अगले दिन सुबह जब मेरी नींद खुली तो सबसे पहले दिमाग में यही बात आईकी ऋतु में रंकाई की होगी या नहीं? अगर की होगी तो क्या होगा? और फिर इतने में आफिस जाने का टाइम हो गया। मैं जल्दी से आफिस चला गया।
ऋतु अभी तक नहीं आई थी में उसका इंतजार करने लगा। ऋतु को देखकर मुझं चैन मिला।
मैंने उसको अपने केबिन में आते ही पीछे से पकड़ लिया, और उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथ से दबाता हुआ बोला- “मेरी जान आज बड़ी प्यारी लग रही हो..” और उसकी गाण्ड से रगड़ खाकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो मैंने उसको कहा- “पहले ये बताओं वो काम हुआ या नहीं?”
ऋतु ने अपना मुँह बनाते हुए कहा- “सारी कल मेरी दीदी से बात ही नहीं हो पाई..”
मैंने कहा- क्यों?
उसने कहा- “कल शिल्पा भौहमारे पास सोने की जिद करने लगी। उसके सामनें कैसे बातें होती?”
मैं अपना मन मसोसकर रह गया। मैंने कहा- “मुझे पता था कोई ना कोई गड़बड़ जरूर होगी…”
ऋतु ने मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा और कहा- “कोई बात नहीं। आपको वैसे भी सिर्फ सुनकर मजा ही तो लेना
था, वो तो आपको वैसे ही आ रहा है..”
मैंने कहा- कहां आ रहा है?
ऋतु ने मेरे लौड़े को पकड़ते हुए कहा- “इतनी देर में ये मुझे चुभ रहा है इसलिए.”
मैंने कहा- “वो तो तुम्हारी गाण्ड की गर्मी से हो गया..” फिर मैंने कहा- “अब मैं तुम्हें कोई काम नहीं कहंगा.”
ऋतु ने जब मैरा मूड खराब होते देखा तो ऋतु जोर से हँसने लगी और बोली- “मैं तो आपको बना रही थी..
मैंने कहा- क्या मतलब?
उसने कहा- आपका काम हो गया है।
मैंने खुशी से उसको चूमकर कहा- “सच?”
उसने कहा- “लीजिए सुन लीजिए..”
मैंने उसका सेल लिया और रेकार्डिंग की फाइल को प्ले किया और सुनने लगा।
एकदम से ऋतु में कहा- “जरा रुकिये.”
मैंने बंद कर दिया।
ऋतु बोली- “आप इसको सुन लीजिए। मैं बाकी काम निपटाकर आती हूँ..”
मैंने कहा- “बाद में कर लेना…”
ऋतु ने कहा- “इसको सुनने के बाद आप मुझे कोई काम नहीं करने दोगे…” ऋतु बोली- “आप इसको सुन लीजिए। मैं बाकी काम निपटाकर आती हूँ..”
मैंने कहा- “बाद में कर लेना…”
ऋतु ने कहा- “इसको सुनने के बाद आप मुझे कोई काम नहीं करने दोगे…”
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मैं समझ गया की इसमें सब लण्ड खड़ा करने वाली बातें हैं। मैंने कहा- “चलो तुम काम निपटाकर आओ मैं सुनता हूँ..” मैंने फिर से प्ले किया पर सुनकर यकीन नहीं हो रहा था मुझे अगर ऋतु की आवाज की पहचान नहीं होती तो मैं इस रेकार्डिंग को नकली ही समझता। बातचीत कुछ इस तरह थी। आप लोग यकीन माना या ना मानो, मैंने स्टोरी के इस पार्ट को लिखने से पहले आज वो कार्डि फिर से सनी, और अल्लमोस्ट मैं सेम लिख रहा है।
अन्- और आज आफिस में कैसा रहा?
ऋतु- जैसा रोज होता है।
अनु- आज कुछ हुआ नहीं क्या, या मोका नहीं मिला?
ऋत्- क्या दीदी आप भी ना… हर टाइम सिर्फ सेक्स के बारे में सोचती रहती हो।
अनु- अरे मुझसे क्या छुपा रही है, बता ना आज तुम लोगों ने सेक्स किया?
ऋतु- नहीं दीदी, मैं आज बहुत थकी थी फिर उनको भी लग रहा था की मैं थकी है। इसलिए आज कुछ नहीं हुआ बस किस ही किया उन्होंने।
अनु- इसका मतलब बो तेरी फीलिंग को देखकर सेक्स करता है?
ऋतु. ही दीदी सच में वो बड़े अच्छे हैं। उनको मेरी छोटी से छोटी प्राबलम भी अपनी लगती है। सच में वो मझे बड़ा प्यार करते हैं।
अनु- मैं तो आज सोच रही थी की तो से मजेदार किस्सा सुनेंगी। तनें तो सच मजा ही खराब कर दिया। चल में बता बो तुझें सेक्स करने से पहले क्या-क्या करता है। पर सब साफ-साफ बोलियो उसमें मजा आता है।
ऋतु- यार दीदी आपको भी ना… चलो मैं आपको सब साफ-साफ ही बताती हैं। सबसे पहले वो मुझे पूरा नंगी करते हैं, फिर वो मेरी एक चूची को चूसते हैं, और दूसरी का निप्पल मसलते हैं। फिर उनका हाथ मेरी गाण्ड पर आ जाता है। वो मेरी गाण्ड को कस-कस के मसलते हैं। मैं उनका लण्ड पकड़कर हिलाती रहती हैं फिर बो मेरी चूत में अपनी उंगली डाल देते हैं। उनकी उंगली पता नहीं क्या करती है की मेरी चूत गीली हो जाती है। वो मेरे दाने को मसलते हैं तो अहह…” साथ में अन् की भी आह्ह… निकलती है।
अन्- हाँ यार सच में… अगर कोई दसरा मेरे दाने को रगड़े तो मजा आ जाए। पर वो तो मेरी चूत को देखते भी नहीं।
ऋतु- दीदी आप उनसे कभी कहो ना की आपको ये सब अच्छा लगता है।
अनु- उहह… क्या कहूँ उनका एक ही डायलाग होता है की ‘अनु मुझे सुबह जल्दी उठना है टाइम मत खराब करो जल्दी से पैंटी उतारी और बस ना किस ना चूची दबाते हैं। मेरा इतना मन करता है की वो मेरी चूचियों को मसल दें, और अपने मुँह में लेकर चूसें। पर कुछ भी नहीं करते। बस लण्ड को चूत में डालकर धक्के मारते हैं, दो-चार मिनट में झड़कर बोलते हैं- गुड नाइट…”
ऋतु- “दीदी, आप उनको बायफ्रेंड दिखाओ। हो सकता है उसे देखकर उनका मइ चेंज हो जाए..”
अनु रुचांसी आवाज में. “अरे यार मैं सब ट्राई कर चुकी हैं। वो बायफ्रेंड देखकर भी कुछ नहीं करते। उनका दिमाग सिर्फ अपना पानी निकालने में रहता है। दूसरे के एमोशन्स की कोई परवाह नहीं। अब में अगर ज्यादा कुछ बोलूगी तो पता है उनके दिमाग में यें आएगा की मैं उनसे खुश नहीं हो पाती, और कहीं वो मुझे गलत समझ बैठे तो पता नहीं क्या होगा? हौँ फिर त बता ना… तेरी चत पनिया जाती हैं फिर?”
ऋतु- हाँ फिर में उनका लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसती हैं, उनके लण्ड से हमेशा स्वीट सी महक आती है। मन करता है चूसती ही रहा
अन्- “किस टाइप की महक समझी नहीं मैं?” मैंने पहले भी लिखा हैं मैं अपने लण्ड पर डी.ओ. लगाता हैं।
ऋतु- अब मैं आपको कैसे समझाऊँ? जैसे की भीनी-भीनी खुशबू आती है।
अनु- फिर वो तेरी चूत कब चाटता है? उसका लण्ड जब तैयार हो गया तो वो चूत में नहीं डालता क्या?ऋतु- दीदी नही तो खासियत है उनकी। वो बड़े धैर्य वाले हैं। पहले मैं उनका लौड़ा चूसती है, उसके बाद वो मेरी चत को बड़ी मस्ती से चाटकर तैयार करते हैं। पता है मैं तो उनका लण्ड डालने से पहले ही झड़ जाती हैं। उनकी जीभ भी उनके लण्ड की तरह है।
अन्- हे में तो सुन-सुन केही पनिया गई। अच्छा फिर उसके बाद?
ऋतु- वो मेरी चूत को चाटकर गीली कर देते हैं उसके बाद मुझे फिर से अपना लौड़ा चुसवाते हैं। फिर वो मेरी चूत में अपना लौड़ा डालते हैं, और लौड़ा डालकर रुक जाते हैं। मेरी हालत खराब हो रही होती है।
फिर मुझे कहेंगे. “बताओ चुदना है?”
मैं कहती हूँ- “हो…
फिर कहेंगे- “मैंह से बोलो..”
और जब तक मैं ना कहूँ की- “प्लीज मुझे चोदो.” तब तक धक्के नहीं मारते।
अनु- इस बात का क्या मतलब हुआ?
ऋतु- अरे बाबा वो मुझे इतना गरम कर देते हैं अपनी हरकतों से की मैं उनको खुद कहने को मजबूर हो जाती हैं, और उसके बाद तो बस उनकी स्पीड हाईईई… वो जब तक 8-10 मिनट तक धक्के ना मारें उनका झड़ता ही नहीं।
अन् की चौंकाने वाली आवाज- “क्याउ:58-10 मिनट?”
ऋतु- ही दीदी इससे कम कभी नहीं लगता।
अनु- तुझ टाइम का आइडिया नहीं है, तू गलत सोच रही है।
ऋतु-दीदी मैं भी पही सोचती थी। पर मैंने जब टाइम चेक किया तब मैं मान गई।
अनु- है राम… आदमी है या घोड़ा? होहोहोही..” और हँसती है।
ऋतु- हाँ दीदी, यही समझ लो वो घोड़े जैसे हैं। मुझे जब घोड़ी बनाते हैं तो मुझे ऐसा लगता है मैं सच में घोड़ी
अनु- “अच्छा-अच्छा में बता वो तुझं आगे से ही चोदता है या कभी पीछे से भी कहता है हम्म्म्म
..”
ऋतु- पीछे से मतलब डागी स्टाइल में?
अन्- अरे यार गाण्ड में… तु भी पागल है।
ऋतु- “तो इसमें क्या बात है? मैने कई बार पीछे भी डलवाया है आप लोग करते हो या… ….”
अन्- “ओहह… त कैसे करवाती है? मैंने तो सुना है उसमें गाण्ड फट जाती है, बड़ा दर्द होता है। मैंने तो कभी ट्राई किया ही नहीं, बस सुना है…”
ऋतु- “दीदी, मैंने भी सुना था और मैंने जब पहली बार उनसे गाण्ड मरवाई तो मुझे भी डर लग रहा था। पर वो सच में जो भी करते हैं, उसमें मजा आता है।
अनु- अच्छा ये बता वो गाण्ड मारने से पहले क्या करता है? कीम तो लगाता ही होगा?
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…