Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 40Chudai

मैं और डॉली बाइक पर पास वाले गाओं के लिए निकल गये जो हमारे गाओं से कोई आधे घंटे की दूरी पर था और रोड भी कच्चा था तो गाड़ी पर धक्के लग ही रहे थे और मैं भी इस मौके का फ़ायदा उठना चाहता था लेकिन डॉली ने मुझे ऐसा करने का मौका ही नही दिया वो खुद ही मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गई और खुद ही अपनी बड़ी बड़ी चुचिया मेरी पीठ पर दबा दी थी

खैर रास्ते मे और कुछ नही हुआ और मैं उसकी चुचियो का मज़ा लेते हुए पापा के दोस्त के गाओं पहुच गया

अभी दोपहर के 11 बज चुके थे वहाँ पहुचते ही पापा ने मुझे अपने दोस्त और उसकी फॅमिली से मिलवाया और फिर सभी अपने अपने ग्रूप मे बैठ कर बाते करने लगे लेकिन मैं अकेला ही बोर हो रहा था क्योंकि दीदी कहीं दिखाई नही दे रही थी और डॉली भी यहाँ आते ही पता नही कहाँ गायब हो गई थी तभी मेरी नज़र मेरी तरफ आती दो लड़कियो पर पड़ी तो मेरा दिल खुश हो गया मुझे उम्मीद नही थी की इन दोनो से यहाँ मुलाकात होगी

सामने से मोना और रूपा मुस्कुराते हुए चली आ रही थी

“हेलो…..तुम दोनो यहाँ” मैं खुश होते हुए बोला

“क्यों… हमे यहाँ नही आना चाहिए था क्या” मोना बोली

“कैसी बात करती है यार तुम लोगो को यहाँ देख कर तो मुझे इतनी खुशी हो रही है की मैं बता नही सकता, चलो उधर बैठते है” मैं बोला और मोना का हाथ पकड़ कर एक कोने की तरफ बढ़ गया जहाँ और कोई नही बैठा था रूपा भी हमारे पीछे वहाँ आ गई थी

“और सुना क्या हाल है” मैं एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला

“मैं तो ठीक हूँ लेकिन इस बेचारी की हालत बहुत खराब है” मोना रूपा की तरफ इशारा करते हुए बोली

“कैसी बात कर रही यार तू…..” मोना की बात सुन कर रूपा उसे कोहनी मारते हुए बोली अब वो दोनो भी बैठ चुकी थी

“क्यों, क्या हुआ इसे अच्छी भली तो दिख रही है” मैं हँसते हुए बोला

“चेहरे से ही अच्छी है बस वरना इसकी चूत के बुरे हाल हुए पड़े है, तुमसे चुदवाने के बाद इसने कल से मुझे पागल बना रखा है की सोनू को बुला, सोनू को बुला ये तुझसे चुदवाने को मरे जा रही थी बड़ी मुश्किल से मैने इसे समझाया की तू निशा के साथ पिक्निक पर गया है और आ नही सकता, और जब मुझे मालूम पड़ा की तू भी यहाँ आने वाला है तो मैं इसे यहाँ ले आई ताकि यहाँ इसका कुछ जुगाड़ हो सके वैसे सोनू पिक्निक कैसी रही मज़ा आया की नही” मोना बोलीमोना की बात सुनकर रूपा ने शरम से गर्दन झुका ली थी Chudai

“एकदम मस्त रही पिक्निक और बहुत मज़ा भी आया लेकिन वो बात बाद मे करेंगे पहले तू ये बता की यहाँ चुदाई का जुगाड़ कैसे होगा सच मे यार मेरा भी बहुत मन कर रहा था चुदाई करने का और अब तुम दोनो को देखने के बाद तो मैं रुक ही नही सकता, प्लीज़ कुछ कर ना” मैं बोला

“तू चिंता मत कर जब मेरी मम्मी ने बताया था की हमे यहाँ आना है और तुम लोग भी यहाँ आने वाले हो तो मैने तभी प्लान बना लिया था अब बस सब ठीक से निपट जाए तो फिर मज़े ही मज़े है” मोना ने बताता

“वो कैसे” मैने पूछा

“वो ऐसे की मैने मम्मी को पहले ही बता दिया था की रूपा भी हमारे साथ यहाँ आना चाहती है क्योंकि इस गाओं के पास वाले गाओं मे उसकी रिश्ते की बहन रहती है और इस बहाने वो उससे मिल लेगी तो मम्मी ने कहा था की ठीक है ले चलो और अब मैं जाकर मम्मी से बोलती हूँ की हमे उस गाओं मे जाना है अब पापा तो अपने दोस्तो के साथ लगे है तो वो तो जाएँगे नही इसलिए मैं उन्हे तेरा नाम सूझा दूँगी फिर क्या है मज़े ही मज़े” मोना ने बताया

“लेकिन इसकी बहन के घर हम ये सब कैसे कर सकते है” मैं बोला

“कौन बहन और किसकी बहन, ये सब बस एक बहाना है चुदाई करने का क्योंकि मैं जानती हूँ की उस गाओं वाले रोड पर जंगल पड़ता है जहाँ रोड से थोड़ा अंदर जाकर हम आराम से कुछ भी कर सकते है” मोना बोली

“ओह्ह्ह्ह.तो जा अपनी मम्मी से बात कर” मैं बोला

“कहीं जाने की ज़रूरत नही है वो देखो तुम दोनो की ही मम्मी इधर ही आ रही है” रूपा बोलती

और मैने उधर देखा तो सच मे हमारी मम्मियाँ हमारी तरफ ही आ रही थी

“अरे मेरा सोना बेटा…..ठीक से तो पहुच गया था ना” मम्मी पास आकर मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए बोला

“हाँ मम्मी” मैं बोला और फिर मैने मोना की मम्मी से नमस्ते की और वो दोनो भी हमारे साथ ही बैठ गयी

फिर मोना ने अपनी मम्मी से रूपा की बहन के घर जाने की बात की तो बहुत आसानी से मेरी मम्मी ने मुझे इन दोनो के साथ मे जाने की पर्मिशन दे दी लेकिन खाना खाने के बाद क्योंकि उसके बाद भी हमे शाम तक यहीं रुकना था तो हम भी खुश हो गये और खाना शुरू होने का वेट करने लगे

कोई 1 बजे खाना ख़तम हुआ और फिर हम तीनो मम्मी को बता कर मेरी बाइक से निकल गये और कोई 20/मिनिट चलने के बाद घना जंगल शुरू हो गया था थोड़ा आगे जाकर मोना ने मुझे रोड से हट कर राइट साइड मे चलने को कहा और थोड़ी देर चलने के बाद हम जंगल के अंदर थे और इधर कोई आवाजाही दिखाई नही पड़ रही थी मैने पेड़ो के एक झुर्मुट के बीच मे बाइक खड़ी कर दी और हम तीनो ही नीचे पेड़ की छाँव मे बैठ गये

“लेकिन यार मोना यहाँ कैसे करेंगे हमारे पास तो नीचे बिच्छाने के लिए भी कुछ नही है” मैं बैठते ही बोला

“कोई बात नही यार आज खड़े खड़े ही कर लेंगे क्यों रूपा” मोना बोलती है

“जैसे भी करना हो करो लेकिन जल्दी क्योंकि मेरी चूत जैसे जल रही है अभी और हाँ मोना आज पहला नंबर मेरा होगा” रूपा मेरे लंड को पैंट के उपर से ही मसलते हुए बोला

“ठीक है बाबा आज पहले तू ही चुदवा ले लगता है तेरी चूत मे आग लगी हुई है” मोना हँसते हुए बोली

अब तक रूपा मेरे पैंट की जीप खोलकर मेरा लंड बाहर निकाल चुकी थी और उसे हसरत भरी नज़रो से देखते हुए सहला रही थी जबकि मेरे हाथ उसके ब्लाउस के अंदर घुस के उसके बूब्स को मसल रहे थे अंदर उसने ब्रा नही पहनी थी थोड़ी देर बाद ही रूपा मेरे लंड को मुँह मे भर कर चूस रही थी जिससे मेरा लंड अब पूरी तरह चुदाई करने को तैयार हो चुका थामेरे लंड को झटके मारते देख रूपा ने उसे मुँह से बाहर निकाला और एक पेड़ के तने से सट कर खड़ी हो गई और उसने अपनी सारी उठा कर अपनी पैंटी निकाल दी और सारी को अपनी कमर के पास अटका दिया और अपनी टाँगे फैला ली

अब वो नीचे से पूरी तरह नंगी थी उसकी रस बहाती चूत मेरी आँखो के सामने थी मैने भी देर नही की और अपना पैंट और चड्डी नीचे खिसका कर उसके पास जाकर उसके कुल्हो को पकड़ा और उसकी चूत मे खड़े खड़े लंड घुसाने लगा चूँकि इस तरह चूत पूरी

खुली नही थी इस लिए लंड बहुत रगड़ते हुए अंदर जा रहा था लेकिन एक बार रूपा की चूत उसके पानी से गीली

होते ही मेरे धक्को की स्पीड बढ़ गई और मैं ज़ोर

ज़ोर से उसकी चूत मे लंड पेलने लगा और वो

हाय….हाय…करते हुए चुदाई मा मज़ा लेने लगी और

कोई 5 मिनिट बाद ही मेरा लंड अपना माल उसकी चूत मे भर रहा था और वो भी झड़ते हुए अपनी चूत का पानी मेरे पानी से मिला रही थी

थोड़ी देर बाद हम दोनो अलग हुए तो रूपा ने अपनी पैंटी पहन ली और सारी ठीक कर ली लेकिन मैं अभी भी वैसे ही बैठा हुआ था क्योंकि मुझे अभी मोना को भी चोदना था लेकिन अभी मेरा लंड सुस्ता रहा था और रूपा भी एक साइड बैठ गई थी

तभी मोना मेरे पास आई और अपनी सलवार और पैंटी उतार कर अपनी नंगी चूत मेरे लंड पर घिसते हुए मेरी गोद मे बैठ कर मेरे होंठ चूसने लगी और मैं भी अपने हाथ उसके पीछे ले जाकर उसके कुल्हो को दबाने लगा

“यार मोना तेरी गान्ड बड़ी मस्त है आज इसे मारने देना” मैं बोला

“ना बाबा ना, मैने सुना है उसमे बहुत दर्द होता है मैं नही करने वाली ये सब” वो बोली

“अरे पहली बार तो होता ही है लेकिन बाद मे मज़ा भी आता है चाहे तो रूपा से पूछ ले उसने भी तो गान्ड मरवाई है ना, क्यों रूपा मैने ठीक कहा ना” मैं बोला

“हाँ…तुम सही कह रहे हो लेकिन इस वक्त गान्ड मारना ठीक नही है बेचारी ठीक से चल भी नही पाएगी और वैसे भी हम घर पर नही है” रूपा बोली और उसकी बात सही भी थी ये वक्त इस काम के लिए ठीक नही था

“ठीक है बाद मे ही सही लेकिन पहले ये हाँ तो करे” मैं बोला

“ठीक है बाद मे देख लेंगे लेकिन अभी तो लंड मेरी चूत मे डाल” मोना मेरे खड़े हो चुके लंड को
पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करते हुए बोली

“मैं कैसे डालु उपर तो तू बैठ ही तू डाल और वैसे भी मैने सोच लिया है की आज के बाद जब तक मैं तुम दोनो की गान्ड मे लंड नही डाल लूँगा तब तक चूत मे भी नही डालूँगा” मैं बोला

और मेरी बात सुनकर मोना थोड़ी सी उठी और मेरे खड़े लंड को अपनी चूत पेर लगा कर उसपे बैठती गई जिससे उसकी गीली चूत मेरा पूरा लंड निगल गई और वो अब धीरे धीरे उपर नीचे होने लगी जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स उसकी करती के अंदर ही ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे

“क्यों रूपा मेरी शर्त मंजूर है” मैने चुदाई का मज़ा लेते हुए रूपा से पूछा

“मुझे मंजूर है क्योंकि वैसे भी बहुत दिनों से मेरी गान्ड मरी नही है लेकिन मोना से पूछ लो” रूपा मुस्कुराते हुए बोली

“अब जब इसने शर्त रख दी है तो करना ही पड़ेगा लेकिन सोनू अब तू उपर आजा यार ऐसे मे मज़ा नही आरहा है” कहते हुए मोना मेरे उपर से उठ गई और पेड़ के तने के पास वैसे ही खड़ी हो गई जैसे रूपा खड़ी थी मैं भी उसके पास पहुचा और फिर हमारी चुदाई एक बार फिर शुरू हो गई थी

कोई 10 मिनिट बाद हम वापसी के बाइक पर निकल गये थे और मैं सोच रहा था की अब एक बार फिर मुझे इन दोनो से बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि अब की बार इनकी टाइट गान्ड मारने की बरी थी और हम लोग कोई 4 बजे प्रोग्राम वाले घर मे पहुच गये जहाँ निशा दीदी बड़ी बेसब्री से मेरा इंतज़ार कर रही थी..
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