Fantasy बॉलीवुड की मस्त सेक्सी कहानियाँ – Bollywood sex

रेखा और डिंपल दोनो ही अब पूरे जोश में आगयि और दोनो में मेरे लौडे को चूसने की होड़ लग गयी. मैने उनसे कहा कि तुम लोग ज़रा सबर रखो और मेरे कहे अनुसार करो, अगर ज़िंदगी का असली मज़ा लेना है तो. जैसा मैं तुम्हे पहले ही कह चुका हूँ, तुम दोनो को एक साथ ही चोदूगा. फिर मैने अपने बॅग से एक सिक्का निकाल कर कहा कि अब मैं टॉस करता हूँ और तुम दोनो में से जो टॉस जीतेगी वह पहले मेरे असली लौडे से चुदवाने की हकदार होगी. मैने सिक्का उछाला और दोनो हाथों मैं कॅच करके उसे छिपा लिया और रेखा से पूछा कि चित है या पट. वो बोली चित भी मेरा पट भी मेरा और लौडा मेरी चूत का.

यह सुनकर मैं और डिंपल दोनो हँसने लगे और डिंपल बोली कि जा साली तू ही लेले पहले असली लौडे का मज़ा, आख़िर इस मादरचोद को तूही तो ढूँढ कर लाई है और ये घर भी तेरा ही है ना. मैने डिंपल की दाहिनी चूची को मसल्ते हुए पूछा कि ये तुम दोनो मुझे बार बार मादरचोद क्यों कह रही हो. उसने जवाब दिया अर्रे भोसड़ी के हम दोनो ही तेरी माँ की उमर की ही हैं और कितनी देर से तू हम दोनो का दूध हमारी चूचियों को दबा दबा कर पी रहा है और अब जबकि तू हम दोनो को चोदने जा रहा है तो तू मादरचोद कहलाएगा कि नहीं?

मैने अब उसकी बाई चूची को मूँह में लेकर उसके निपल को अपने होठों से कस कर दबा दिया और कहा हाँ ये बात तो सही है पर तुम दोनो ने अपना शरीर इतना संभाल कर रखा है कि दोनो ही कई नई हीरोइनो से भी छोटी और ज़्यादा सेक्सी लगती हो. मेरे मूह से यह
सुनकर दोनो की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और लगीं मुझे फिर से चिपटकर चूमने. कुच्छ देर बाद मैने कहा आओ मेरी रानियों अब अपन
चुदाई का कार्यक्रम शुरू करें.

अब मैने अपने बॅग से खास ऑर्डर देकर स्वीडन से इम्पोर्ट किया हुआ डिल्डो(नकली लॉडा, जो बिल्कुल असली की तरह ही दिखता है) निकाला. इस डिल्डो में एक पट्टा(बेल्ट) था जो मैने अपनी छाती पर बाँध लिया. डिंपल समझ गयी और आकर मेरी छाती पर धीरे से डिल्डो को अपनी चूत में घुसाते हुए बैठ गयी, मेरी ओर मुँह करके. मैने उसके दोनो तने हुए उरोजो को अपनी हथेलियों में भर लिया और बहुत ही प्यार से उन्हे दबाने और सहलाने लगा. वो बोली ज़रा ज़ोर से दबा ना जैसे की आटा गूँधा जाता है, तब तो मुझे मज़ा आएगा.

मैं बोला अर्रे रंडी थोड़ा सबर कर, सब कुच्छ करूँगा लेकिन अपनी स्पीड से और मज़ा लेते हुए. तब तक रेखा मेरे लंड को अपने मुँह में ले चुकी थी और प्यार से सॉफ्टी की तरह उसे चूस रही थी और अपने दोनो हाथों से मेरे अंडकोष को सहला रही थी. सामने डिंपल के बैठे होने के कारण मुझे रेखा का चेहरा दिखाई नहीं पड़ रहा था पर उसकी चूचियाँ मेरी जांघों पर रगड़ खा रही थी और मुझे इसमे बहुत ही आनंद
मिल रहा था.

मैने रेखा से कहा अर्री ओ चुदक्कड, जब भी तेरा मन हो मेरे लौडे पर चढ़ जाना और मुझे बताती जाना कि अपने लंड को कितना लंबा और मोटा करूँ. उसने लौडे से मुँह हटाकर कहा तू तो पहले ही इसे 8 इंची लंबा और करीब 2 1/2 इंच मोटा बना दे, और एकदम कड़क और
खुदुरा भी बना दे, उसके बाद चुदाते समय मैं फिर से बताउन्गी.

मैने अपने लौडे को 10 से 15 सेकेंड में ही वैसा बना दिया तो रेखा खुशी से चीख उठी और डिंपल भी पलट कर देखने लगी और बोली वाह भाई इसका लंड तो वाकई कमाल का है. मैने उसे कहा अरे तू क्यों घबरा रही है ले मेरे डिल्डो को भी बढ़ा देता हूँ. इतना कहकर मैने बेल्ट में लगा एक बटन दबाया तो डिल्डो भी आकार में बड़ा होने लगा. मैने डिंपल को वह स्विच दिखा दिया और कहा कि अपनी ज़रूरत के मुताबिक तू डिल्डो को छोटा और बड़ा कर लेना.

अब रेखा मेरे लंड को अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी पर उसकी मोटाई कुच्छ ज़्यादा ही उसने करवा ली थी इसलिए वो घुस नहीं पा रहा था. मैने अंदाज़ से लंड का डाइयामीटर कुछ कम करके अपनी गान्ड को ज़ोर से उच्छाला तो पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक एक ही बार में फ़च्छ से धँस गया क्योंकि उसकी चूत पहले ही बहुत गीली हो चुकी थी. मैने अपने घुटने उठा लिए थे और रेखा दोनो घुटनों के सहारे अपने शरीर को ऊपर नीचे करते हुए लौडे को धकधक चोदने लगी. अब इधर डिंपल ने भी डिल्डो को अड्जस्ट करना सीख लिया था और वह भी खूब मज़े से डिल्डो को चोद रही थी .

चोदते समय दोनो के मम्मे खूब ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रहे थे और मुझे उनको देखकर ही बड़ी मस्ती आ रही थी, हालाँकि रेखा के मम्मे मुझे पूरी तरह दिखाई नही पड़ रहे थे. खैर अब मैं भी चुदाई का मज़ा लेने लगा और उन दोनो के नीचे आते समय मैं भी ऊपर को उच्छल उच्छल कर नीचे से ही उन दोनो को एक साथ चोदने लगा. अचानक डिंपल रुक गयी और बोली रेखा की चूत को तो तू अपने लौडे का रस पिला देगा और मेरा क्या होगा? मैने कहा अर्री हरामजादी तू सबर क्यों नहीं करती है. मेरा डिल्डो वो हर काम करेगा जो कोई असली लंड
करता है, बल्कि कई मायनों में उस से भी बढ़ कर. चल अब पेल्वाना शुरू कर डिल्डो से. रेखा से भी मैने कहा कि जी भर के मेरे लौडे का स्वाद लेले मेरी रानी और जब तुझे लगे कि तू झरने वाली है तो तू ज़ोर से आवाज़ कर के मुझे बता देना ताकि हम दोनो साथ साथ ही झडे,
क्योंकि एक साथ झड़ने में परम आनंद की प्राप्ति होती है. रेखा दोनों हाथ जोड़कर बोली जी गुरुदेव. उसकी इस अदा पर मुझे इतने ज़ोर की
हँसी आई की डिल्डो डिंपल की चूत में और मेरा लंड रेखा की चूत में बहुत अंदर तक घुस गये और दोनो ही परम आनंद से चीख पड़ीं.

अब मैने नीचे से धक्का मारते मारते अपना सिर उठाकर डिंपल का एक स्तन अपने मुँह में ले लिया और दूसरे को मसल्ने लगा.रेखा के स्तनों को चूसना तो संभव नहीं था, परंतु बीच बीच में मैं अपने दोनो हाथों को बढ़ाकर उसकी दोनो चूचियों को मसल देता था और वह उत्तेजित होकर सिसकारियाँ निकाल देती थी. दोनो ही संभोग का पूरा आनंद ले रही थी जो उन दोनो के चेहरे देखकर कोई भी जान सकता था. दोनो ही इस कोशिश में थी कि किसी प्रकार इस सुख को देर तक भोगा जाए. लेकिन आख़िर दोनो ही थी तो हाड़ माँस की बनी हुई. कहाँ तक
खींचती. उनके चेहरों से लगने लगा था कि अब ये दोनो कुछ ही मिनटों की मेहमान हैं. पहले रेखा ने अपना दम तोड़ा क्योंकि असली आख़िर असली होता है. चिल्लाकर बोली अर्रे ओ हरामी मादरचोद जल्दी से मेरे भोस्डे में अपने लंड का पूरा रस भर दे, अब मैं झरने ही वाली हूँ.
आज तक किसीने भी मेरी पूरी गहराइयों में जाकर नहीं चोदा जैसे तेरे लौडे ने चोदा है. काश ये लंड हमेशा मेरी चूत में ऐसे ही घुसा रहे.
आआआः बस अब तो मैं गयी, अब दे दे ना रे मादरचोद.

उसकी चूत के सिकुड़ने और फैलने से मैने सही अंदाज़ लगाकर अपने लंड के रस की धार एक के बाद एक उसकी चूत में छोड़ दी और उसी समय वह भी झड गयी. जोश में आकर उसने पीछे से डिंपल की दोनो चूचियों को अपने हाथों से कसकर भींच लिया, इतना ज़ोर से कि वह भी तुरंत ही झड गयी और मुझे उसी समय डिल्डो का दूसरा बटन दबा कर अंदर भरा हुआ गरम मलाईदार दूध उसकी चूत में छोड़ना पड़ा. इतना होते ही वह थोड़ी पीछे खिसकी और अपने होठों को मेरे होठों पर चिपका दिया और लगातार मुझे इतनी देर तक चूमती रही कि जैसे होठों को हटा लेने पर उसकी जान ही चली जाएगी.

दोनो ही चुदक्कड अब पूरी तरह तृप्त हो चुकी थी, और कपड़े पहनने की तैयारी करने लगीं. मैने कहा वाह रे तुम दोनो बड़ी मतलबी निकली, मुझे तो चोदने ही नहीं दिया. और डिंपल ने तो अभी असली लौडे से चुदवाया ही नहीं है.

डिंपल बोली अर्रे भोसड़ी के थोड़ी साँस तो लेने दे . क्या हम लोगों की चूत का कीमा बना के खाएगा? चलो अब चल के कुच्छ खाते पीते हैं फिर हम लोगों के शरीर में कुच्छ जान आ जाएगी और तब दूसरा सेशन चलेगा चुदाई का, क्यों रेखा?
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रेखा बोली हां री लगता है ये साला हम दोनो की चूतो की चटनी बना कर ही दम लेगा.मैने कहा अर्री रंडियों अभी तक तो तुम दोनो मुझे चोद रही थी. मैने अभी तुम्हे चोदा ही कहाँ है. मैं अपने असली रूप मे आ गया तो दोनो की चूतो के चिथड़े चिथड़े उड़ जाएँगे. मुझे गुस्सा मत दिलाओ नहीं तो ज़िंदगी भर गाती रहोगी कि इक चूत के टुकड़े हज़ार हुए, कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा.

ये सुन कर दोनो ही हँसने लगीं और आगे और पीच्चे से मुझसे लिपट गयीं. बोली कि चलो राजा कुछ खाते पीते हैं और हम दोनो में ज़रा ताक़त आ जाए तब तुम भी ज़रा प्यार से हमे चोद लेना, चिथड़े मत बना देना हमारी चूतो के. अभी तो कई सालों तक हमें तुम्हारे लंड का
मज़ा लेना है. अब हम तीनों दूसरे कमरे मे खाने की मेज़ की तरफ चले, मैं बीच मे था और ये दोनो अगल बगल. इनके कंधों पर से होकर
मेरे हाथों में इन दोनो की एक एक चूची थी और ये दोनो बड़े ही प्यार से मेरे लौडे को सहला रही थी.

रेखा ने तरह तरह की वेज और नों-वेज डिशस मंगवा कर रखी थी जिनको वह माइक्रोवेव ओवेन में गर्म कर के तीनों को परोस रही थी. मैने चिकन की एक टॅग्डी खाते हुए कहा : अर्रे तुम दोनो ही मेरे लिए गरमा गरम डिश हो, और मैं तुम दोनो के लिए. खैर इसी तरह गप्पे लगाते हुए और मज़ा लेते हुए तीनों ने थोड़ी थोड़ी विस्की सीप करते हुए खाना खाया. अब देखो रेखा की बदमाशी. साली ने अपने और डिंपल के मम्मो पर रबड़ी डाल दी और मुझसे बोली ले डिज़र्ट खा ले भोसड़ी के, तू भी क्या याद करेगा.

मुझे तो मानो मन माँगी मुराद मिल गयी.चाटते जाता था और चूस्ते चूस्ते दाँतों से चूचियों को काट लेता था. दोनो को खूब ही मस्ती आरहि थी. अब रेखा ने मेरे लौडे पर और अपनी चूत पर रबड़ी डाली और लगी मेरा लंड चूसने और उसकी चूत को डिंपल चूसने लगी. ऐसा ही खेल कुच्छ देर चलता रहा. फिर से अब हम तीनो चुदाई के अगले सेशन के लिए तैयार हो गये थे. बेड रूम की ओर जाते हुए रेखा डिंपल से बोली
आज तक मुझे चुदाई में इतना मज़ा नहीं आया जितना कि इसके लौडे ने दिया है.

डिंपल बोली अर्रे मुझे तो आज तक किसी असली लंड से वो मज़ा नहीं मिला जो इसके डिल्डो ने दिया है.

रेखा बोली अररी चुदक्कड अब असली लंड पेल्वाने की तेरी बारी है. देख लेना तेरी चूत के ऐसे ऐसे कोनों में यह लौडा पहुँचेगा जहाँ कोई
लौडा आज तक नहीं घुसा होगा.

अब बेडरूम में हम तीनो उसी पुराने पोज़ में थे, फ़र्क बस इतना था कि डिंपल की जगह रेखा आ गई थी और उसकी जगह डिंपल. डिंपल बोली कि मुझे तो तू 7 इंच लंबा और 2 इंच डाइयामीटर का लौडा पहले देदे फिर ज़रूरत हुई तो मैं बढ़वा लूँगी.अभी डिंपल मेरे लंड से खेलते हुए उसे सहला ही रही थी कि रेखा ने डिल्डो को अपनी चूत मे ले लिया और लंबा-छोटा करने वाले स्विच को बार बार दबाने लगी तो बिना हीले ही उसकी चुदाई होने लगी. पीछे से देखने पर डिंपल को लगा कि डिल्डो में कोई चोदने का बटन भी है, और लगी मुझसे झगड़ने कि उसे क्यों नहीं बताया मैने इस बारे में.

मैने उस से कहा अर्री गधि इसमे चोदने का कोई बटन नहीं है ये तो इस चुदक्कड के दिमाग़ की उपज है कि छोटा और बड़ा करने के स्विच को साली बार बार दबा रही है और तुझे पीछे से ऐसा भ्रम हो रहा है कि मानो डिल्डो खुद ही रेखा को चोद रहा है.

डिंपल बोली हाए ये आइडिया मेरे दिमाग़ में क्यों नहीं आया. खैर अब तो मेरा लंड उसके मन मुताबिक तैयार हो गया था और वह मेरे लंड पर बैठ गई और होने लगी ऊपर नीचे. मैने उस से कहा चुपचाप बैठ जा और देख मेरे लंड का कमाल. मेरा लौडा अब उसकी चूत में अपने आप ऊपर नीचे होने लगा और पट्ठि बिना मेहनत के असली चुदाई का मज़ा लेने लगी. अब रेखा की बारी थी शिकायत करने की. मैने रेखा से
कहा साली छिनाल रंडी, अभी तो सारी रात पड़ी है, तू तो देखती जा और दिल लगा कर चुदवाती चल. अभी तो कई तरह के खेल दिखाउन्गा,
और इतना चोदून्गा की फिर कम से कम एक महीने तक तुम दोनो को लौडे की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी.
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रात भर नये नये एक्सपेरिमेंट करते हुए हम तीनो ने जी भर के चुदाई का खेल खेला. एक बार मैने डिंपल के बालों मे अपना लंड घुसा कर उसके घने रेशमी बालों को चोद्कर अपनी फॅंटेसी को जी भरके जी लिया और उसके बालों में ही झड गया, रेखा के मम्मे चूस्ते हुए. एक बार मैने डिल्डो को अपनी गान्ड की तरफ बाँध लिया और खड़े खड़े दोनो को एक साथ चोदा जिसमे हम तीनो को ही बहुत मज़ा आया. करीब सुबह 5 बजे हम तीनों पूरी तरह से तृप्त होकर सो गये. सोते समय डिंपल का दाहिना मम्मा मेरे मूँह में था और मेरा लौडा रेखा के मूँह
में.डिंपल डिल्डो को मूँह में लेकर सो गयी. पूरी रात में मैने इन दोनो को चार चार बार चोदा था. अगल बगल लिटाकर बारी बारी से पाँच पाँच धक्के ऐसे मारता था कि ये चीखने लगती थी कभी मज़े से तो कभी मीठे मीठे दर्द से. इसके अलावा एक एक बार दोनो के मम्मों के बीच की
घाटी में लंड पेलते हुए उनके मूँह में झडा और दोनो ने मेरे लौडे के रस को बहुत ही स्वाद से चटखारे लेते हुए पी लिया.
Imageसुबह करीब पौने बारह बजे हम तीनों की नींद खुली तो बेड टी पी कर, तीनो टाय्लेट की ऑर चल पड़े. रेखा बोली घबराओ नही, यहाँ के टाय्लेट मैं तीन जने एक साथ जा सकें ऐसी व्यवस्था है. हम तीनो अगल बगल के कमोडेज़ पर बैठ गये और एक दूसरे के गुप्तांगो को मसल रहे थे और सहला रहे थे. रेखा और डिंपल दोनो ने ही अपना काम जल्दी फिनिश कर लिया और रेखा तो अपने मम्मे मुझसे चुसवाने लगी
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जबकि डिंपल मेरे लौडे को सहलाती जाती थी और अपने मम्मे रेखा के मूँह मे दे कर चुस्वा रही थी. इतनी देर में मेरा लौडा पूरी तरह तय्यार हो गया था. वहाँ भी दोनो ने मेरे लंड का जी भर कर बारी बारी से मज़ा लिया. फिर हम तीनो साथ साथ शवर में नहाने लगे और नहाते हुए भी मैने इन दोनो को एक एक बार और चोद दिया.
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अब हम तीनो ने निश्चय कर लिया कि कम से कम हर महीने के पहले शनि- रविवार को जी भरके संभोग का एक साथ आनंद लेंगे. चिपट चिपट कर चूमते और चाट ते हुए हम तीनो इस तरह जुदा हुए : तीनो के होंठ मिले हुए, मेरी दोनो हथेलियों में इन दोनो का एक एक मम्मा
और इन दोनो का एक एक हाथ मेरे लौडे और अंडों पर और एक एक हाथ एक दूसरे के बचे हुए मम्मे पर.

जब मैं और डिंपल बाहर जाने लगे तो रेखा गुनगुनाने लगी :

‘हाए रे ये लंबी चुदाई, हमारी चूतो के लिए मज़े लाई.

बड़ी मस्त थी लौडे की मलाई, जो मूह और चूत मे पेल के पिलाई ‘

उसके बाद हम तीनो का ये चुदाई का प्रोग्राम एक मासिक धर्म की तरह शुरू हो गया!

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समाप्त
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