मैंने भी बात को ज्यादा नहीं बढ़ाया। फिर मैंने उसको कहा- “अब मुझे जाने दो..”
मैं राम से बाहर निकला तो मुझे शोभा बाहर ही मिल गई। मैंने उसको कहा- “मैं जा रहा हूँ तुम ऋतु का आराम करने देना। शाम को मैं आऊँगा…”
शोभा में अपने सिर को हिला दिया। मैंने कार स्टार्ट की तो मुझे याद आया की मैंने ऋतु का सफेद पेटीकोट जिसपर उसकी चत का खन लगा हुआ था, वहीं छोड़ दिया है। पर मैं अब वापिस जाने के मह में नहीं था। सो मैंने कार घर की और बढ़ा दी। मैं घर पहुंचा तो 8:00 बज चुके थे। मैं सीधा बाथरूम में घुस गया।
सुबह मैं आफिस टाइम से चला गया था। मैं अपने केबिन में बैठा था। तभी अंजू ने आकर मुझसे पूछा- “सर, ऋतु कल से नहीं आई..”
मैंने उसको कहा- “उसकी तबीयत ठीक नहीं है। उसने मुझे फोन से बता दिया था, और तुम बताओं की तुम्हारी मम्मी कैसी है?”
अंजू ने कहा “सर अब वो ठीक है…”
मैंने उसको कहा- “अब तुम जाओ..
अंजू चली गई।
मैंने ऋतु को फोन किया पर उसने फोन उठाया नहीं। दो मिनट बाद उसका फोन आया।
मैंने कहा- “क्या हुआ सोई हुई थी क्या?”
उसने कहा- “जी सर…”
मैंने कहा- “तुम अपना पेटीकोट जो रात को पहना था उसको संभाल कर रख देना। उसको धोना नहीं..”
ऋतु ने कहा- “ठीक है, मैं उसको रख दूँगी। पर आप उसका क्या करोगे?”
मैंने कहा- “आज शाम को बता दूँगा.” फिर मैंने उसको कहा- “अब तुम आराम करो…”
मैंने स्टाफ से कहा- “अब मुझे कोई डिस्टर्ब मत करना। मैं कुछ जरनी काम कर रहा है… और मैं अपने काम में लग गया। काम में टाइम का पता ही नहीं चला कब 4:00 बज गये।
में रात को भी नहीं सोया था, इसलिए थोड़ा थका हुवा था। मैं आफिस से घर आ गया। मैंने आते ही एक पेग विस्की पी, और लेट गया। मुझे नींद कब आ गई पता ही नहीं चला। मेरे सेल की रिंग बाजी तो मेरी नींद खुल
गई। मैंने देखा ऋतु का फोन था मैंने पिक किया।
ऋत् ने कहा- “आप कब तक आओगे?”
मैंने चुटकी लेटे हुए कहा- “क्यों चुदने का मूड हो रहा है क्या?”
उसने शर्म से कहा- “नहीं वो बात नहीं है, मैं तो आपके लिए खाना बना रही थी आप खाना खाकर मत आना…”
मैंने कहा- “क्या बना रही हो?”
उसने कहा- आपकी पसंद की डिश है।
मैं समझ गया। मैं उठा और तैयार होकर अत के घर की और चल दिया। मैंने डोर बेल बजाई। अत ने ही दरवाजा खोला और प्यारी सी मुश्कन से मुझे वेलकम किया। मैं अंदर चला गया। ऋतु मेरा हाथ पकड़कर सीधा मुझे अपने रूम में ले गई, जिसमें कल हमारी सुहागरात हुई थी। मैं चयर पर बैठ गया।
ऋतु मेरी गोद में बैठ गई और बोली- “कब से आपका इंतजार कर रही हैं.”
मैंने उसको सब बताया की कैसे मुझे देर हो गई।
ऋतु ने कहा- “आपके लिए ड्रिंक बनाकर लाती हैं…” और ऋतु ने मेरे लिए पेग बनाया मैं बिस्की की बोतल रात को उसके घर ही छोड़ गया था वा काम आ गई।
मैंने ऋतु में कहा- “तुम आज मेरा बड़ा खयाल रख रही हो, क्या बात है?”
ऋतु ने अपने चेहरे को गुस्से वाला करके कहा- “आपको जो समझना है समझिए। मैं तो अब ऐसी ही करेंगी..”
मैंने कुछ नहीं कहा। मेरा पेग खतम हो गया था। ऋतु को मैंने इशारा किया। उसने पैग बना दिया।
ऋत बोली- “आप पेंग खतम करिए मैं चेंज करके आती हैं.” और वो चली गई।
मैं सिप करते-करतें सोच रहा था की एकदम से ऋतु का बिहेब कैसे इतना चेंज हो गया?
इतने में शोभा रूम में आकर मुझसे बोली- “डिनर तैयार है लगा दू?”
मैंने कहा- “10 मिनट में लगा देना..” कहकर मैं अपने मोबाइल को चेक करने लगा।
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…