ऋतु ने कहा- “वो तो यही कह रहे थे की मैं जहां जाब लगवा रहा हूँ वहां सैलरी ज्यादा मिलेगी और जगह से।
मैंने कहा- फिर अनु को ये बात समझ में नहीं आ रही या कोई और बात है उसके मन में?
ऋतु बोली- “असल में जिस जगह जीजू कह रहे हैं, एक तो वो उनके घर में 15-20 किलोमीटर दूर है, दूसरा वो फैक्टरी बिल्कुल सूनसान जंगल में है, और अनु कह रही थी……”
मैंने कहा- “क्या कहा अनु ने?”
ऋतु बोली- “अनु ने बताया है की उस फैक्टरी में लेडीस का बड़ा बुरा हाल है। मतलब आप समझ सकते हो.”
मैंने होंठों को गोल करके सीटी बजाई, और कहा- “सुमित को कोई शौक तो नहीं? जैसे शराब, जुआ या कोई
और?”
ऋतु बोली- “शराब का तो पता नहीं, पर वो मैच पर पैसे लगाते हैं। पता नहीं क्या होता है?”
मैंने कहा- “बॅटिंग करता है इसका मतलब? पर ये बताओं उसके पास पैसा कहां से आता है इसके लिए?”
ऋतु बोली- “दीदी का सारा जेंवर उन्होंने बेच दिया इसी काम में…”
मैंने कहा- “इस काम को करने वाला तो…….”
ऋतु बोली- “आपकी बात मैं समझ गई.”
मैंने ऋतु में कहा- “तुम अनु से कुछ मत कहना की तुमने मुझे ये सब बता दिया है। वरना उसको बुरा लगेगा…”
ऋतु बोली- “नहीं मैंने तो आपकी जिद्द की वजह से आपको बताया है। वरना में आपको बताती भी नहीं..”
मैंने उसको कहा- “अब तुम जरा आफिस का काम देखो। दो दिन में क्या हुआ पता नहीं। में भी देखता हैं, और शाम को जब मेरे पास आना तो मूड ठीक करके आना…”
ऋतु मुश्कुराकर बोली- “आपसे ज्यादा देर तक कोई भी नाराज नहीं रह सकता..”
ऋतु मुश्कुराकर बोली- “आपसे ज्यादा देर तक कोई भी नाराज नहीं रह सकता..”
मैंने कहा- “मजाक बना रही हो?”
ऋतु बोली- नहीं कसम से।
ऋतु के जाने के बाद मैं अनु के बारे में सोचने लगा। सच बात तो ये थी की मैं मन ही मन अनु को प्यार कर बैठा था। मुझे उसकी में तकलीफ अपनी लगने लगी। पर मैं उसकी तब तक कोई हेल्प नहीं कर सकता था जब तक वो मुझसे कुछ ना कहे। क्योंकी वो शादीशुदा है। अगर मैं उसको कोई हेल्प करता तो, हो सकता है इ उसके पति के मन में कोई गलत बात आती। मैं यही सब सोचता रहा। फिर मैंने अनु को फोन मिला दिया।
अनु ने हेलो कहा।
मैंने कहा- पहचाना?
अनु बोली- “आपको भल सकती है क्या? और आपका टाइम मिल गया?”
कहा- “ये बात तो मुझे तुमसे पूऊजी है?”
अनु बोली- “जब से आई हूँ आराम कर रही ह..”
मैंने कहा- “और आज बोर तो नहीं हो रही?”
अनु बोली- “आपके साथ तो नहीं हुई थी। पर अब होने लगी है..”
मैंने कहा- वापिस कब जाना है?
अनु बोली- अभी कुछ नहीं पता।
मैंने कहा- “मैं तुमसे मिल सकता हूँ?”
अनु बोली- कब?
मैंने कहा- “आज। अभी…
अनु ने कहा- कहा?
मैंने कहा- मेरे घर पर।
अनु बोली- मैं वहां किसके साथ आऊँगी, और मम्मी को क्या कहेंगी? ऋतु का भी मूड खराब है कल से।
मैंने कहा- ऋतु का मूड अब सही है, मैंने उसको समझा दिया है। तुम आने की चिंता नहीं करो। कार भेजता हूँ।
अनु बोली- पर मम्मी ?
मैंने कहा- उनसे कोई बहाना बना दो की किसी दोस्त से मिलने जा रही हैं।
अनु बोली- नहीं-नहीं, मैं यहां किसी को जानती ही नहीं। मैं क्या कहूँगी?
मैंने कहा- “चलो मैं तुमको एक आइडिया देता हैं। अगर फिट हो जाए तो मुझे बता देना.. अनु को मैंने
आइडिया बता दिया। मेरा आइडिया फिट बैठ गया।
अनु का फोन आया, “बताइए में कहां आऊँ?”
उसके घर के पास एक बाजार है, उसको वहां बुला लिया। मैंने कहा- “तुम वहां पहुँचो में आ रहा हैं.”
मैं आफिस से ये कहकर निकला की मुझे कोई काम है, और मैं सीधा अनु के पास गया। अनु ने मुझे देख लिया। मैंने उसको अपनी कार में बैठाया और घर आ गया। मैंने अनु को अपने रूम में लेजाकर उसको अपनी बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा- “तुमसे दूर एक दिन भी नहीं रहा गया..”अनु बोली- “बाब, मैं भी आपसे मिलने को तड़प रही हैं पर क्या करती?”
मैंने कहा- “तुम मुझे फोन तो कर देती..”
अनु बोली- “कल से ऋतु मुझे उल्टा सीधा बोल रही है। मैं कल जब से आई हूँ वो मुझे अकेला छोड़ ही नहीं रही थी। आपका फोन कैसे करती?”
मैंने कहा- कोई बात नहीं।
अनु ने कहा- “ऋतु आफिस में है?”
मैंने कहा- हाँ पर उसको पता नहीं की मैं यहां तुम्हारे पास हूँ
अनु मुश्कुराकर बोली- “आप बड़े चंट हो..”
मैंने कहा- “तुम्हारे लिए बनना पड़ा। तुम कल मेरे गम में जो देख रही थी वो में तुमको दिखा?”
–
अनु झेंप गई।
मैंने कहा- “आओ मैं दिखता है..” कहकर मैं उसको दूसरे रूम में ले गया। वहां मैंने मेरी पत्नी सोनम की फोटो अनु को दिखाई।
अनु पिक देखकर देखती रही फिर बोली- “आपकी वाइफ तो बड़ी सुंदर है मेरे से भी कहीं ज्यादा…”
मैंने कहा- “हो… सुंदरता दो तरह की होती है- तन की, और मन की। दोनों सबके पास नहीं होती..”
अनु बोली- “इसका मतलब?”
मैंने कहा- “तुम्हें टाइम आने पर समझ में आ जाएगा। अब चलो मेरे राम में बैठकर बातें करते हैं..”
मैंने अनु से पूछा- “सुमित का फोन तो नहीं आया था?”
अनु मेरे मुँह में अपने पति का नाम सुनकर चौंक गई।
मैंने कहा- “मुझे उसका नाम ऋतु ने बताया है..”
अनु ने मुझे देखा और कहा- “ऋतु में और क्या बताया है?”
मैंने कहा- कुछ नहीं।
अनु ने कहा- बाब, आप मेरे से झठ मत बोलो।
मैंने कहा- सच में।
अनु बोली- आपको झठ बोलना नहीं आता। आपके चेहरा से पता लग रहा है।
मैंने कहा- हौं ऋतु ने थोड़ा बहुत बताया था, पर जाने दो। ये बताओ क्या लोगी चाय या काफी?
अनु बोली- पहले आप बताओ आपको क्या कहा ऋतु ने?मैंने अनु को सब बता दिया क्योंकी अब उसको पता चल हो चुका था। मैंने अनु से कहा- “मुझे ये सब सुनकर बड़ी तकलीफ हुई है। तुम जो चाहो तो मैं तुम्हारी हेल्प करने को तैयार हैं। बोलो जितना कहो उतना”
अनु मेरे सीने से लगकर बोली- “बाबू आपने मेरे दर्द को समझा। मेरे लिए वही बहुत है। मुझे कुछ नहीं लेना..”
मैंने कहा- तुमको दुखी देखकर मुझे चैन नहीं आएगा।
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अनु ने कहा- “दुख तो मेरी किश्मत में लिखा है आप चाहकर भी उसको बदल नहीं सकते…’ कहते हुए अनु की आँखों से मोती बहने लगे।
मैंने अनु के आँसू पोछते हुए कहा- “अनु अगर तुम ऐसे रोने लगी तो तुम जिंदगी की जंग को बिना लड़े ही हार जाओगी..’ कहकर अनु को मैंने अपने गले से लगा लिया।
अनु अब मेरे सीने पर अपना मुँह रखकर सिसक रही थी।
मैंने अनु को पानी दिया और कहा- “पानी पियो..”
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अनु ने दो घूँट पिए।
फिर मैंने कहा- “मुझ पर विश्वास है?”
अनु ने कहा- “खुद से भी ज्यादा…” और मेरे से चिपक गईं।
मैंने कहा- फिर तुम वैसा ही करो जैसा मैं कहूँ।
अनु मुझं लाल-लाल आँखों से देखती हुई बोली- “बताइए?”
मैंने कहा- “सबसे पहले तो अपना मूड ठीक करो। लाइफ में दुख तो सबको आता है पर जो लोग उसका सामना करने से डरते हैं, वो अक्सर हार जाते हैं..”
अनु मुझे एकटक देखती ही रह गई।
फिर मैंने कहा- “तुम पहले ये बताओ जाब करोगी या नहीं?”
अनु ने कहा- ” करूँगी पर…..”
मैंने कहा- क्या पर?
अनु ने कहा- मैं कम से कम 3 महीने बाद जाब कलंगी, और वहां किसी भी कीमत पर नहीं करेंगी।
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मैंने अनु को कहा- “तुम्हें 3 महीने तक जाब करने के लिए कोई नहीं कहेगा। ये मेरी गारंटी है.”
अनु मुझं हैरान होकर देखने लगी, और बोली- “आप क्या करोगे?”
मैंने कहा- “ये सब मुझ पर छोड़ दो। काई तुम्हें मजबूर नहीं करेगा..” फिर पूछा- “जहा सुमित जाब के लिए कह रहा है, वहां जो प्राब्लम है मुझे बताओ..”
अनु बोली- “क्या बताऊँ? बस इतना समझ लीजिए की वहां जाने के बाद……”
मैंने कहा- वहां ऐसा क्या है बताओ ना?
अनु ने कहा- मेरे घर के पास मेरी एक दोस्त है। उसने मुझे बताया था वहां के बारे में।
मैंने कहा- क्या बताया था?
अनु बोली- “उसने कहा था की वहां जो भी लड़की जाती है, सिर्फ रंडी बनकर बाहर निकलती है.”
मैंने कहा- “हम्म्म्म… लेकिन जो बात तुमको पता है वो सुमित को पता ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता.”
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…