हाय रे ज़ालिम…..- Part 2 – Indian MILF

Dosto agar last patha nahi hai to pahle ye jarur padhiye
हाय रे ज़ालिम……- Part 1 – Indian MILF

हाय रे ज़ालिम……- Part 3 – Indian MILF
Ab aage ….


देवा;मुस्कुराता हुआ नाशता करने लगता है।
अब कैसी तबियत है काका की।

शालु;ठीक है ये मुई शराब की लत पता नहीं कैसे लग गई उन्हें।
उनका घर में होना न होना एक सामान है।

देवा;क्या मतलब।

शालु;कुछ नहीं पराठे कैसे बने है।

देवा;बहुत अच्छी जिसने भी बनाये है ना दिल कर रहा है उसके हाथ चूम लूँ।

शालु;शरमाते हुए धत अपने काकी को चूमेगा।

देवा;आहहहह क्यों इसमें बुराई क्या है।
कहो तो अभी चुम लूँ।

शालु;चल हट बेशरम कही का । सब जानती हूँ तेरे करतूतों को मैं।
देवा;हाय काकी कभी मुझे भी जानने दो ना आपके बारे में।

शालु;तू चुप चाप नाश्ता करता है या नही।

और देवा हँसता हुआ नाश्ता ख़तम करने लगता है।

शालु;दोपहर का खाना तू घर आके खा लेना ठीक है।
अरे हाँ एक बात तो मै तुझे बताना भूल ही गई।
वो आज दोपहर में लड़के वाले आ रहें है।

देवा;किसलिये।

शालु;अरे बाबा रश्मि नहीं तो नीलम दोनों में से किसी एक को पसंद करने बस एक बार दोनों की अच्छे से शादी हो जाये तो समझो मैंने गंगा नहा ली।

नीलम का नाम सुनते ही देवा के चेहरे का रंग उड़ जाता है।

शालु तो बर्तन उठाके चली जाती है पर देवा वही चारपाई पे बैठ जाता है।

नीलम देवा का बचपन का प्यार।
पुरे गांव में नीलम जैसे लड़की नहीं थी । शरीफ समझदार ।
देवा को वो बचपन से पसंद थी और कही न कही नीलम भी देवा को चाहती थी पर दोनों सिर्फ आँखों के इशारो में एक दूसरे की खैर ख़ैरियत पूछा करते थे।

न देवा में हिम्मत होती उससे बात करने की ना नीलम कभी कोशिश करती।
बचपन की मोहब्बत धीरे धीरे परवान चढ़ती रही और जब शालु ने नीलम की शादी की बात की तो देवा के दिल में बहुत ज़ोर का दर्द हुआ था।

वो फैसला कर लेता है की चाहे कुछ भी हो जाये वो नीलम को किसी और की होने नहीं देगा पर सबसे पहले उसे अपने दिल की बात नीलम को बतानी थी।

वो उदास दिल से अपने खेत में चला जाता है। Indian milf

उसे खेत में काम करते करते ११ बज जाते है।
उसे रानी का ख्याल आता है आज उसका दिल हवेली में जाने को नहीं कर रहा था पर वो जानता था की अगर वो नहीं गया तो हिम्मत राव कही नाराज़ न हो जाए।

वो धीमे कदमों से हवेली पहुँचता है।

हवेली में सन्नाटा पसरा हुआ था बाहर दो कार में से सिर्फ एक कार खडी थी। वो हवेली के अंदर चला जाता है।

जैसे ही वो रानी के कमरे के दरवाज़े के सामने पहुँचता है उसे अंदर से रानी की आवाज़ आती है।

रानी;अंदर आ जाओ देवा।

देवा;हैरान होके रूम के अंदर चला जाता है।
मालकिन आपको कैसे पता की मै बाहर खड़ा हूँ।।

रानी;मेरे दिल ने कहा की तू बाहर खड़ा है देवा और मेरा दिल मुझसे कभी झूठ नहीं कहता।
अरे बुधू मैंने तुझे खिडकी से देख ली थी।

अच्छा ये बता कैसी लग रही हूँ मैं।

पतली सी चोली घाघरे में रानी सचमूच क़यामत लग रही थी
कुछ पलों के लिए तो देवा नीलम को भी भूल जाता है।

देवा;बहुत खूबसूरत छोटी मालकिन।

रानी;मालकिन नहीं रानी बोलो मुझे।

देवा;मालकिन मेरा मतलब है रानी । चलिये कार सीखने चलते है।

रानी;नहीं आज नहीं वैसे भी माँ और बापू शहर गए है डॉ को माँ की तबियत दिखाने । तो हम दोनों बिलकुल अकेले है इसका मतलब समझते हो तुम।

देवा;नहीं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा मै चलता हूँ।।

रानी;जल्दी से दरवाज़ा बंद कर देती है।
जब देखो वही घर जाना । इधर आओ मेरे पास और अगर तुमने मेरी किसी भी बात से इंकार किया तो जानते हो ना मै किस से तुम्हारी शिकायत करुँगी।

देवा;बिस्तर पे बैठ जाता है।
रानी उसकी गोद में उछल के बैठ जाती है और अपनी दोनों ब्रैस्ट देवा की छाती पे रगडने लगती है।आहह देवा मेरे देवा आज मै अकेली हूँ मुझे आज तू कुछ भी कर सकता है । पागल कर दिया है तूने मुझे देवा।

वो देवा के पूरे चेहरे को नाक को गाल को और होठो को चुमने लगती है।

देवा चुप चाप बैठा रहता है वो बुरी तरह डरा हुआ था एक तरफ खाई दूसरे तरफ कुंवा वो जाता भी तो किधर जाता।

रानी ज़मीन पे बैठ जाती है और देवा की पेंट नीचे करने लगती है।

देवा;मालकिन नहीं नही ये पाप मुझसे मत करवाओ। मुझे माफ़ कर दीजिये।

रानी देवा की पेंट नीचे उतरते ही देवा के लंड को हाथ में लेके हिलाने लगती है।
मुझे जो चीज़ पसंद आ जाती है मै उसे हासिल करके रहती हूँ।

देवा;मगर मालकिन नही।

रानी देवा के लंड को अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलप्प।

इस चीज़ की उम्मीद देवा को बिलकुल नहीं थी उसका जिस्म सुंन पड़ जाता है और उसके हाथ रानी के बालों में चले जाते है।
मर्द को दर्द नहीं होता पर मरद के लंड को कोई मुंह में लेके चुसे तो ना चाहते हुए भी लंड खड़ा ज़रूर हो जाता है।
ओर यही देवा के साथ भी हुआ।

वो जितना खुद को दिल ही दिल में इस काम से रोक रहा था उतना ही उसका लंड तेजी से खड़ा होने लगता है।

उसने गांव की सावली मोटी गाण्ड वाली औरतों को चोदा था पर आज पहली बार एक बहुत ही खूबसूरत लड़की उसके लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी वो खुद पे काबू नहीं कर पा रहा था।

रानी;आहह बहुत बड़ा है देखना मेरे मुंह में भी नहीं जा रहा पता नहीं मै कैसे ले पाऊँगी यह। गलप्प गलप्प….

देवा;मालकिन बस अह्ह्ह्ह वरना बहुत देर होजाएगी आहह्ह्ह्हह्ह।

रानी देवा का लंड छोड़ के बिस्तर पे लेट जाती है और अपनी पतली सी पेंटी को थोड़ा नीचे करके देवा को दावत देती है।
चल आजा ज़रा तू भी थोड़ा रस पी ले ।
देवा खुद को रोक नहीं पाता और वो रानी की पेंटी खीच के उसके चूत पे टूट पडता है । बिना बाल वाली इतनी चिकनी चूत उसने पहली बार देखा था। गुलाबी पंखडियाँ और छोटा सा दाना जो छूट को खोल बंद कर रहा था।

रानी चूत को थोड़ा सा खोलती है आहह चल मुंह डाल दे अंदर आजा।

देवा अपने मुंह को रानी की चूत में पूरी तरह घुसा देना चाहता था वो चूत को इतनी बुरी तरह चुसने लगता है जैसे कोई जंगली जानवर अपने शिकार पे झपटता है।गल्पप गलप्प।

रानी;आहह ज़ालिम ऐसे ही चुस्स आहह तेरी हर बात निराली है देवा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा रानी की गांड को सूँघता हुआ चूत को चाटने लगता है गलप्प गलप्प। पहली बार जब देसी कुत्ते को विदेशी हड्डी मिले तो वो उसे नहीं छोडता । बस देवा भी कुछ इसी तरह नौकर मालिक का रिश्ता ताक पे रख के अपने धुन में मगन था।

रानी चीखती रही पर देवा ने उसकी चूत से मुंह तभी हटाया जब रानी का गाढा गाढा पानी उसके चेहरे को भिगोने लगता है।

रानी देवा को गिरा के अपने नीचे कर लेती है और उसके लंड पे अपनी चूत की फाँके फँसा के आगे पीछे करने लगती है।

रानी;आहह देवा मुझे प्यार कर। मुझे अपनी बना ले आहह;

देवा के लंड पे रानी की चूत घीसने से देवा का दिमाग काम करना बंद कर देता है।

रानी देवा के लंड को हाथ में पकड़ के चूत के मुंह पे लगाती है आहह यहाँ डाल दे रे।

देवा जैसे ही रानी को अपने नीचे लाके दोनों टाँगें चौडी करके लंड को चूत में घुसाने वाला था की देवा की गर्दन में का वो तावीज़ जो उसे रत्ना ने बुरी नज़र से बचाने के लिए बचपन में पहनाई थी उसके आँखों के सामने आ जाता है और देवा अपने लंड को रानी की चूत के ऊपर से हटा देता है।

रानी;क्या हुआ डाल न आह्ह्ह्ह्ह।
देवा अपने कपडे उठाके पहनने लगता है वो रानी से कुछ नहीं कहता।

रानी बौखला जाती है। तू मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकता। मुझे इस तरह बीच में छोड़ के नहीं जा सकता देवा मेरी तरफ देख मै क्या कह रही हूँ। तुझे सुनाइ दे रहा है की नही।

देवा फिर भी कुछ नहीं बोलता और अपने कपडे पहन के वहां से चला जाता है।

रानी चीखने लगती है चिल्लाने लगती है पूरी हवेली में उसकी चीख की ख़ौफ़नाक आवाज़ गूँजने लगती है।

एक घंटे बाद जब हिम्मत राव और रुक्मणी हवेली पहुँचते है ।

रुक्मणी अपने कमरे में चले जाती है और हिम्मत राव रानी के।

रानी हिम्मत राव को देखते ही उस पे टूट पडती है उसकी चूत आग उगल रही थी। ठण्डा पानी चाहिए था उसकी चूत को।

हिम्मत राव;अरे बिटिया क्या हुआ आराम से अभी अभी तो मै आया हूँ।

रानी;मुझे नहीं पता मुझे कुछ नहीं पता बस मुझे करो जल्दी मेरे छूट में डालके चोदो मुझे आह्ह्ह्ह्ह्ह।

वो आया था मुझे अधूरा छोड़ के चला गया मै मर जाऊँगी। बापू आप सुन रहें है ना जल्दी करो न आह्ह्ह।

हिम्मत राव दरवाज़ा बंद करके अपने कपडे उतार देता है और अपने लंड को अपनी बेटी के मुंह में डाल देता है। रानी हवस के नशे में हिम्मत राव के लंड को हलक तक घुस्सा के चुसने लगती है और कुछ देर में ही वो हिम्मत राव के लंड को खड़ा कर देती है।

रानी;बस बापू अब आ जाओ मेरे ऊपर और बिलकुल तरस मत खाना मुझे पे।

हिम्मत राव;रानी की दोनों टाँगें चौडी करके अपने लंड को चूत पे घिसता है।

रानी :आहह हरामी घिसता क्या है अंदर ड़ालने को कह रही हूँ अंदर ड़ालता क्यों नहीं आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

हिम्मत राव का लंड रानी को खोलता हुआ अंदर तक चला जाता है और रानी अपने पैर हिम्मत राव के कमर से लपेट के अपनी चूत की आग को ठण्डा करने लगती है।

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