हाय रे ज़ालिम…..- Part 2 – Indian MILF

पहले पहल रश्मि थोड़े हाथ पैर देवा को मारती है मगर धीरे धीरे उसे भी देवा का नशा चढ़ने लगता है और उसके हाथ देवा को कस के जकड लेते है और रश्मि भी अपना मुंह खोल के देवा को रस पिलाती जाती है।

देवा;अपने दोनों हाथों से रश्मि के नाज़ुक सी कमर पकड़ लेता है और धीरे धीरे उसे दबाते हुए रश्मि को चुसता चला जाता है।।

जब रश्मि का दिल भर जाता है तो वो देवा को धक्का देके अपने से अलग कर देती है।

रश्मी;कमीने कही के दूबारा ऐसे हरकत मेरे साथ करने की सोचना भी मत।

देवा;रश्मि को देखता रह जाता है और रश्मि पैर पटकते हुए वहां से चली जाती है।

देवा;कुछ देर वहाँ खड़ा रहने के बाद अपने सर को झटक के काका से मिलने उनके कमरे की तरफ बढ़ जाता है ।

इधर ममता और नूतन एक कमरे में दरवाज़ा बंद करके खुसुर पुसुर बातें कर रही थी।

ममता; सच बता न तुझे कैसा लड़का चाहिए।

नुतन ; मुझे नहीं पता।

ममता; नूतन के निप्पल को कमीज के ऊपर से मरोड़ देती है।
बोलती है या नही।

नुतन;आहह बोलती हूँ बोलती हूँ पहले छोड़ो ना।

ममता ; हाँ बोल तुझे कैसा जीवन साथी चाहिए।

नुतन; ऐसा जो मुझे प्यार करे मेरी हर छोटी बडी ज़रुरत बिना कहे पूरी कर दे । जो मेरे माँ बापु को अपना माँ बापु समझे बस।

ममता; हमम।

नुतन; अब तुम मुझे बताओ तुम्हें कैसा चाहिए।

ममता; अपनी ऑखें बंद कर लेती है और अपने जीवन साथी की तस्वीर अपने दिमाग में बनाना लगती है और उसके ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है।

वो घबरा के अपनी ऑखें खोल देती है।
नुतन;बोलो न कैसा।

ममता; मुझे नहीं पता कुछ और बात कर।

नुतन; इस बार खुद ममता के ब्रैस्ट को अपने हाथों से दबा देती है बोलती हो या नही।

ममता; आहह बोलती हूँ बाबा।
मुझे ना भाई जैसा लड़का चाहिए।

नुतन; हाय दैया देवा भाई जैसा।

ममता; हाँ भाई जैसा हट्टा कटा मज़बूत ताक़तवर मरद जो हमेशा मेरी रक्षा करे।

नुतन; ये सुनके ममता की ब्रैस्ट और ज़ोर से दबा देती है
ओर ममता नूतन को मारने बढ़ती है और इसी चक्कर में वो दोनों एक दूसरे में गुथमगुथा हो जाते है।

ममता की तेज़ धड़कने नूतन की जवान साँसों से मिल जाती है और दोनों एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है उनके होंठ एक दूसरे के बिलकुल क़रीब आ जाते है।के तभी बाहर से रत्ना की आवाज़ आती है।

रत्ना;अरे ममता कहाँ है ज़रा यहाँ आना रसोई में।

ममता; नूतन को देखते हुए आई माँ और वो उठके बाहर चली जाती है।

देवा;शालू के घर से निकल के गांव की गलियों में टहलता हुआ पदमा के घर की तरफ चला जाता है पदमा उसे घर के दरवाज़े पर चावल साफ़ करते देखाई देती है।

वो खुश होके उसके घर में चला जाता है पदमा भी चावल एक तरफ रख के देवा को घर के अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।

पदमा;इतने दिन कैसे लग गए मेरे राजा।

देवा;तेरी याद नहीं आ रही थी न पदमा वरना जल्दी चला आता।

पदमा;जानती हूँ तू मुझे क्यों याद करेगा। मगर मै बहुत खुश हूँ।

देवा;क्या बात है।

पदमा;ऐसे नहीं पहले मेरा मुंह मीठा करना पड़ेगा उसके बाद बताऊँगी।

देवा;पदमा को बिस्तर पे गिरा देता है और खुद क़मीज़ उतार के उसके ऊपर चढ़ जाता है दोनों ब्रैस्ट को दोनों हाथों में लेके मसलते हुए पूछता है।
अब बता न बात क्या है।

पदमा;ऐसे नहीं पहले मुझे किस करो कस के करो आह्ह।

देवा;तेरी माँ की।

Incest रुतबा या वारिस – Family Sex Story ek aur family sex story

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply