वो बाथरूम में गयी और जब बाहर निकली तो रमेश के चेहरे पर शैतानी मुस्कान फैल गयी. रीता पूरी नंगी होकर बाहर आयी थी. धीरे- धीरे अपनी बड़ी सी गाँड मटकाते हुए वो रमेश के पास आई और बोली- क्या देख रहे हो जी?
रमेश- बस तुम्हें ही देख रहा हूँ कि कितनी बेशर्म हो तुम! अपने पति और बच्चों के होते हुए भी तुम मुझसे चुदने चली आती हो।
रीता- तो इसमें बुरा क्या है? ये मेरी चूत है, मैं चाहे जिससे चुदवाऊँ! इसमें मेरे पति का क्या?
उसकी बात पर रमेश बोला- मेरी रंडी रानी. कभी कभी मन करता है कि तुझे अपने सभी दोस्तों के साथ मिल कर चोद दूं.
रीता- ना बाबा ना … मैं केवल आपकी रंडी हूं. आप जितना चाहे चोदिये मगर किसी और से मुझे न चुदवाइये.
रमेश मुस्कराते हुए बोला- ठीक है, अब चल … मेरा लंड चूस।
रीता झट से अपने हाथ को रमेश की पैंट पर ले गयी और उसे खोलते हुए उसने रमेश के लंड को बाहर निकाल लिया. झुक कर उसने रमेश के लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसके लंड को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया.
रीता के मुंह से लंड चूसने की कामुक आवाजें निकलने लगीं- आऊम्मम … चप्पचप्प … आह्ह. अम्म… मुचमुच… ऊंहह… आह्ह गप्प गपल गप्प…
ऐसी आवाजें करते हुए वो रमेश को लंड चुसाई का पूरा मजा देने लगी.
रमेश ने रीता के बाल पकड़ कर उसके मुंह को लंड से अलग कर दिया और उठ कर अपने सारे कपड़े खोल कर उतार फेंके.
रीता बेड से उतर कर किनारे खड़ी हो गई और झुक कर अपनी गाँड रमेश की तरफ कर दी. रमेश को ट्रेस करते हुए वो अपनी गांड गोल गोल घुमा कर मटकाने लगी.
उसकी हरकत को देखते हुए रमेश मुस्कराया और बोला- तुम खा खाकर मोटी हो गयी. देखो तुम्हारी गांड कितनी बड़ी हो गयी!
रीता के पास आकर रमेश ने उसकी गाँड के दोनों पट को अपने दोनों हाथों से फाड़ दिया.
रीता- मेरी गाँड ज्यादा खाने से नहीं … आपके लंड के घुसने की वजह से बड़ी हो गयी है। गलती आप करो और इल्ज़ाम मुझ पर लगाओ? यह कहाँ का इन्साफ है?
उसकी गांड को गौर से देखते हुए रमेश बोला- अरे हां, तुम बिल्कुल सही कह रही हो. तभी तो मैं कहूँ कि तुम्हारी गाँड का छेद इतना गोल कैसे हो गया? मगर जो भी हो, लगती बहुत ही प्यारी है तुम्हारी ये गांड।
वो बोली- हां आपको तो बस मेरी गांड चुदाई करके मजा लेने से मतलब है. मगर इस मोटी गांड का बोझ तो मुझे ही ढोना है ना!
रमेश- तो आजा मेरी रानी … तुझे भी मजा दे देता हूं.
रमेश ने अपनी जीभ निकाली और रीता की गांड के छेद पर रख कर उसकी गांड को चाटने लगा.
अम्म … आह्ह चपकचप… चपचप … मुचमुच… करके वो उसकी गांड को काफी देर तक चाटता रहा.
फिर उठ कर उसकी गांड पर जोर से तमाच मारने लगा.
दर्द से रीता चिल्लाने लगी- आईई… आह्ह … आऊच … ओह्ह … ऊईई।
रीता की गांड पूरी लाल हो गयी.
फिर रमेश ने रीता की एक टाँग पकड़ कर बेड पर रख दी और खुद उसके पैरों के बीच में नीचे बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा।
चूत चटाई करवाते हुए रीता बहुत गर्म हो कर सिसकारने लगी- आह्ह … आआहा … हाह्ह … ओह्ह … ओ … मां … हूंह … अम्म … उम्ममा आह्ह…
वो चूत चटवाने का मजा लेती रही.
फिर रमेश खड़ा हुआ और उसने अपने लंड पर थूक लगा लिया. उसने लंड को चिकना करके रीता की चूत में पेल दिया और उसको पकड़ कर चोदने लगा.
रीता सिसकारने लगी- आह्ह … हम्म … यस्स… चोदो … आह्ह. और जोर से … फाड़ दो मेरी चूत … हाह … मांआह्ह … चोद दो मुझे।
रमेश अपने दोनों हाथों से रीता के बूब्स को पकड़ कर लगातार धक्के मार रहा था. ऐसे ही 15 मिनट तक उसकी चूत में धक्के देने के बाद उसने अपना लंड रीता की चूत से निकाल लिया.
रीता नीचे बैठ कर उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. रमेश ने उसे पकड़ कर ऊपर उठाया और उसके बालों से पकड़ कर उसे खींचता हुआ सोफे पर ले गया. रीता ने झुक कर सोफे की दीवार पकड़ ली और अपनी गांड रमेश की ओर कर दी.रमेश ने रीता की गाँड पर ढे़र सारा गाढ़ा थूक गिरा दिया और अपने हाथ से उसकी गांड के छेद पर थूक को मलने लगा. फिर अपना लंड उसकी गांड पर लगा कर उसने जोरदार धक्के के साथ अपना लंड रीता की गांड में घुसा दिया.
लंड घुसते ही रीता एक बार चिल्लाई. मगर तब तक रमेश ने धक्के लगाने भी शुरू कर दिये थे.
वो जोर जोर से आवाजें करती हुई अपनी गांड चुदाई करवाने लगी- आह्ह … सररर … आह्ह … आआ. फाड़ दीजिये … मेरी गाआ … गांड को! आह्ह … चोद दो सररर … आह्ह चोद दो मेरी गांड।
उत्तेजना में आकर रमेश भी सिसकारने लगा- आह्ह … यस्स … रीता … आह्ह … तेरी गांड … चोद दूं तुझे … मेरी रंडी … आह्ह क्या मस्त गांड है तेरी … आह्ह रीता मेरी रंडी … यस्स आह्ह फक यू… आह्ह… फाड़ दूंगा आज।
लगातार 20 मिनट तक चोदने के बाद रमेश झड़ने के करीब पहुँच गया. उसने रीता की गांड में अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
थोड़ी देर के बाद वो रीता की गांड में ही झड़ने लगा.
‘ओह्ह रीता … आह्ह … यस्स आआ … आहह … यस्स ओह्ह’ करते हुए उसने सारा माल रीता की गांड में गिरा दिया.
रमेश के वीर्य से रीता की गांड पूरी भर गयी. फिर रमेश ने अपना लंड रीता की गांड से बाहर निकाल लिया. मगर तभी रीता ने रमेश के लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी.
उसकी गाँड में से रमेश के लंड का माल बहने लगा. रमेश का लंड चूसने के बाद रीता ने अपना हाथ पीछे अपनी गाँड पर लगा लिया और ढेर सारा वीर्य अपने हाथ पर इकट्ठा कर लिया और फिर अपनी हथेली को चाट कर बोली- आह्ह सर … आह्ह … टेस्टी है … मजा आ गया.
रमेश वहीं सोफ़े पर बैठ गया और रीता उससे लिपटते हुए बोली- बड़ी बेदर्दी से चोदते हैं आप मुझे। मेरे पति मुझे ऐसे नहीं चोदते।
रमेश- अरे उस भड़वे में दम कहाँ जो वह तुम जैसी रांड को चोद सके. मगर मेरी जान, मेरी चुदाई में तुम्हें मजा नहीं आता क्या?
रीता- मज़ा तो बहुत आता है, तभी तो खुलकर सबके सामने भी आपसे चुदने चली आती हूँ. मगर एक गन्दी आदत लगा दी है आपने मुझे।
रमेश- वह क्या?
रीता- वही … मेरी गाँड से निकले हुए आपके लंड के वीर्य को चाटने की।sex story
रमेश- मेरी रांड … यही तो फैंटेसी है।
इतना कह कर दोनों ठहाका मार कर हंसने लगे.अगले दिन सुबह रमेश और रिया दोनों ही घर पहुंचे.
रमेश ने रिया को गले लगाते हुए कहा- आ गयी मेरी बिजनेसवूमेन बेटी! बता कल रात का तेरा इवेंट कैसा रहा? आगे से चला या पीछे से?
रिया- बहुत ही तगड़ा इवेंट था डैड. दोनों ही तरफ से लिया उन्होंने. ख़ासकर पीछे से।
रमेश- अरे बेटी, ऐसे इवेंट्स में आजकल पीछे वाला ही अच्छा चलता है।
रिया- हाँ डैड, समय बदल गया है अब तो मुझे भी पीछे में ही ज्यादा मजा आता है।
तभी रति बोली- पीछे मतलब! कहीं तू भी शराब तो नहीं पीने लगी?
रिया- क्या बोलती हो मां? पीछे मजा मतलब ज्यादा पैसा। कुछ भी सोचती हो आप!
रमेश-अरे इसे क्या पता बिजनेस क्या होता है? यह तो बस सास-बहू की सीरियल ही जानती है।
रमेश और रिया दोनों इस बात पर ठहाका मार कर हंसने लगे.
रति चिढ़ते हुए बोली- हाँ हाँ … मुझे नहीं मालूम बिजनेस क्या होता है, अब जाओ और जाकर दोनों फ्रेश हो जाओ।
थोड़ी देर बाद सभी फ्रेश होकर नाश्ता करने बैठ गये.
तीनों आपस में बातें कर रहे थे कि तभी रिया का फोन बज उठा.
फोन उठाकर रिया ने जवाब दिया- हाँ बोलो रत्न?
रत्न उधर से कुछ बोला।
रिया- क्या संडे? अच्छा परसों … चलो, ठीक है।
रत्न ने फिर से कुछ कहा।
रिया- क्या? दो पार्टी हैं एक साथ।
रत्न ने कुछ बोला।
रिया- दोनों बुड्ढे हैं! अम्म … हां, चलो कोई बात नहीं. हाँ कर दो तुम।
रत्न ने फिर कुछ कहा।
रिया- तुम तो जानते हो मेरा रेट, फिर भी बार-बार पूछते हो? तीस हजार।
रत्न ने कुछ जवाब दिया.
रिया- हाँ मगर अकेले आगे और पीछे का बीस हज़ार है. यहाँ दो पार्टी हैं, मेहनत भी डबल होगी।
रत्न फिर कुछ बोला.
रिया- अरे रत्न लाल कितना खाओगे! हम जैसों की खाओगे तो भगवान भी तुम्हें माफ़ नहीं करेगा।
रत्न ने उधर से कुछ कहा और रिया हंसते हुए बोली- हाहा, करने दे. बुड्ढे हैं तो क्या हुआ. तो ठीक है डन रहा, संडे रात 8 बजे के बाद और पूरे तीस हजार। बॉय।
इतना बोल कर रिया ने फोन रख दिया.
रमेश- बेटा यह रत्न कौन है?
रिया- एजेंट है डैड, कस्टमर पकड़ कर लाता है।
रति- लेकिन बेटी एक साथ दो पार्टी? तू मैनेज कैसे करेगी?
रिया- कर लूँगी मां, आखिर बेटी किसकी हूँ? और वैसे भी बूढों की ही तो पार्टी है।
रति- यह तो बहुत अच्छा काम कर रही है तू बेटी। बूढे लोगों को भी खुश कर रही है. भगवान तुझे तेरे काम में तरक़्क़ी दे।
रिया- आप दोनों का आशीर्वाद है मॉम।
रमेश- अरे तेरा भी इवेंट संडे को है।
रिया- हाँ, पर क्या हुआ?
रमेश- संडे को मेरा एक दोस्त दिल्ली से यहाँ आ रहा है मुझे भी उस दिन उसके साथ रहना पडे़गा।
रति- बस यही तो है आप दोनों बाप-बेटी का! फिर मुझे अकेले छोड़ दोगे।
रमेश- अरे तुम ग़ुस्सा क्यों होती हो? तुम तो मेरी जान हो।
रति- रहने दो, बातें मत बनाओ।
रमेश- ठीक है आज रात यह आपका गुलाम आपके कदमों में होगा।
रति-हुहं।
तीनों ने नाश्ता किया और उसके बाद रिया और रमेश दोनों निकल गये.दिन बीत गया.
रात में रिया और रति दोनों बैठ कर टीवी देख रही थीं कि अचानक से डोरबेल बजी.
रिया ने दरवाजा खोला तो सामने रमेश था.
रमेश- तेरी मां कहाँ है?
रिया- डैड, आज मॉम बहुत गुस्से में है, जरा बच के!
रमेश अंदर आया और रति के बगल में आकर बैठ गया.
रमेश- क्या बात है, नाराज़ हो मुझसे?
रति ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया.
रमेश- सॉरी डार्लिंग, मुझे संडे को तो जाना ही पड़ेगा. मगर आज मैंने अपना वादा निभा दिया. देखो तुम्हारे पास बैठा हूँ।
रति उठ कर जाने को हुई तो रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया. रति ने अपना हाथ झटक कर छुड़ा लिया और बोली- जाकर मुंह हाथ धो लो. मैं खाना लगा देती हूं.
थोड़ी देर में उसने खाना खा लिया मगर रति का गुस्सा अभी भी वैसा ही था. वो खाने के बर्तन समेटने लगी तो रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.
रमेश- रति… रति क्या हुआ? तुम ग़ुस्सा क्यों हो?
रति- जाओ, जाकर अपना बिजनेस देखो. जब देखो तुम्हें बिजनेस की पड़ी रहती है या फिर अपने दोस्तों की। पत्नी घर में अकेली पड़ी रहे उससे तुम्हें क्या!
रमेश- सॉरी जानू … आज तो तुम्हारे पास हूँ. कम से कम आज तो ग़ुस्सा मत हो?
उसकी बात का रति ने कुछ जवाब नहीं दिया.
रमेश- चलो ना डार्लिंग, आज बहुत मूड हो रहा है।
रति फिर भी कुछ नहीं बोली।
रमेश- तुम ऐसे नहीं मानोगी, लगता है तुम्हें मनाने का मेरा पुराना आईडिया ही लगाना पडे़गा।
रमेश ने उठ कर झट से रति को अपनी गोद में उठा लिया.
रति का गुस्सा फुर्र हो गया और बोली- क्या कर रहे हो! उतारो मुझे. बेटी देख रही है. क्या समझेगी वो?
रमेश- समझना क्या है, यही कि आज भी उसके मां और डैड में कितना प्यार है।
इस बात पर रिया हँस दी और रति ने शरमा कर अपना सिर रमेश के सीने में छुपा लिया. रमेश रति को लेकर रूम में चला गया और रिया मन ही मन में सोचने लगी- सचमुच, आज भी मॉम और डैड में कितना प्यार है!sex story
अंदर जाकर रमेश ने अपनी बीवी को बेड पर उतारा.
रति- क्या बात है? आज बड़ा प्यार आ रहा है?
रमेश- जिसकी बीवी इतनी सुन्दर हो, उस पति को अपनी बीवी पर प्यार तो आना ही है।
रति- अच्छा अब क्या रखा है इस उम्र में मुझ में?
रमेश- हाय ज़ालिम, ऐसा ना बोलो. तुममें तो आज भी वह बात है जो किसी और में नहीं।
रमेश ने रति का चेहरा अपने हाथ में लिया और उसके होंठों से अपने होंठों को मिलाते हुए उसे किस करने लगा. दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे. रमेश उसके होंठों को चूमता हुआ लेटता गया और रति को भी अपने साथ गिरा लिया.
अब वो रति की गर्दन पर टूट पड़ा और उसको बेतहाशा चूमने लगा. उसने अपनी बीवी की साड़ी के पल्लू को उसके बूब्स पर से हटा दिया और उसके सीने में मुंह देकर चूमने लगा.फिर रमेश ने रति के ब्लाउज और उसकी ब्रा को भी खोल दिया. रति के बड़े बड़े बूब्स आजाद हो गये. रमेश ने अपनी बीवी की मोटी मोटी चूचियों को हाथ में भर लिया और उनको बारी बारी से चूसने लगा- चप्प … चपपह … हम्म … आह्ह … चत … ऊंम्म … आह्हह … चप … हह करते हुए वो उसकी चूचियों को पीता रहा.
रति भी गर्म होकर रमेश के सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी.
फिर रमेश धीरे-धीरे रति के बूब्स से होता हुआ उसके पेट को चूमते हुए उसकी नाभि को चूमने लगा.
फिर रमेश ने रति को बेड से नीचे खड़ी कर दिया. उसकी साड़ी को खोल कर उसके पेटीकोट समेत सब नीचे करते हुए उसने रति को नंगी कर दिया. फिर उसे बेड पर चढ़ा कर कुतिया बना दिया.
रमेश ने झुक कर अपनी बीवी की चूत से लेकर उसकी गांड तक को नीचे से ऊपर चाटना शुरू कर दिया.
रति- छीः कितनी बार कहा है, गाँड मत चाटिये. वह गन्दी जगह है।
मगर रमेश ने रति की बात पर ध्यान नहीं दिया और उसकी गाँड को मज़े से चाटता रहा.
रति को भी अपनी गाँड चटवाने में मजा आने लगा था और वो गर्म गर्म आवाजें करने लगी थी.
रमेश अब खड़ा हो गया और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगा हो गया. उसने अपने तने हुए लंड को रति के मुंह के सामने कर दिया.
रति ने पहले रमेश के लंड को देखा और फिर मुस्कराते हुए बोली- मानना पड़ेगा, इस उम्र में भी आपका जोश देखने लायक है. आज भी कितना तना हुआ है आपका लंड!
रमेश हंसते हुए बोला- डार्लिंग तुम्हारी चूत भी तो कम नहीं है. आज भी वही टेस्ट है इसमें।
अब रति ने रमेश का लंड अपने हाथों में ले लिया और धीरे-धीरे करके उसे अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.
और लंड चूसने की आवाजें बाहर आने लगीं- उम्म … चप … चप … आह्ह … ऊंम्म … अह्ह … मच … मच … करते हुए वो लंड को पूरे से मजे से चूसने लगी.
कुछ देर लंड चुसवाने का मजा लेकर रमेश ने रति को अलग किया और बेड पर लिटा दिया. रति की दोनों टांगें फैला कर वो उनके बीच में बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट कर दिया.
रमेश ने हल्का धक्का लगाया और आधा लंड उसकी बीवी की चूत के अंदर घुस गया. फिर एक जोरदार धक्के के साथ रमेश ने पूरा लंड अपनी बीवी की चूत में घुसा दिया.
उसके बाद रमेश ने रति की दोनों टांगों को हवा में उठा दिया और चूत को चोदने लगा. रति के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आआ आआ … जानू जोर से चोदो मुझे … बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं तुम्हारे लंड से मेरे राजा, मेरी चूत का बाजा बजा दो … फाड़ दो मेरी चूत को … आह्ह।
रमेश धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था. कुछ देर इसी जोश के साथ चोदने के बाद उसने लंड को रति की चूत से बाहर निकाल लिया. रति झट से उठ कर कुतिया बन गयी और उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी.
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