शालु;का पूरा जिस्म कांप जाता है हाथ में आये हुए आम नीचे गिर जाते है और वो खुद को किसी तरह सँभाल पाती है।
देवा;फिर से वही करता है वो अपनी नाक को शालु के गाण्ड के ठीक ऊपर लगा के हलके से शालु की मोटी गांड को अपने चेहरे से दबा देता है।
शालु;आहह क्या कर रहा है मै नीचे गिर जाऊँगी।
देवा;जैसे ही अपनी नाक निकलता है शालु उसके हाथ में से फिसल जाती है और शालु धडाम से नीचे गिर जाती है।
शालु;हाय रे सत्यानाश हो जाये तेरा। क्या कर रहा था माँ कितना दर्द हो रहा है मुझे आहः
देवा;घाबराके उसके पैर के पास बैठ जाता है।
दीखाओ मुझे कहाँ लगा है।
शालु;आहह दूर हट मुए।
देवा;काकी देखने तो दो पता तो चले ज़्यादा गहरा मार तो नहीं लगा तुम्हें।
शालु;पैर पकड़ के सिसकने लगती है उसे सच में बहुत दर्द हो रहा था।
देवा;शालू के पंजे को पहले देखता है वहां सब ठीक था फिर धीरे धीरे वो शालु की साडी ऊपर करने लगता है।
शालु;क्या कर रहा है देवा।
देवा;काकी चुप चाप बैठो। देखने तो दो मुझे लगता है तुम्हारे पिडलियों पर चोट लगी है।
शालु;हाय रे मै मर गई माँ आहः
देवा;शालू की साडी घुटने तक चढ़ा लेता है।
गोरी गोरी उसके टाँगे भी साफ़ दिखाई दे रही थी पर ज़्यादा अंदर का देखना नहीं दे रहा था क्योंकी शालु ने अपने हाथ से साडी पकड़ रखी थी।
देवा;हलके हलके शालु की मालिश करने लगता है कुछ देर बाद शालु की हलकी हलकी चीखें सिसकारियों में बदल जाती है।
शालु;हाँ वही आहह वही दर्द हो रहा है।आहः
देवा;का हाथ शालु के नरम मख़मली जाँघो को टच होने लगता है जिससे बार बार शालु को करेन्ट सा लगने लगता है।
शालु;मुझे घर जाना है ये कह के वो जैसे ही उठती है वापस बैठ जाती है।उसका दरद नाक़ाबिल बर्दाश्त था।
देवा;काकी ऐसा करते है मै आपको गोद में उठाके घर ले चलता हूँ।
शालु;नहीं नहीं मै चली जाऊँगी।
वो एक बार फिर उठने की कोशिश करती है और फिर चीख़ के नीचे बैठ जाती है।
देवा;इस बार शालु से नहीं पूछता वो एक हाथ गरदन के नीचे और दुसरा हाथ कमर के नीचे डाल के फूल से भी हलकी शालु को अपने मज़बूत बाँहों में उठा लेता है।
शालु;गिरने के डर से दोनों हाथ देवा के गर्दन में डाल देती है।
देवा;शालू को इसी तरह उठाके शालु के घर की तरफ चल पड़ता है।
धूप बहुत तेज़ होने के कारण गांव के सभी लोग घरो में या खेतों में थे।
रास्ता एकदम सुनसान था इसलिए शालु को भी किसी के देखने का डर नहीं था।
देवा;के हाथ की उँगलियाँ शालु की कमर को छू रही थी जिससे शालु को नशा सा छाने लगा था । उसे यक़ीन नहीं हो रहा था की देवा उसे इतनी आसानी से उठाके घर ले जा रहा है ।
देवा;काकी तुम बहुत हल्की हो मुझे लगा भारी होंगी।
शालु;अभी तो कह रहा था बहुत भारी हूँ मैं।
देवा;जब मैंने तुम्हें सही तरह से नहीं लिया था न अब सही बता रहा हूँ।
शालु;एक मुक्का देवा के छाती पे जड़ देती है और दोनों शालु के घर पहुँच जाते है।
शालु;अंदर चलके चाय पी’।
देवा;नहीं मुझे हवेली में कुछ काम है ये कह के देवा शालु को कातिल नज़रों से घूरता हुआ हवेली चला जाता है जहाँ रानी और दिल ही दिल में रुक्मणी भी उसका बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी।
अपडेट 12 – Indian MILF
देवा;जब देवा हवेली पहुँचता है तो उसे बाहर कोई नज़र नहीं आता।
वो ड़रते ड़रते हवेली के अंदर जाने के लिए कदम बढाता है की अंदर से आती पदमा से टकरा जाता है।
पदमा;अंधे हो गये हो क्या देख के नहीं चल सकते।
देवा;काकी वो मैं…..
पदमा;बस बस रहने दो। तुम किसी काम के नहीं हो ।
देवा;कुछ बोलता उससे पहले रुक्मणी वहां आ जाती है रुक्मणी के आते ही पदमा अपना काम करने किचन में चली जाती है।
रुक्मणी;अरे देवा बैठो रानी आती ही होगी।
देवा;नहीं मालकिन मै ठीक हूँ।
आपकी तबियत अब कैसी है।
रुक्मणी: बिलकुल ठीक हूँ।
पसंद आये कपडे तुम्हारे माँ और बहन को।
देवा;हाँ मालकिन बहुत पसंद आई।
कुछ देर बाद रानी भी वहां आ जाती है।
आज उसने इतनी पतली शलवार क़मीज़ पहनी थी की रुक्मणी उसे बोले बिना नहीं रह पाई।
रुक्मणी;बेटी ऐसे कपडे पहन के बाहर जाना ठीक नहीं है।
रानी;मुझे क्या पहनना चाहिए क्या नहीं ये मुझे आपसे सीखने की ज़रूरत नहीं है।बेहतर होंगा आप अपने काम से काम रखे।
रुक्मणी;चेहरे पे हंसी पर दिल में दर्द लिए उन दोनों के पास से उठके चली जाती है।
रानी;चलो देवा चलते है।
देवा;चुप चाप कार स्टार्ट करके उसे रास्ते पे चला देता है।
रानी;क्या हुआ बड़े गुमशूम लग रहे हो।
देवा;नहीं ऐसे कोई बात नहीं मालकिन।
रानी;हम्म वैसे आज बहुत हैण्डसम लग रहे हो तुम।
देवा; हैण्डसम ..वो क्या होता है ।
रानी; हैंडसम मतलब दिलक़श हसीन खुबसुरत।
देवा;बस बस मालकिन आप तो कुछ भी कहती है।देवा रानी के मुंह से अपनी तारीफ सुनके चने के झाड पे चढने लगा था।
रानी; अच्छा कार रोक दो और मुझे चलाने दो।
देवा;थोडी देर बाद उसे सुनसान रास्ते पर कार रोक देता है और अपने जगह से उठके साइड में जाने लगता है पर रानी उसे वही बैठने को कहती है।
रानी;अरे बाबा तुम वही बैठो । मै तुम्हारे गोद में बैठ के चलाती हूँ। कही मै कार किसी को ठोक दी तो।।
देवा;न चाहते हुए भी रानी को अपनी गोद में बैठाने पे मजबूर था।
रानी;उछल के देवा के गोद में जाके बैठ जाती है।
देवा;के लंड पे झटका लगता है क्यों की रानी बैठने के बाद अपनी गाण्ड देवा के लंड पे आगे पीछे घिस रही थी।
रानी;चलो मै स्टार्ट करती हूँ तुम ऐसा करो एक हाथ से मुझे पकड़ लो और एक हाथ स्टेरिंग पे रख दो ठीक है।
देवा;चुप रहता है उसे ये सब ठीक नहीं लग रहा था पर वो कर भी कुछ नहीं सकता था।
रानी कार स्लो स्पीड में चलाने लगती है और बार बार सामने देखने के बहाने थोड़ा उठ के बैठ जाती है जिससे देवा का लंड कुचलता जाता है।
देवा;आहह मलकिन
रानी;क्या हुआ देव।
देवा;आप एक जगह बैठ के कार चलाओ।
रानी;मुस्कुराते हुए ठीक है। देखो ऐसे ठीक है न।
वो अपनी कमर को देवा के लंड के ठीक ऊपर रख के बैठ जाती है पतली शलवार होने के कारण देवा का लंड सीधा रानी के कमर के बीच में सट के चिपक जाता है।
कार स्लो स्पीड में चलते रहती है और रानी अपनी पीठ को पीछे करते हुए देवा की छाती से चिपका देती है।
देवा;मालकिन आप ऐसा क्यों कर रही है।
रानी;कार रोक देती है और देवा जिस हाथ से रानी का पेट पकडे हुए था उसे अपने हाथ में पकड़ के ब्रैस्ट पे रख देती है।
देवा; झट से हाथ हटा देता है।
रानी;फिर से देवा का हाथ अपने ब्रैस्ट पे रख के उसे दबाती है जिससे देवा के हाथ में फँसे हुए परी के ब्रैस्ट भी दबने लगते है।
देवा;के लंड में हलचल से होने लगती है मरद खुद को कितना भी कण्ट्रोल रखने के कोशिश कर ले। पर जब सामने वाली खुले आम चूत परोस रही हो तो कौन नहीं बहकना चाहेगा।
रानी;अपना गाल देवा के गाल पे रगडते हुए धीरे धीरे अपनी ब्रैस्ट मसलवाने लगती है।
देवा;मालकिन मालिक मुझे जान से मार देंगे अगर उन्हें पता चला की……
रानी;आहह कुछ नहीं होंगा तुम्हें। जब तक मै हूँ बस तुम आहः
देवा;नहीं नहीं मालकिन ये गलत है और देवा रानी को अपने गोद में से उठाके साइड में बैठा देता है।
रानी को यक़ीन नहीं होता की मछली चारा मुंह में लेने के बाद उगल गई
वो चुप चाप बैठ जाते है और देवा कार हवेली की तरफ दौड़ा देता है।
रास्ते में रानी ज़ोर से चीखती है ।
देवा;घबरा के कार रोक देता है।क्या हुआ मालकिन
रानी; आहह मुझे कोई चीज़ काट रही है आहह माँ लगता है बिच्छु है।
देवा;कहाँ मॉल्किन
रानी;इशारे से अपनी जांघ के पास इशारा करती है।
देवा; हम हवेली चलते है आप को वहां देख लेंगे।
रानी;कैसे इंसान हो तुम मै यहाँ दर्द से मर रही हूँ और तुम मुझे देख भी नहीं रहे मुझे बहुत दर्द हो रहा है आहः
देवा;अपना हाथ रानी के जांघ पे रख के देखने लगता है यहाँ दर्द हो रहा है क्या।
रानी;आहह नहीं ऊपर आहह जल्दी कुछ करो न। माँ…..
देवा;क्या करू क्या करुं
रानी;अरे मेरी शलवार उतार के देखो कही ज़हर न चढ़ जाये मुझे आहः
देवा;नहीं कुछ नहीं होंगा मालकिन आप को। देवा काँपते हाथों से रानी की शलवार का नाड़ा खोल देता है।
Dosto Indian MILF story kaise lagi jarur batana comments me thanks