Hindi Sex Story – कीमत वसूल

थोड़ी देर में ऋतु आ गई। जैसी ही वो रूम में एंटर हुई, रूम में खुशबू ही खुशबू भर गई। मैंने ऋतु को देखा तो देखता ही रह गया। उसने पिक कलर की नाइटी पहन रखी थी, बाल खुले हुए थे, बिना लिपस्टिक के भी उसके होठों पिंक लग रहे थे। नाइटी ज्यादा तो नहीं पर थोड़ी सी ट्रान्सपरेंट थी। क्योंकी ऋतु की ब्रा पैटी साफ दिख रही थी। ऋतु आकर मेरी गोद में बैठ गई और अपनी गोरी गोरी बाहें मेरे गले में डाल दी, और अपने होंठ मेरे आगे कर दिए। मैं समझ गया मैंने भी उसके होंठों पर होंठ रख दिए और डीप-किस करने लगा। हम दोनों इस पोजीशन में पता नहीं कितनी देर से होंगे। तभी शाभा की आवाज में हमें हड़बड़ा दिया।

ऋतु मेरी गोद में वैसे ही बैठी थी। शोभा को देखकर वो शर्मा गई। हमने दरवाजा बंद नहीं किया था। इसीलिए ऐसा हो गया। ऋत उठने लगी।

तब मैंने उसको कहा- “शांती क्यों हो?”

मैंने शोभा से कहा- “हम अभी आते हैं.”

हम दोनों दूसरे गम में गये। वहां डिनर लगा हुआ था। ऋतु ने मेरे लिए खाना लगा दिया।

मैंने उसको कहा- “तुम नहीं खाओगी?”

उसने कहा- “मैं आपके साथ ही खा लेंगी अगर आपको कोई पाब्लम ना हो तो..”

मैंने कहा- मुझे कोई प्राबलम नहीं है…. फिर हम दोनों में खाना खाया।

शोभा और शिल्पा ने हमारे साथ खाना नहीं खाया। मैंने कहा तो बोली हम बाद में खा लेंगे।

डिनर के बाद मैंने ऋतु को इशारा किया। वो समझ गईं। मैं उठकर दूसरे रूम में आ गया। मेरे पीछे ऋतु भी आ गई और दरवाजा बंद कर दिया। मैंने ऋत को अपनी बाहों में भर लिया। वो भी मेरे से चिपक गई। ऋत ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए। मैंने शर्ट उतार दी। फिर ऋतु में मेरे लण्ड को जीन्स के ऊपर से पकड़ लिया। मैं समझ गया की अब उसकी चत चुदासी हो गई है, और होती भी कैसे नहीं। उसकी शादी की उम्र हो चुकी थी और शादी का चान्स अभी दूर-दूर तक नहीं था। 18 साल के बाद लड़की की चत लौड़ा माँगने लगती है।

हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए, और बैंड पर लेट गयें। ऋतु मेरे लण्ड को अपने कोमल हाथों में
सहला रही थी।

मैंने ऋतु से कहा- “कल से कैसे तुम मेरे साथ रात को रह पाओगी?’

ऋतु ने कहा- “मैं भी यही सोच रही हैं। कल से मैं अकेली कैसे साऊँगी? मुझे तो आपके बिना नींद ही नहीं
आएगी.”

मैंने कहा- “कोई बात नहीं। मैं कुछ ना कुछ करेगा। अभी तुम रात खराब नहीं करो…” और मैंने उसके होंठों को चूसना शुरु कर दिया। धीरे-धीरे मैं उसकी चूत को सहलाने लगा।

ऋतु ने कहा- “मैं ऊपर आऊँगी…”

मैंने हँसते हुए कहा- “ऊपर ज्यादा मजा आता है क्या?”

उसने कहा- “हाँ..”

मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया। इस तरह रात भर चुदाई का खेल चलता रहा। सुबह में 7:00 बजे ऋतु के घर से निकाल आया। मैंने ऋतु से कहा- “तुम भी 11:00 बजे तक आफिस आ जाना..”

अगले दिन ऋतु थोड़ा देर में आफिस आई। आते ही वो मेरे कैबिन में आ गई। आज उसकी अदाएं कहर ढा रही थीं। उसने सफेद कलर का पाजामी सूट पहना हुआ था। सफेद कलर ऋतु पर खूब फबता है।

मैंने उसको देखते ही कहा- “आज बड़ी प्यारी लग रही हो.”

उसने स्वीट सी स्माइल से मुझे मेरे कांप्लिमेंट का जबाब दिया। मैं अपनी चेयर से उठा और ऋतु के पास जाकर उसको अपनी बाहों भर लिया। वो भी मुझसे किसी बेल की तरह लिपट गई।

मैंने उसको किस करते हुए कहा- “जानेमन तुम्हें देखकर तो अभी से मूड बन रहा है.’

ऋतु ने मुझसे खुद को छुड़ाते हुए कहा- “जी नहीं, अभी कुछ नहीं करना…”
मैंने हँसकर कहा- “फिर कब करना है”

उसने कहा- “बाद में…” और फिर वो मुझसे बोली- “आप अपना काम करिए। मैं भी जाकर काम करती है। दो दिन से आफिस नहीं आई ” मैंने उसको जाने दिया।

उसके जाने के बाद में भी अपने काम में लग गया। करीब 4:00 बजे मैंने उसको बुलाया, और कहा- “आज मैं तुम्हारे घर कैसे आऊँगा?”

ये सुनकर ऋतु उदास हो गई। लेकिन वो जानती थी मैं जो कह रहा है वो सच है। क्योंकी आज ऋतु के पापा घर पर होंगे और उनको किसी बात का पता नहीं था।

ऋतु बोली- “आप कुछ करिए ना..”

मैंने उसको कहा- “मैं जल्दी ही कुछ काँगा.” और मैंने ऋतु को अपनी गोद में उठा लिया, सोफे पर ले जाकर लिटा दिया। मैंने उसको कहा- “आज बैंड की जगह सोफे पर ही काम चलाना पड़ेगा…”

ऋतु ने कहा- “आपके साथ फर्श पर भी मंजूर है…”

सुनकर मेरा दिल खुश हो गया।

ऋतु ने अपनी कमीज उतार दी, और मुझसे बोली- “प्लीज मेरी ब्रा का हुक खोल दो..”

मैंने उसकी ब्रा का हक खोलकर उसकी चूचियों को आजाद कर दिया। मैंने भी अपनी जीन्स और शर्ट उतार दी। ऋतु ने अपनी पाजामी का नाड़ा खोलकर अपनी पाजामी को उतार दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ पैटी में थी।

1 Comment

  1. Minu

    Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…

Leave a Reply