आज दोनों सास बहु पहली बार एक साथ बाथरूम में नहाने चली जाती है दोनों की चूत की एक जैसी दशा बनी हुई थी पर उनकी चूत से रात के बारे में सोच सोच के रह रह के पानी रिस रहा था। वो दोनों नहा कम रही थी और एक दूसरे की चूत को ज़्यादा सहला रही थी।
देवकी;देख न बेटी क्या हाल किया है देवा ने इसका ।
कौशल्या ;अपनी सास की चुत को अपने उँगलियों से मलती हुई- माँ जी मेरा भी तो यही हाल है जब वो अंदर होता है तो दिल करता है बाहर निकाल दूँ और जब देवा पास नहीं होता तो मन करता है उसे चुदती रहूँ। कल वो चल जायेंगा तो कैसे रह पाएंगे हम माँ जी।
देवकी;अपनी बहु के मोटे मोटे निप्पल्स को अपने मुंह में भर के चुसने लगती है। आहह तू चिंता मत कर बहु मै कुछ दिन बाद तुझे वहां भेज दूंगी फिर तू अच्छे से चुदवा लेना देवा से और मै उसे बोल दूंगी की दो तीन हफ्ते में वो यहाँ आके हमारी प्यास बुझा दिया करे। आअह्हह्हह्हह।
कौशल्या ;अपनी दोनों उँगलियाँ अपने सास की चूत के अंदर तक डाल देती है और दोनों एक दूसरे को चुमते हुए झडने लगते है।एक दूसरे की चूत से बाल साफ़ करके जब वो दोनों नहा के बाहर निकलते है तो रामु को घर के अंदर अपने कमरे में बिस्तर पे लेटा हुआ पाते है।
देवकी जल्दी से उसके पास चले जाती है और कौशल्या देवा को बताने चली जाती है की रामु घर आ चुका है।
देवकी;पता नहीं रामु को कैसे मना लेती है पर कुछ देर बाद जब वो अपने कमरे के बाहर निकलता है तो उसका चेहरा चौदहवी के चाँद के तरह दमक रहा था वो हँस हँस के देवकी से बातें करने लगता है और कुछ देर बाद वहां देवा भी आ जाता है।
दोनो भाई एक दूसरे को देख पहले मुस्कुराते है उसके बाद गले मिलके बाहर चले जाते है।
कौशल्या ;उनके जाने के बाद देवकी से पूछ लेती है
माँ जी वो मान गये।
देवकी;अरे मानता कैसे नहीं ।
कौशल्या ;आपने उनसे क्या कहा।
देवकी;यही की अगर तुम चाहते हो की देवा अपनी माँ और तुम्हारे बापु से कुछ न कहे तो हमे उसे आज रात खुश करना होंगा वो समझदार है मेरी बात समझ गया।
कौशल्या ; ख़ुशी के मारे अपनी सास के गले लग जाती है।
उधर बाहर देवा और रामु गांव की गलियों में घुम रहे थे।
देवा;क्यूँ भाई आज पीने का मन नहीं है क्या।
रामु;नहीं देवा ।
असल में मुझे तुमसे बात करनी थी। मन बहुत भारी भारी हो रहा था। तुमसे बात करुँगा तो शायद कुछ सुकून मिले।
देवा;आओ यहाँ बैठ के बात करते है अब बोलो क्या बात है।
रामु;देवा तुम मेरे छोटे भाई जैसे हो।
तुमसे कुछ छुपा नहीं है तुम हमारे बारे में सब कुछ जान गए हो पर यार तुझसे नज़र मिलाने की मुझे हिम्मत नहीं हो रही है।
देवा;अरे भाई मेरे जो हुआ उसे भूल जा।
तूने मामी के साथ जो किया उस में तुम दोनों की ख़ुशी थी मैंने तुम्हें उस दिन इसलिए बुरा भला नहीं कहा की तुम अपने माँ के साथ ये सब कर रहे थे। बल्कि इसलिए तुम्हे चाँटा मारा था की तुम अपनी पत्नी पे बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे थे।
जहाँ माँ के साथ सब कर सकते हो वही अपनी पत्नी को भी तो थोड़ा वक़्त दो। माँ के साथ करना तुम्हें अच्छा लगता है इस में तुम्हारा क्या दोष ये सब बातें हमारे बस में नहीं होती भाई ।
बस जो होने वाली बात होती है हो जाती है।
रामु;तो क्या कभी तेरा मन अपनी माँ के लिए बहका तो तू भी।
देवा;कुछ नहीं कहता।
पर रामु उसकी ख़ामोशी समझ जाता है और दोनों उठके शराब की दुकान में चले जाते है।
शराब के दो पैक पीने के बाद देवा रामु को ज़बर्दस्ती बाहर ले आता है कुछ नशा तो रामु पे चढ़ चुका था पर कुछ चढना बाकी था।
रामु;शराब के नशे में आज तूने मेरा मान हल्का कर दिया देवा।
आज मै बहुत खुश हूँ बोल तुझे क्या चाहिए मुझसे।
देवा;जो माँगूँगा देगा।
रामु; दूंगा बस तू बोल।
देवा;आज रात मेरे साथ अपनी माँ और पत्नी को चोदोगे।
रामु;देवा की तरफ देखता है और फिर खिलखिला के हंसने लगता है।
मै जानता था तू यही मांगेंगा चल तू भी क्या याद रखेंगा आ जा घर चलते है।
जब वो दोनों घर पहुँचते है तो कौशल्या और देवकी को कमरे में बिस्तर पे उन दोनों का इंतज़ार करता पाते है।
देवकी और कौशल्या ऑखों ऑखों में देवा से पूछते है और देवा आँख मार के उन्हें बता देता है।
रामु; सीधा अपनी माँ देवकी के पास आता है और उसे अपने से चिपका के उसके मोटे मोटे कमर को दबाने लगता है ।
देवकी;आहह बेटा सब देख रहे है।
रामु; इसलिए तो कर रहा हूँ आज की रात तुम दोनों देवा को खुश कर दो। मेरा भाई कल जाने वाला है उसे किसी चीज़ की कमी मत होने देना आज रात।
वो नशे में क्या क्या बोल रहा था उसे भी पता नहीं था पर इन सब बातों से देवकी के साथ साथ कौशल्या बहुत खुश दिखाई दे रही थी।
रामु;खड़ा था और देवकी बिस्तर पे बैठी हुई थी देवा देवकी के बगल में जाके बैठ जाता है।
रामु ; कौशल्या इधर आ।
कौशल्या ;रामु के पास जाती है और रामु उसे कपडे उतारने के लिए कहता है।
साथ ही खुद के भी कपडे उतार देता है।
रामु;चल अपने पति परमेश्वर का मुंह में ले के चुस।
उधर देवा भी देवकी को नंगा कर चुका था।
कौशल्या ;रामु का लंड मुंह में ले के चुसने लगती है और देवा देवकी को घोडी बनाके उसकी पीछे से चूत चाटने लगता है।
देवा;देवकी के चूत चाट चाट के लाल कर देता है और कौशल्या अपने पति के लंड को खड़ा कर देती है।
देवकी खडी हो जाती है और कौशल्या के मुंह से रामु का लंड निकाल लेती है ।
पहले वो कौशल्या के होठो को चुमती है उसके बाद रामु के लंड को मुंह में लेके हलक तक घुसा लेती है।
रामु;आहह माँ आराम आराम से।
कौशल्या देवा की तरफ देखती है जो देवकी और रामु को देख अपना लंड हाथ में ले के हिला रहा था । उसे देवा की बेबसी देखी नहीं जाती और वो उसके लंड को अपने नाज़ुक हथेली में ले के मसलते हुए मुंह में ले लेती है।
एक तरफ कौशल्या अपने देवर के लंड को चूस रही थी दूसरी तरफ देवकी अपने बेटे के लंड को।
दोनो लंड इतनी बुरी तरह तड़प रहे थे चूत के लिए मगर दोनों औरतों को उन पे बिलकुल तरस नहीं आ रहा था। आखिर कर देवा कौशल्या को उठाके बिस्तर पर ले जाता है और अपने लंड को उसकी चूत पे लगा के अंदर घूस्सा देता है।
देवकी;रामु का हाथ पकड़ के कौशल्या के बगल में लेट जाती है और रामु अपने लंड पे थूक लगा के अपनी माँ की चूत को अपने लंड से भर देता है
कौशल्या ;आहह देवा आहह आराम से । मेरी चूत की सुजन अभी तक उतरी नहीं आहह वो अपने सास का हाथ पकड़ लेती है तो पहले से थर थर कांप रही थी रामु अपने पूरी ताकत से उसे चोद रहा था।
देवकी;आहह देवा मेरा दुसरा सुराख़ भर दे बेटा आअह्हह्हह्हह।
देवा ; कौशल्या की तरफ देखता है और कौशल्या उसे अपने चूत से लंड निकालने की इजाज़त दे देती है।
रामु;का लंड देवकी की चूत में था ।
देवा;थोड़ा सा तेल उठाके देवकी की गाण्ड के भूरे छेद पे डाल देता है और बिना देवकी को कुछ कहे झट से अपना लंड का सुपाडा देवकी की गाण्ड में घूस्सा देता है।
देवकी;मर गई हरामी आहह क्या ठूँस दिया रे तूने पीछे से….
देवा;अभी तो कह रही थी मामी की दुसरे सुराख़ में डालो ले ऐसे न आह्ह्ह्ह्ह्।
वो कौशल्या की चूत से बीच चुदाई में लंड निकालने से थोड़ा ग़ुस्से में था इसलिए वो बेरहमों की तरह देवकी की गाण्ड मारने लगता है।
देवकी;’आहह आहह माँ ओ आहह नहीं न ऐसे नहीं आहह रामु बेटा तू तो थोड़ा धीरे कर ये देवा तो सुनता ही नहीं आह्ह्ह्ह्ह्।
रामु;आहह माँ आहह…..
वो नशे में था और उसी हालत में वो अपने लंड को देवकी की चूत की गहराई में पेलता चला जा रहा था।
सामने बैठी कौशल्या देवा के लंड को गाण्ड में जाता देख रही थी और उसका दिल भी ये सब करवाने के लिए उसे कह रहा था।
देवा;देवकी को खड़ा कर देता है पच की आवाज़ के साथ दोनों लंड देवकी की चूत और गाण्ड से निकल जाते है।
देवकी के कुछ बोलने से पहले ही देवा देवकी को अपने गोद में उठा लेता है और नीचे हाथ डालके अपना लंड उसकी चूत में घुसा देता है।
पीछे खड़ा रामु भी अपने लंड को देवकी की गाण्ड में पेलने लगता है देवकी दोनों के बीच पीसती चली जाती है।
देवकी;के दिल की मुराद पूरी हो जाती है और 15 मिनट के इस दमदार चुदाई से उसके साथ साथ रामु का भी पानी निकलने लगता है देवा उसे नीचे उतार देता है। दोनों माँ बेटे एक दूसरे को चुमते हुए बिस्तर पे लेट जाते है।
पर तब तक वो कौशल्या के बदन में ज्वालामुखी भड़क चुकी थीं। वो पागलो की तरह देवा के लंड पे टूट पड़ती है।
देवा;आहह भाभी ।
कौशल्या ;नहीं देवा भाई अब नहीं रोको मुझे । मै तुम्हें मना करती थी न पीछे से ड़ालने को ।अब मै खुद तुमसे कह रही हूँ जहाँ डालना है डालो बस मुझे ये दे दो आहह गलप्प गलप्प गलप्प।
कौशल्या ;भाई मुझे दे दो अंदर तक आहह गलप्प चोदो अपनी बहन को उसके पति और सास के सामने कस के गलप्प मै चुदना चाहती हूँ रात भर गलप्प गलप्प्प।
कौशल्या ;के मुंह से ऐसे बातें सुनके देवा का ढिला पड़ चुका लंड फिर से खड़ा होजाता है और वो कौशल्या को लिटा के रामु और देवकी के ऑखों में ऑखें डालके कौशल्या को चोदने लगता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
कौशल्या भी अपने पति को देखते हुए चिल्लाने लगती है भाई भाई चोदो न ज़ोर ज़ोर से अपने बहन को। हां हाँ भर दो अपनी बहन की चूत को अपने अमृत से आह्ह्ह।
देवा; कौशल्या की चूत से पानी निकलने तक उसे उसी तरह चोदता रहता है और जैसे ही कौशल्या की चूत से पानी बाहर बहने लगता है वो अपने लंड को बाहर खीच के कौशल्या की गाण्ड में दो उँगलियाँ डाल देता है।