हाय रे ज़ालिम……- Part 3 – Indian MILF

रुक्मणी का सब्र का बांध किसी भी वक़्त टूट सकता था। उस दिन तो उसे अपना पति याद आ गया था मगर आज फिर से देवा के हाथों ने अपना असर दिखा दिया था।

वो और उसकी छूट बेचैन हो उठे थे।

इससे पहले की रुक्मणी ऑंखें खोल के देवा को अपने छाती से चिपका लेती देवा वहां से उठके चला जाता है।

ये झटका रुक्मणी की चूत को सीखने पे मजबूर कर देता है की आखिर इस सब में उसकी क्या गलती है क्यों उसके साथ ऐसा ज़ुल्म हो रहा है।

रुक्मणी देवा को अपने कमरे से जाता देखती रह जाती है।

देवा;मुस्कराता हुआ अपने बिस्तर पे जाके लेट जाता है।

वो जानता था की रुक्मणी किसी भी वक़्त अपना मन बदल सकती है।
वो उसे इस हद तक पागल कर देना चाहता था की वो देवा से चुदने के लिए भीख मांगे तभी वो देवा का भी काम कर सकती थी।

देवा नींद के आग़ोश में चला जाता है और रुक्मणी अपनी चूत मसलती रह जाती है।

अपडेट 38 – Indian MILF

रात अपने पूरे शबाब पे थी रुक्मणी देवा को गलियां देते हुए आखिर कर अपनी ऊँगली से चूत से पानी निकाल के सो जाती है।

देवा को काफी गहरी नींद लगी हुई थी।
उसे अपने जिस्म पे किसी के हाथ घूमते हुए महसूस होता है वो घबराके उठ के बैठ जाता है और पास में किसी को बैठा देख बुरी तरह डर जाता है।

एक ख़ौफ़नाक चीख़ उसके मुँह से निकल जाती है।
कौन।

रानी;झट से अपना हाथ उसके मुँह पे रख देती है अरे मै हूँ रानी।
चिल्ला क्यों रहे हो।

देवा चैन की साँस लेता है और वापस बिस्तर पे लेट जाता है उसे सच में उस वक़्त बहुत नींद आ रही थी।

मगर रानी की चूत में से तो चिंगारियाँ निकल रही थी।

रानी;उठ ना देवा ।

देवा;सोने दो ना मालकिन।

रानी: मालकिन के मुन्ना मुझे ये रोग लगा के खुद चैन से सो रहा है चल उठ जा जल्दी से।

मगर देवा नहीं उठता।

रानी;से ये ज़ुल्म देखा नहीं जाता और वो अपनी नाइटी बदन से निकाल देती है।
सिर्फ पेंटी में बैठी रानी सीधा देवा के नंगे जिस्म पे लेट जाती है।

देवा उस वक़्त सिर्फ पयजामे में सोया हुआ था।

रानी;अपने बड़े बड़े चूचि उसके छाती पे घीसने लगती है ये सोच के की इससे देवा उठ जायेंगा मगर देवा टस से मस नहीं होता।

आखीर रानी से रहा नहीं जाता और वो देवा का पैजामा खोल के उसे निचे खीच देती है।

देवा के लंड को भी उस वक़्त बहुत निंद आ रही थी वो भी मुर्झाया हुआ पड़ा था।

रानी;देवा के छाती को चुमते हुए देवा के लंड को हाथ में ले के हिलाने लगती है।

देवा;उन्हह क्या है रानी जा न मुझे सोने दे।

रानी;अपनी पेंटी भी निकाल के फ़ेंक देती है और देवा के मुँह की तरफ अपनी चूत करके 69 के पोजीशन में आ जाती है।

देवा की ऑखें अभी भी बंद थी मगर वो तब पूरी तरह खुल जाती है जब रानी देवा के अण्डकोष(टेस्टिस) को बरे तरह मसलते हुए उसके लंड को मुँह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलप्प……

देवा के लंड में जान आने लगती है और अपने होठो के इतने पास चमकते हुए चूत को देख उसके मुँह में भी पानी आने लगता है वो अपने होंठ रानी की चूत पे लगा देता है और दोनों प्रेमियों के तरह एक दूसरे को चाटने लगते है गलप्प गलप्प……….

देवा;साली तू नहीं सुधरेगी गलप्प गलप्प….

रानी;हाँ नहीं सुधरूंगी मै गलप्प गलप्प….

कुछ देर बाद देवा रानी को कुतिया (डॉगी स्टाइल) में झुका देता है और धीरे से अपने लंड पे थूक लगा के उसे रानी की चिकनी चूत में घुसा देता है।

रानी को बड़ा सुकून मिलता है जब लंड का सुपाडा उसकी चूत के अंदर चला जाता है ।

मगर ये सुकून थोडी देर का था उसकी ऑखें उस वक़्त फटी की फटी रह जाती है जब देवा बिना कुछ बोले अपने लंड का बाकि का हिस्सा एक झटके में अंदर पेल देता है।

देवा; ले साली बहुत आग लगी है ना इसमें आह्ह्ह्ह्ह्ह।

रानी अपने कमर को आगे की तरफ खीचने लगती है मगर देवा दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ के सटा सट अपना लंड उसकी चूत के अंदर तक घूसाने लगता है।

देवा;आहह तूने सोये हुए कामदेव को जगा के बहुत बडी गलती कर दी आहह्हह्हह्हह्हह।

रानी;आहह चोद मुझे देवा । आहह ऐसे चोदने के लिए तो जगाई हूँ तुझे मैं।

रानी अपने चरम सीमा पे पहुँच चुकी थी। किसी भी वक़्त उसकी चूत पानी की एक धार देवा के लंड पे छोड सकती थी मगर उसे उस वक़्त झटका लगता है जब देवा ठीक वक़्त पे अपने लंड को बाहर खीच के चुदाई बंद कर देता है।

रानी;आहह देवा क्या कर रहा है चोद न रुक क्यों गया। बाहर क्यों निकाल लिया रे।चोद न मै मर जाऊँगी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।

देवा;नहीं चोदूँगा ।

रानी: मैं तेरे हाथ जोडती हूँ पांव पडती हूँ ऐसा ज़ुलम मत कर । दो तीन धक्के मार दे बस आहह रहम खा मुझपे आह्ह्ह्ह्ह् प्लीज्जज्जज्जज्जज्ज देवाआआआआ।

देवा;पहले बता तू मेरे बापू के बारे में क्या जानती है।

रानी;मुझे नहीं पता कुछ भी आह्ह्ह्ह्ह्हहह चोद रे चोद ना ।

देवा;बोल मेरे बापू इस हवेली में काम करते थे और एक दिन अचानक वो ग़ायब हो गये बोल क्या पता है तुझे इस बारे में।

रानी;मुझे नहीं पता सच में नहीं पता माँ जानती होगी। तुझे कितने दिनों से कह रही हूँ माँ को पटा ले। एक बार वो तेरे मुठी में आ गई तो सब कुछ बोल देगी जो तू जानना चाहता है और हमारे सम्बन्ध के बारे में भी किसी को कुछ नहीं बोलेगी।

देवा;तेरी माँ को सब पता होगा।

रानी; हाँ सब पता होगा बापू माँ से कुछ नहीं छुपाते सच कह रही हूँ मै । अब तो डाल दे अंदर आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;रानी की बात पे यक़ीन करके अपना लंड फिर से उसकी चूत में डाल देता है और सटा सट उसे चोदने लगता है आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सालीईईईईईईई।

रानी;अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए थोडी देर बाद ही झड़ने लगती है आहह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
बड़ा ज़ालिम है तू बीच रास्ते में रोक के भला कोई ऐसा करता है क्या।

देवा भी अपना पानी रानी की चूत की गहराइयों में उंडेल के उसके पास लेट जाता है।

रानी;अपना सर देवा की छाती पे रख देती है।
मेरी बात मान माँ को जल्द से जल्द अपने हाथ में ले ले तु।

देवा;तू चिंता मत कर रानी बहुत जल्द तेरी माँ मेरे निचे होंगी और उस दिन उसे सारे राज़ उगलने होंगे।

रानी;देवा के होठो को कुछ देर चुसने के बाद अपने कमरे में चली जाती है और दिल ही दिल में हंसने लगती है।
जीस काम के लिए वो देवा को कई दिनों से बोल रही थी वही काम देवा अब खुद अपनी मर्ज़ी से करना चाहता था।

मगर रानी ये नहीं जानती थी की वो इस बाज़ी का एक मोहरा भर है असली चालबाज़ तो कोई और है जो वक़्त आने पर उसे भी रास्ते से हटा देगा।

सुबह देवा को रुक्मणी जगाती है।
दोनो की नज़रें मिलती है दोनों शर्म के मारे अपनी पलके झुका लेतें है।

रुक्मणी;चल नाश्ता कर ले।

देवा;नहीं मालकिन मै घर जा के कर लुंगा।

रुक्मणी;नहीं हमारे साथ नाश्ता कर चल जल्दी आ जा।

देवा;सुबह के काम निपटा के रुक्मणी और रानी के पास जाके बैठ जाता है।

रानी;देवा को देख आँख मार देती है
और देवा मुस्कुरा देता है।

रुक्मणी;चाय के चुस्की लेते हुए।
देवा: तुम शहर कब जाने वाले हो।

देवा;मालकिन सूर्य फूल की कटाई के बाद।

रुक्मणी; अच्छा मुझे बता देना मै भी साथ चलूँगी मुझे भी डॉ के पास से दवायें लेनी है।

देवा;ठीक है मालकिन।
देवा कुछ देर बाद अपने घर की तरफ चल देता है।

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