हाय रे ज़ालिम……- Part 3 – Indian MILF

देवा रश्मि का हाथ पकड़ के उसे अपने पास बैठा देता है।
कुछ देर यहाँ भी बैठ जा। शादी के बाद तो तू दिखाई भी नहीं देगी हमें।

रश्मी; अब ऐसी भी बात नहीं है भैया आऊँगी ना आपको मिलने।

देवा;अपना एक हाथ रश्मि के काँधे पे रख देता है।

जीसे पहले रश्मि झटक देती है।

देवा फिर से अपना हाथ वहाँ रख देता है।

और इस बार रश्मि चुप चाप बैठी रहती है।

देवा; अच्छा एक बात बता तूने अपने होने वाले पति को देखा भी है या नही।

रश्मी शर्मा जाती है।मुझे जाने दो बहुत काम है।

देवा;सच में यार किस्मत वाला होंगा वो इंसान जिसे तू मिलेगी।

रश्मी;वो कैसे।

देवा;अरे इतनी सुन्दर सुशील लड़की किस्मतवालो को मिलती है।
तेरी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में नहीं है अपने।

रश्मी;चने के झाड पे चढने लगती है।
बस बस रहने दो अब इतनी भी अच्छी नहीं दिखती हूँ मैं।

देवा;अपने हाथ का जादू रश्मि के गरदन पे चलाने लगता है और धीरे धीरे रश्मि की गरदन को अपनी उँगलियों से सहलाने लगता है।

रश्मी;तुम्हें सबसे अच्छा क्या लगता है मुझ में।

देवा;तू तो सर से पांव तक खूबसूरत है और सबसे अच्छी चीज़ तो तूने छुपा रखी है।

रश्मी; वो क्या।

देवा; एक मिनट तू यहाँ लेट जा मै तुझे देखता हूँ।

रश्मी;नहीं नहीं तुम फिर से कोई शैतानी करोगे।

देवा;ठीक है तो फिर तू जा।

रश्मी;अब बुरा मत मानो अच्छा बाबा लेट गई अब बोलो।

देवा;पहले ऑखें बंद कर।

रश्मी;उस वक़्त देवा के चने के झाड पे इतनी ऊपर तक चढ़ गई थी की उतरना मुश्किल था।।
अखीर वो भी एक भारतीये लड़की थी।।ज़रा सी तारीफ कर दो लड़की खुद बा खुद चली आती है।

देवा;रश्मि के ऑंखें बंद करते ही धीरे धीरे उसकी कमीज ऊपर करने लगता है और रश्मि के कुछ कहने से पहले अपने होंठ रश्मि के काँपते पेट पे रख देता है।

रश्मी; उईईईईई माँ।

देवा;अपने मज़बूत हाथों से रश्मि के पेट को सहलाते हुए चुमने लगता है जिससे रश्मि तड़प उठती है। जबसे उसकी सगाई हुई थी तबसे उसकी चूत गीली रहने लगी थी। ऊपर से देवा की हरकतें उसे आये दिन सपने में परेशान करते रहती थी।।

आज देवा ने उस जगह अपनी ज़ुबान रखा था की वो खुद चाह के भी उसे रोक नहीं पा रही थी।

रश्मी;देवा ये गलत है ऐसा मत करो ना।

देवा;कुछ भी तो नहीं कर रहा हूँ मै गलप्प गलप्प्प।

देवा;सरकते सरकते रश्मि के होठो के पास आ जाता है और रश्मि के होठो पे होंठ लगा देता है।

पहले रश्मि अपने होंठ नहीं खोलती मगर देवा के उसे मसलने से उसका मुंह अपने आप खुल जाता है और ज़ुबान थोडी सी बाहर निकल जाती है।

उसी वक़्त दोनों की ज़ुबान एक दूसरे से और होंठ एक हो जाते है।गल्पप गलप्प।

रश्मी कुंवारी थी और कुँवारी चूत धक्का भी बर्दाश्त नहीं करती रश्मि भल भल करके पानी छोड देती है और पानी निकलते ही हर किसी का जो हाल होता है वही रश्मि का भी हो जाता है वो अपनी दोनों बंद आँखें खोल देती है और जल्दी से उठके खड़ी हो जाती है।

देवा;अरे रुक न कहाँ जा रही है।

रश्मी;तुम्हारे माँ के पास तुम्हारे कारनामे सुनाने।

देवा;मेरी कसम याद है ना तुझे।

रश्मी;कसम मेरी जुती।
और वो वहां से भाग जाती है।

उसके जाने के बाद पप्पू जो काफी देर से ये सब देख देख रहा था थोड़ा ग़ुस्से और थोड़ा गरम हो चुका था बाहर निकल आता है।

देवा;उसके चेहरे के हाव भाव देख समझ जाता है की एक भाई जग गया है।

पप्पू;ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो देवा।

देवा;देख भाई मै तेरी बहन नीलम से शादी करुँगा इस नाते रश्मि मेरी क्या हुए साली और साली तो आधी घर वाली होती है ना इस में गलत क्या है बोल।।

पप्पू;इसलिए तुम मुझे हमेशा साला साला कहते हो।

देवा;हाँ अब समझा तू सही बात।

पप्पू: मैं चलता हूँ माँ इंतज़ार कर रही होंगी।

देवा; अबे सुन तो कब देगा।

पप्पू;बाद में।

देवा;क्या साले तू लड़कियों की तरह भाव खाता है।

पप्पू;रात में।

देवा;एक थप्पड पप्पू के कमर पे लगा देता है।
चल मै भी साथ चलता हूँ मुझे हवेली जाना है।

ओर दोनों साथ चल पडते है

देवा;यार एक बात समझ नहीं आती की औरत जल्दी चूत दे देती है और ये लड़कियां इतनी क्यों भाव खाती है।

पप्पू;भाई तुमने अब तक कितनी लड़कियों का ढक्कन खोला है।

देवा;एक भी नहीं सब पहले से खुली हुई थी

पप्पू;बस यही तो बात है न।
औरत को कितना भी चोदो उसे इतना फर्क नहीं पड़ता मगर लड़की जब तक नहीं खुल जाती वो बस दबाने देगी। कुछ करने जाओ तो लंड पे लात मार के भाग जाएंगी।

देवा;सही कहा तूने क्या बात है साले। मेरे पानी से तो काफी समझदार होता जा रहा है

पप्पू;देवा को पेट में मुक्का मारता हुआ अपने घर की तरफ बढ़ जाता है और देवा हवेली के तरफ।

जब वो हवेली के अंदर जाता है तो उसे सामने के कमरे में रुक्मणी साडी पहनती दिखाई देती है।

सफेद गोरा चिट्टा पेट देख देवा के कदम वही दरवाज़े पे रुक जाते है।

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