अपडेट 29 – Indian MILF
इससे पहले देवा पदमा की साडी खोलता बाहर से पदमा के शराबी पति की गलियों की आवाज़ सुनाई देती है।
देवा;झट से पदमा के ऊपर से हट जाता है ।
ये हरामी कब आया।
पदमा;कल ही आया है तू पीछे के दरवाज़े से चला जा। अरे हाँ छोटी मालकिन तुझे याद कर रही थी ।
जा के मिल लेना और शाम ढले यहाँ आ जाना मै इसे पैसे देके शराब पीने भीजवा दूँगी।।
देवा;तूने बात तो बताया ही नही।
पदमा :रात में अब जा भी जल्दी।
देवा;पीछे के दरवाज़े से निकल जाता है और हवेली की तरफ चल देता है।
हवेली में हमेशा की तरह सन्नाटा पसरा हुआ था ।
देवा;सीधा हवेली के अंदर चला जाता है वो रुक्मणी के कमरे के सामने से होता हुआ रानी के कमरे की तरफ जा रहा था की तभी उसे रुक्मणी के कमरे से अजीब सी आवाज़ सुनाई देती है ।
ओ झाँक के अंदर देखता है तो
सामने बिस्तर पे रुक्मणी लेटी हुई सिसक रही थी।
देवा को देख वो अपनी साडी ठीक करके बैठ जाती है।
अरे देवा तू कब आया और तुम्हारी मामा के यहाँ सब कैसे है।
देवा;वहां तो सब ठीक है बडी मालकिन।
मगर आपकी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही।
क्या हुआ।
रुक्मणी;बस थोड़ा कमर में दर्द है लगता है कोई नस खीच गई है।
देवा;अरे तो इस में कौंन सी बडी बात है मै तेल से नस उतार देता हूँ।
रुक्मणी;तुझे नस उतरनी आती है।
देवा;बहुत अच्छी तरह आप लेट जाओ । मै अभी उतार देता हूँ।
रुक्मणी;पहले तू दरवाज़ा बंद कर दे।
देवा;क्यूँ मालकिन।
रुक्मणी;जैसा कहती हूँ वैसे कर।
देवा;जैसे ही दरवाज़ा बंद करके मुडता है रुक्मणी पेट के बल लेट चुकी थी वो हाथ के इशारे से देवा को दर्द वाली जागह बताती है।
देवा;हाथ में तेल लगा के उसी जगह मालिश करने लगता है।
नरम मुलायम त्वचा(स्किन)को छूते ही उसके दिल में हलचल सी होने लगती है।
जब से वो देवकी और काशी को चोद के आया था। उसका दिल हर औरत को देख ऐसे ही कर रहा था फिर वो उसके माँ रत्ना या बहन ममता ही क्यों न हो।
कुछ देर मालिश के बाद देव हलके से और फिर ज़ोर से एक जगह दबा देता है।
रुक्मणी;के मुंह से चीख़ निकल जाती है और चीख के साथ ही उसकी कमर का दर्द भी ग़ायब हो जाता है।
देवा;अब बताओ दर्द हो रहा है क्या।
रुक्मणी;अरे वाह देवा तू तो सच में कमाल का है पता नहीं और क्या क्या कारनामे तू कर सकता है मेरा दर्द तो एकदम ग़ायब हो गया रे।
देवा;सच मालकिन अब कभी भी किसी भी चीज़ की ज़रुरत पड़े कोई भी दर्द हो मुझे बुला देना मै झट से दूर कर दूंगा।
रुक्मणी;तू दिल का दर्द भी दूर कर सकता है।
देवा;क्या।
रुक्मणी;कुछ नहीं चल मुझे उठाके बिस्तर पे डाल दे।
देवा एक हाथ रुक्मणी के गरदन के निचे और दुसरा हाथ कमर के निचे ड़ालने के बजाये सीधा कमर को ही पकड़ लेता है नरम गदराये हुए कमर जैसे ही देवा के कड़क मज़बूत हाथों में आते है रुक्मणी के मुंह से एक आहह सी सिसकारी निकल जाती है और वो देवा को मदमस्त निगाहों से देखने लगती है।
देवा;उसे जैसे ही बिस्तर पे ड़ालने के लिए झुकता है। उसका पैर फिसल जाता है और वो सीधा रुक्मणी को लेके बिस्तर पे गिर जाता है देवा का शरीर पूरा का पूरा रुक्मणी के ऊपर आ जाता है ।
रुक्मणी;की चूचि देवा की छाती के निचे दब जाती है। और जांघ से जांघ घिस जाते है।
बस कुछ ही देर के लिए ये होता है मगर रुक्मणी की चूत पे छोटी छोटी शबनम की बुँदे जमा हो जाती है।
देवा;माफ़ी मांग के उसके कमरे से बाहर तो चला जाता है पर लंड तो उसका भी थोड़ा टाइट हो चुका था।
पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।
वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।
रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।
देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।
रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।
देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।
रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।
देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।
रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।
देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।
रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।
हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।
देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।
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