Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 41 A – Chudai

जब हम वापस प्रोग्राम वाले घर पहुचे तो वहाँ निशा दीदी बहुत बेसब्री से मेरा इंतज़ार कर रही थी मैं मोना और रूपा को छोड़ कर दीदी की तरफ चल दिया

“कहाँ चला गया था तू, मैं कब से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ” मुझे देखते ही दीदी बोली

“अरे अभी तो गया था मम्मी को बता कर वैसे बात क्या है” मैं बोला

“मुझे यहाँ अच्छा नही लग रहा है चल हम घर चलते है बाकी लोग बाद मे आजाएँगे” वो बोली

“लेकिन मुझे तो अच्छा लग रहा है फिर मैं क्यों जाउ” मैं उसे चिढ़ाते हुए बोला

“कोई बात तो समझा कर, मैने कहा ना मुझे यहाँ अच्छा नही लग रहा है” वो मेरी आँखो मे देख कर मेरा हाथ दबाती हुई बोली

“क्या इरादा है” मैं भी उसकी आँखो मे देखते हुए बोला

“ज़्यादा कुछ नही बस पिक्निक मे जितना किया था उतना ही करने का इरादा है” वो मुस्कुराते हुए बोली

“ओके….तो मम्मी पापा से पूछ लो पहले जाने के लिए” मैं खुश होते हुए बोला क्योंकि मैं समझ गया था की अब जब ये खुद पहल कर रही है तो आज कुछ ज़्यादा ही होगा पिक्निक से

“मैं उनसे पूछ चुकी हूँ बस तेरे आने का इंतज़ार था, चल उनको बता कर आजाते है की हम घर जारहे है” वो बोली और मेरा हाथ पकड़ कर एक तरफ बढ़ गई

फिर हम मम्मी पापा को बता कर घर की तरफ निकल गये दीदी बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठी थी और गाओं से बाहर आते ही उसने अपने बूब्स मेरी पीठ पर रगड़ने शुरू कर दिए और अपना एक हाथ मेरे पैंट के अंदर डाल कर मेरे लंड को मसलने लगी Chudai

“क्या बात है आज बहुत गरम लग रही है” मैं मज़े लेते हुए बोला

“वो क्या है ना आज मैने लाइव चुदाई देख ली है जिस वजह से मेरी मुनिया मे बहुत खुजली हो रही है” वो बोली

“तो वहीं बाथरूम मे जाकर अपनी उंगली से ही खुजली मिटा लेती ऐसे घर जाने की क्या ज़रूरत है” मैं बोला

“ज़्यादा होशियार मत बन, एक तो तुझे मज़े करने का मौका दे रही हूँ उस पर तू मुझे ही ज्ञान दे रहा है” दीदी बोली और उसने ज़ोर से मेरे लंड को दबा दिया मेरे मुँह से ज़ोर की आ निकल गई

“क्या कर रही हो…….” मैं बोला

“अभी तो सिर्फ़ दबाया है अब अगर ज़्यादा चुपातक की ना तो तेरे लंड को उखाड़ कर ही फेक दूँगी” दीदी बोली

“ओके….लेकिन अब तो बता दो की आज मुझ पर इतनी मेहरबानी कैसे हो रही है” मैं सीधे होते हुए बोला

“यार वहाँ वो चुदाई देख कर मेरी इच्छा तो हुई की उंगली कर लू लेकिन फिर मुझे तेरी याद आ गई तो उंगली करने का मन ही नही किया” वो बोली

“तो क्या आज लंड लेने का इरादा है” मैने फिर उसे छेड़ा

“जी नही मेरा वैसा कोई इरादा नही मैं तो बस तेरे साथ उपर उपर से करना चाहती हूँ” वो बोली

“लेकिन यार मुझे उपर उपर से मज़ा नही आता उस पर तुम लंड भी नही चुस्ती हो” मैं नाराज़गी से बोला

“चूसा नही तो क्या हुआ, देखना आज मैं तुझे पूरे मज़े दूँगी अपने हाथो से” वो मेरी गर्दन पर किस करते हुए बोली

“चलो देखते है लेकिन अगर मुझे मज़ा नही आया तो फिर आज के बाद ये उपर उपर वाला खेल बंद, समझी ना” मैने अपना फ़ैसला सुनाया

“ओके….ठीक है” वो बोली और फिर थोड़ी ही देर मे घर पहुच गये

घर पहुँचते ही दीदी ने गेट लॉक किया और मेरा हाथ पकड़ कर उपर अपने रूम मे आ गई वो जैसे बहुत जल्दी मे थी उसने रूम मे पहुचते ही मेरे होंठो को अपने होंठो मे क़ैद कर लिया और उन्हे चूस्ते हुए मेरे पैंट के उपर से ही लंड को अपनी मुट्ठी मे भींचने लगी और मैने भी उसके बूब्स और हिप्स को मसलना शुरू कर दिया था

धीरे धीरे उसके किस करने की स्टाइल एकदम वहशी होते जा रही थी वो मेरे होंठो को दाँतों से काटने भी लगी थी जब हम दोनो की ही साँसे भारी हो गई तो मैने उसे पास पड़े सोफे पर धकेल दिया और खुद उसके पास बैठ कर उसे चूमने लगा और मेरा एक हाथ उसके जीन्स के उपर से उसकी चूत को दबाने लगा था.
अपडेट 41 B Chudai

मेरा एक हाथ उसके जीन्स के उपर से ही उसकी चूत को दबाने लगा था
कुछ मिनिट हम एक बार फिर एक दूसरे के होंठो का रस पीते रहे लेकिन अब तक दीदी बहुत गरम हो गई थी इसलिए उसने मुझे पीछे किया और खड़ी होकर अपने कपड़े उतारने लगी उसने अपना टॉप निकाल फेंका और अपना जीन्स भी नीचे कर दिया और मुझे देख कर मुस्कुराइ

इस वक्त उसने अंदर लाल ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी उसकी बड़ी गान्ड इस वक्त मेरे सामने थी और उसके बड़े बड़े बूब्स जैसे बाहर आने को मचल से रहे थे

मैने भी अपने कपड़े निकाल फेके और पूरा नंगा होकर आगे बढ़ा और मैने उसकी ब्रा के हुक्क खोल कर उसे उपर से पूरा नंगा कर दिया और उसकी पैंटी भी नीचे खींच दी जिसे दीदी ने खुद ही अपने पैरो से निकाल दिया

अब मैं उसके नंगे बूब्स को ज़ोर से दबाते हुए उसकी गान्ड की दरार मे उंगली घुमाने लगा मेरे ऐसा करने से दीदी पूरी तरह मस्ती मे आ गई थी वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को मसलने लगी और दूसरे हाथ की एक उंगली अपनी चूत मे चलाने लगी उसकी चूत ढेर सारा पानी बहाने लगी थी

कुछ टाइम बाद मैने उसके बूब्स को अपने मुँह मे भर लिया और उन्हे चूमने और चूसने लगा

उसके बूब्स चाटने मे मुझे बहुत मज़ा आरहा था लेकिन उसके तने हुए निपल्स जैसे मुझे मुँह चिढ़ा रहे थे मैने अपने एक हाथ की उंगलियो मे उसका एक निपल लेकर दबा दिया जिससे दीदी और मस्त होने लगी तभी मैने उसकी एक चुचि अपने मुँह मे भर ली और उसके निपल को अपने होंठो के बीच भर कर उस पर अपनी जीभ चलाने लगा जबकि उसके दूसरे निपल को मैं अपने हाथ से छेड़ रहा था

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद दीदी ने अपने बूब्स मेरे मुँह से निकाल लिए और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया मैं समझ गया की अब ये मेरी उंगली अपनी चूत मे डलवाना चाहती है तो मैं उसके साइड मे खड़ा हो गया अब मेरा एक हाथ उसकी चूत पर था तो दूसरा उसकी गान्ड पर मैने अपनी एक उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे पेलने शुरू कर दिया और दूसरे हाथ की उंगली उसकी गान्ड की दरार पर चलाते हुए उसका छेद ढूँढने लगा इधर दीदी अपनी चूत मे चलती मेरी उंगली से बार बार जगह पर ही उचक रही थी और तभी मैने अपने दूसरे हाथ की उंगली उसकी गान्ड मे घुसेड दी

“आअहहाआक्ककककक…..” दीदी के मुँह से एक ज़ोर की सिसकी निकली लेकिन तब तक मेरी आधी उंगली उसकी गान्ड मे थी

दीदी ने पूरी ताक़त से अपनी गान्ड को भींच लिया और बोली “साले गंदे…..वो गंदी जगह है निकाल अपनी उंगली वहाँ से मुझे दर्द हो रहा है”

लेकिन मैने उसकी गान्ड से उंगली निकालने की कोई कोशिश नही की और उसकी चूत मे तेज़ी से उंगली चलाते हुए

बोला “कुछ नही होता दी, मैं अब और अंदर नही करूँगा और फिर थोड़ी ही देर मे देखना तुझे कितना मज़ा आता है”

मेरी बात सुनकर और अपनी चूत मे चलती उंगली के मज़े से दीदी अब चुप हो गई थी लेकिन उसने अपनी गान्ड ढीली नही की थी जिससे मेरी उंगली उसकी गान्ड मे वैसे ही फसी हुई थी लेकिन कुछ ही देर मे जब उसका दर्द कम हुआ तो उसकी पकड़ ढीली हो गई और मैं उसकी गान्ड मे अपनी आधी उंगली धीरे धीरे चलाने लगा

थोड़ी ही देर मे दीदी मस्त होने लगी और बोली “और ज़ोर से सोनू और ज़ोर से चला अपनी उंगली”

“कौन सी वाली, आगे वाली या पीछे वाली” मैं अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाते हुए बोला

“आ…..आगे वाली…..ना..नही…दोनो ही तेज चला” वो आहे भरते हुए बोली

उसकी बात सुनकर मेरे होंठो पर मुस्कान आ गई और मैं समझ गया की आज तो मुझे इसकी गान्ड मिल ही सकती है क्योंकि इसे अब पीछे से भी मज़ा आरहा है और मेरी दोनो उंगलिया उसके छेदों मे तेज़ी से चलने लगी और कुछ ही देर मे दीदी भरभरा कर मेरे उपर ढेर हो गई उसका काम हो चुका था वो फर्श पर ही लेट कर गहरी गहरी साँसे लेते हुए झड़ने लगी थी…………

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