अब तुम आ गये हो तो शायद हम कुछ खा पी सके।
रानी; बापू आप भी न । देवा है ही इतना खास की कोई भी उसके लिए इंतज़ार कर बैठे। क्यों देवा।
देवा;झुकी झुकी नज़रों से । पता नहीं मलकिन।
कुछ देर बाद खाने पीने का दौड़ शुरू होता है ।
देवा एक तरफ बैठा सब को हँसते बोलते देख रहा था।
रुक्मणी काफी देर से देवा को ही देख रही थी।
वो उसके पास आती है रुक्मणी को देख देवा खड़ा हो जाता है
रुक्मणी;अरे बैठो बैठो देवा।
कैसे हो भाई एक शिकायत है हमे तुमसे।
तूम तो बस रानी और अपने काम में ऐसे खोये रहते हो की हमे देखते भी नही।
देवा;नहीं नहीं मालकिन आपको कुछ काम था मुझसे।
रुक्मणी;क्या मै सिर्फ काम के वक़्त तुमसे बात कर सकती हूँ।
बात ये है की मै तुम्हें शुक्रिया कहना चाहती थी । उस दिन जो तुमने मेरी जान बचाई थी।
देवा;मालकिन आप कई बार मुझे शुक्रिया कह चुकी है
शायद आप भूल गई और मैंने तो सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाया था और कुछ नही।
रुक्मणी;दिल में हाँ तुमने तो अपना फ़र्ज़ निभा लिया और बदले में मेरा दिल चुरा लिया।
दोनो हँस हँस के बातें करने लगते है।
दूर खड़े हिम्मत राव और रानी की नज़रें इन दोनों पे ही टीकी हुई थी।
हिम्मत राव;लगता है तुम्हें ज़्यादा मेंहनत नहीं करनी पडेगी बेटी।
हमारा काँटा लगता है खुद निकलना चाहता है हमारी ज़िन्दगी से।
रानी;मुझे भी यही लगता है बापु।
दो तीन घंटे बाद सारा हंगमा ख़तम हो जाता है और रानी देवा को अपने साथ कमरे में कुछ बात करने के बहाने से ले जाती है।
देवा;चुप चाप एक तरफ रूम में खड़ा हुआ था।
उसे पता था रानी उस पे ग़ुस्सा होंगी हो सकता है वो चिल्लाना भी शुरू कर दे ।
रानी देवा के क़रीब आती है और अचानक उसके गले लगके उसे चुमना शुरू कर देती है।
देवा देवा मेरे देवा मै तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करू तुमने मेरा दिल मुझसे छीन लिया है देवा मुझे तुमने ये क्या कर दिया है।
मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो मेरे देवा।
देवा;मालकिन होश में आइये कल जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ। मै आपसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ।
रानी;अरे बुधू माफ़ी किस बात की जिससे प्यार करते है ना। उसके साथ ये सब कर सकते है तुमने कुछ गलत नहीं किया। उल्टा मुझे तुमसे माफ़ी माँगनी है। मैंने कल ग़ुस्से में पता नहीं तुम्हें क्या कुछ कहा था।
अच्छा ये बताओ मेरे लिए क्या तोहफ़ा लाये हो।
देवा;वो मै क्या चाहिए आपको।
रानी; जो माँगूँगी दोगे।
देवा;जी दूँगा।
रानी;आज रात पीछे के दरवाज़े से हवेली में आ जाना और सीधा मेरे कमरे में आ जाना। मै दरवाज़ा खुला रखुंगी।
तब मै तुमसे तोहफ़ा माँगूगी और तुम्हें देना होगा।
देवा ऐसा फँसा था की उसे भागने का कोई दरवाज़ा दिखाई नहीं दे रहा था । वो हाँ कर देता है और कुछ देर बाद हवेली से चला जाता है।
दिन भर उसे बस एक बात सताती है की आखिर रानी उससे क्या माँगेंगी।
उसका किसी चीज़ में दिल नहीं लगता वो शालु के घर खाना खाने जाता है और चुप चाप खाना खाके वापस अपने घर लौट आता है उसके इस रवैये से सभी को हैरानी भी होती है ।
रात का अँधेरा घिर जाता है । गांव में सन्नाटा छा जाता है सभी अपने अपने बीवीयों के लहंगे में सो जाते है और देवा हवेली की तरफ चल पड़ता है । वो पीछे के दरवाज़े से हवेली के अंदर चला जाता है और दबे पांव रानी के कमरे में दाखिल हो जाता है।
जैसे ही वो कमरे के अंदर पहुँचता है रानी पीछे से दरवाज़ा बंद कर देती है और देवा से चिपक जाती है।
रानी;मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे।
देवा;मालकिन बोलिये क्या चाहिए आपको।
रानी;तुम तुम्हारा जिस्म तुम्हारा प्यार तुम्हारा साथ हमेशा के लिए मुझे चाहिए देवा ।
देवा;नहीं नहीं मालकिन आप जोश में आके ये सब कह रही है।
रानी;देवा का लंड पेंट के ऊपर से सहलाने लगती है।
इधर देखो मेरे ऑखों में।
कल तुमने जो किया वो तुम्हें अच्छा लगा सच सच बताओ।
देवा;मालकिन वो।
रानी;सच बोलो।
देवा;हाँ मालकिन।
रानी; मैं तुम्हें अच्छी लगने लगी हूँ ना।
देवा;हाँ मालकिन पर।
रानी;मेरा जिस्म तुम्हें कैसा लगता है।
देवा;आप आईने की तरह साफ़ हो दूध की तरह गोरी हो आपका जिस्म संगमरमर की तरह है मालकिन।
रानी;देवा मै तुमसे प्यार करती हूँ सच्चा प्यार मै चाहती हूँ तुम भी मुझे प्यार करो बाप्पू की चिंता मत करो । गांव वालो से मत डरो बस मेरे बन के रहो। ये राज़ हम दोनों तक रहेगा बस तुम मुझसे दिन रात प्यार करो देवा।
देवा का लंड रानी के सहलाने से खड़ा हो चुका था। उसके दिल का डर भी रानी ने लगभग ख़तम कर दी थी।
सच बात तो ये थी की देवा भी रानी की मदमस्त जवानी और साफ़ खूबसूरत जिस्म को देख उसका दिवाना सा हो गया था।पहली बार उसने बिना बाल वाली चूत देखा था और हर नए चीज़ इंसान को अपनी तरफ खिचती है देवा का भी कुछ ऐसा ही हाल था।
दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
रानी;गलप्प देवा ये कपडे अब जिस्म पे बोझ से लग रहें है उतार दो न इन्हें।
वो देवा के कपडे उतारने लगती है और देवा रानी के।
रानी;देवा के जवान लंड को देख दिल ही दिल में खुश हो जाती है । भले ही उसे देवा से प्यार न हो पर वो देवा के लंड की दिवानी तो उसी दिन बन गई थी जिस दिन कार में उसने देवा के लंड को पहली बार हिलाई थी।
उसके होठो से राल टपकने लगती है और वो निचे बैठके देवा के लंड को चुमते हुए चाटने लगती है गलप्प गलप्प गलप्प्प।
देवा;आहह मालकिन धीरे धीरे आह वरना पानी न निकल जाये मेंरा।
रानी;निकलने दो मै फिर से खड़ा कर दूंगी आज की रात ये मेरे और मेरी चूत के लिए है गलप्प गलप्प।
लंड तो देवा का बहुत पहले खड़ा हो चुका था। वो रानी को और चुसने नहीं देता और उसे अपनी गोद में उठाके चुमते हुए बिस्तर पे लिटा देता है।
देवा;रानी कल इस चूत पे बहुत ज़ुल्म किया है मैंने आज इसे मरहम लगाके ठीक कर दूंगा गलप्प गलप्प।
रानी; हाँ ठीक कर दो आहह मेरे देवा तुम्हारे लंड की तरह तुम्हारी ज़ुबान भी आहह कमाल की है।चाटो मेरे राजा आह्ह्ह।
देवा चूत को अंदर बाहर से चाटने लगता है जिस तरह रानी को देवा का लंड पसंद आ गया था उसी तरह देवा को भी रानी की चिकनी चूत भा गई थी। वो चूत को अंदर तक ज़ुबान डालके चाटने लगता है गलप्प गलप्प्प।
रानी;आहह मेरा पानी निकल जायेंगा आहह रुक जा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वो बस रानी की चूत को खा जाना चाहता था।
रानी;रुक जाओ देवा आहह पहले मेरी चूत में एक बार डालके चोदो। मुझे उसके बाद रात भर चाटते रहना आहह बहुत खुजली हो रही है अंदर तक आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;रानी के होठो को चुम के उसे भी चूत के पानी का स्वाद चखा देता है और अपने लंड को रानी की चूत पे टीका के रानी से पूछता है।
रानी : डाल दुं अंदर.
रानी;आहह पूछते क्यों हो अबसे मेरे जिस्म पे सिर्फ तुम्हारा अधिकार है डाल दो आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी का बस इतना बोलना था की देवा का लंड सनसनाते हुए रानी की चूत में घुसता चला जाता है।
आज देवा रानी को हलके हलके धक्के मार रहा था कल की तरह नही।
रानी; चूत के अंदर एक एक इंच पे देवा को महसूस कर सकती थी लंड तो उसने बहुत बार खाए थे पर असली लंड का मज़ा उसे देवा से मिला था।
रानी;आहह तू बड़ा वो है देवा कल जानवर की तरह चोद रहा था । आज इतने धीमे धीमे क्यों कर रहा है रे ज़ोर से मार ना।
देवा;रानी आह्ह्ह।
कल ऐसे चाहिए न तुझे । आहह इतने ज़ोर से क्या इससे भी ऐसे ज़ोर से वो धीरे धीरे अपने रफ़्तार बढा बढा के रानी को चोदते हुए पुछने लगता है और रानी हाँ हाँ चिल्लाती चली जाती है।
देवा;रानी को अपने ऊपर ले लेता है और नीचे से अपना लंड उसके चूत में घुसा के अंदर तक गर्भाशय को टक्कर मारते हुए उसे चोदने लगता है।
रानी की चूत अंदर तक खुल जाती है और आज पहली बार उसे अपने जिस्म में गर्भाशय होने का एहसास भी होने लगता है।
आह ये लंड है या हथोड़ा आहह माँ ।
देवा;तुझे ऐसे ही चाहिए न रानी आहहह्ह्ह्ह।
वो अब रानी को मालकिन कहके नहीं बल्कि रानी कहके बुलाने लगता है।
देवा समझ बैठा था की रानी उसके लंड की दिवानी हो गई है जैसे पदमा और वैध की बहुए है।
उसे इस सब में बहुत मजा भी आ रहा था ।
पर वो नहीं जानता था की रानी अपने पीछे पीछे तूफान भी ले के आ रही है।
वो रानी की चूत के नशे में उसे सुबह तक चोदता रहा। उसने रानी की चूत के साथ साथ गाण्ड को भी काफी हद तक खोल दिया था।
दोनो एक दूसरे के बाँहों में लेटे हुए आने वाले वक़्त की बातें कर रहे थे।
देवा;रानी तेरे बाप्पू को ये बात अगर पता चल गई तो वो तो मुझे जान से मार देंगे।
Adultery बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत – Family Sex popular story hai jarur padhiye Indian MILF