हाय रे ज़ालिम…..- Part 2 – Indian MILF

अपडेट 19 – Indian MILF
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पप्पू तो कुछ देर बाद गाण्ड पे हाथ रख अपने घर चला जाता है पर पदमा आधी रात तक देवा से चुदती रहती है।सुरज निकलने के कुछ ही देर पहले वो अपने घर चली जाती है।

देवा इतना थक चूका था की वो उसी हालत में सो जाता है।
सुबह के ९ बज चुके थे। पर देवा की आँख अभी तक नहीं खुली थी।

उसे किसी के ज़ोर ज़ोर हँसने की आवाज़ सुनाई देती है वो ऑखें मलता हुआ जब सामने देखता है तो शालु की बेटी रश्मि हाथ में नाश्ते की प्लेट लिए खडी थी । उसकी ऑखें देवा के लंड पे ही जमी हुई थी।

देवा खुद को देखता है और जल्दी से पास पड़े हुए चादर उठा के लपेट लेता है।
देवा: तूम कब आई।

रश्मी; मुंह पे हाथ रखे किसी तरह बोलती है।
मै तो कबसे आई हूँ।

देवा;मुझे उठा नहीं सकती थी।

रश्मी;उठाई थी पर शायद रात में पदमा काकी आई थी यहाँ।
इसीलिए तुम इतने देर तक सोते पड़े थे। क्यों सही कह रही हूँ न मैं।

देवा;नहीं नहीं वो भला यहाँ क्यों आयेंगी।

रश्मी; अच्छा तो फिर ये पायल किसके है । मुझे तुम्हारे बिस्तर के पास पड़े हुए मिले।

देवा; सकपका जाता है और रश्मि के हाथ से पायल लेते वक़्त उसके हाथ से चादर फिसल जाता है।

रश्मी की हँसी ग़ायब हो जाती है।
जब सामने जवान हट्टा कट्टा मरद वो भी पूरा नंगा खड़ा हो तो कौन सी कुँवारी की चूत में पानी नहीं आएगा।

देवा;क्या देख रही है ।

रश्मी;मुंह फेर लेती है और नाश्ते की प्लेट सामने टूल पे रख देती है।
माँ ने कहा है देवा को नाश्ता कराने के बाद प्लेट लेती आना।
तूम जल्दी से खा लो मुझे घर भी जाना है।
देवा; पीछे से रश्मि की कमर पकड़ के अपने लंड से चिपका लेता है।

रश्मी; आहह छोड़ मुझे । क्या करता है।

देवा;रश्मि के कानो को चुमने लगता है।
मैने सुना है कल जो लड़का तुझे देखने आया था उसे तू पसंद आ गई है।

रश्मी; हाँ तो।

देवा; यानि बायना तो तेरा हो गया है बस खरीदी बाक़ी है ।

रश्मी;देख तेरी बातें आहह मुझे समझ नहीं आती। छोड़ दे मुझे घर जाना है।

देवा;चली जाना इतनी जल्दी क्या है । वैसे भी तेरा जिस्म तुझे जाने के लिए नहीं कह रहा।

रश्मी;आह माँ तुझे इन सब बातों के अलावा और कुछ नहीं सूझता क्या।

देवा;रश्मि को अपनी तरफ घुमा लेता है और उसके गुलाबी होठो को चुमते हुए उसकी कमर को शलवार के ऊपर से मसलने लगता है।

रश्मी; गुं गुं आहह छोड कमिने मै तेरी नियत अच्छी तरह जानती हूँ । पर याद रख मै तेरे हाथ नहीं आने वाली।

देवा;अच्छा इतना विश्वास है तुझे खुद पे तो देख तेरी शादी से पहले अगर मैंने तेरी नहीं लिया तो मै कभी शादी नहीं करूँगा।

रश्मी;एक बार फिर से देवा के लंड पे ज़ोर से हाथ मार के वहां से भाग जाती है।

देवा;आहह सालीईईईई।

नाश्ता करके देवा खेत में चला जाता है उसने सोच लिया था की वो अब हवेली नहीं जायेगा।
खेत में फसल तैयार खडी थी।
उसका पूरा दिन खेत में काम करते हुए गुज़ार जाता है।
रात में खेत में चोरी न हो इसलिए वो वहाँ खेत में बने झोंपडे में सो जाता है।

इधर रानी की चूत और दिमाग आग उगल रहे थे। सुबह से वो देवा का इंतज़ार कर रही थी। पर वो नहीं आया था।
सुबह देवा जल्दी उठ जाता है और उसने जो मज़दूर फसल की कटाई के लिए बुलाये थे। वो भी आ चुके थे।

सुबह के 6 बजे से शम के 5 बजे तक फसल की कटाई हो जाती है।

ओर देवा खेत में एक रख वाली रख के वापस घर आ जाता है। उसका पूरा जिस्म दर्द से टूट रहा था जब वो घर पहुँचता है तो शालु और नीलम उसे घर में उसका इंतज़ार करते हुए मिलती है।

शालु; अरे देवा बहुत थके थके लग रहे हो मैंने जो खाना भेजवाया थी तुमने खाया था की नही।

देवा;हाँ काकी खा लिया था। वो घर में नहाने चला जाता है और कुछ देर बाद कुर्ता पैजामा पहनके बाहर आँगन में आके शालु और नीलम के पास बैठ जाता है।

नीलम;चोर नज़रों से देवा को देख मुस्कुरा रही थी
शालु की नज़र दोनों पे थी पर वो अपनी बातों से ये जाहिर नहीं कर रही थी ।

शालु;देवा को खाना लगा देती है और हाथ का पंखा उड़ाते हुए उसके पास बैठ जाती है।

नीलम;देवा के कमरे में जाके उसके पूरे कमरे की साफ़ सफाई करने लगती है।
रत्ना के मायके जाने से पूरा घर उथल पूथल हो चुका था।

नीलम हर एक चीज़ को अपनी जगह पे रखती है।

शालु; अच्छा मै चलती हूँ नीलम के बापु को दवाये भी देनी है। अरे हाँ वो कल वैध जी के यहाँ जाके दवाये लेते आना।

देवा; अच्छा काकी मै ले आऊंगा।

नीलाम: मैं भी चलते हूँ माँ।

शालु; तू देवा के खाना खाने के बाद प्लेट लेती आना।

देवा;नीलम की तरफ देखता है उसके चेहरे से पता चल रहा था की वो बहुत घबराई हुए है पर कही न कही वो भी कुछ पल देवा के साथ अकेले में बिताना चाहती थी।
शालु के चले जाने के बाद देवा हाथ धोके चारपाई पे बैठ जाता है।
दोनो चुप थे। न नीलम कुछ बोल पा रही थी और न देवा।

कुछ देर बाद देवा चुप्पी तोड़ता है।
तूने अच्छा किया जो मेहमानो के सामने नहीं गई वरना….

नीलम;हँसते हुए वरना….

देवा; वरना मेरे घर में रौशनी होते होते रह जाती।

नीलम;तुम बड़े वैसे हो।

देवा; कैसे।

नीलम; बहुत बूरे हो और नीलम शरमा के अपने दोनों हाथ अपने चेहरे पे रख देती है।

देवा उसके हाथ चेहरे से हटाता है दोनों की नज़रें एक हो जाती है।

देवा;नीलम तू नहीं जानती। मै तुझसे कितना प्यार करता हूँ।

नीलम;कितना प्यार करते हो।

देवा; तेरे लिए मै अपनी जान भी दे सकता हूँ।

नीलम;घबराके अपना हाथ देवा के मुंह पे रख देती है।
कभी भूल के भी मरने की बात मत करना मै तुम्हारे साथ ज़िन्दगी जीना चाहती हूँ।

देवा;नीलम के हाथ चूम लेता है और उसे अपने बाँहों में समेट लेता है।

देवा;जब भी किसी औरत या लड़की को अपने छाती से लगाता था तो उसका दिल उसे चोदने को करता था पर नीलम के मामले में उसके जज़्बात बहुत अलग थे। नीलम उसकी ज़िन्दगी बन चुकी थी और वो नीलम को एक पत्नी की तरह देखता था।

कुछ देर बातें करने के बाद नीलम बर्तन लेके घर चली जाती है और देवा वही सो जाता है।
ना पप्पू उसे मिलने आया था न पदमा। पदमा की चूत और गाण्ड देवा ने इस कदर सुजा दिया था की वो अगले दो चार दिन और उसके पास नहीं फ़टकने वाली थी।।

सुबह १० बजे देवा अपने खेतों की तरफ जाने लगता है के उसी वक़्त एक तेज़ रफ़्तार कार उसके पीछे से आती है और उसके पास आके रुक जाती है।

वो कार रानी चला रही थी। देवा रानी को देख थोड़ा घबरा जाता है।

रानी;कार का डोर खोल देती है।
अंदर बैठो।

देवा;मुझे खेत में बहुत काम है मालकिन।

रानी;चिल्लाते हुए मैंने कहा… कार में बैठो।

देवा चुप चाप कार में बैठ जाता है।

रानी फुल स्पीड में कार दौड़ा देती है और कार सीधा हवेली जाके रुकती है।
वो देवा का हाथ पकड़ के उसे अपने रूम में ले जाती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।

देवा;मालकिन मुझे जाने दो मुझे काम है।

रानी; चटाकक्क्क्क्क्क से एक थप्पड देवा के गाल पे जड़ देती है।
क्या समझते हो तुम खुद को। एक मामूली से नौकर हो तुम हमारे और इतना घमण्ड है तुम्हें खुद पे। नीचे बैठो।

देवा; नौकर की तरह नीचे बैठ जाता है थप्पड उसके गाल पे नहीं दिल पे पडा था। अंदर ही अंदर उसका खून खौल रहा था पर वो रानी और हिम्मत राव की बहुत इज़्ज़त करता था इसलिए चुप था।

रानी देवा की गरदन पे हाथ रख देती है।
दो कौडी के नौकर अब जैसा मै तुमसे कहूँगी तुम वैसे ही करोगे समझे ।

देवा;मालकिन आप चाहें तो मेरी खाल खीच लिजीये पर मै कोई गलत काम नहीं करुँगा आपके साथ।

रानी हंसने लगती है । मुझे पता था तुम यही कहोंगे
और मुझे ये भी पता है की तुम कुछ कर भी नहीं सकते
नपुन्सक हो तुम। पता नहीं कौन से गंदी नाली के कीड़े ने पैदा किया है तुम्हें।
तुम्हारा बाप भी ऐसा ही होगा नपुंसक…. जैसे तुम हो।

देवा; खुद की चमडी उतर जाने पे उफ़ तक नहीं करता पर आज रानी ने उसके बाप को वो कही थी जो अगर हिम्मत राव भी कहता तो देवा उसे भी नहीं छोड़ता।
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