Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 38Chudai

सुबह मैं कुछ देर से सोकर उठा और किसी ने भी मुझे उठाया नही था मैने टाइम देखा तो सुबह के 9 बज गये थे मैं बाथरूम मे जाकर नहा धोकर फ्रेश हुआ और नीचे आ गया लेकिन मुझे घर मे कोई हलचल नज़र नही आई तो मैने मम्मी को आवाज़ लगाई लेकिन कोई जवाब नही मिला मैने किचन मे जाकर देखा तो वहाँ भी कोई नही था मैं बहुत हैरत मे था की आज सभी लोग कहाँ चले गये फिर मैने डॉली के रूम मे झाँका तो वहाँ भी कोई नही था लेकिन बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी तो मैने डॉली को पुकारा “डॉली….डॉली…क्या तू अंदर है” Chudai

“हाँ….मैं नहा रही हूँ” उसकी आवाज़ आई

“बाकी सब लोग कहाँ है, घर मे कोई भी दिखाई नही दे रहा है यहाँ तक की काम वाली बाई भी नही दिख रही है” मैने पूछा

“अब तू इतनी देर से सोकर उठेगा तो तुझे कैसे मालूम पड़ेगा की घर मे क्या चल रहा है, वैसे बता दूँ की पापा मम्मी और दीदी पास वाले गाओं मे पापा के दोस्त के घर गये हुए है आज उनके घर कोई पूजा है तो हम सभी का खाना वहीं है इसीलिए आज काम वाली बाई की छुट्टी भी जल्दी कर दी गई है” डॉली बोली

“लेकिन हम तो यहीं है ना फिर हमारा खाना कौन बनाएगा” मैने पूछा

“नीरा बुद्धू है तू, मैने कहा ना की हम सभी का खाना वहीं है वो तो तू सोया हुआ था और मम्मी तुझे परेशान नही करना चाहती थी इसलिए मुझे घर पर छोड़ दिया की जब तू जागे मैं तुझे वहाँ ले आऊँ ” डॉली ने बताया

“लेकिन मेरा चाय और नाश्ता” मैं बोला

“सब किचन मे रखा है बस गरम करना है तू थोड़ी देर रुक मैं अभी नहा कर गरम कर के ला देती हूँ” डॉली बोली

“पता नही तेरा नहाना कब होगा मैं खुद ही ले लेता हूँ तू आराम से नहा” मैं बोला और किचन मे आ गया और नाश्ता और चाय गरम कर के लिया और फिर हॉल मे आ गया लेकिन डॉली अभी भी वहाँ नही थी तो मैं वापस उसके रूम मे गया जहाँ एक दिलकश नज़ारा मेरा इंतज़ार कर रहा था जिसने मेरे साथ साथ मेरे लंड की धड़कनें भी बढ़ा दी थी डॉली अभी अपने बेड के पास एक टॉप मे खड़ी थी लेकिन सबसे खास बात ये थी की अभी नीचे उसने सिर्फ़ पैंटी ही पहनी हुई थी जोकि बहुत छोटी और झीनी सी थी

और ये नज़ारा मेरे लंड को हरकत देने के लिए काफ़ी था और मैं खुले मुँह और फटी आँखो से उसे घुरे जा रहा था कल दीदी, टीना और निशा तीनो ही मेरे सामने नंगी थी लेकिन उन तीनो को नंगा देख कर भी मुझे इतना मज़ा नही आया था जितना अभी डॉली को देख कर आरहा था

“ओये….कहाँ खो गया” डॉली मेरे मुँह के सामने चुटकी बजाते हुए बोली और जैसे मैं होश मे आया “का…का…कहीन्न तो नही…..” मैं झेन्पते हुए बोला
“लगता है की कल की पिक्निक से तेरा मन नही भरा जो सुबह सुबह ही मुझे ताड़ रहा है” वो खिलखिलाते हुए बोली

“ऐसी बात नही है, पिक्निक मे तो बहुत मज़ा आया और वो सब भी हो गया जो मैने सोचा भी नही था लेकिन सच कहूँ वहाँ इतने मज़े करने के बाद भी तुझे ऐसे देख कर यही लग रहा है की वहाँ कुछ भी मज़ा नही आया काश वहाँ तू भी होती तो शायद मुझसे खुश किस्मत कोई दूसरा नही होता” मैं बोला

“अच्छा बच्चू…..क्या क्या किया वहाँ, ज़रा मुझे भी तो बता” डॉली ने पूछा अब वो बेड पर बैठ गयी थी और मैं भी वहीं पड़ी चेयर पर बैठ चुका था

“वो सब कुछ किया तूने सोचा था बल्कि उससे कुछ ज़्यादा ही कर लिया मैने वहाँ” मैं बोला क्योंकि मैने उसे कल पिक्निक मे हुई सारी बाते बताने का सोच्च लिया था क्योंकि यही एक तरीका था उससे खुलने और बाद मे उसे खोलने का

“ज़्यादा कर लया मतलब…..क्या तूने दीदी के साथ वो भी कर लिया” डॉली हैरत से मुँह फड़ते हुए बोली

“देख यार डॉली अब हम आपस मे बहुत ओपन हो गये है तो हमारे शब्द भी खुले हुए होने चाहिए ताकि बार बार ना पूछना पड़े की वो क्या..वो क्या समझी”

“लेकिन तेरे सामने ऐसे बोलने मे मुझे शरम आएगी” वो खुच्छ देर सोच कर शरमाते हुए बोली

“जब तू मेरा नंगा लंड देख सकती है और मुझे अपनी चुचिया दिखा सकती है तो खुल कर नंगे वर्ड बोलने मे कैसी शरम” मैं बोला

मेरे मुँह से ‘लंड’ शब्द सुनकर ही उसके गाल शरम से लाल हो गये और उसकी पलके झुक गयी थी

“ये…ये कैसी गंदी बाते कर रहा है तू” वो शरमाते हुए नज़रे झुकाए हुए बोली

“देख यार अब ज़्यादा मत बन अगर मुझसे इस टॉपिक पर बात करनी है तो ऐसे ही करनी होगी वरना छोड़ कोई और बात करते है” मैं बोला

“नही नही मुझे जानना है की तूने पिक्निक मे दीदी के साथ क्या क्या किया है” वो जल्दी से बोली

“तो फिर तुझे भी मेरी ही तरह गंदी बाते करनी होगी” मैं बोला

मेरी बात सुनकर वो कुछ देर तक सोचती रही फिर बोली “ओके…तो क्या तूने दीदी के साथ सेक्स भी कर लिया”

“ये सेक्स क्या होता है? मुझे इंग्लीश समझ मे नही आती हिन्दी मे बोल” मैं अब अड्ते हुए बोला

“अरे यार….तू भी ना, जा मैं नही बोलती मुझे कुछ नही जानना” वो चिढ़ कर बोली

“ओके….तो मैं चलता हूँ” कहते हुए मैं उसके रूम से बाहर जाते हुए बोला मुझे पता था की वो बगैर सब कुछ जाने मानने वाली नही थी

“अरे……रुक रुक तू भी ना इतनी जल्दी नाराज़ हो जाता है,

ज़रा समझने की कोशिश कर एक बहन अपने भाई के सामने नंगी बाते नही कर सकती” वो मुझे जाते देख कर तुरंत बोली और मेरा हाथ पकड़ लिया

“कैसी बात कर रही है तू, एक बहन वहाँ मेरे साथ सब कुछ करने को तैयार थी और दूसरी यहाँ रिश्ते की आड़ ले रही है, जा मुझे तुझसे कोई बात नही करनी” मैं उसके हाथ से अपनी बाँह छुड़ा के आगे बढ़ते हुए बोला

“तो क्या तूने दीदी के साथ छू….चुदाई भी कर ली कल”

तभी मेरे कानो से डॉली की आवाज़ टकराई और उसके मुँह से चुदाई जैसा शब्द सुनकर मेरे पैर जहाँ के तहाँ थम गये

“क्या…क्या बोली तू” मैं पलट कर उसे देखते हुए बोला

“तो क्या कल तूने दीदी को चोद भी दिया है क्या” वो खुल कर मुस्कुराते हुए बोली

कुछ ऐसे उसकी बात सुनकर मेरे कदम खुद-बा-खुद वापस उसकी तरफ बढ़ गये लेकिन तब तक उसकी नज़रे शरम से झुक गयी थी..
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