शाम के ६ बज रहे थे. पायल के कमरे में रमेश पायल को नग्न अवस्था में पीछे से पकडे लेटा हुआ था. पायल भी नंगी, अपनी चुतड पापा से चिपकाए लेटी हुई थी. दोनों आँखे बंद किये आराम से लेते हुए थे. तभी अचानक गाड़ी का हॉर्न सुनकर पायल चोंक जाती है. वो हडबडा के खड़ी होती है और खिड़की के बीच से बाहर देखती है. बाहर सोनू, उर्मिला और उमा गाड़ी में बैठे, गेट के सामने थे. पायल घबरा के रमेश से कहती है.
पायल: प..पापा…!! सब लोग आ गए…
रमेश: अरे कौन आ गया?
पायल: मम्मी लोग, और कौन पापा….
पायल की बात सुनते ही रमेश उच्छल के बिस्तर से कूद पड़ते है. खिड़की से बाहर देखते ही रमेश की हवा खराब हो जाती है.
रमेश: अरे ये लोग बिना बताये इतनी जल्दी कैसे आ गए?
पायल: वो छोड़िये पापा. आप जल्दी से कपडे पहन लीजिये.
रमेश: हाँ हाँ….और तु भी कपडे पहन ले जल्दी से…
रमेश अपने कमरे की ओर भागते है. पायल भी झट से टॉप और पजामा पहन लेती है. कपडे पहन कर वो बाहर निकलती है तो रमेश अपने कमरे में धोती पहन रहे होते है. पायल रमेश को जल्दी करने का इशारा कर, आँगन में दौड़ जाती है. गेट खोलती है और गाड़ी अन्दर आ जाती है. सभी लोग गाड़ी से उतारते है.
उमा: इतनी देर लगा दी पायल गेट खोलने में?
पायल: वो..वो मम्मी, पता नहीं था की आप लोग आने वाले हो तो मैं अपने कमरे में आराम कर रही थी.
उमा: अरे हाँ, वो अचानक ही मन कर दिया घर आने का इसलिए बता नहीं पाए. तेरे पापा कहाँ है.
पायल: वो अपने कमरे में सो रहे है.
उमा: अच्छा..!! मैं थी तो पहलवानी करनी होती है. अभी सो रहे है.
ये बोलकर उमा घर में चली जाती है. उसके पीछे सोनू भी चला जाता है. उर्मिला टॉप में पायल के बड़े-बड़े दूध देखकर कर मुस्कुरा देती है और धीरे से उसके दूध दबाते हुए कहती है.
उर्मिला: वाह पायल. लगता है २ दिनों में ही बाबूजी ने इनका साइज़ बढ़ा दिया है.
पायल: (शर्माते हुए) धत्त भाभी..!! आप भी ना..! चलिए अन्दर….
दोनों एक दुसरे का हाथ पकडे घर में चले जाते है. रमेश और उमा भी आकर सोफे पर बैठ जाते है. उर्मिला, पायल और सोनू भी वही बैठ जाते है और गाँव की बातें शुरू हो जाती है. कुछ देर बाद उर्मिला सबके लिए चाय बना कर लाती है और बातों का सिलसिला शुरू हो जाता है. सभी लोग हंसी-मजाक करने लगते है. कुछ देर बाद सभी अपने-अपने कमरे में आराम करने चले जाते है.
रात के १० बज रहे थे. रमेश और उमा अपने कमरे में जा चुके थे. सोनू भी खाना खा कर अपने कमरे में लेट हुआ था. उर्मिला पायल के कमरे में उसके साथ बातें कर रही थी.
उर्मिला: सच बता पायल. २ दिन खूब लंड लिया है ना तूने बाबूजी का?
पायल: (शर्माते हुए) हाँ भाभी. पापा ने तो मेरा बुरा हाल कर रखा था. घंटो मेरी बुर चुदाई करते थे. पता है… मेरी बूर पूरी फैला दी है पापा ने….
उर्मिला: बापरे…!! जरा दिखा तो मुझे पायल…
पायल अपना स्कर्ट उठा के टाँगे फैला देती है. उसकी बालोवाली फैली हुई बूर दिखने लगती है. उर्मिला बूर देख कर ही समझ जाती है की इसकी दिन-रात जम के चुदाई हुई है.
उर्मिला: उफ़…सच पायल..!! बाबूजी ने तो पूरी फैला दी है तेरी बूर. खूब पटक-पटक के चोदा होगा ना तुझे?
पायल: हाँ भाभी. पापा मुझे बिस्तर पर पटक-पटक कर बुर चुदाई करते थे.
उर्मिला: तू यहाँ अपने पापा से चुद रही थी और वहां गोलू कम्मो की बूर चोद रहा था.
पायल: गोलू?? क्या बोल रही हो भाभी? गोलू कम्मो की चुदाई भी करता है?
उर्मिला: और नहीं तो क्या. और सिर्फ गोलू ही नहीं, सोने ने भी मिलकर कम्मो की चुदाई की है.
पायल: (बड़ी-बड़ी आँखों से) बापरे भाभी…!! मुझे बताइए ना क्या क्या हुआ.