अपडेट 44 – Chudai
रात के 9.30 बज चुके थे डॉली मैं और पापा हॉल मे बैठे टीवी देख रहे थे जबकि मम्मी और दीदी खाना लगाने की तैयारी कर रही थी इस दौरान जब भी डॉली से मेरी नज़रे मिली तो उसने हर बार शर्मा कर नज़रे झुका ली थी शायद वो आज दोपहर मे हुए वाकये को अभी तक भूली नही थी जबकि इधर मैं सोच रहा था की आज रात के लिए क्या जुगाड़ करू क्योंकि डॉली तो दिन मे ही फ़ुर्सत हो गई है और शायद रात मे वो ना आए और दीदी पता नही मानती थी या नही क्योंकि वो कल की गान्ड मरवाई के कारण वैसे ही दर्द से परेशान थी Chudai
मैं अभी अपनी इन्ही सोचो मे व्यस्त था की तभी मम्मी और दीदी खाना लेकर आ गई और हम सभी डाइनिंग टेबल पर आ गये और खाना शुरू हो गया इसी बीच पापा और मम्मी ने कल शादी मे जाने की बात छेड़ी तो जैसा मैने और दीदी ने डिसाइड किया था वैसे ही शादी मे जाने को हम दोनो ने ही मना कर दिया और थोड़ी हिल हुज्जत के बाद पापा मम्मी भी मान गये और हमे घर पर ही रुकने की इजाज़त दे दी
मैं और दीदी दोनो ही बहुत खुश हो गये थे मैने दीदी की तरफ देखा तो उसने शर्मा कर नज़रे झुका ली और खाना खाने लगी
खैर थोड़ी देर बाद खाना ख़तम हुआ और फिर थोड़ी इधर उधर की बात करने के बाद सभी अपने अपने रूम मे चले गये
रूम मे आने के कोई आधा घंटे बाद मैं दीदी के रूम मे गया सोचा शायद दीदी मान ही जाए कुछ करने के लिए
मैं रूम मे एंटर हुआ और मुझे देखते ही दीदी ने एक स्माइल दी और बोली “क्या बात है इतनी रात मे तू मेरे कमरे मे किसलिए आया है”
“कल से तुम्हारी बहुत याद आ रही थी सोचा मिल कर हाल चाल पूछ लू इसीलिए आया था” मैं बोला
“मैं बिल्कुल ठीक हूँ, चल अब मिल भी लिया और मेरा हाल चाल भी मालूम कर लिया अब फुट यहाँ से” दीदी मुझे अपने रूम से भागने के लिए बोली
“क्या यार ऐसे कैसे कर रही हो कितनी उम्मीद लेकर आया था मैं की कुछ मज़े करेंगे लेकिन तुम तो मुझे भगाने पर ही तुली हो” मैं रूठते हुए बोला
“अले.. .अले.. ..मेरा प्यारा भाई तो रूठ गया, साला नौटंकी ज़्यादा ड्रामा मत कर आज मैं कुछ नही करने वाली क्योंकि वैसे भी कल हम दोनो के बीच के सारे पर्दे उठ ही जाएँगे इसीलिए आज रात और तड़प ले फिर कल रात तो तेरे मज़े ही मज़े है” दीदी बोली
“जैसे की सारे मज़े मैं ही करूँगा तुम्हे तो मज़े मिलेंगे ही नही” मैं बोला
“जो भी हो लेकिन मैं अभी कुछ नही कर सकती, सॉरी” दीदी फाइनल जवाब देते हुए बोली
अब मैं भी समझ गया था की ये नही मानने वाली है इसलिए आख़िरी कोशिश करते हुए बोला “चलो कुछ करो मत लेकिन थोड़े दर्शन ही करवा दो अपने जिस्म के”
“ओके.. .लेकिन सिर्फ़ देखना ही, च्छुने की कोशिश मत करना समझा ना” कुछ देर सोचने के बाद वो बोली और मैने भी हाँ मे गर्दन हिला दी तो वो मेरी तरफ देख कर बड़ी अदा से मुस्कुराइ उसने अभी लोवर और टी-शर्ट पहना हुआ था और मेरी बात सुनकर उसने धीरे धीरे कर अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दी अब वो सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे थी और एकदम पटाखा लग रही थी लेकिन आगे उसने कुछ उतारने की कोशिश नही की
“अरे ब्रा और पैंटी भी तो उतारो” मैं बोला
और फिर उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और मुस्कुरा कर मुझे देखने लगी
वाउ.. .यार क्या नज़ारा था मेरे कदम अपने आप ही उसकी तरफ बढ़ गये लेकिन वो मुझे कोई मौका नही देना चाहती थी इसलिए वो लपक कर मेरे पास आई और अभी मैं कुछ समझ पाता इसके पहले ही उसने मुझे धकेल कर रूम से बाहर निकाल दिया और दरवाजा लगा लिया और बोली “मैने कहा था ना की सिर्फ़ देखना भर छूना नही, चल अब जाकर सो जा क्योंकि कल सारी रात जागना है”
इसके बाद उसकी कोई आवाज़ नही आई तो मैं भी अपने रूम मे आ गया और बेड पर लेट कर कल जो होने वाला था उसके बारे मे सोचने लगा फिर पता नही कब नींद ने मुझे अपने आगोश मे ले लिया.. …………
सुबह कुछ खास नही हुआ डॉली शादी मे जाने की तैयारी मे लगी हुई थी और दीदी मम्मी जा साथ दे रही थी और इसी कीच कीच मे कब दोपहर के 3 बज गये पता ही नही चला और फिर मैं पापा मम्मी और डॉली को छोड़ने के लिए उनके साथ शहर आ गया जहाँ शाम को 5 बजे उनकी ट्रेन थी
ट्रेन राइट टाइम पर थी मैने उन्हे ट्रेन मे बिताया और ट्रेन के रवाना होते ही मैं भी वापस निकल गया रास्ते मे मैने दो बियर भी लेली क्योंकि मैं आज की रात को यादगार बनाना चाहता था आज रात मैं बहनचोद जो बनने वाला था..
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