Fantasy बॉलीवुड की मस्त सेक्सी कहानियाँ – Bollywood sex

रेखा और डिंपल कपाड़िया की चुदाई

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रेखा की किसी सहेली ने (जिसे मैने शायद हाल ही में चोदा था), उसे मेरे लौडे की ख़ासियत के बारे मे बताया था. रेखा तो है ही एक नंबर की चुदक्कड. जैसे ही उसे मेरे लौडे के गुण और मेरे चोदने का स्टाइल मालूम हुआ, उसने मेरे पीछे अपना एक एजेंट लगा दिया. उसने मेरा नंबर पता लगा कर मुझ से मिलने के लिए फोन किया. मिलने पर उसने बताया कि रेखा बेबी तुम्हारे साथ संभोग करना चाहती है और इसके लिए वो मुझे मुहमांगे पैसे देने को तैयार है.खैर मैं भी कई दिनो से उसे चोदने की सोच रहा था, क्योकि जब वा इतने मस्त चुदाई के सीन फिल्मों मे दे सकती है तो रियल लाइफ में कैसे चुदाति होगी यह जानने को मैं और मेरा लॉडा, दोनो ही बहुत उत्सुक थे. पर मेरा ये उसूल है कि चुदवाने
की पहल लड़की/महिला की तरफ से होनी चाहिए. खैर मैने उसके एजेंट से बता दिया कि मैं चोदने के पैसे नहीं लेता हूँ, बस मेरी कुच्छ शर्तें हैं जो मैं मेडम को फोन पर ही बता दूँगा. उसने रेखा को यह बात बता दी और अगले ही घंटे में उसका फोन मेरे पास आ गया. उसके शर्त
पूच्छने के बाद अपनी भी शर्त लगा दी. मेरी शर्तें थी कि चुदाई के पहले : 1.अच्छि तरह नहाकर बालो में दो बार शम्पू करे.2.चूत,
चूचियों,कुचग्रो, बगल, नाक, माथे,गर्दन और गालों पर मोगरे का या गुलाब का पर्फ्यूम लगाए और 3.थोड़ा सा भी मेक-अप ना करे.
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रेखा की शर्त यह थी कि उसकी एक ख़ास दोस्त भी उसके साथ रहेगी जिसका नाम वह नहीं बताएगी और मुझे दोनो को ही चोदना होगा. मुझे उसकी यह शर्त मंज़ूर थी बशर्ते उसकी दोस्त भी मेरी शर्त के अनुसार ही अपने शरीर को चुदवाने के लिए तैयार करे. रेखा ने फोन पर
ही मुझे लंबा सा चुंबन ज़ोर की आवाज़ के साथ दिया जिसका जवाब मैने भी उसी अंदाज़ में दे दिया.उसने कहा कि वो सारा अरेंज्मेंट कर के मुझे फोन करेगी और फिर अपना ड्राइवर मुझे लेने के लिए भेज देगी.

अब मैं उसके फोन का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था कि अगले ही दिन उसका फोन आ गया. बहुत ही प्यार से बोली कि आजाओ मेरे राजा मैं ड्राइवर भेज रही हूँ. कार के साथ, घर का और हमारी चूतो का दरवाज़ा तुम्हारे लिए खुला हुआ है. जल्दी से यहाँ आकर हम दोनो सहेलियों की खुजली को मिटा दो.

जब उसके फ्लॅट पर पहुँचा तो देखा कि रेखा अपने असली रूप में लो नेक का ब्लाउस और माइक्रो मिनी स्कर्ट पहने हुए है और उसके बाल खुले हुए और शॅमपू की वजह से खूब घने लग रहे थे.

मैं उसकी बगल में सोफे पर बैठ गया और पूछा कि उसकी दोस्त कहाँ है. वह मुस्कुरा कर बोली अभी तैयार हो कर आ रही है, ऐसी भी क्या बेचैनी है, मैं हूँ ना तब तक तुम्हारा दिल बहलाने के लिए, और मुझसे सटकर बैठ गयी.उसके पास से मोघहरे की भीनी भीनी खुश्बू आरहि थी
जिसके कारण मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया था.

शायद आप लोगों ने महसूस किया होगा पर मैं तो निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि लौडे का अपना एक अलग ही दिमाग़ होता है, जो उसमे
खून उतर आने के बाद काम करने लगता है और फिर वो हमारे दिमाग़ की एक नहीं सुनता है और अपनी मर्ज़ी से ही चलता है.

रेखा बोली कि जब तक मेरी सहेली आती है, तब तक तुम अपने लंड की खूबियाँ बताओ. मैने पूछा कि क्या तुम्हे मालूम नहीं, तो वह बोली कि मालूम तो है पर मैं तुम्हारी ज़ुबानी सुनना चाहती हूँ. मैने उसे बताया कि मेरा लॉडा ऐसा है कि चुदवाने वाली जैसा चाहेगी वैसा ही रूप धारण कर लेगा और वैसा ही काम करेगा. उसने पूछा कि मतलब क्या है इस बात का.
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मैने कहा कि अर्रे इतना भी नहीं समझती. मान लो तुम्हारी चूत ज़्यादा गहरी है और ज़्यादा चौड़ी भी है तो चुदते वक़्त तुम मुझसे कहना कि और अंदर तक घुसाओ या और मोटा करो लौडे को, तो मैं वैसा ही कर दूँगा.यदि तुम चाहो तो लौडा चिकना या खुदुरा भी हो सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि तुम जब चाहो मुझे कह कर लौडे का रस अपनी चूत में डलवा सकती हो, यानी कि चाहो तो 2 मिनिट में और चाहो तो आधे घंटे में. रस कैसा चाहिए – गरम या ठंडा, गाढ़ा या पतला, खुश्बूवाला, मीठा या खट्टा या नमकीन या जैसा स्वाद तुम्हे पसंद हो. खैर खुश्बू और स्वाद की ज़रूरत तो तब पड़ेगी जब तुम मेरे लंड को चूसोगी और उसे झडा कर उसका रस पियोगी. इतनी बात करते करते ही रेखा के
चेहरे पर चुदवाने की इच्च्छा सॉफ दिखाई देने लगी थी और वह मुझ से और भी सट कर बैठ गई थी, यहाँ तक की उसकी दाहिनी चूची मेरी बाँह से दबने लगी. मैने उसे अपनी बाहों में भर कर उसके गर्म होठों पर एक लंबा चुंबन जड़ दिया और दोनो हाथों से उसकी चूचियों को हल्के हल्के मसल्ने लगा. इस उमर में भी साली के बोबे बड़े ही मस्त और कड़े थे. उसने मुझे प्यार से रोक कर कहा कि अब हम ख़ास
चुदाई के लिए बने हुए कमरे में चलते हैं और वहाँ के मस्त माहौल में आगे होने वाले संभोग की तैयारी करेंगे.मेरी सहेली वहीं पर आ जाएगी.वो मेरी बाँह से अपनी चूची को रगड़ते हुए मुझे लगभग घसीट कर ऊपर सीढ़ियों से ले गयी. जैसे ही उस ख़ास कमरे को उसने खोला तो अंदर बहुत तेज़ आवाज़ में एक सेक्सी गाना बज रहा था. उसने मेरे साथ फिर बाहर आकर दरवाज़ा बंद कर दिया तो आवाज़ एकदम बंद हो
गयी. वो बोली की यह कमरा साउंडप्रूफ है क्योंकि मैं चुदवाते समय बहुत गंदी गंदी बातें करती हूँ, इसलिए इस कमरे को ऐसा बनवाया गया है.

फिर से हम दोनो अंदर गये और उसने गाने का वॉल्यूम कम कर दिया, फिर मुझे तुरंत ही एक बहुत बड़े गोल पलंग पर धक्का दे कर गिरा दिया और मुझ से चिपट गयी. बोली आज देखती हूँ कि तू मुझे मेरे ‘ अब बस’ कहने तक चोद पाता है या नहीं. मैने कहा कि यह तो वक़्त ही बताएगा, और यह कहते हुए मैने अपने दाँत उसकी दाहिनी चूची पर ब्लाउस के ऊपर से ही हल्के से गढ़ा दिए. वो मुस्कुरा कर बोली अर्रे मादरचोद ब्लाउस तो निकाल ले फिर दोनो हाथों से पकड़ कर मेरे इन दोनो को दबाना और अपने मूँह में लेकर मेरे निपल को चूसना, चाटना और जी भर कर दांतो से काटना.

यह सुन कर मैं उत्तेजित हो गया और एक ही झटके मे उसके ब्लाउस के बटन तोड़ते हुए उसे फाड़ डाला. उसके दोनो कड़े कड़े मस्त स्तन बाहर आ गये क्योंकि वो ब्रा नहीं पहनी थी. अब मैने बिना समय गँवाए एक हाथ से एक मम्मे को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को हौले हौले मसल्ने लगा. वह भी अब पूरे जोश में आ गयी थी और अपने सारे कपड़े उतारकर मेरे कपड़े भी उसने
आनन फानन में उतार डाले. लंड देख कर बोली अर्रे यह तो छोटा सा नुन्नु है, इस से क्या तू मेरे भोसड़े की प्यास बुझा पाएगा.

मैने कहा अर्रे हरामजादी इसको अपने मूँह में लेकर अच्छे से चूस फिर देखना इसका कमाल. अगर इसने तेरे भोस्डे का बंभोसड़ा ना बना दिया तो कहना.

इससे पहले कि वह मेरे लौडे को अपने मुँह में ले पाती दरवाज़ा खुला और मैं क्या देखता हूँ कि मेरे सपनों की रानी डिंपल अपने घने बालो से अपनी चूचियों को छिपाये हुए पूरी नंगी अंदर आ गयी है. एक तो उसके बाल वैसे ही खूब घने हैं और दो बार शॅमपू करने के कारण तो बस देखते ही बन रहे थे. मेरी तो इच्च्छा हो रही थी कि साली के बालों में ही अपना लंड पेल दूँ. आते ही रेखा से बोली क्यों री भोसड़ीवाली, अकेले
ही लौडा खलेगी क्या. तेरे को ज़रा भी सबर नहीं कि अपनी सहेली को भी आ जाने दूँ. चल हट और अब मैं जब तक इसके लौडे को चूस कर बड़ा करती हूँ, तू मेरी चूचियो को चूस.

रेखा उसकी बात सुनकर हंस दी और दौड़कर उससे चिपट गयी और उसके होठों को चूसने लगी, और अपनी चूचियों से उसकी चूचियाँ रगड़ने लगी. दोनो एक दूसरे मे इतने खो गये कि मेरी उपस्थिति को भुला बैठे. अब वो पूरी तरह उत्तेजित होकर एक दूसरे से चिपक गयीं
और लगी अपनी चूतो को आपस में रगड़ने. रेखा ने डिंपल के होठ चूस्ते चूस्ते दांतो से काट लिया और उसकी चूचियों को भींच लिया. इनका ये खेल कोई पाँच मिनिट तक ऐसे ही चलता रहा.

थोड़ी देर को मुझे लगा कि कहीं ये दोनो आपस में ही मोहब्बत कर के अपनी हवस ना पूरी कर लें और मेरा लंड प्यासा ही रह जाए. पर ये मेरी ग़लतफहमी थी. थोड़ी देर और एक दूसरे को नोच खसोट कर ये दोनो मेरे अगल बगल आ गयीं और मुझे बेतहाशा चूमने और चाटने
लगीं.डिंपल मुझसे बोली कि जब हमें कोई मनपसद लंड नहीं मिलता है तो हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे की चूत की प्यास बुझा लेते हैं.

मेरा लौडा ज़रूर चूत का प्यासा है लेकिन मैं खुद बूब्स की गोलाईयो का दीवाना हूँ. इनको पेटभर कर चूस लूँ ,दबा लूँ, काट लूँ, मसल दूं, चाट लूँ,रस्पान कर लूँ,आटे जैसे गूँध लूँ आदि आदि, तो फिर मुझे और कुच्छ नहीं चाहिए. मेरे ळौडे का अपना दिमाग़ है और वो अपने हिसाब से
चुदाई का काम करता है और उसमे असली मज़ा लौडे को मिलता है और चुदवाने का मज़ा चूतवाली को मिलता है. मुझे तो बस प्यारे से बड़े
बड़े कड़क मम्मे मिल जाएँ, ताकि लौडा चोदता रहे और मैं मम्मों को मसल मसल कर उन्हे चूस्ता रहूं!

खैर अब रेखा ने डिंपल को प्यार से गालियाँ बकना शुरू कर दिया. बोली अररी रंडी चुदवाने के लिए इतनी ही तेरी चूत में खुजली हो रही थी तो इतनी देर क्यों कर दी आने में?. रास्ते में तेरे को क्या और कोई और लौडा मिल गया था पेल्वाने के लिए, साली चुदक्कड.

डिंपल बोली अर्रे माँ की लॉडी, सौ सौ लौडे रोज के खानेवाली, तेरे से मैं क्या बराबरी कर पाउन्गी रंडी. साली तूने तो अपने पेपरवाले को और यहांतक कि अपने घर के बच्चे जैसे नौकर को भी नहीं छोड़ा, और चली है मुझ पर इल्ज़ाम लगाने. चल मेरी चूचियों को मसल और चूस तब तक मैं इस चोदु के लौडे की खबर लेती हूँ. अर्रे बाप रे ये तो अपने आप ही तन्ना कर खड़ा हो गया है रे रेखा. देख तो सही कितना बांका,
लंबा और मोटा हो गया है , लगता है आज ये मादरचोद हम दोनो की चूतो की चटनी बना कर ही छोड़ेगा.

मैने डिंपल के होठों को चूम लिया और कहा नहीं मेरी जान, ऐसा नहीं है. मैं तुम दोनो को तुम्हारी इच्च्छा के अनुसार ही और बड़े प्यार से चोदुन्गा और तुम दोनो पूरी तरह से मस्त होकर और दिल खोलकर बिना डरे चुदवाओगी तो मैं तुम दोनो को वो मज़ा दूँगा कि जैसा तुमने कभी सपनों में भी नहीं सोचा होगा.

अब रेखा बोली कि तुम्हारा लौडा तो एक ही है ना, फिर हम दोनो को एक साथ कैसे मज़ा दोगे. मैने रेखा से कहा साली छिनाल क्या मैने तुझे बोला था कि अपनी दोस्त को भी बुला ले. खैर अब जब बुला ही लिया है तो तुम दोनो को एक साथ भी चोद दूँगा. तुम दोनो भी क्या याद करोगी कि किस मस्त लौडेवाले से पाला पड़ा था. दोनो को एक साथ चोदने का फ़ॉर्मूला भी है मेरे पास.

अब तो रेखा और डिंपल दोनो ही जोश में आ गयीं और मेरे शरीर के किसी भी हिस्से को उन दोनो ने अपने चुंबनो से और चुचिया रगड़ने से नहीं छोड़ा. इन दोनो का प्यार पा कर मैं भी मस्त हो गया था और जहाँ मेरा मन करता इन दोनो को चूमने लगा. फिर इन दोनो को अपने
सामने बैठाकर इनके चारों मम्मों और निप्प्लो को हाथों मे लेकर प्यार से दबाते हुए और मसल्ते हुए बारी बारी से चूसने,चूमने और काटने लगा.

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