Hindi Sex Story – कीमत वसूल

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वो अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब ऋतु को दर्द होने लगा और वो रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कार्जर में घोड़ी बना दिया, और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।

सही आंगल बजाकर मैंने उसको कहा- “में अब लौड़ा पेलने जा रहा है.”

उसने फिर से रोना शरू कर दिया और बोली- “प्लीज मान जाइए ना..”

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मैंने कहा- “चुपचाप घोड़ी बनी रह, नहीं तो कुतिया बनाकर चोदूंगा..”

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में जैसी ही डाला वो उछल पड़ी और मेरे पैरों में गिर के रोने लगी। मैंने उसको गुस्स से कहा- “प्यार से गाण्ड मरवा लें, नहीं तो तेरी माँ को यही बुलाता है। उसके सामने ही तेरी गाण्ड मारेगा…”

से सुनकर वो सिहर कर रह गई, और चुपके से फिर से घोड़ी बन गई। मैंने अब उसकी गाण्ड में लण्ड डाला। मेरा सुपाड़ा अब उसकी गाण्ड के छेद में चला गया था।

मैंने उसको कहा- “तू अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ जोर लगाकर धकेल..” मैं जानता था वो ऐसा नहीं कर पाएगी पर में देखना चाहता था की वो करती है या नहीं?

उसने करने की कोशिश की। अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। मेरी हर चोट पर उसकी एक जोर की चीख निकल रही थी। मैं उसकी चीखों की परवाह करें बिना उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेले जा रहा था।

ऋतु- “उईईई माँ उईईई माँ..” करती जा रही थी।

करीब 7-8 मिनट बाद मुझे लगा की मैं अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने कस के धक्के मारने शुरू कर दिए। उसकी चीखें और तेज हो गई। मैंने कस के एक शाट मारा और मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया। उसकी गाण्ड में मैंने अपना लण्ड ऐसे ही पड़ा रहने दिया। मेरे लण्ड को उसकी गाण्ड ने अभी तक कस के दबाया हुआ था। ऋतु अभी तक अपनी गाण्ड को सिकाई जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की मालिश हो रही हो। अब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो फुच्च की आवाज के साथ मेरा लौड़ा बाहर आ गया।

मैंने ऋतु में कहा- “जान मेरे लौड़े को साफ कर दो…”

उसने तौलिया से मेरा लौड़ा साफ किया। मैं पलंग पर लेटा रहा। ऋतु भी पेंट के बल पलंग पर लेट गई फिर
बोली- “आपने मुझे इतना दर्द दिया है, आप बड़े खराब हो…”

मैंने ऋतु के गाल को चूमते हुए कहा- “जान अब इस दर्द की आदत डाल लो..”

ऋतु ने कहा- “मैं टायलेट जा रही हूँ..”

मैं समझ गया उसकी गाण्ड में मेरा माल चिपचिप कर रहा होगा, मैंने कहा- “जाओ। लेकिन जल्दी से आजा…”
वो उठकर चली गई। थोड़ी देर में ऋतु आ गई।

मैंने उससे कहा- “मुझे अब नींद आ रही है… मैंने अपने सेल में 6:00 बजे का अलार्म लगा दिया और मत से कहा- “अलार्म बजते ही मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चसना शुरू कर देना। मेरा लौड़ा खड़ा करोगी तो मैं उठ जाऊँगा समझी या नहीं?”

ऋतु ने सिर हिला दिया।

मैं ऋत को अपनी बांहों में भरकर सो गया। फिर मुझे नींद आने लगी। सुबह मेरी नींद खुली तो पता चल गया की मेरे लौड़े को ऋतु चूस रही हैं। मैं जाग गया पर आँखें बंद करके लेटा रहा। ऐसें चुप्पा लगवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

फिर मैंने अपनी आँखों को खोला, और ऋत को कहा- “अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरे लण्ड पर अपनी
चूत रखकर बैठ जाओ..”

ऋतु मेरे ऊपर आ गई। उसने अपने नाजुक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया,

और हल्का सा दबाया। मैं तो इसी माके की इंतजार में था। जैसी ही ऋतु ने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाया, मैंने नीचे से जोर का धक्का मारा।

ऋतु को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी- “उईईई मर गई..” मैंने उसकी
मर को कस के पकड़ रखा था। वो उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा- “अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहो…

ऋतु ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।
ऋतु को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी- “उईईई मर गई..” मैंने उसकी
मर को कस के पकड़ रखा था। वो उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा- “अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहो…

ऋतु ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।

मैंने ऋतु में कहा- “अगर हर बार में पूरा लण्ड अंदर नहीं लिया तो मैं नीचे से फिर धक्का मारूंगा..”

सुनते ही ऋतु ने कहा- “नहीं नहीं प्लीज… आप मत करना..”

में मुश्कुरा पड़ा। मैं जानता था अब वो सही से लौड़ा खायेगी। फिर मैंने ऋतु से कहा- “मेरे मुँह में अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूची चुसवाओ.”

उसने मेरे मुँह में अपनी चूची लगा दी। मैं उसकी चूची चूसने लगा। अब मेरा लण्ड ऋतु की चूत में फिसल फिसल के जा रहा था। क्योंकी ऋतु की चूत अब पानी छोड़ रही थी।

ऋतु ने कहा- “अब आप मेरे ऊपर आ जाइए..”

मैंने कहा- “ऐसे नहीं, पहले तुम मुझे कहाँ की- ‘प्लीज मेरे ऊपर आकर मेरी चूत मारो.”

सुनकर ऋतु शर्मा गईं।

मैंने कहा- “ऋत सेक्स का मजा तभी आता है जब सेक्सी बातें की जाएं…

ऋतु ने हल्के से कहा- “मेरी जान मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदो..”

मैंने कहा- “ऐसे नहीं, जार में बोला..”

ऋतु ने अब जोर से कहा- “मेरी जान मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदो..”

ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने ऋतु को नीचे कर दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने ऋतु से कहा- “अब तुम भी नीचे से अपनी चूत को उठा-उठाकर चुदवाओ…”
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ऋत को अब मजा आ रहा था। वो अब नीचे से अपनी चत उठा रही थी। ऐसा करने में उसकी चत दो बार झड़ गई। उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और उसके चेहरा पर स्माइल दिखने लगी। 5 मिनट ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने अपना सारा जोर लगाकर 10-15 शाट में ऋतु की चूत में माल झाड़ दिया। ऋतु ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे। चुदाई में इसका पता नहीं चला। पर अब इसका एहसास होने लगा था। मैं ऋतु के ऊपर से उठने लगा, पर उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबा लिया।

मैंने कहा- “क्या हुआ?”

ऋतु ने कहा- “प्लीज… ऐसे ही लेटे रहिए ना..”

मैंने कहा- “मुझे अब जाना है, सुबह हो गई है..”

पर ऋतु ने कहा- “प्लीज… प्लीज मत जाइए…”

मैंने उसकी बात मान ली पर दो मिनट बाद जैसे ही उसकी पकड़ टोली हुई में उठकर खड़ा हो गया। फिर मैंने
अपने कपड़े पहन लिए। ऋतु में भी उठकर कपड़े पहन लिए।

मैंने कहा- “तुम आज भी आफिस मत आना। मैं शाम को जल्दी आ जाऊँगा…

ऋतु ने मेरे सीने पर अपना सिर रख दिया, और मेरे सीने से कसकर चिपक गई। मैंने ऋत का चेहरा अपने हाथों में लिया तो उसकी आँखों में आँस देखकर सोच में पड़ गया।

मैंने उसके बालों में प्यार से हाथ फेरते हुए कहा- “क्या हुआ?”

ऋत बोली- “आपको समझ में नहीं आएगा…”

1 Comment

  1. Minu

    Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…

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