हाय रे ज़ालिम…..- Part 2 – Indian MILF

देवा;पर भाभी आप इतनी समझदार औरत हो के आपसे ये सब हुआ कैसे।

कौशल्या; अपनी ज़िन्दगी की किताब को देवा के सामने खोल देती है।
ये बात आज से 5 साल पहले की है मै उस वक़्त 18 साल की थी और मेरे बड़े भैया मनोज २२ साल के।
मेरे बापु की मौत मेरे बचपन में ही हो गई थी। माँ से अकेला रहा नहीं गया इसलिए हमारे परवरिश के लिए उसने दूसरी शादी कर ली ।
मेरे सौतेले बाप किशोरचंद एक जुवारी आदमी है।
दीन रात जुंआ खेलना शराब पीना उसकी आदत है।
माँ उसका हर सितम सहते रही। दोनों रोज़ लडते थे और दूसरे दिन मिल भी जाते थे।

एक दिन मै पानी पीने उठी तो मुझे माँ के रोने की आवाज़ सुनाई दी। मै जब उनके कमरे के पास गई तो मैंने माँ को चीखते सुना। बापु उन्हें मार रहा था पता नहीं किस बात पे । मैंने दरवाज़ा खट खटाये तो कुछ देर बाद माँ बाहर आई मैंने उसे पूछे की बापु तुम्हें क्यों मार रहें है।
पर माँ ने मुझे कुछ नहीं कहा और मुझे सोने को कहके वापस कमरे में चले गई।

मै कुछ देर वही खड़ी रही कुछ देर बाद माँ की चीखों और सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दी मै डर के मारे भैया को उठाने गई।
जब भैया मेरे साथ माँ के कमरे के पास आये तो माँ के रोने की आवाज़ बंद हो चुकी थी और हलके हलके सिसकने की आवाज़ सुनाये दे रही थी । मै और मेरा भाई मनोज हम खिडके में से झाकने लगे हम बहुत डर गए थे। मुझे लगा की बापु नशे में माँ को जान से ना मार दे।

जब मै और भैया खिडकी के पास पहुंचे तो अंदर का नज़ारा देख दोनों की नज़रें झुक गई।

वो दोनों सम्भोग कर रहे थे माँ उलटी लेटी हुई थी और बापु उनके कमर पे थप्पड मारते हुए उन्हें पीछे से कर रहे थे।

हमे वहां से है जाना चाहिए था पर हम दोनों वहां से नहीं हटे।
वो दोनों तो कुछ देर बाद सो गये पर हमारे जवान जिस्म जग चुके थे।
मै भाई से नज़रें चुराके अपने कमरे में जाके लेट गई।

कुछ देर बाद मनोज भाई मेरे कमरे में आये और उन्होंने दरवाज़ा बंद कर दिया। मै उन्हें देखते रह गई दोनों की साँसे एक रफ़्तार में चल रही थी।
वो बिना कुछ बोले मेरे ऊपर आकर मुझ से चिपक गये।
वो कुछ भी नहीं बोल रहे थे। बस एक एक करके उन्होंने पहले खुद के फिर मेरे सारे कपडे निकाल दिए। मै उस वक़्त तक सोचने समझने की शक्ति खो चुकी थी और सितम तो तब हुआ जब भाई ने अपनी ज़ुबान उस जगह लगाई जिसे आज तक मेरे सिवा किसी ने नहीं देखा था।

वो मुझे सर से ले के पेशानी तक चुमते रहे चाटते रहे मै मचल रही थी भाई के जिस्म को अपने नाख़ून से नोच रही थी।
पर नहीं जानती थी की भाई क्या क्या करेंगे मेरे साथ।

उन्होने बस एक बार मेरे कानो को अपने मुंह में लेके धीरे से मुझसे पूछा।

कौशल्या मै तुझे अपना बना लूँ।
और मै हवस की आग में जलते हुए उनसे कह बैठी हाँ भैया मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो।

उसके बाद उन्होंने मुझसे कोई बात नहीं किया बस उनका वो हिस्सा मेरे अंदर घुसता चला गया और मै भाई के मुंह में चीख़ती चली गई क्योंकि उन्होंने मेरे होंठो को अपने होंठो में भर लिया था।

मै अपने मनोज भैया से बहुत प्यार करती थी और ये प्यार दिन ब दिन परवान चढ़ता रहा उस रात के बाद हमने कई रातें एक साथ पति पत्नी की तरह गुज़ारी।

एक दिन माँ और बापु बाहर गए हुए थे। तभी भाई ने मुझसे पीछे से पकड़ के अपने कमरे में ले गए और हम अपने प्यार को और मज़बूत करने में लग गए पर होनी को कुछ और ही मंज़ूर था।

जब हम भाई बहन एक दुसरे में खोये हुए थे तभी बापु वहां आ गये और उन्होंने एक लकड़ी से भाई और मेरी खूब पिटाई कर दी। भाई को उन्होंने घर से निकाल दिया।

मै मार और दर्द से चीख रही थी मुझे नहीं पता था की बापु की नियत मुझपे भी ख़राब है।

उनहोने अपने सारे कपडे निकाल दिए। मै बहुत डर गई थी । मै जानती थी की सारी गलती मेरी है और अगर मै चिल्लाई तो मै ही क़सूर वॉर कहलाऊँगी। बापु के इरादे मै जान चुकी थी वो मुझे जो करने के लिए कहते गए मै करती गई। उनके जिस्म के हर हिस्से को मैंने चुमा उन्होंने जिसे कहा मैंने अपने मुंह में लिया अपने लंड को उन्होंने कितनी देर तक मुझसे चुसवाया और फिर उन्होंने अपने बाप होने का फ़र्ज़ भी निभा दिया।
मै चीख़ते रही चिल्लाती रही पर ना माँ को रहम आया न बापु को कोई रहम आया।।

कुछ महिने ऐसे ही गुज़रते रहे माँ और मै रोज़ बापु के सामने पेश होते माँ मुझे मारती भी और प्यार भी करती मै एक तरह से ज़िंदा लाश बन चुकी थी जिसका सिर्फ एक काम था अपने बापु की इच्छा का पालन करना।

उन्होंने हर गंदे तरीके से मुझे भोगा उन्होंने मेरे साथ कितनी बार बिना मेरी मर्जी के संभोग किया । मुझे जैसा बोलते थे मैं वैसा करती थी। उन्होंने सोतेला बाप होने का फर्ज अच्छी तरह से निभाया और मुझे जब जहां चाहा वैसे चोदा।

उस दौरान तुम्हारे भाई का रिशता हमारे घर आया। माँ तो मुझसे परेशान थी ही उसने जल्दी से मेरी शादी करवा दी और मै यहाँ आ गई। उसने शादी के तोहफे के रूप में मुझे एक बहुत क़ीमती तोहफ़ा भी दिया। तुम्हारे भैया को सारी बात बता दी बस ये नहीं बताया की उनका पति भी वो सब कर चूका है।

उस दिन से लेके आज तक मुझे न पति का सुख मिल पाया न एक औरत होने का।

कौशल्या बोलते बोलते रो पडती है।

देवा ये सब सुनके उसे अपने से चिपका लेता है।

देवा;बस बस चुप हो जाओ भाभी । मै भी तो आपके भाई जैसा हूँ न आप ने ही तो कहा था की मै बिलकुल आपके भाई जैसा देखता हूँ।

कौशल्या;हंस पडती है तो क्या।
दो दो चाचिया compleet , Jija sali ka pyaar जीजा साली का प्यार – Jija Sali Sex

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