कुछ देर मॉम और झरना बाकी घर के काम करती रही और मैं कंप्यूटर पर नेट सर्फ करता रहा. तभी सुनील का कॉल आया
वो बोला “और कमीने क्या हाल हैं”
“भोंस डी के हाल तो तेरे बता, अब तो अपनी मा की चूत फाड़ रहा होगा”
“साले कसम से तेरे कारण वो हो गया जिसके मैं बस ख्वाब ही देख सकता था. अब तो बस अपनी बहनो की और चोदने की तमन्ना है. सोच साले दो दो कुँवारी चुते … उन्हे फाड़ने मे कितना मज़ा आएगा.”
“ तो तू अपनी बहनो को भी चोदना चाहता है.” मैने पूछा.
“साले जब मादर चोद बन सकता हूँ तो बहन चोद क्यो नही”
“ह्म…. एक काम कर इनडाइरेक्ट्ली उनको सेक्स मॅगज़ीन्स वगेरह लाकर दे और उनसे बातचीत के दोरान कुछ कुछ सेक्सी वर्ड्स यूज करा कर. ट्राइ टू ओपन देम. उन्हे भी देख लेंगे.”
मैं उसे और क्या कहता मैं भी तो अपनी मा और बेहन दोनो को चोदना चाहता था.
तभी मॉम की आवाज़ आई “अभी तुम्हारा लंच रेडी है, नेहा भी आने वाली होगी. मैं कुछ काम से मार्केट जा रही हूँ. थोड़ी लेट आउन्गी” नेहा के आने के बाद मैं लंच कर के सो गया.
शाम को जब उठा तो फ्रेश होकर लॉबी मे आ गया. मॉम भी वापस आ गयी थी और किचन मे बिज़ी थी, नेहा अपने रूम मे स्टडी कर रही थी. मैने कुछ देर टीवी देख फिर टीवी चलता छोड़ कर सीधा किचन मे घुस गया , मुझे अंदर आता देख कर मॉम ने इग्नोर कर दिया, मैं सीधा जाकर मॉम के पीछे खड़ा हो गया. सबसे पहले उनके रेशमी बालो को क्लिप की क़ैद से आज़ाद किया फिर अपना मूह बालो मे डालकर रब करने लगा. “आई लव यूं मॉम” मैने कहा.
मैने अपना सेमिएरेक्ट लॉडा लोवर से बाहर किया और मॉम के हिप्स से रगड़ने लगा. अब मैं अपनी पूरी बॉडी से उसकी बॉडी दबा रहा था. वो बीच बीच मे अपना काम रोक कर गहरी साँसे भरने लगती थी. मैने अपना काम बिना कोई ध्यान दिए चालू रक्खा. धीरे धीरे गर्दन से लेकर गान्ड तक पूरी बॉडी पर पीछे से हाथ घुमा रहा था. दूसरे हाथ से हिप्स रब कर रहा था. अब मेरा लॉडा भी पूरा तन चुका था. उसे भी सारी और पेटिकोट के उपर से ही पूरा फील हो रहा होगा.
ऐसे ही मेरे हाथ खिसकते हुए मॉम की जाँघो तक पहुच गये, मैने उनकी थाइस पर पूरी तसल्ली से लगभग 10 मीं तक हाथ फेरा, उसकी थाइ ठोस और सुडोल थे. फिर मैं पीछे से ही हाथ उपर बेल्ली एरिया मे ले आया. अब मेरे हाथ बेल्ली पोर्षन और कमर के पीछे के हिस्से मे ही घूम रहे थे.
अब शायद सिचुयेशन मॉम के कंट्रोल से बाहर हो गयी थी, लास्ट ईव्निंग की तरह मॉम ने मुझे बेलन से पीछे की ओर धकेला पर बोला कुछ नही, मैं मॉम की बेल्ली को सहलाते हुए उनके कान मे बोला. “मॉम, पापा के सोने के बाद मेर रूम मे आना प्ल्ज़”
“तू आज झरना को कुतिया क्यू बोल रहा था, शरम नही आती” मॉम ने कहा.
“मॉम वो तो वही बोली थी के उसे कुतिया सुनना अच्छा लगता है” मेने अपनी नाक और अप्पर लिप्स उसकी गर्दन से स्टेट हुए एक हाथ तो बेल्ली पे ही रहने दिया और दूसरा चुचियो के निचले हिस्से तक ले गया. मेरी उंगलिया अब मॉम की चुचि को छू रही थी.
“मैं समझ नही पा रही हूँ कि कोई अगर मुझे कुतिया बोले तो मैं कैसा फील करूँगी” मॉम ने बेखुदी मे शायद खुद से कहा.
“आपको पता है मॉम झरना कह रही थी की उसका घरवाला उसे रोज कुतिया बनाता तो है पर बुलाता नही है… अब इसका क्या मतलब है की रोज कुतिया बनाता है” मैने पूछते हुए अपनी उंगलियो को मॉम के बूब्स पर घुमाया.
“क्या पापा भी आपको कुतिया बनाते हैं” बोलते हुए बड़े ही सॉफ्ट्ली मैं एक हाथ उनके पूरी चुचि पर फेरने लग गया. मेरा दूसरा हाथ खिसक कर उनके पब्लिक एरिया मे पहुच गया, स्मूद स्किन फील होतेही मुझे झटका लगा शायद आज ही दिन मे मॉम ने सारी खेती सॉफ की थी.
सिसकी भरते हुए मॉम बोली “ आह… आ.. … तेरे पापा अक्सर मुझे कुतिया बनाते हैं.” मेरा हाथ खिसक कर सारी के उपर से ही चूत पर पहुच गया था. अब मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरे से चूत. मुझे लग रहा था क़ि मॉम सब एंजाय कर रही हैं. तभी कल्लबेल्ल बजी , पापा आ गये थे. मैं किचन से निकलते हुए मॉम को बोला, “मैं रात मे वेट करूँगा”
फिर सब नॉर्मल रहा. डिन्नर के बाद मैं अपने रूम मे चला गया.
आधी रात हो गयी पर वो नही आई तो मैं उठकर उनके रूम की और चल पड़ा. कल की तरह रूम खुला था, मैं बेड के पास पहुचा. मा चादर ओढ़ के सो रही थी. मेने धीरे से चादर हटाई. आज शायद मेरी किस्मत काम नही कर रही थी, मा ने सोने से पहले चेंज नही किया था. वो वैसे ही सारे मे प्रॉपर्ली कवर्ड सो रही थी. मैं उन्हे मॅग्ज़िमम न्यूड देखना चाहता था इसलिए धीरे धीरे उनकी सारी की गाँठ खोलने लगा. सारी निकलना तो संभव था नही तो मैने सारी पेटिकोट से निकल कर पेटिकोट की गाँठ भी खोल दी और जितना हो सके दोनो को नीचे खिसका दिया. या तो मा को इस सबका एहसास नही हो रहा था या वो नाटक कर रही थी.
अब उसकी नंगी चूत मेरी नज़ारो के सामने थी, मैने अपना तना हुआ लॉडा बाहर निकाल कर उसकी नंगी चूत पर रख दिया और कपड़ो के उपर से ही धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगा. कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैने उसके ब्लाउस के हुक्स खोल दिए. उसकी ब्रा मे कसी हुई बड़ी बड़ी चुचियाँ देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था. मैं एक हाथ से उसकी ब्रा मे क़ैद चुचि और दूसरे हाथ से अपना लंड लगातार दबाने लग गया.
मेरा लंड फटने को हो रहा था, मैने झटके लेते हुए अपना सारा माल उसके मूह और चुचियो पर छोड़ दिया, कल रात की तरह जाने से पहले मैने उसके होंठो से अपने लंड को किस करवाया , फिर जाकर अपने कमरे मे शांति से सो गया.अगले दिन फिर मैने झरना की चुचियाँ चूसी और उसकी चूत मे उंगली भी की. आज भी उसने खुद को कुतिया कहलवाया. मॉम नॉर्मल थी, रात के बारे मे मुझसे कोई सवाल जवाब नही हुए (रात मैं अध नंगी ही छोड़ आया था). फिर मैने सुनील के घर जाकर ममता को चोदने की सोची, सुनील को कॉल लगाया तो उसने सिस्टर्स के घर होने की बात बोलकर केएलपीडी कर दी. तो मैं एक दूसरे दोस्त के साथ मूवी देखने चला गया.
शाम को जब मैं वापस घर पहुचा तो हमेशा की तरह मॉम किचन मे थी और नेहा दी शायद अपने रूम मे. मौका देखकर मैं किचन मे घुस गया. मॉम की चुचि दबाते हुए बोला, “ कुतिया, कल रात मेरे रूम मे आई क्यो नही.”?
मॉम बिना कोई जवाब दिए अपना काम करती रही. पिछली दोनो रातो को मैने मॉम के बूब्स से अच्छे से खेला था फिर भी इस वक़्त का मज़ा अलग ही था. मैने बूब्स प्यार से प्रेस करते हुए पीछे से ही अपना लंड मॉम की गान्ड से सटा दिया और बोला, “कुतिया, मुझे और कितना तड़पओगी..”
“जो कर रहे हो तुम कर रहे हो, मैने क्या किया..” वो बोली
“ओह्ह क्या मस्त चुचि है तुम्हारी.. मज़ा आ गया दबाने मे..”
“इमॅजिन व्हाट विल हॅपन इफ़ युवर फादर आंड दीदी सीज यूं डूयिंग दिस..”
“दे विल बीट मी.. सो व्हाट..” मैने पेटिकोट उठा कर उसकी बुर सहलाने लगा. उसने पैंटी नही पहनी हुई थी. उसकी नंगी बुर कामरस छोड़ रही थी.
“कुतिया, तेरी बुर बहुत टपक रही है…. मुझे चूसने दे..”
“तू जा झरना के पास ये तेरे लिए नही है’
“देख कुतिया जो आज रात तू मेरे कमरे मे ना आई तो कल मैं अपने एक दोस्त को बुला लूँगा और हम दोनो मिलकर तेरा रेप कर डालेंगे”
“ कल की कल देखेंगे , अभी छोड़ मुझे, नेहा आने वाली है किचन मे”
मैने एक बार और चूत को कस कर भींच दिया, उसकी आ निकल गयी. अब वो भी पूरी गरम हो रखी थी. मुझसे कंट्रोल नही हुआ और मैने अपना लॉडा बाहर निकाल कर उसकी नंगे चुतड़ों से सटा दिया और दोनो हाथ उसकी कमर पर जमा दिए. जो मज़ा आ रहा था मैं बयान नही कर सकता.
‘रानी, थोड़ा चुतड़ पीछे करो.” मैं भारी आवाज़ से बोला
“रानी मत बोलो, मुझे भी कुतिया बोलो,,
”मॉम ने गॅस बंद किया और किचन की स्लॅब पकड़ के झुकते हुए अपने हिप्स पीछे की और बढ़ा दिए. मैने आओ देखा ना ताओ और पीछे से ही अपना लॉडा उसकी बुर में पेल दिया. उसने बड़ी मुश्किल अपनी चीख रोकी.
शी स्विच्ड ऑफ गॅस आंड पुश्ड हर हिप्स बॅक. आई स्प्रेड हिप्स अवे आंड सॉ कंट होल. विदाउट वेटिंग आई पुश्ड लौडा इन कंट आंड स्टार्टेड फक्किंग माइ मदर फॉर फर्स्ट टाइम इन किचन.
“बेटे, जल्दी से पानी गिरा दो.. कोई आ जाएगा..”
“रात मे चुदवाओगी.. रंडी साली…”
“हाँ राजा.. बुर खोलकर आउन्गी.. अभी नेहा देखेगी तो अच्छा नही होगा..”
मैने जल्दी जल्दी और तेज झटके लगाने शुरू कर दिए, और कुछ ही धक्को मे झड गया. मॉम भले ही खूबसूरती मे ममता से 19 थी पर मेरे ख्वाबो की रानी थी. मैं ज़्यादा देर टिक ना पाया, आख़िर आज पहली बार अपनी मा को चोद रहा था.
“इसिको कुतिया बनाना बोलते है, समझे प्यारे..” मॉम बोली
“मॉम कम इन नाइट ऑन माइ बेड.’
“कमीने अब तो मुझे मॉम मत बुला. कुतिया बुला, रंडी हूँ मैं अब तेरी.”
तभी लॉबी मे कोई आहट सुनकर मैं तुरंत अपने कपड़े ठीक कर के किचिन से बाहर निकल आया और टीवी लगाकर बैठ गया. डिन्नर के बाद मैं अपने रूम मे जाकर लेट गया. मॉम का वेट करते हुए मेरी आँख लग गयी. अचानक किसी के हिलाने से मैं जागा, सामने थी मेरे ख्वाबो की रानी, मेरी कुतिया, फुल न्यूड.
मैने उसे बेड पर खींच लिया और एक ज़ोरदार स्मूच दिया. फिर अचानक मैं उठा और लाइट ऑन करदी साथ ही दरवाजा भी खोल दिया, जो शायद अंदर आते हुए मॉम ने बंद कर दिया था.
“ये क्या कर रहे हो, कोई आ जाएगा” वो बोली.
“आज मैं तुम्हे ऐसे ही चोदुन्गा मेरी रानी, लाइट और दरवाजा खोलकर”
“डोंट कॉल मी रानी. आई एम रंडी आंड कॉल मी रंडी. पर प्लीज़ दरवाजा बंद कर दो कोई आ सकता है”
मैने दरवाजा बंद कर दिया और बेड के पास जाकर मॉम के दमकते हुए नंगे बदन को निहारने लगा.
“अब तुम मत तडपाओ.. जल्दी से इस कुतिया को चोदो..” वो टांगे चौड़ी कर कर दोनो हाथों से अपनी चूत की फांको को फैलाते हुए बोली.
मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी रसीली टपकती चूत पर अपने होंठ टिका दिए. कुछ देर किस करने के बाद मैं जीभ निकल कर चाटने लग गया.
“आउच.. अफ… क्या कर रहे हो…” वो रोकते हुए बोली
“ओह्ह्ह कुतिया, लेट मी ईट कंट..”
“नही पहले मुझे चोदो … मुझे खूब चोदो.. तीन दिन से तडपा रहे हो..”
मैने जीभ सिकोड कर अंदर तक घुसा दी.
“ओह्ह्ह्ह. नो.. आह…”
आई चूड कंट आंड रब्ब्ड इट. आई मसाज्ड कंट वित मी पाम्स.
“ओह्ह्ह्ह… लौडा अंदर डालो.. चोदो मुझे….”
वो मस्ती मे मेरी जीभ की हर हरकत पर अपने चूतर उठा रही थी. अब मुझ से भी कंट्रोल नही हो रहा था मैने पोज़िशन लेते हुए अपना लॉडा उसकी बुर में पेल दिया.
“आ.. मंजू मेरी जान… मेरी रंडी, कैसा लग रहा है.. कुतिया.” मैं धक्के लगाता हुआ बोला.
“बस राजा , पेलते रहो…आह…” मुझे अपनी बाहो मे लेकर किस करते हुए वो बोली. कुछ देर बाद जब तूफान थम गया तो हम दोनो अगल बगल पड़े अपनी सांसो को कंट्रोल कर रहे थे.
“ एक बात बताओ, 3 दिन पहले तक सब कुछ नॉर्मल था. फिर ऐसा क्या हुआ जो तुमने अपनी ही मा को चोद डाला.”“ एक बात बताओ, 3 दिन पहले तक सब कुछ नॉर्मल था. फिर ऐसा क्या हुआ जो तुमने अपनी ही मा को चोद डाला.” मॉम ने पूछा.
“मॉम..” मैं जवाब देने लगा तो वो बात काटते हुए बोली, “जब एक शादीशुदा औरत अपने पति क अलावा किसी दूसरे से संबंध बनती है तो वो सिर्फ़ एक रंडी होती है सिर्फ़ एक कुतिया. इसलिए मुझे अबसे वही बुला”
“लेकिन रंडी तो वो होती है जो कई लोगो से सेक्स करती हो, तुमने अब तक कितने…”
“ मादर चोद, नेवेर अस्क एनी वुमन ओर गर्ल दिस क्वेस्चन. नोट ईवन युवर वाइफ. अब तुम मुझे बताओ की तुम्हे अपनी मा को चोदने का आइडिया किसने दिया.”
“ओके तो सुन मेरी प्यारी कुतिया…” फिर मैने उसे शुरू से लेकर अब तक के सारे इन्सिडेंट्स बता दिए.
“तो अब आगे क्या” मॉम ने पूछा.
“अगर तुम साथ दो तो…” मैं हिचकते हुए बोला
“जो तुम चाहो, जैसे तुम चाहो”
“मैं तुझे और ममता को एक साथ चोदना चाहता हूँ, बल्कि मैं चाहता हूँ जब मैं ममता को चोदु तो साथ ही तुम भी सुनील से चुदवाओ. साथ ही मैं नेहा को भी चोदना चाहता हूँ.” मैने सब उगल दिया.
कुछ पल सन्नाटा. फिर कुछ सोचते हुए वो बोली, “सुनील का लंड कैसा है.” साथ ही मेरा लंड मुट्ठी मे पकड़ के सहलाने लगी. मैने खुशी के मारे उसे किस किया और बोला “ कुतिया, उसका भी मेरे जैसा है, वो भी तुझे जमकर चोदेगा..”
“ओके देन, बुला लेंगे उन्हे किसी दिन मौका देख कर. अभी तो तू एक ट्रिप और लगा” बोलकर कर मुझे कस कर चिपका लिया. मैने भी अपने फिर खड़े हो चुके लौड़े को उसकी बुर में घुसा कर फिर धक्के स्टार्ट कर दिए.
“ओह राजा ज़ोर ज़ोर से मारो मेरी बुर ..आ बहुत मज़ा आ रहा है… कल रात जब तूने मुझे नंगा किया तभी अपना लॉडा मेरी बुर मे क्यू नही पेल दिया. आ… आ… ”
नाउ वी वर क्लिमॅक्सिंग. हमने एक दूसरे को कस के खुद से जकड़ लिया था. धक्को से पूरा बेड हिल रहा था. उसने अपनी टांगे मेरी कमर के गिर्द लपेट ली और लगी झरने. मैने उसकी बुर में अपना माल छोड़ दिया. हम कुछ देर ऐसे ही चिपके रहे, एक दूसरे को चूमा, कुछ देर एक दूसरे को सहलाया.
“रंडी, कैसा लगा मेरा लंड ? खुश किया या नही..?”“यस, राजा, यूं आर गुड. पुट ओं सम मोर वेट फिर कोई भी औरत तेरे नीचे आएगी तो मस्त हो जाएगी.” वो बोली और उठ क जाने लगी “नाउ आई विल गो.”
“साली, यहीं सो जा ना. पूरी रात झप्पी डालके सोएंगे.”
कपड़े पहन कर उसने मेरे लंड पर किस किया और बोली “ कल फिर चोद लेना अपनी कुतिया को और हाँ सुबह झरना की चूत ज़रूर मारना, मैं बाहर से चुपके से देखूँगी.” फिर वो अपने रूम मे चली गयी और मैं घोड़े बेच कर सो गया.
अगले दिन सुबह मैं झरना का इंतज़ार कर रहा था, जब वो मेरे रूम मे मे आई मैने तुरंत जाकर उसे पीछे से जकड़ लिया, अपना लंड बाहर निकाल के उसकी गान्ड पर रगड़ने लगा.
“कुतिया अब इसे बर्दाश्त नही हो रहा अब चोदने दे ना.”
वो मेरा लंड हाथ मे लेकर मुठियाते हुए बोली “थोड़ा सबर कर राजा, मुझे भी तेरा ये लंड बहुत भा गया है. अभी तेरी मा नहाने जाएगी तो मैं आउन्गी, फिर जो चाहे कर लेना” बोलकर फटाफट अपने काम मे लग गयी. तकरीबन आधे घंटे बाद वो आके सीधे मेरे बेड पर लेट गयी और बोली, “राजा, तेरी कुतिया बहुत भूखी है…. जल्दी ठंडा कर…”
मैने झटपट दोनो के कपड़े उतारे और उसपे पिल गया, पापा ऑफीस और दी अपने कॉलेज के लिए निकल चुके थे. मॉम खुद छिप कर हमारी चुदाई देख रही होंगी सो डर कोई था नही इसलिए मैं ज़्यादा ही अग्रेसिव हो रहा था.
“कुतिया चल जल्दी से पोज़िशन ले, आज तेरा कुत्ता तुझे चोदेगा.”
मैं किसी तरह के फोरप्ले मे ना पड़कर सीधे उसे कुतिया बना कर चोदने लग गया. दोनो हाथ उसकी चुचियो पर कसे हुए थे. दो तीन धक्को मे ही पूरा लंड उसकी चूत मे उतार दिया. फिर ढकधक पेलने लग गया.
“बेटा इतनी जल्दी क्या है, कौन सी तेरी ट्रेन छूटी जा रही है.” मॉम पीछे से बोली. मा की आवाज़ सुनकर झरना मेरे नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी, तो मॉम ने उसका कंधा दबाते हुए कहा, “कुतिया अब तो तूने पूरा लॉडा अंदर ले ही लिया है तो पूरा मज़ा ले ले पहले चुदाई का.”
झरना से पहले मैने दो ही चुते मारी थी, ममता और मंजू (मॉम) की, दोनो ही लेट 30स मे थी. उनकी तुलना मे झरना की 24 साल की उफनती जवानी का अलग ही मज़ा आ रहा था. अभी ज़्यादा टाइम नही हुआ था उसकी शादी को तो चूत एकदम कसी हुई थी. उसमे लंड चलाने मे अलग ही मज़ा आ रहा था. मैने धक्के लगाते हुए मॉम की और देखा, वो बाथरूम से ही आई थी और बस एक टवल मे थी. मैं मॉम से बोला, “साली कुतिया तू तो नहाने गयी थी, इतनी जल्दी बाहर कैसे आ गयी”
झरना नाराज़गी दिखाती हुई बोली, “राजा मा को गाली तो मत दो.”
मॉम, “झरना जैसे तुझे पसंद है.. मैं भी चाहती हूँ कि कोई मुझे भी कुतिया बोले, खूब गाली दे… मैं भी अभी की तरह तुझे कुतिया ही बुलाउन्गी … ये सब बस हम तीनो क बीच रहेगा”
इस बीच मेरे धक्के बदस्तूर जारी थे. मैने मॉम को इशारे से अपने पास बुलाया और पकड़ के उनका टवल खींचना चाहा तो वो पीछे हट गयी. मैं बोला “कोई कुतिया कभी कपड़े नही पहनती, तू भी ये टवल उतार. तेरी बुर और चुचियाँ देखते हुए इसे चोदूगा तो और मज़ा आएगा”
झरना फिर नाराज़गी भरी आवाज़ मे, “राजा, मैं तो तुझसे चुदवा रही हूँ….मा को एसा नही बोलना चाहिए, मा को नंगा नही देखना चाहिए…”
मैं उसे अनसुना कर के मॉम से बोला “कुतिया, तेरी चुचि और चूत ज़रूर बहुत मस्त होगी..खोल ना.. पापा और दी को नही पता चलेगा….रंडी, कुतिया दिखा दे अपनी जवानी .”
“कुतिया जो बोलेगी सब करूँगा, रात दिन तेरी बुर चाटूँगा, गान्ड चाटूँगा, अपना माल दिखा दे…”
झरना ने आँखे बंद कर ली, इन नंगी बातो से वो और भी एग्ज़ाइटेड होके अपने होंठ काट रही थी और पोज़िशन बदलते हुए वो मिशनरी स्टाइल मे चुदवाने लगी. दोनो टाँगों को फैला कर दोनो बाजुओ मे मुझे जकड़ रक्खा था.
जोश मे झरना मॉम से बोली “कुतिया, हरामी बेटा इतना खुशामद कर रहा है तो दिखा दे अपनी जवानी बेटे को…बहुत मस्त चुदाई कर रहा है , रंडी तू भी चुदवा ले कुतिया अपने बेटे से…”
मैं मॉम से “मेरी प्यारी कुतिया, नखरा क्यो कर रही है, चोदूगा नही, टच भी नही करूँगा..बस खोलकर खड़ी हो जा कुतिया…”
इस बार मॉम खड़ी हुई और एक झटके मे टवल उतार फेंक दिया, अब वो नंगी मेरे सामने खड़ी थी और मैं जोश मे दाँत भींचे हुए पूरे ज़ोर से झरना की चूत फाड़ रहा था.
“अफ कुतिया, क्या मस्त चिकनी चूत और कड़क कड़क चुचि है..” kaise lagi family sex jarur comments pe batana ab padhiye next page pe
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