हाय रे ज़ालिम……- Part 3 – Indian MILF

रत्ना;के हाथ देवा की पीठ पे घुम रहे थे और देवा अपने माँ की चिकनी पीठ को अपने हाथों से पकडे हुए था।

देवा; मैं जाऊँ माँ।

रत्ना;जैसे किसी सपने से जगी थी।
वो देवा से अलग हो जाती है।
ठीक है मगर सुबह जल्दी आ जाना।

देवा;ठीक है माँ।
और देवा हवेली चला जाता है।

हवेली में जब देवा पहूंचता है तो उसे हॉल में रुक्मणी और रानी बाते करते हुए मिलती है। पास में निचे ज़मीन पर पदमा भी बैठी हूई थी।

देवा को देख रुक्मणी उसे उनके पास बुला लेती है।

रुक्मणी; अच्छा हुआ देवा तुम आ गये ये पदमा को बडी जल्दी पडी है घर जाने की। मैंने कहा जब तक देवा नहीं आ जाता तब तक घर नहीं जा सकती।

रानी;बैठो न देवा खड़े क्यों हो खाना खाओगे।

देवा;नहीं छोटी मालकिन मै खा के आया हूँ।।

रुक्मणी;तुम देवा का बिस्तर मेरे और रानी के कमरे के सामने बने गलियारे में लगा दो।
क्यूं ठीक है ना देवा कोई दिक्कत तो नहीं है न।

देवा;नहीं मालकिन कोई दिक्कत नहीं जैसा आप ठीक समझें रात ही तो काटनी है।

पदमा;चल देवा मेरे साथ तुझे कहाँ सोना है बता देती हूँ।

देवा;पदमा के साथ चल देता है।

रुक्मणी के होते हुए रानी देवा से अकेले में बात नहीं कर सकती थी।

रानी;अपने कमरे में सोने चली जाती है और रुक्मणी अपने रूम में।

दोनो रूम के सामने एक छोटा सा गलियारा बना हुआ था वहाँ देवा भी लेट जाता है।

पदमा;जाते जाते देवा के छाती में दो तीन घूँसे जड़ देती है। पिछले कुछ दिनी से वो पदमा के पास भी नहीं फटका था जिससे पदमा की चूत और मन दोनों उदास थे।।

रात अपने पूरे शबाब पर थी।

देवा के घर ममता और नूतन की ऑंखों से नींद काफी दूर थी।

ममता के कमरे में नूतन ममता के पास बैठी रश्मि की शादी के बाते कर रही थी।

ममता अपना एक हाथ नूतन की जांघ पे रख देती है जिससे बोलते हुए नूतन खामोश हो जाती है जैसे किसी ने उसका बोलने का बटन बंद कर दिया हो।

नुतन इस स्पर्श से ही सिहर उठती है और ममता की ऑंखों में मचलती मस्ती को भाँप लेती है।

ममता क्यूँ री सुबह से देख रही हूँ बड़े चुप चुप सी है कही मेरे गांव के किसी लौंडे से दिल तो नहीं लगा ली।

नुतन ;क्या दीदी कुछ भी बोलती हो।

ममता ;ज़रा देखने दे तेरी ऑखों में।
और ममता नूतन की ऑंखों में झाँकते हुए उसकी गरदन को चुमने लगती है।

नुतन ;आहह दीदी उन्हह।
नुतन ममता का हाथ पकड़ के अपनी चूचि पे रख देती है। आह इसे ज़ोर से मसलो न दीदी आहह काटो न इनको उन्हह।

ममता नूतन को बिस्तर पे गिरा देती है और उसके रसीले होठो को चुसते हुए दोनों हाथों से उसकी चूचि को मसलने लगती है।

नुतन की चूत सुबह से कई बार उल्टियाँ कर चुकी थी वजह थी देवा की उसकी चूचि को हाथ लगाना।

वो ममता पे आज की रात हावी हो जाने वाली थी क्यूंकि उसकी चुत में इतना पानी भरा पड़ा था की ममता चाह के भी उसे नहीं खाली कर पाती।

दोनो कुँवारी लड़कियां अपनी अपनी कुँवारी चूत को एक दूसरे के मुँह में डाल के रस पान करने लगती है।

उधर शालु के घर में सभी लोग सो चुके थे सिवाये रश्मि के। जिसे दिन में इतनी बुरी तरह चोदा जाए उसे रात में नींद नहीं आ सकती।

वही हाल रश्मि का था।
खुद के हाथों से अपनी चूचि को मसलते मसलते उसके हाथ दर्द करने लगे थे।

वो चुप चाप उठके पप्पू के कमरे में चली जाती है।

पप्पू उस वक़्त टॉयलेट में गया हुआ था जब वो अपने कमरे में आता है तो उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है।

पुरी तरह नंगी रश्मि अपननी दोनों टाँगें खोल के पप्पू का इन्तज़ार कर रही थी

रश्मी;पप्पू मुझे चोदो। मुझसे रहा नहीं जा रहा
नही तो कही से देवा को बुला लाओ।

पप्पू: भाई के होते हुए बाहर वाले को क्यों याद करना वो भी इतनी रात में।

अपनी बहन को इस हालत में देख पप्पू का छोटा सा पप्पू भी झूम उठता है और पप्पू दरवाज़ा बंद करता है और खुद भी रश्मि के तरह नंगा होके अपनी बहन के ऊपर चढ़ जाता है और अपना लंड अपनी बहन की गीली चूत में पेल देता है।

रश्मी:आहह पप्पू धीरे धीरे….

पप्पू;और जोश में आके रश्मि की चूत में लंड आगे पीछे करने लगता है।

रशमी;दिल ही दिल में सोचने लगती है।
छोटा है मगर काम का है जैसा भी है चोद तो सकता है आह्ह्ह्ह।

दोनो भाई बहन एक दूसरे को चुमते हुए अपनी अपनी कमर हिलाने लगते है।

उधर शालु के घर में सभी लोग सो चुके थे सिवाये रश्मि के। जिसे दिन में इतनी बुरी तरह चोदा जाए उसे रात में नींद नहीं आ सकती।

वही हाल रश्मि का था।
खुद के हाथों से अपनी चूचि को मसलते मसलते उसके हाथ दर्द करने लगे थे।

वो चुप चाप उठके पप्पू के कमरे में चली जाती है।

पप्पू उस वक़्त टॉयलेट में गया हुआ था जब वो अपने कमरे में आता है तो उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है।

पुरी तरह नंगी रश्मि अपननी दोनों टाँगें खोल के पप्पू का इन्तज़ार कर रही थी

रश्मी;पप्पू मुझे चोदो। मुझसे रहा नहीं जा रहा
नही तो कही से देवा को बुला लाओ।

पप्पू: भाई के होते हुए बाहर वाले को क्यों याद करना वो भी इतनी रात में।

अपनी बहन को इस हालत में देख पप्पू का छोटा सा पप्पू भी झूम उठता है और पप्पू दरवाज़ा बंद करता है और खुद भी रश्मि के तरह नंगा होके अपनी बहन के ऊपर चढ़ जाता है और अपना लंड अपनी बहन की गीली चूत में पेल देता है।

रश्मी:आहह पप्पू धीरे धीरे….

पप्पू;और जोश में आके रश्मि की चूत में लंड आगे पीछे करने लगता है।

रशमी;दिल ही दिल में सोचने लगती है।
छोटा है मगर काम का है जैसा भी है चोद तो सकता है आह्ह्ह्ह।

दोनो भाई बहन एक दूसरे को चुमते हुए अपनी अपनी कमर हिलाने लगते है।

देवा;को बिस्तर पर लेटे हुए काफी वक़्त हो चुका था मगर उसके दिमाग में एक ही बात घुम रही थी किसी न किसी तरह रुक्मणी को अपना बना लेना ताकि वो उसका काम कर सके।

वो उठ के रुक्मणी के कमरे में चला जाता है
और उसके पास जाके लेट जाता है।

रुक्मणि;की अभी अभी आँख लगी थी।

इधर देवा की गाण्ड भी फटी पडी थी ये सोच सोच के की अगर रुक्मणी ने शोर मचा दी तो वो तो गया काम से।
मगर उसके इरादे बहुत मज़बूत थे। वो किसी भी कीमत पर कामयाब होना चाहता था।

ड़रते ड़रते वो अपना एक हाथ रुक्मणी के चिकने पेट पे रख देता है।

रुक्मणी; धीरे धीरे अपनी ऑखें खोलती है और फिर झट से बंद कर देती है।

देवा;अपने हाथ को रुक्मणी के पेट पे घूमाते हुए उसे ऊपर की तरफ ले जाता है।

रुक्मणी;अब भी नींद में सोने का नाटक कर रही थी।

देवा;की हिम्मत थोडी बंधती है और वो उसका पल्लू उसकी चूचि पर से अलग कर देता है।

रुक्मणी;की बड़े बड़े चूचे थोड़े ज़ोर ज़ोर से ऊपर निचे होने लगते है।

देवा;जान जाता है की रुक्मणी सोने का नाटक कर रही है।
ये जानके उसका हौसल और बढ़ जाता है की रुक्मणी जग जाने के बाद भी चुप है।

उधर रुक्मणी भी धीरे धीरे गरम होने लगती है।

देवा;अचानक ही अपने होंठों से रुक्मणी के कान को चुम लेता है।

रुक्मणी किसी तरह खुद को संभाले हुए थी।

देवा के होंठ अब रुक्मणी की गरदन तक पहुँच चुके थे और एक हाथ हलके हलके रुक्मणी की चूचि को मसलने लगता है।

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