अपडेट 43 – Chudai
और कोई 5 मिनिट बाद हम दोनो ही अपनी साँसे
संभालने मे लगे हुए थे मैं झड़ने की वजह से
और दीदी गान्ड मरवाने मे हुए दर्द की वजह
से…………
अब आगे…..
“सच मे यार आज तो तूने मेरी गान्ड फाड़ ही दी” दीदी नॉर्मल होने के बाद बोली
“अब यार कभी ना कभी तो इसे फटना ही था लेकिन मैने बहुत प्यार से इसका उद्घाटन किया है कोई दूसरा करता ना तो अभी तक रो रही होती दर्द के मारे” मैं दीदी के बूब्स पर हाथ फेरते हुए बोला
“चल अब बस कर, बहुत हो चुका” दीदी मेरा हाथ अलग करते हुए बोली
“वैसे दी, तुम जो अभी घर के सभी लोगो के शादी मे जाने के बारे मे बोल रही थी तो क्या वो सही है” मैने अपना हाथ वापस खिचते हुए कहा
“हाँ… परसो दोपहर मे ही शादी के लिए निकलना है अगर हम दोनो नही गये तो हमारे पास परसो की रात और उसके बाद का दिन और रात कुल 36 घंटे होंगे मज़े करने के लिए क्योंकि फिर उसकी अगली सुबह सभी वापस आजाएँगे” दीदी ने बताया
“श…तो फिर क्या बहाना करेंगे वहाँ नही जाने के लिए” मैने पूछा
“देख ये गर्मी का मौसम है और जिस शहर मे शादी है वहाँ बहुत सी इंडस्ट्रीस भी है तो वहाँ गर्मी बहुत पड़ती है जोकि मुझे सूट नही करती है और ये बात पापा मम्मी दोनो ही जानते है तो मैं वही बहाना कर के रुक जाउन्गी और तूने भी गर्मी का ही बहाना बनाना और साथ मे ये भी कह देना की मैं भी घर पर अकेली हो जाउन्गी तो शायद बात बन जाए” दीदी ने मुझे समझाया Chudai
“हूंम्म….ये ही सही रहेगा” मैं सोचते हुए बोला
“चल अब उठ और अपने रूम मे जा मैं भी अब फ्रेश होती हूँ सबके आने का टाइम हो गया है” दीदी बोली और बेड पर बैठ गयी
“अभी रुक यार पहले ये बता की सबके शादी मे जाने के बाद जब हम रात मे चुदाई कर लेंगे तो फिर क्या अगले दिन तुम मोना और रूपा को भी यहाँ बुलाओगी चुदाई के लिए” मैने पूछा
“हाँ बुलाउन्गी ” दीदी बोली
“तो क्या तुम्हे उनके सामने ही अपने भाई से चुदवाने मे शरम नही आएगी” मैं बोला
“देख सोनू जहाँ तक मोना की बात है उससे मेरी कोई बात च्छूपी नही रह सकती क्योंकि हम दोनो आपस मे कोई बात नही छुपाती और रही बात रूपा की तो वो मोना के साथ मेरी भी बेस्ट फ्रेंड है और बेचारी बहुत परेशान भी है अपने बूढ़े और खाड़ुस पति से तो वो भी हमारी कोई बात बाहर नही निकलेगी और फिर ग्रूप मे करने मे मज़ा भी तो बहुत आएगा ना” दीदी बोली
“हाँ… और मुझे तो और भी ज़्यादा मज़ा आएगा क्योंकि मुझे तो उनसे किया हुआ वादा भी पूरा करना है” मैं बोला
“कॉन्सा वादा” दीदी ने पूछा
“मैने इन दोनो से ही कह दिया है की अब जब तक मेरा लंड इन दोनो की गान्ड मे नही घुसेगा तब तक मैं उनकी चूत नही चोदुन्गा और दोनो भी तैयार है अपनी गान्ड मरवाने के लिए इसलिए मेरे तो मज़े हो जाएँगे उस दिन, मुझे दो दो फ्रेश गान्ड जो मारने को मिलेगी” मैने बताया
“तू भी ना……आख़िर क्या मज़ा मिलता है तुम लड़को को
गान्ड मारने मे?, लेकिन चल अब उठ बहुत टाइम हो गया है” दीदी बोली और बेड से नीचे उतर गई और जैसे ही उसने पहला कदम आगे बढ़ाया दर्द के मारे उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई
“ऊओ….मा…..” दीदी के मुँह से निकला और वो जहाँ की तहाँ खड़ी हो गयी
“क्या हुआ….” मैं झट से उतर कर उसे पकड़ कर संभालते हुए बोला
“क्या हुआ…. पूछ तो ऐसे रहा है जैसे तुझे मालूम ही नही है की क्या हुआ, तेरे इस मूसल ने मेरी गान्ड को जिस बेरहमी से फाडा है ना ये उसी का दर्द है” दीदी आँखो मे आँसू लाते हुए बोली”सॉरी यार, लेकिन मैने तो बहुत आराम से किया था और पहली बार तो दर्द होना ही था, वैसे अब तुम आगे बढ़ो देखे और दर्द होता है या नही” मैं बोला
और मेरी बात सुनकर दीदी ने एक कदम और बढ़ाया मैं उसे संभाले हुए था उसे एक बार फिर हल्का सा दर्द हुआ लेकिन मैने उससे और चलने को कहा और कोई 3-4 कदम चलने के बाद उसका दर्द बहुत कम हो गया था
“देखो मैने कहा था ना सब ठीक हो जाएगा, चलो अब तुम फ्रेश हो जाओ मैं भी अपने रूम मे जाता हूँ और अगर फिर कोई परेशानी हो तो मुझे बुला लेना” मैं बोला
मेरी बात सुनकर दीदी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरे गाल चूम लिए और बोली “कितना अच्छा है तू”
उसकी बात सुनकर मैने भी उसके सिर पर हाथ फेरा और अपने रूम मे आकर फ्रेश होने लगा आज का दिन सच मे बहुत अच्छा बिता था आज मुझे दो चूत के साथ एक कुवारि गान्ड जो मिली थी मारने के लिए खैर रात को कोई 8.30 तक सभी वापस आ गये थे और उसके बाद खाना वग़ैरह खाने मे 10.30 बज गये थे फिर पापा के हुक्म से सभी अपने अपने रूम मे जाने लगे सोने के लिए लेकिन इस दौरान किसी ने भी दीदी की चाल मे आई हल्की सी लंगड़ाहट को महसूस नही किया था Chudai
“दी… मैं तेरे रूम मे आऊँ क्या” सीढ़िया चढ़ते हुए मैने पूछा
“क्यों….” दीदी बोली
जवाब मे मैने उसकी गान्ड पर हाथ फेर दिया
“पागल हो गया है क्या, अभी और कुछ नही वैसे ही अभी मुझे दर्द हो रहा है बाद मे देखेंगे” दीदी ने सॉफ मना कर दिया और अपने रूम मे घुस कर गेट बंद कर लिया
मैं भी समझ गया था की अब वो कुछ नही करने वाली इसलिए मैने भी अब चुपचाप सोने मे ही भलाई समझी और अपने बेड पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगा और फिर पता नही कब नींद ने मुझे आ घेरा…….
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अगली सुबह नाश्ते के बाद मुझे पापा को अपनी बाइक पे पास के ही एक गाओं ले जाना पड़ा क्योंकि उनकी गाड़ी खराब थी वापस आने मे दोपहर के 1 बज गये थे
हम घर पहुचे तो डॉली ने हमे खाना दिया पता चला की मम्मी और दीदी गाओं मे किसी के घर गयी हुई थी फिर खाना खा कर पापा भी बाहर चले गये और मैं अपने रूम मे आ गया कोई 15 मिनिट बाद डॉली मेरे रूम मे आई
“रात को बहुत जल्दी सो गया था तू” डॉली मेरे बेड पर बैठते हुए बोली
“जल्दी कहाँ मैं तो कोई 11 बजे सोया था, तू वहाँ कब आई थी” मैने पूछा
“मैं कोई 11.30 बजे आई थी लेकिन तू सोया पड़ा था जबकि मैं तो सोच रही थी की सुबह जो हुआ उसके बाद तू मेरा इंतज़ार कर रहा होगा और मज़े लेने के लिए” वो बोली
“अब मुझे क्या पता था की तू आने वाली थी कोई इशारा ही कर दिया होता तो मैं तेरा वेट करता या फिर थोड़ा जल्दी आजाती” मैं बोला वैसे उसे कौन समझता की मेरे पास चूत और गान्ड की कमी तो है नही जो उसका इंतज़ार करते बैठता
“चोरी के काम सभी के सो जाने के बाद करते है इसीलिए मैं सबके सोने का इंतज़ार कर रही थी और उसके पहले तुझे कोई इशारा करने का मुझे मौका ही नही मिला” वो बोली
“तो अब कर ले ना जो करना है अभी तो घर मे कोई नही है” मैं मुस्कुराते हुए बोला
जवाब मे उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई “तो निकाल अपना हथियार” वो मुस्कुराते हुए बोली
“मैं अकेला ही निकालु, तू कुछ नही निकालेगी” मैं बोलालेकिन मेरी बात पूरी होने से पहले ही डॉली का टॉप फर्श पर पड़ा था अंदर उसने ब्रा नही पहनी थी जिससे उसकी दोनो मस्त चुचिया खुली हवा मे सांस ले रही थी और इधर मैने भी अब तक उपर से पूरा नंगा हो गया था और कुछ ही देर मे डॉली ने अपनी स्कर्ट भी उतार दी थी अब वो सिर्फ़ पैंटी मे थी और तब तक मेरा पैंट भी उतर चुका था और मेरा लंड मेरी अंडरवेर मे तंबू बनाए हुए डॉली की आँखो के सामने था जिसे उसने तुरंत ही अपने हाथ मे पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगी मैने भी उसके गाल सहला दिए
“भाई क्या मस्त लंड है तेरा इसे बाहर निकाल ना” कहते हुए डॉली बेड से नीचे उतार गई और मेरे सामने खड़ी हो गई और मेरी चड्डी को नीचे कर के मेरे खड़े लंड को अपने हाथो मे लेकर बड़ी ही मादक निगाहो से मुझे देखने लगी Chudai
“भाई मैं इसे मुँह मे लेना चाहती हूँ” वो बोली
“तो रोका किसने है लेकिन ये भी तो बता की इसके बदले मुझे क्या मिलेगा” मैं बोला
“बदले मे तू मेरी चूत चाट लेना” वो बोली
“छी….मैं नही करने वाला ऐसा” मैं बोला
“तो फिर तुझे क्या चाहिए” उसने पूछा
“मुझे तो मेरा लंड तेरे तीनो ही होल के अंदर करना है” मैं उसकी गान्ड पर हाथ फिराते हुए बोला
“लेकिन मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ, तू ऐसा करना पैंटी के उपर से ही मेरे दोनो मे से किसी भी छेद पर लंड रगड़ कर मज़े लेलेना” वो बोली और मुझे उसकी बात सही भी लगी वैसे भी अभी मुझे दीदी की चूत और मोना और रूपा की गान्ड भी खोलना थी तो मैं डॉली से बाद मे भी मज़े ले सकता था
“ओके…..जैसा तू ठीक समझे” मैं बोला
“थॅंक्स भाई चल अब बेड पर, मुझसे सबर नही हो रहा है” कहते हुए उसने मुझे बेड पर धकेल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर खेलने लगी और मैं भी उसकी चुचियो का जायज़ा लेने लगा
और कुछ देर मेरे लंड के साथ खेलने के बाद वो मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी और अंदर बाहर करने लगी
जबकि इधर मैं कभी उसकी चुचिया दबा रहा था तो कभी उसकी गान्ड और पीठ पर हाथ घुमा रहा था उसके मुँह की गर्मी मुझे मेरे लंड पर बहुत मज़े दे रही थी
कोई 5 मिनिट हो गये थे उसे मेरा लंड चूस्ते हुए शायद अब उसका मुँह भी दर्द करने लग गया था
“क्या बात है भाई इसका माल क्यों नही निकाल रहा” वो अपने मुँह से लंड बाहर निकालते हुए बोली
“अरे मुँह मे जाने से इसका कुछ नही होता हाँ अगर तेरी चूत या गान्ड होती तो शायद ये कब का उल्टी कर चुका होता” मैं हँसते हुए बोला
“लेकिन ऐसे मे कैसे चलेगा क्योंकि जब तक तू ठंडा नही होगा मुझे कैसे ठंडा करेगा” वो बोली
“एक काम करते है हम दोनो ही एक दूसरे को एक साथ ठंडा कर देते है” मैं बोला
“वो कैसे” उसने पूछा”अभी तूने कहा ना की मैं तेरी पैंटी के उपर से तेरी चूत पर लंड रगड़ सकता हूँ” मैं बोला
“हाँ….” उसने जवाब दिया
“तो तू बेड पर लेट जा मैं तेरी चूत पर लंड रगड़ता हूँ जिससे हम दोनो का ही काम हो जाएगा” मैने उसे समझाया
“ओह्ह्ह्हगुड आइडिया” वो बोली और बेड पर लेट गई
और मुझे आमंत्रण भारी निगाहो से देखने लगी
उसकी चूत से इस वक्त बहुत पानी बह रहा था और मेरा लंड भी अब अकड़ कर दर्द करने लगा था मैं भी बेड पर चढ़ा और उसके उपर लेट कर उसके होंठ चूस्ते हुए उसकी चूत पर पैंटी के उपर से ही लंड रगड़ने लगा उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने के नीचे मसले जा रहे थे और वो भी मेरा चेहरा पकड़ कर मेरे होंठ चूसने लगी थी और उसकी गरम चूत की गर्मी से दो तीन मिनिट बाद ही मेरे लंड ने Chudai
अपना माल छोड़ना शुरू कर दिया था और वो भी गहरी गहरी साँसे लेते हुए झड़ने लगी थी
मैं उसके उपर से हट कर उसके साइड मे लेट गया मेरी नज़र उसकी पैंटी पर पड़ी तो देखा की वो पूरी तरह मेरे माल से भरी पड़ी थी जबकि डॉली अभी तक आँखे बंद किए पड़ी हुई थी
“मज़ा आया की नही डॉली” मैने उसके बालो मे हाथ फिराते हुए कहा
“बहुत मज़ा आया भाई…..थॅंक यू वेरी मच” वो
मेरा हाथ पकड़ कर चूमते हुए बोली
तभी नीचे डोरबेल बनने की आवाज़ सुनाई दी
“श शीत……लगता है मम्मी और दीदी वापस
आ गये है और मैं इस हालत मे हूँ, भाई एक काम कर तू गैट खोल जब तक मैं अपने रूम मे जाकर अपनी हालत ठीक करती हूँ” वो लपक कर बेड से उतरते हुए अपने कपड़े उठाते हुए बोली
“ओके….” उसकी बात सुनकर मैं भी जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहनते हुए बोला तब तक डॉली मेरे रूम से बाहर निकल चुकी थी
मैं कपड़े पहन कर नीचे पहुचा और गैट खोल दिया सामने मम्मी और दीदी ही थी
“बहुत देर लगा दी गैट खोल ने मे, और डॉली कहाँ है” मम्मी अंदर आते हुए बोली
“वो शायद सोई है और मैं उपर था इसलिए नीचे आने मे टाइम लग गया” मैं बोला और फिर हम सभी हॉल मे आ गये थोड़ी ही देर मे डॉली भी वहाँ आ गयी और फिर इधर उधर की बाते शुरू हो गई……….
Chudai – वासना का भंवर indian sex stories