सभी बहनों को होश आता है और वो संभल जाती है. अब उर्मिला के प्लान के मुताबीक सभी बहने भाइयों को रिझाने लगती है. शुरवात उर्मिला एक गाने से करती है.
उर्मिला: (राजू को देखकर अदा दिखाते हुए गाती है) चोली में सामान देखी ‘टाईटी’ रे, भैया ला दिए नाईटी…..!!
उर्मिला का गाना सुनकर सभी बहने भी अपने हाथों को उठा कर हलके बालोवाली बगल दिखाते हुए गाने में उर्मिला का साथ देती है और ‘कोरस’ में एक साथ गाती है.
बहने: चोली में सामान देखी ‘टाईटी’ रे, भैया ला दिए नाईटी…..!!
उर्मिला: ला दिए नाईटी, भैया ला दिए नाईटीsss…!!
बहने: ला दिए नाईटी, भैया ला दिए नाईटीsss…!!
उर्मिला: किसम-किसम के वेराइटी रे, भैया ला दिए नाईटी….!!
बहने: चोली में सामान देखी ‘टाईटी’ रे, भैया ला दिए नाईटी…..!!सभी भाई जब ये गाना सुनते है और अपनी बहनों की बालोवाली बगल और उठे हुए दूध देखते है तो उनके मुहँ में पानी आ जाता है. सभी शॉर्ट्स के ऊपर से मुहँ खोले हुए अपने लंड को मसलने लगते है. बहने भी भाइयों को इस तरह से तरसता देख खुश हो जाती है. उर्मिला आगे गाती है.
उर्मिला: रोजे ऊ देखत रहे हमारा टॉप में, ठीक से ना जोबना भेटात रहे हाथ में….!!
बहने: रोजे ऊ देखत रहे हमारा टॉप में, ठीक से ना जोबना भेटात रहे हाथ में….!!
उर्मिला: भईले बा बिमारी कब विलाईती रे, भैया ला दिए नाईटीsss…!!
बहने: चोली में सामान देखी ‘टाईटी’ रे, भैया ला दिए नाईटी…..!!
अब तो भाइयों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है. शॉर्ट्स के अन्दर सभी के लंड अंगडाई लेने लगते है और टोपे से हल्का सफ़ेद पानी बहने लगता है जिससे उनकी शॉर्ट्स हलकी गीली हो जाती है. उर्मिला के साथ जब सभी बहने ये देखती है तो वो भी मस्ती में आ जाती है. सभी बहने अपने दूध हिलाने लगती है. उर्मिला आगे गाती है.
उर्मिला: नाईटी के भीतरी के देखी फूलगेंदा…!!
बहने: देखी फुलगेंदा हो देखी फुलगेंदाssss….!!
उर्मिला: भैया के छुटे पिचकारी से पसीना….!!
बहने: छुटेला पसीना हो छुटेला पसीना….!!
उर्मिला: नाईटी के भीतरी के देखी फूलगेंदा, भैया के छुटे पिचकारी से पसीना, फुचुर-फुचुर फेके रंग ‘ वाईटी ‘ रे, भैया ला दिए नाईटी….!!
बहने: चोली में सामान देखी ‘टाईटी’ रे, भैया ला दिए नाईटी…..!!
**[छुटेला = छुठने लगा ; भीतरी = अन्दर का ; वाईटी = सफ़ेद जैसा ]
ये सुनकर और बहनों की कातिल अदाएं देखकर तो भाइयों को अपने-आप को रोकना मुश्किल हो जाता है. सभी आँखे फाड़े अपनी बहनों की नाईटी में उमड़ती हुई जवानी भूके भेड़िये की तरह देखने लगते है. मौका पा कर उर्मिला भी लड़कियों को इशारा करती है तो सभी अपने पैरों को घुटनों से मोड़े और थोडा फैलाकर बैठ जाती है. निचे, जाँघों के बीच सभी बहनों की बूर पर कसी हुई पैन्टी दिखने लगती है. सभी भाई एकसाथ निचे झुक कर अपनी-अपनी बहनों की फूली हुई बूर पर कसी पैन्टी देखने लगते है.
अपने भाइयों को इस तरह से पैन्टी घूरते हुए देख उर्मिला के साथ सभी बहनों की बूर भी बहने लगती है. अब उनकी पैन्टी पर भी एक लम्बी गीली लकीर दिखने लगती है. बूर के पानी से बहनों की पैन्टी गीला होते देख सभी भाई शॉर्ट्स से अपने मोटे लंड निकाल लेते है और बहनों के सामने उनकी पैन्टी देखते हुए हिलाने लगते है.
ये देखकर बहने का भी मन डोलने लगता है. सभी बहने अपने भाइयों का मोटा लंड देखते हुए हाथ से अपने दूध दबाने लगती है. बदन की गर्मी बढ़ने से उनकी बूर फड़कने लगती है जिसे निचे झुके हुए भाई पैन्टी के ऊपर साफ़ देख रहे थे. मामला गड़बड़ा गया था. उर्मिला, जो सभी लड़कियों का मार्गदर्शन किया करती थी, वो इस वक़्त खुद दिशाहीन हो चुकी थी. भाइयों के मोटे लंड अपना कमाल दिखा रहे थे.
(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )